मम्मी से बदला लिया सौतेले बाप से चुदकर-2
मैं चुदाई के लिए बेताब थी, मैंने पापा का लंड देखा जब वे मम्मी को चोद रहे थे तो मैंने अपने पापा को पटाने का फैसला किया. मुझे पटा था कि पापा भी मुझे चोदना चाहते हैं.
मैं चुदाई के लिए बेताब थी, मैंने पापा का लंड देखा जब वे मम्मी को चोद रहे थे तो मैंने अपने पापा को पटाने का फैसला किया. मुझे पटा था कि पापा भी मुझे चोदना चाहते हैं.
दोस्तो, मैं आपका अपना सरस एक बार फिर हाजिर हूं अपनी कहानी के अगले भाग के साथ. मेरे जिन पाठकों और पाठिकाओं ने कहानी का पहला और दूसरा भाग नहीं पढ़ा हो वो मेरे सामने वाली खिड़की में-1 तथा मेरे सामने वाली खिड़की में-2 पर जाकर पढ़ सकते हैं. मुझे आशा है कि सभी पाठकगण […]
यह कहानी मेरी और मेरी भाभी की है जिनको मैंने चोदा. वे मेरे एक चचेरे भाई की पत्नी हैं, वो मुझसे सैट हो चुकी थीं लेकिन चुदाई का सही मौक़ा नहीं मिल रहा था और मैं उनको चोदने की फिराक में था.
अब तू कुछ भी यार.. बस इतना ज़ोर से कर कि मैं बिल्कुल बेहोश हो जाऊं.. मेरी प्यास बुझा हरामी मादरचोदो कुत्तों.. साले तुम तीन तीन मर्द लगे हो और मैं तड़प रही हूं.. तीनों छक्के हो क्या भड़वे साले..
एक दिन मैं अपने घर में अपने यार से जोर शोर से चुदवा रही थी कि मेरी मम्मी आ गयी. मैंने अपने यार को अपने नंगे बदन से हटाया और बाथरूम में चली गयी.
मेरे घर के सामने रहने वाली तीन बहनों में से एक रेवती से मेरा मेलजोल बढ़ने लगा था और मेरी निगाहों की वासना को रेवती समझ रही थी. वो भी तो कामुकता की अग्नि में जल रही थी.
मेरे दोस्त ने मेरी भाभी को लगभग पटा ही लिया था, बस भाभी की चुदाई ही बाक़ी थी. इस हिंदी सेक्सी स्टोरी में पढ़ें कि कैसे मैंने अपनी सभी भाभी को अपने दोस्त से चुदते देखा.
मेरी दोस्ती पड़ोस की दीदी से थी. एक बार मैंने उनका फोन देखा तो उसमें मुझे काफी पोर्न वीडियो मिली. मैं समझ गया कि दीदी की वासना को शांत करने का मौक़ा मुझे मिल सकता है.
तेरी मम्मी को मैं भी चोदने वाला था. सब बात हो गई थी. मैंने उसके दूध भी बहुत दबाए थे. तेरी मम्मी ने मेरा लंड चूस कर मेरा जल्दी से रस निकाला था और पी गई थी.
वो शादी से पहले एक बार फिर चुदना चाहती थी; लेकिन शादी की भीड़ में जुगाड़ हो नहीं पाया; कम्मो ने अपनी चूत हेयर रिमूवर से चिकनी बना कर मुझे जरूर दिखाई और मेरा हाथ पकड़ कर वहां रखवाया.
लड़की की उम्र हो जाये तो उसकी कामवासना जोर मारती ही है. ऐसी ही लड़की के साथ यौन आकर्षण और फिर सेक्स की कहानी है यह. वो लड़की मेरे घर के सामने वाले घर में रहती थी.
मैं भैया भाभी के साथ रहता था. मेरा एक दोस्त भी हमारे साथ रहने लगा कुछ समय के लिए. उसने मेरी भाभी को पटा कर कैसे चोदा? पढ़ें इस सेक्सी कहानी में!
अंकल ने मेरी गांड की तरफ आकर मेरे कूल्हों में हाथ फेर कर होंठों से मेरी पीठ को चूम लिया. मेरी पीठ को चाटते हुए अंकल नीचे की तरफ आकर मेरे चूतड़ों पर अपनी गर्म जीभ चलाने लगे.
छोरी चुदासी तो थी पर चुदना अपने हिसाब से चाहती थी. उजाले में अपनी चूत नहीं दिखाना चाहती थी. मैंने भी तय कर लिया कि इसे रोशनी में पूरी नंगी करके अपने लंड पर झूला झुलाऊँगा.
मैंने अपनी बहन की पेंटी हल्के से उतारना चालू किया. धीरे धीरे मैं उसकी पेंटी घुटने तक सरका कर ले आया. मेरी नज़र उसकी नंगी चुत पर टिकी थी.
मैं चुपचाप उल्टी ही गयी और घोड़ी बन कर अपनी प्यासी फुद्दी उसे पेश कर दी। फिर वो मेरे पीछे आया और नीचे मेरे दोनों घुटनों को पकड़ कर चौड़ा कर दिया।
मुझे गांड मारने का शौक है. एक दिन मुझे पड़ोस में एक चिकना लड़का दिखा, वो हमारे पड़ोसी अंकल के घर आया हुआ था. मैं अंकल के पास गया तो उस लड़के से परिचय हुआ. बात कैसे बनी, पढ़ें मेरी कहानी में!
मैं बोली- उम्र चाहे मर्द की अठारह साल हो या सत्तर.. उससे कुछ नही होता, ओल्ड एज वाले मेच्योर होते हैं.. एक्सपीरियंस होता है. वो ज्यादा अच्छे से लड़की को सेटिस्फाई करते हैं.
वो सुलगने लगी, उसकी सांसें भारी होने लगीं और उसकी बांहें मुझे कसने लगीं. कड़क जवान छोरी थी सो जल्दी गर्म होनी ही थी. कम्मो मेरे सीने से लग गयी और अपना मुंह वहीं छुपा कर दो तीन बार चूम लिया.
मेरी चचेरी बहन ने अपने रूम की लाइट ऑन कर रखी थी, वो बिल्कुल की-होल के सामने नंगी लेटी हुई थी. मैं समझ गया कि बहन जानबूझ कर की-होल के सामने नंगी बैठी है.