पड़ोस वाली भाभी-1

(Pados Wali Bhabhi- Part 1)

राहुल मल 2007-11-04 Comments

दोस्तो, मेरा नाम राहुल है, दिल्ली का रहने वाला हूँ। मेरी उम्र 28 साल है और मेरी अभी तक शादी नहीं हुई है। मैं अन्तर्वासना का एक नियमित पाठक हूँ, मैंने आपकी बहुत सी कहानियाँ पढ़ी। कुछ सच्ची लगी, कुछ उससे कोसों दूर!

मैं अपनी कहानी की शुरुआत करता हूँ!

बात उस समय की है जब मैं नया नया दिल्ली आया था, मैं आपको बता दूँ कि मैं मूल रूप से बिहार की राजधानी पटना का रहने वाला हूँ। जवानी की दहलीज़ पर कदम रखने के बाद मैं अक्सर मुठ मार कर अपनी प्यास मिटाता था।

खैर जब मैं दिल्ली आया तो मैंने पंजाबी बाग़ में एक कमरा किराये पर लिया और रहने लगा। कमरा तीसरी मंजिल पर था।
मैंने जल्द ही एक नौकरी कर ली।

मैं जिस घर में रहता था उसमें निचली मंजिल में एक युगल रहता था। मैं उन्हें भैया और भाभी कहकर बुलाता था। भाभी की उम्र लगभग 35 साल होगी और भैया 40 के आस पास के। उनकी कोई औलाद नहीं थी।

सबसे निचली मंजिल पर मेरे मकान मालकिन और मालिक रहते थे, वे भी लगभग उसी उम्र के थे।

खैर मुठ मारने की आदत तो मेरे को थी ही, मैं अक्सर उन लोगों के बारे में सोचकर मुठ मारा करता था। कभी-कभी दोनों मुझे शाम के वक्त चाय पीने के लिए बुला लिया करती थी। धीरे-धीरे उनसे मेरी अच्छी दोस्ती हो गई।

मेरा मकान मालिक और भैया दोनों ही सेल्स में थे तो वे दोनों अक्सर टूर पर ही रहते थे, महीने में लगभग 15 दिन।
यह देखकर मुझे लगा कि शायद मेरा कुन्वारापन यहाँ दूर हो जायेगा और मेरी प्यास ख़त्म होगी।

मैं अक्सर जब भाभी के साथ अकेले में होता तो उनकी तारीफ किया करता था, वो लगती भी बहुत मस्त थी।

एक दिन की बात है मेरी तबीयत कुछ ठीक नहीं लग रही थी इसलिए मैं ऑफिस से जल्दी घर आ गया।
घर में मेरे और भाभी के अलावा कोई नहीं था।
मैं अपने कमरे में गया और सो गया।

थोड़ी देर बाद दरवाजे की घंटी से मेरी आंख खुल गई। मैं देखने गया कि कौन आया है। एक लड़का था! इतने में भाभी निकली और दरवाज़ा खोल दिया।
उनकी हरक़तें मुझे कुछ अटपटी लगी। वो लड़का भाभी के साथ अन्दर चला गया।

मैं कौतूहल-वश देखना चाहता था कि माज़रा क्या है तो मैं दूसरी मंजिल पर चला गया।

एक खिड़की थोड़ी खुली थी, मैंने देखा कि भाभी बिल्कुल नंगी उस लड़के के सामने पड़ी हैं और वो लड़का भी बिल्कुल नंगा है।
भाभी के स्तन देखकर मेरा तो खड़ा हो गया था। क्या कमाल की चूची और चूत थी उनकी!
मन किया कि अभी पकड़ लूँ जाकर!

पर मैंने खुद को संभाला और देखने लगा कि आगे क्या होता है।

वो लड़का भाभी को चूमे जा रहा था कभी उनके होंठों पर, कभी चूचियों पर तो कभी चूत पर। उसने कोई भी जगह नहीं छोड़ी जहाँ न चूमा हो।

फिर वो भाभी के ऊपर चढ़ गया और उनके साथ सेक्स करने लगा। करीब आधा घण्टा दोनों ने मजे लिए।

फिर भाभी ने उसका लण्ड भी चूसा और सारा माल पी गई। मेरे बिल्कुल तन कर खड़ा हो गया था।

अचानक मेरे हाथ से खिड़की का दरवाज़ा खुल गया और भाभी ने मुझे देख लिया।
मुझे देखकर उन्हें डर लग रहा था। उन्होंने फिर जल्दी से अपने कपड़े पहने और उस लड़के को कुछ पैसे दिए।

मैं समझ गया कि यह लड़का असल में कॉल-बॉय है। मैं फिर ऊपर अपने कमरे में चला गया और भाभी के बड़े में सोच कर मुठ मारा।

शाम के समय भाभी ने मुझे चाय के लिए बुलाया।
तब तक मेरी मकान मालकिन भी आ गई थी।
हम तीनों ने इकट्ठे चाय पी।

भाभी मुझसे नज़रें नहीं मिला पा रही थी, उन्हें शायद डर था कि अगर मैंने कुछ बोल दिया तो क्या होगा। खैर मैं चुप रहा।

तभी मकान मालकिन के घर कोई आया तो उन्होंने कहा- तुम लोग चाय पीयो, मैं आती हूँ।

उनके जाने के बाद भाभी ने मुझ से जो पहली बात कही वो यह थी- आज दोपहर वाली बात अपने भैया को मत बताना।

मैंने देखा कि मौका सही है, मैंने कहा- भाभी, जब लड़का आपके घर में है तो बाहर से बुलाने की क्या जरुरत थी? मुझसे कहती, मेरी ही कुछ कमाई हो जाती।

यह सुनकर उनकी आँखों में चमक आ गई जो मुझे साफ़ दिख रही थी।

एक दिन भाभी की कॉल आई और कहा- तेरे भैया कल तीन दिनों के लिए बाहर जाने वाले हैं, तू मेरा कॉल बॉय बनेगा? चिंता मत कर, पैसे भी दूंगी। तुझसे इसलिए कह रही हूँ कि तेरे साथ सुरक्षित है और जब चाहूँगी, तब तू मिल जायेगा।

मैं तैयार हो गया। मैंने उस दिन ऑफिस में तीन दिनों की छुट्टी की अर्जी डाली और मुझे तीन दिनों की छुट्टी मिल गई।

शाम को भाभी ने चाय पर बुलाया मैं नीचे गया और उनके साथ चाय पी।उनके उरोजों को देखकर सोच रहा था कि कल इन्हें दबाने और चूसने का मौका मिलेगा।

भाभी ने पूछा- क्या सोचा है?
मैंने कहा- तीन दिनों की छुट्टी ले ली है, जैसा आप कहो।

वो खुश हो गई और एक पुच्ची मेरे गाल पर दे दी। मैं भी उनको पकड़ कर थोड़ी देर उनके होंठों को चूसता रहा।

उन्होंने कहा- जब तेरा चुम्बन इतना शानदार है तो आगे तो मज़ा आ जायेगा।

मैंने कहा- भाभी बस देखना और महसूस करना। मैं खुश था कि चलो मजे का मज़ा मिलेगा और कमाई की कमाई हो जाएगी। अगले दिन मेरे दिल की तमन्ना पूरी होने जा रही थी।

अब मैं अपनी कहानी यहीं रोकता हूँ। अपनी अगली कहानी में आपको बताऊँगा कि भाभी की प्यास मैंने कैसे बुझाई।

वैसे आपको बता दूँ कि आज मैं एक प्रोफेशनल कॉल बॉय बन चुका हूँ। मैंने यहाँ भाभी का नाम इसलिए नहीं बताया है कि नाम बताने से मेरे काम की शर्तों का उल्लंघन होता है।

आपको मेरी कहानी कैसी लगी, जरूर बताएँ।
[email protected]

What did you think of this story??

Comments

Scroll To Top