जान ! मुझे भी प्यार करना है-1

hotpiyush619 2012-11-13 Comments

प्रेषक : पीयूष त्रिपाठी

हेलो दोस्तो, आज मैं जो कहानी आपको बताने जा रहा हूँ वो मेरी इसी ज़िन्दगी का सेक्सी सच है। मेरा नाम पीयूष है, इस वक्त मैं इंजीनियरिंग कर रहा हूँ।

बात तब की है जब मैं अपने बारहवीं के पेपर देकर घर में छुट्टियाँ मना रहा था। हमारे घर के बगल में दो महीने पहले ही एक परिवार रहने आया था। उनके परिवार में पाँच लोग पति-पत्नी, दो लड़कियाँ और एक लड़का। उन दोनों लड़कियों में एक की उम्र थी 20 साल और दूसरी की उम्र थी 18 साल। दोनों ही एकदम माल लगती थी। नीलम जो 20 साल की थी वो तो एकदम पोर्न फ़िल्मों की हिरोइन लगती थी। उसकी 34डी की चूचियाँ उसकी ब्रा के अन्दर हमेशा तनी हुई रहती थी और उसकी पतली 26 कमर से जब उसकी पैन्टी की डोरी दिखती थी तो बस गज़ब हो जाता था और उसकी 36″ वाले गाण्ड के गोले तो उसकी मटकती चाल से हर लड़के की नीयत खराब कर देते थे।

खैर वो दोनों बहनें हमारे घर में आने जाने लगी, उनकी मेरी माँ से खूब पटने लगी। वो ज़रुरत पड़ने पर घर आकर सामान ले जाती थी। एक दिन मैं शाम को खेलकर घर आया तो नीलम मेरे घर पर ही थी। वो रसोई में बैठकर बातें कर रही थी, मुझे काफ़ी तेज़ प्यास लगी थी तो मैं रसोई में पानी लेने चला गया। वहाँ वो झुक कर कुछ उठाने लगी और उसकी लाल कमीज़ से उसकी लाल ब्रा दिखने लगी और उसकी गोल चूचियाँ साफ़ दिखने लगी और मेरा लन्ड हल्का सा झटका देता हुआ खड़ा होने लगा। मैंने धीरे से अपना हाथ पैंट पर रखा और उसने मुझे यह करते हुए देख लिया। मैं चुपचाप बाहर निकल आया।

फिर अगले 3-4 दिन बाद हमारे मुहल्ले में पानी आना बंद हो गया था क्योंकि नई सीवर लाइन बिछ रही थी और उसके कालेज में उस दिन पार्टी थी तो वो हमारे घर नहाने चली आई। पर जब वो आई तब लाइट नहीं आ रही थी तो उसने अपने कपड़े बाथरूम के बगल में रख दिये और वो बातें करने लगी। थोड़ी देर में जब लाइट आई तो वो केवल अपनी ब्रा और समीज़ उठाकर नहाने चली गई।

मैं दूसरे कमरे से निकल कर आया तो देखा कि उसकी पैंटी नीचे पड़ी थी। मैंने उसे उठाया और सूँघने लगा। थोड़ी देर में वो नहा कर निकली तो मैं एकदम से उसके सामने आ गया तो वो शरमा गई और जल्दी से अपने कपड़े उठाकर दूसरे कमरे में चली गई।

उस दिन भी मैं उसके नाम की मुठ मारकर रह गया पर मैंने उस दिन सोच लिया कि उसकी प्यारी सी मुस्कुराहट को चोदते वक़्त भी देखूँगा।

अगले कुछ दिनों बाद वो मेरे घर पर आई लेकिन उस दिन घर पर कोई नहीं था तो वो बेल बजाती रही। मैं नहाने जा रहा था, सोचा कि कोई सेल्समैन होगा तो केवल तौलिया बाँधकर बाहर आ गया। देखा तो उसने गुलाबी साड़ी पहन रखी थी और उसकी पूरी कमर और नाभि दिख रही थी और मैं भी आधा नंगा था तो मुझे देखकर उसको भी कुछ हुआ।

मैंने उसे अन्दर आने को कहा तो उसने मुझे बताया कि उसे मेरे कंप्यूटर से कुछ फ़िल्में चाहियें तो मैंने कहा कि मेरे कमरे में जाकर ले लो और मैं बाथरूम में चला गया।

मैंने सोचा कि यही सही मौका है और मैं जल्दी से नहाकर रूम में चला गया। उसने मेरे पर्सनल फ़ोल्डर को खोल लिया था और मेरे रूम में घुसने पर एक ब्लू फ़िल्म चल रही थी जिसमें लड़का लड़की 69 में एक दूसरे को चाट और चूस रहे थे। मैं दरवाजे के बगल में खड़ा होकर उसे देखने लगा।

वो धीरे धीरे गर्म हो रही थी और अब वो अपनी साड़ी के ऊपर से अपनी चूत रगड़ रही थी। अब मेरा भी लौड़ा उसकी तेज़ साँसों से हिलती चूचियों को देखकर खड़ा होने लगा था। मैं एकदम से कमरे में घुस गया और उसने मुझे देखते ही अपना हाथ चूत से हटा लिया पर वो सामने चल रही ब्लू फ़िल्म बन्द नहीं कर पाई।

मैंने उससे कहा- तुम्हें तो मूवी चाहिये थी तो मेरा पर्सनल फ़ोल्डर क्यों खोला?

तो उसने जवाब नहीं दिया और सिर झुका लिया।

तो मैंने उसे उठाया और उसकी कमर में हाथ डालकर उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिये और एक छोटा सा किस किया। उसने अपनी आँखें उठाई और मुझे देखकर ‘आई लव यू’ कहा और मुझे अपनी बाँहों में भर लिया। मैंने उसकी गर्दन पर चूमा और कहा ‘आई लव यू टू’ और उसे बहुत कस कर अपनी छाती से चिपका लिया। उसकी चूचियाँ मेरे सीने से टकरा रही थी और मेरा लंड उसकी नाभि पर रगड़ रहा था। हम एक दूसरे से ऐसे चिपके हुए थे कि हवा भी हमारे बीच से नहीं निकल सकती थी।

फ़िर मैंने उसे बेड पर बिठाया और उसके गले में हाथ डाल दिया। फ़िर हम दोनों वो ब्लू फ़िल्म देखने लगे। अब लड़का लड़की की चूत से लौड़ा रगड़ रहा था। यह देखकर उसने मेरे शर्ट में हाथ डाल दिया और मेरी छाती पर हाथ फ़िराने लगी। मैंने भी उसके पेट पर हाथ फ़िराना शुरु कर दिया और उसके होठों को चूसने लगा। फ़िर हम किस करते करते फ़िल्म देखने लगे।

अब लड़की लड़के का लंड अपनी गांड पर रगड़ने लगी और उस पर बैठ कर झटके मारने लगी। यह देखते ही मेरा हाथ उसकी गाण्ड के गोलों को दबाने लगे।

दोनों गोले एकदम रूई की तरह थे और वो गर्म होती जा रही थी, फ़िर उसने मुझसे कहा- जान ! मुझे भी आपसे ऐसे ही हर तरीके से प्यार करना है।

मैंने तुरंत अपने हाथ उसके ब्लाउज में डाले और उसका ब्लाउज खोल दिया और उसने भी मेरी शर्ट फ़ाड़ दी। अब उसकी चूचियों पर केवल गुलाबी रंग की ब्रा थी और उसकी ब्रा से उसके स्तन बाहर आने को बेताब हो रहे थे।

मैंने कहा- तुमने रसोई में इन्ही चूचियों को दिखाकर लंड खड़ा किया था आज मैं इन्हें नहीं छोड़ूँगा।

उसने कहा- तुम इनका दूध क्यों नहीं पीते?

और उसके इतना कहते ही मैंने उसकी ब्रा के कप ऊपर कर दिये और उसकी तनी हुई चूचियाँ मेरे सामने थी। मैंने धीरे से उसके चुचूक को चाटा तो वो सिस्स्स्… कर उठी। फ़िर मैंने उसके दोनों चूचों को पकड़ा और उनके नीचे चाटने लगा, वो उम्म्म्म… आह्ह्हह्… करने लगी।

मैंने उसे उठाया और उसकी ब्रा खोल दी। उसने मुझे बेड पर धक्का दिया और मेरा बरमूडा उतार दिया। फ़िर वो अपने हाथों से मेरा लंड सहलाने लगी और मुझे चूमने लगी। फ़िर उसने एक झटके में मेरा कच्छा उतार दिया और मेरा लंड देख कर बोली- यह तो मेरी सोच से भी ज़्यादा सुंदर है।

और मेरे लंड का टोपा चाटने लगी। धीरे से मैंने उसकी साड़ी में हाथ डालकर उसे खोल दिया और उसने तुरंत अपनी पैंटी मेरे मुँह पर रख दी। वो मेरा लंड चूसते हुए आहें भरने लगी और जब वो चाह कर भी पूरा लंड ना ले पाई तो बोली- जान ! कितना लंबा है आपका ! पूरा लेने में मजा आयेगा…

मैंने आहें भरते हुए कहा- यह तो 8 इंच का है और तुम इसे पूरा लोगी ! यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं।

और इतना कहकर मैंने एक झटका मार दिया और पूरा लंड उसके गले में चला गया। वो उम्म्म… आह्ह्ह… करने लगी। मैंने उसे खड़ा किया और पूरी नंगी कर दिया। फ़िर उसे दीवार के सहारे खड़ा किया और उसके होंठ चूसने लगा और अपनी उँगलियाँ उसके दाने पर फ़िराने लगा। फ़िर उसके पूरे शरीर को अपने चुम्बनों से गीला कर दिया और उसकी नाभि चाटने लगा और वो मुझे अपने अन्दर घुसाने लगी।

फ़िर मैंने उसे गोद में उठाकर मेज पर लिटाया और उसकी चूत चाटने लगा। अब तक की चुम्मा-चाटी से उसकी चूत पूरी गीली हो गई थी और उसकी नमकीन चूत के दोनों होंठों को मैं अपनी जीभ से निकालकर चाटने लगा। वो अपने चूतड़ उठाकर मेरे मुँह में अपनी पूरी चूत भर रही थी और उसके कूल्हों के झटके और चूत की खुशबू से मेरा लंड और तनता जा रहा था।

अब मैं उसकी चूत के अंदर अपनी जीभ घुमाने लगा। वो आह्ह्ह्ह ह्ह ह्ह्ह्ह्ह्… करके जोर से चीखी और अपनी ठोढ़ी पर मेरा लंड रखकर मेरे दोनों ट्टटे चूसने लगी। अब वो धीरे धीरे बेकाबू होने लगी और उसने मुझे खड़ा कर दिया और एक लंबी साँस भरकर मेरा पूरा लन्ड मुँह के अन्दर भर लिया, उसके चेहरे पर खुशी दिख रही थी, उसके हर झटके पर मेर लंड और अंदर घुसता जा था।

थोड़ी देर ऐसे ही चूसने के बाद वो बोली- मैं उसी फ़िल्म वाली लड़की की तरह कर रही हूँ ना?

कहानी जारी रहेगी !

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