मेरी बीवी की सहेली

(Meri Biwi Ki Saheli)

राहुल 8 2013-10-22 Comments

मेरा नाम राहुल है। मैं अन्तर्वासना का नियमित पाठक हूँ। मेरी उम्र 30 साल है, मेरी शादी को 6 साल हो गए हैं। मेरी बीवी बहुत ही खुले विचारों वाली है और सेक्स में मेरा काफी साथ देती है।

अब मैं अपनी कहानी पर आता हूँ।
यह बात एक साल पहले की है, मेरी बीवी की एक पड़ोसन सहेली है, उसका नाम रानी वर्मा (बदला हुआ नाम) है। वो हमारे घर के पास ही रहती है। दिखने में काफी सुन्दर है।

वैसे मेरी बीवी भी काफी सुन्दर है। रानी मेरी बीवी से उम्र में एक साल बड़ी है। रानी और मेरी बीवी पक्की सहेलियाँ हैं।
मैं यह कहानी उन दोनों की सहमति से ही लिख रहा हूँ।

वो दोनों एक दूसरे से कोई बात नहीं छिपाती हैं। रानी का हमारे घर में काफी आना-जाना है। रानी का पति काम के सिलसिले में अक्सर घर के बाहर रहता है और वो घर में अपने बच्चों के साथ अकेली रहती है।
रानी को देख कर मुझे उसको चोदने की बहुत इच्छा होती है।

एक दिन मैंने अपनी बीवी से कहा- मुझे रानी को चोदने की इच्छा होती है।
तो मेरी बीवी ने कहा- क्या मैं अच्छी नहीं लगती जो तुम उसे चोदना चाहते हो?

मैंने कहा- नहीं तुम तो बहुत अच्छी हो। पर मुझे उसे भी चोदने की इच्छा होने लगी है। तुम उससे मेरे बारे में बात करो ना ! तुम दोनों तो चुदाई की बात भी करती हो न !

तो मेरी बीवी ने कहा- ठीक है, मैं उस से बात करुँगी। वैसे भी उसका पति अक्सर बाहर रहता है, तो वो मुझसे कहती है कि तू कितनी खुशनसीब है, तेरा पति तेरे पास रहता है और मेरा पति ज्यादातर बाहर रहता है। मुझे ज्यादा सम्भोग करने को नहीं मिलता !
मुझे अपनी बीवी की इस बात को सुन कर काफी अच्छा लगा।

एक दिन रानी मेरे घर आई, तो मेरी बीवी ने उससे बातों बातों में कह ही दिया कि मेरे पति तुम को चोदना चाहते हैं।
तो रानी ने कहा- आज मैं भी तुम से यही बात करने आई थी कि तुम अपने पति को बोलो कि मुझे चोदे। मैं बहुत दिनों से चुदाई की प्यासी हूँ।

मैं उनकी बातें कमरे के बाहर खड़े रह कर सुन रहा था। मैं यह सुन कर खुश हो गया।
रानी ने कहा- मैं फ़ोन करूँगी तो तुम अपने पति को मेरे घर भेज देना।
और वो अपने घर चली गई।

उसके जाने के बाद मेरी बीवी ने मुझसे कहा- वो मान गई है।

रानी के घर जाने के एक घंटे के बाद उसका फ़ोन आया। फ़ोन मेरी बीवी ने उठाया तो उसने कहा- तुम अपने पति को मेरे घर भेज दो।
मैं उस के घर गया और मैंने कहा- आपने मुझे बुलाया था क्या?
उसने कहा- क्या आपको नहीं पता कि आप यहाँ क्यों आए हो?
मैंने कहा- पता है।

उसने कहा- आप बैठो, मैं आपके लिए पानी लेकर आती हूँ।

और उसने किचन से पानी लाकर मुझे झुक कर दिया तो उसकी साड़ी का पल्लू नीचे गिर गया और उसके स्तन दिखने लगे।
उसने अपनी चूचियों को ढांपने की कोई कोशिश नहीं की और वो वैसे ही मेरे पास बैठ गई।
मैं अपनी नशीली निगाहों से उसके स्तनों को देखता रहा, उसके स्तन बहुत बड़े थे।

फिर मैंने पानी का गिलास नीचे रखा और उसकी ओर खिसक गया।

अब मैंने उसके स्तनों को अपने हाथों से पकड़ लिया और दबाने लगा। फिर मैंने अपने होंठ रानी के होंठों पर रख कर उसके होंठों को चूसने लगा और दोनों हाथों से उसके स्तन दबाते जा रहा था।

करीब 5 मिनट मैं उसके होंठों को चूसता रहा।

फिर रानी ने कहा- चलो, बेडरूम में चलते हैं !
तो मैंने उसे अपनी गोद में उठाया और बेडरूम में लेकर गया और बेड पर लिटा दिया।

मैंने अपने शर्ट उतार दी और फिर उसके ऊपर लेट कर उसके होंठों को चूसने लगा।

फिर मैंने उसके ब्लाउज के हुक को खोला। उसने अन्दर ब्रा नहीं पहनी थी। हुक खोल कर मैंने उसका ब्लाउज उतार दिया और उसके स्तन को अपने मुँह में लेकर चूसने लगा।
रानी बहुत गर्म हो गई थी और मेरा खूब साथ दे रही थी और कह रही थी- आज मेरा सारा दूध पी लो।
मैंने उसके उरोजों को चूस-चूस कर लाल कर दिया था।

अब उसने मुझे धक्का देकर लिटा दिया और खुद मेरे ऊपर आ गई और मेरी पैंट के ऊपर से ही मेरे लंड को सहलाने लगी, फिर उसने मेरे पैंट का हुक खोला, और मेरी पैंट उतार दी।

मेरा लंड खड़ा हो चुका था और मेरे अंडरवियर में एक तंबू सा बना हुआ था।
रानी ने मेरे लंड को अंडरवियर से बाहर निकाला और उसे भी उतार दिया, वो मेरे लंड से खेलने लगी।

फिर मैंने उसकी साड़ी और पेटीकोट उतार दिया, मैंने उससे कहा- तुम अपने दोनों स्तनों को अपने हाथों से दबाओ और मैं अपना लंड उनके बीच में डालूँगा।

मैं अपना लंड उसके स्तनों के बीच में डाल कर उसके स्तनों को चोदने लगा।
ऐसा करते वक्त मेरा लंड कभी-कभी उसके मुँह में भी चला जाता था।

फिर मैंने अपना लंड उस के मुँह में ही दे दिया। वो मेरा लंड गपागप चूसने लगी।

मैं उसकी चूत को उसकी पैन्टी के ऊपर से अपना हाथ सहलाने लगा, फिर मैंने उसकी पैन्टी भी उतार दी और अपने हाथों से उसकी चूत को रगड़ने लगा।

उसके मुँह से सिसकारियाँ निकलने लगीं। फिर मैंने अपना मुँह उसकी चूत पर रखा और उसकी चूत को चाटने लगा।
उसकी सिसकारियों की गूंज से सारा कमरा गूंज रहा था।

मैंने उसके पैरों को फैला दिया और अपना लंड उस की चूत पर रख कर लंड को चूत पर रगड़ने लगा।
रानी कहने लगी- “अब मुझसे सब्र नहीं हो रहा है, मेरी चूत में लंड को डाल दो।

मैंने लंड को उसकी चूत के छेद पर रखा और एक झटका मारा तो मेरा आधा लंड उसकी चूत के अन्दर चला गया, उसके मुँह से आवाज निकली, “ऊऊईई आआह्ह आआह्ह्ह आऔऊउ मर गई रे आआह्ह आआह्ह ईईआअ।”

मैं थोड़ा रुका और फिर एक झटका मारा तो मेरा पूरा लंड उसकी चूत में चला गया था।
फिर मैंने उसे धीरे-धीरे चोदना चालू किया। वो सिसकारियाँ ले रही थी- आआह आह ऊउइ आह्ह, और जोर-जोर से चोदो मुझे।

मैं उसे जोर-जोर से चोदने लगा।
सारा कमरा उसकी सिसकारियों से गूंज रहा था और उसका पानी निकल गया।
कुछ तेज धक्कों के बाद मेरा पानी उसकी चूत में ही निकल गया।

मैं उसके ऊपर ही लेट कर उसके होंठों को चूसने लगा। उसने मुझे प्यार से धक्का दे कर अपने ऊपर से हटाया और उठ कर बाथरूम में जाकर खुद को साफ करने लगी।

मैं बेड पर ही लेटा रहा, फिर उसके बुलाने पर मैं बेड से उठा और बाथरूम में जाकर फिर उसे अपने सीने से लगा लिया। वो मुझसे चिपक गई और मैं उसके होंठ चूसने लगा।

रानी ने शावर चालू कर दिया और हम शावर के नीचे एक-दूसरे को चूमने लगे।
रानी मेरा लंड अपने मुँह में लेकर चूसने लगी, उससे मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया।

मेरे उस एक बार फिर बाथरूम में ही लिटाया और चोदना चालू किया और फिर हम दोनों झड़ गए। फिर हम दोनों साथ में नहाए।

तो दोस्तो, यह थी मेरी पहली कहानी मेरी बीवी की सहेली की चुदाई।

अगर आप लोगों को मेरी कहानी पसंद आए, तो जरूर मुझे मेल करके बताना मुझे आपके मेल का इन्तजार रहेगा।

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