चूत की आग के लिए मैं क्या करती-2

(Choot Ki Aag Ke Liye Mai Kya Karti- Part 2)

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सुनील ने कहा- भाभी, अब तुम कभी प्यासी नहीं रहोगी, अब तुम जब भी बुलाओगी, आपका यह सेवक हाजिर रहेगा!

विनोद के आने के बाद जब भी वो बाहर रहता था हम दोनों यह मधुर-मिलन करते थे! पर उसके आने जाने से मेरे पड़ोस में रहने वाले एक लड़के सुशील को शक हो गया। सुशील मुझसे 8 साल छोटा है वो करीब 19 साल का होगा! उसने कहा- भाभी, भाई जब भी बाहर जाते हैं तो सुनील भाई क्यों आते हैं आपके यहाँ और रात भर क्या करते हैं?

मैं डर गई, मैंने कहा- तू किसी को नहीं कहना!
वो बोला- क्या आप मेरे साथ भी वो सब कुछ करोगी जो सुनील भाई के साथ करती हो?
मैंने कहा- तू अभी छोटा है!

वो बोला- नहीं भाभी, मैं छोटा नहीं हूँ। कभी आप मेरा लिंग देखना, तब कहना, नहीं तो विनोद भैया को सब बता दूंगा।
मैं डर गई- अच्छा बाबा, मैं करुँगी, कल तुम्हारे विनोद भैया जा रहे हैं, तू आ जाना!
बस वो खुश हो गया।

विनोद चार बजे निकल गया, मुझे ऐसा उम्मीद थी कि सुशील ये सब जरूर देख रहा होगा, उसको विनोद के जाने का इन्तजार था! जैसे ही विनोद गया, थोड़ी देर में घंटी बजी, मुझे लगा कि सुशील ही होगा।
मैंने दरवाजा खोला।
‘हेल्लो भाभी, मैं आ गया!’
‘अरे सुशील? तुम बड़ी जल्दी आ गए? अभी ही तो वो गए हैं।’

‘हाँ, मैं सब देख रहा था और इन्तजार भी कर रहा था कि कब विनोद भैया जायें और मैं आपके पास आऊँ।’
मैंने कहा- अरे सुशील, यह सब ठीक नहीं है, तुम बहुत छोटे हो इस काम के लिए! वैसे क्या उम्र है तुम्हारी?
सुशील ने कहा- मैं अभी 18 का हुआ हूँ!

मैंने कहा- बस? मैं तो तुमको 19-20 का समझती थी, तुम तो और भी छोटे हो यार! कैसे मैं तुमको बिगाड़ूँ?

‘नहीं भाभी, मैं पहले से बिगड़ा हुआ हूँ, मैंने ऐसे सेक्स नहीं किया है पर आपके नाम से कई बार हस्तमैथुन किया हुआ है, एक बार मेरा लंड देख लो, अगर पसंद न आये तो मना कर देना!’ यह कहते ही उसने अपना पजामा उतार दिया और सिर्फ चड्डी में आ गया और उसका लिंग तम्बू बना हुआ था।

मैंने कहा- यार, तुम्हारा तो बड़ा लगता है विनोद से और सुनील से दोनों से! तुम तो मर्द हो! यह भी उतार कर दिखा अपना लिंग!वो बोला- खुद ही उतारो ना भाभी!

मैंने हाथ लगा कर देखा, उसका बहुत बड़ा था। मैंने उसकी चड्डी उतार दी, मैं उसका लिंग देख कर दंग रह गई, उसका लिंग बड़ा और बहुत सुंदर था। एकदम गोरा! मेरे मुँह से निकल गया- वाह, क्या लौड़ा है सुशील तुम्हारा!

और मेरे अंदर बेचैनी होने लगी! मुझसे रहा नहीं गया, मैंने जल्दी से उसका लिंग अपने मुँह में ले लिया।
क्या अच्छा लिंग था उसका!

मैंने एक बार और कहा- सुशील बहुत सुंदर लिंग है तुम्हारा! आई लव यू सुशील! यार तुमने जन्नत दिखा दी!
और जोर जोर से उसका लिंग मुँह में लेने लगी, वो मेरे कबूतर दबाने लगा था!

मुझे आज बहुत अलग अहसास हो रहा था, मैं आपको अपने मुँह से बयान नहीं कर सकती हूँ, मुझे एक नशा सा हो रहा था, मैंने उसके लिंग को इतना चूसा कि वो किनारे आ गया।
‘अरे भाभी! मैं तो गया, बस रुको रुको!’

मैं कहाँ मानने वाली थी, और वो मेरे मुँह में ही झड़ गया। मैं उसका बहुत स्वाद वीर्य पी गई।
‘क्या बात है सुशील! तुम बहुत नशीला लिंग लिए हुए घूम रहे थे इतने दिनों से! क्यों मुझे इसके दर्शन नहीं करवाए? मैं कभी भी सुनील के साथ नहीं करती! अब मैं शायद तुम्हारे भैया के साथ भी नहीं कर पाऊँगी ऐसा, जैसा सुख तुम्हारे लिंग ने मुझे दिया है, मैं विनोद का भी मुँह में लेती हूँ पर उसकी इच्छा के कारण, पर तुम्हारा मैंने अपनी प्यास शांत करने के लिए लिया है।’ और फिर से उसका लिंग चूम लिया।

थोड़ी देर तक ऐसे ही उसको मुँह में लेकर रखा, उसका लिंग फिर से तन गया, मैंने कहा- सुशील, अब बस देर न करो, मुझे अपने लिंग की सैर करा दो! मेरी चूत बहुत प्यासी है, इसको भी थोड़ा अपने रस से सराबोर कर दो!

थोड़ी देर तक वो मेरी चूत चाटता रहा, मुझे असीम आनंद आ रहा था, मैं आह..आह.. कर रही थी, मेरे मुँह से सीत्कारें निकल रही थी, और वो भी मस्त था! उसको भी जन्नत का सुख मिल रहा था!

वो बोला- भाभी, आज मुझे बहुत मजा आ रहा है, मैंने कभी इसके पहले चूत नहीं देखी और आपकी जैसी खूबसूरत भाभी के साथ सेक्स करने के बाद मैं कभी भी किसी के साथ सेक्स नहीं कर सकूँगा, आपका बहुत बहुत शुक्रिया कि आपने मुझे ये सब करने दिया।

मैंने कहा- अब मत तड़पाओ! अपना लिंग मेरी चूत में डालो! ..आह नहीं… रहा जाता है अब!

मैं उसकी जीभ की हरकत से बहुत उत्तेजित हो गई थी और मैं झड़ने वाली थी और वो कर रहा था!

‘आह… आह… आह मैं झड़ रही हूँ… सुशील आह ..आह और मैं झड़ गई।’ उसने मेरा सारा रस पी लिया, अब उसको जोश चढ़ गया, वो बोला- क्या मजा है भाभी आपकी चूत के रस का! मैं अब पहली बार आपकी चूत में अपना डाल रहा हूँ!

वो मेरे दोनों जांघों के बीच आ गया और अपना लिंग डालने लगा। पर यह क्या! वो निशाना चूक रहा था।

मैंने अपने हाथ से उसका लिंग पकड़ कर लिंग अंदर डलवा लिया, मुझे हल्का दर्द का अहसास हुआ, मैं सिसक कर रह गई, मैं बोली- आह! कितना सुंदर और बड़ा है तुम्हारा सुशील! मजा आ गया!

और उसने थोड़ी देर अंदर डाले रखा।
मैंने कहा- थोड़ा शुरू करो अब काम!

और इतना कहते ही उसने धक्के लगाना चालू कर दिया। मैं उसके लिंग का अंदर तक अहसास कर रही थी और चरम आनंद को अनुभव कर रही थी, मुझे बहुत मजा आ रहा था। वो बस जोर जोर से धक्के लगा रहा था और मैं आह…आह कर के उसके लिंग के मजे ले रही थी!

‘काश सुशील, तुम पहले मिल जाते तो मुझे इतना नहीं तड़पना होता!’
सुशील बोला- भाभी तुमने भी कभी मेरे ऊपर ध्यान नहीं दिया, मैं तो दो साल से आपको चोदने का सोच रहा था!
‘सच? तो क्या तुम 16 साल के थे तब से ही इतना सब जानते थे क्या?’

‘हाँ भाभी, मैं सब जनता था! मुझे 13 साल से ही सब जानकारी है, मैंने कई सारी नंगी फिल्म देखी हैं, क्या आपने भी देखी है ऐसी फिल्म?

मैंने हाँ में सर हिला दिया।

‘तो कल साथ देखते हैं।’ और वो धक्कों की गति बढ़ाने लगा।

‘यार सुशील तुम को देख कर ऐसा नहीं लगता कि तुम पहली बार ऐसा कर रहे हो किसी के साथ? तुम तो किसी मर्द की तरह से मुझे चोद रहे हो! मैं दो बार झड़ गई हूँ!’

और यह कहने के साथ ही मैं एक बार और झड़ गई, मेरे झड़ने के साथ ही सुशील भी झड़ गया!

हम कुछ देर ऐसे ही लेटे रहे, इतने में घंटी बज गई, मैंने कहा- कौन होगा इस वक्त?

घड़ी में देखा तो 7 बज चुके थे! हमने जल्दी से कपड़े पहने और मैं दरवाजे के पास गई। इतने में एक बार और घंटी बज गई। मैंने जल्दी से दरवाजा खोला, सामने सुनील था।’अरे इतना टाइम क्यों लगा है दरवाजा खोलने में? मेरा लण्ड खड़ा है तुमको चोदने के लिए!’

यह कहते हुए वो अंदर आया- अरे यह कौन है? और यहाँ क्या कर रहा है?

‘यह सुशील है और अब यह सब जनता है हमारे बारे में! और मैं इसके साथ अभी अभी सेक्स कर रही थी, मुझे बड़ा मजा आया इसके साथ सेक्स करने में!’

यह सुनते ही सुनील को गुस्सा आ गया, वो बोला- ये क्या कह रही हो तुम?

मैंने कहा- यह तुम्हारे और मेरे बारे में सब जान गया था और विनोद को कहने की कह रहा था तो मैंने इसको सेक्स करने दिया, पर अब से यह भी हमारे साथ रहेगा!

‘चलो ठीक है! ग्रुप सेक्स! चलो मजा आएगा!’
सुशील ने कहा- भाभी, मैं घर हो आता हूँ! माँ को कह आता हूँ कि विनोद भैया के यहाँ कोई नहीं है, भाभी को डर लग रहा है तो मैं वहीं सो जाऊँगा।

वैसे सुशील मुझसे इतना छोटा है कि कोई हम पर शक भी नहीं कर सकता है, मैंने कहा- ठीक है!

उसके जाने के बाद सुनील ने मुझे जकड़ लिया- जान बहुत दिनों से प्यासा हूँ!
और मुझे जल्दी जल्दी नंगा किया और…

कहानी जारी रहेगी।
आपके मेल का इन्तजार रहेगा।
सुरभि तिवारी
[email protected]

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