जिस्मानी रिश्तों की चाह -35
मैंने आपी की टाँगों को खुलता महसूस कर लिया था और उनकी चूत से बहते पानी ने भी मुझे यह समझा दिया था कि अब आपी का दिमाग उनकी चूत के कंट्रोल में आ गया है..
मैंने आपी की टाँगों को खुलता महसूस कर लिया था और उनकी चूत से बहते पानी ने भी मुझे यह समझा दिया था कि अब आपी का दिमाग उनकी चूत के कंट्रोल में आ गया है..
बेटी दामाद के उन्मुक्त सेक्स को देख कर अपने पति से असन्तुष्ट मां ने सभी बन्धन तोड़ते हुए अपनी बेटी से उसके पति के साथ सेक्स करने की इच्छा जाहिर की तो बेटी की क्या प्रतिक्रिया हुई? इस कहानी में पढ़िए!
घर, बीवी से दूर रहने के कारण चुदाई की प्यास तो लगनी ही थी। मैंने एक होटल में काम करने वाली लड़की को पटाया, वो विधवा थी चुदासी थी। उसे मैं किसी दूसरे शहर के होटल में ले गया।
भैया अपने सारे कपड़े उतार कर मेरे ऊपर लेट गए, मैं भी आँखें बन्द करके पड़ी रही और भैया के लिंग के प्रवेश कराने का इंतजार करने लगी। भैया ने एक हाथ से अपने लिंग को मेरी योनि के प्रवेश द्वार पर रख कर जोर का धक्का मारा..
उसकी चूत अंदर से एकदम कसी और ऊपर से बिल्कुल किशोरियों जैसी दिखती है इसलिये जो सलोनी की चूत को एक बार देख ले, वह तो पागल ही हो जाता है।
मैंने अपनी बहन के हसीन उभारों को देखा और अपने दोनों हाथों में आपी के उभार पकड़ कर दबाए और निप्पल को सहलाने के फ़ौरन बाद ही अचानक से आगे बढ़ कर आपी का खूबसूरत गुलाबी निप्पल अपने मुँह में ले लिया।
मेरी माँ की चूचियाँ और उनके उठे हुए चूतड़ बहुत सेक्सी हैं। मेरे पड़ोसी लड़के ने नदी में नहाते वक्त मेरी सेक्सी खूबसूरत माँ की गांड कैसे मारी, इस कहानी में पढ़िए!
प्रिया घर में अकेली रहा करती थी और उसको टाइम काटना मुश्किल हो रहा था इसीलिए वो शाम को बाल्कनी में आ जाया करती थी। मैंने उस से इधर-उधर की बातें की.. ताकि वो मेरे साथ कंफर्टबल हो जाए।
भाई बहन की चुदाई की यह कहानी शराब के नशे में भाई द्वारा अपनी छोटी बहन की चूत चुदाई की है जिसमें बहन ने भी मज़ा लेकर अपनी चूत चुदवाई क्योंकि बहन की यह पहली चुदाई नहीं थी.
मुझ से चुदाने के बाद सलोनी बाथरूम जाने का बहाना बना कर बाथरूम के दूसरे दरवाजे से पूरी नंगी उन तीनों के पास पहुंच गई और फिर से उसी खेल में लग गई... पति के साथ वाले कमरे में होते हुए भी!
मर्दों का तो कुछ नहीं जाता और ना ही कोई ऐसा सबूत होता है.. जो उनके कुंवारेपन को चैलेन्ज कर सके, जबकि लड़कियाँ अगर अपना कुंवारापन खो दें.. तो वे उसे कभी छुपा नहीं सकती हैं।
मैंने ज़्यादा देर ना करते हुए अपने लंड पर बहुत सा तेल लगाया और चाची की गाण्ड पर दोबारा से तेल लगाया और फिर लंड को उनकी गाण्ड पर सैट करके धक्का मारा..
भाभी ने कहा- अगर आपको आरती अच्छी लगती है तो इसमें कुछ गलत नहीं है.. मैं उसे आपके लिए पटा लूँगी और फिर आप उससे अपनी प्यास बुझा लेना।
ओह कोमल मेरी जान, एक दिन ऐसा आए जब तुम जागते हुये, मेरा यह लंड अपनी चूत में लो जानेमन… चाट चाट कर ही तेरी चूत का पानी निकाल दूँगा मैं, एक बार मेरी हो जा!
मैंने लंड बाहर निकाला और पिचकारी पिच पिच… सलोनी ने खुद घूम कर मेरे लंड को हाथ से पकड़ा, दरवाज़े की तरफ़ देखते हुये मेरे लंड को अपने मुँह में ले लिया और उसे साफ करने लगी।
मैंने अपनी उंगलियाँ आपी की चूत के दाने से उठाईं और चूत के अन्दर दाखिल करने के लिए नीचे दबाव दिया ही था कि आपी फ़ौरन बोलीं- सगीर.. रुको ना.. हाय प्लीज.. उईईई.. और ऊपर.. रगड़ो ना.. आआहह..
सुमन चाची की गाण्ड भी बहुत मस्त व टाइट थी और मैं उनकी गाण्ड में भी अपना लंड पेलना चाहता था पर सुमन चाची गाण्ड मरवाने के नाम से ही बिदक जातीं और कहतीं- इसे तो तेरे चाचा भी नहीं मार सके..
पुराने घर के पडो़स की सेक्सी भाभी अकसर मुझे छोटे मोटे माक के लिए बुला लेती थी और मैं उसके बदन को बहाने से छू लेता था और उसके नाम की मुठ मारा करता था. आखिर भाभी ने चुदवा ही लिया.
मेरा लंड कमल के पेट पे रगड़ खा रहा था, मेरा दिल चाह रहा था कि इसको अभी नंगी करूँ और अपना लंड इसकी कुँवारी चूत में डाल दूँ। मगर मैं ऐसा नहीं कर सकता था क्योंकि उसकी माँ सामने लेटी सब कुछ देख रही थी।
शाम को जब छत पर अंकल मेरे साथ छेड़छाड़ कर रहे थे, मैं उनकी गोदी में थी, मेरे चूतड़ों में सख्त सा लगा, उस वक्त कोई और था नहीं, हम दोनों ही थे… मैंने पूछ ही लिया- यह मेरे चूतड़ों में क्या चुभ रहा है?