नर्स ने लौड़ा चूसा, चूत चुदवाई
एक्सीडेंट के बाद मैं अस्पताल में था. दोस्त को कह कर एक सुंदर नर्स अपने लिए रखवाई. उसने जो मेरी सेवा की उसी की दास्ताँ इस कहानी में लिख रहा हूँ.
एक्सीडेंट के बाद मैं अस्पताल में था. दोस्त को कह कर एक सुंदर नर्स अपने लिए रखवाई. उसने जो मेरी सेवा की उसी की दास्ताँ इस कहानी में लिख रहा हूँ.
मेरी कहानी पढ़ कर दिल्ली की एक लेडी ने मुझे मेल की, हमारी दोस्ती हो गई. हम फोन पर सारी बातें कर लेते थे. एक बार मुझे दिल्ली जाना पड़ा तो उसने मेरा इंतजाम होटल में किया. उसके बाद...
कॉलेज की दो कुंवारी लड़कियाँ मेरे सामने नंगी अपनी चूत की पहली चुदाई के लिए आतुर हो रही थी. इस कहानी में पढ़िए कि दोनों लड़कियों की चूत की सील मैंने कैसे तोडी!
पायल अपनी चाची से नाराज रहती है क्योन्कि चाची के नाजायज़ रिश्ते पायल के पापा से हैं। उधर दोनों भाई अपनी बहन पायले को गेम के लिये ले जाने कई तरकीबें लड़ाने लगे।
मैंने फिर उसको पलटाया और उसके गाण्ड में अपने लौड़े लगाकर सहलाने लग़ा, फिर पीठ को चूमता हुआ नीचे गाण्ड के उभारों पर दांत गड़ाने लगा, जहाँ जहाँ मैं दाँत गड़ाता.. एक मीठे दर्द के साथ उस जगह को वो सहलाती जाती थी।
कमलेश ने मुझे धरती पर चित्त लेटा दिया और मेरे ऊपर चढ़ गए। मेरी चूत भी उनका लौड़ा लीलने की ललक में थी। मैंने चूत पसारी और उसने अपना मूसल मेरी चूत में टिका दिया..
मैं जयश्री की तरफ गया और उसको बाँहों में जकड़ कर बिस्तर से उठा दिया.. फिर उसको दबोच कर उसके मस्त होंठों से अपने होंठ सटा दिए। जयश्री ने कहा- राजा.. थोड़ी देर के लिए चूमना बंद कर.. तो नाइटी उतार दूँ..
मैं अपनी ननद से सचमुच की चुदाई में आने वाले आनन्द का वर्णन करती तो उसकी आँखें नशीली हो जातीं और उसकी चूत बहुत गीली हो जाती और फिर वो मुझसे अपनी चूत में ऊँगली करवाती।
पुनीत और रॉनी परेशान थे कि अपनी बहन पायल को गेम के लिये कैसे मनाये… सन्नी उन दोनों को कोई आइडिया बताता है। उधर पायल अपनी चाची का मुंह देखना भी पसन्द नहीं करती।
वो जवानी की दहलीज़ पर कदम रख रही थी.. सुंदर, गोरी, कद-काठी में अच्छी है... चूतड़ उभर चुके थे.. सीने पर उरोज उठ चुके थे, मैंने ताड़ लिया था कि इसकी चूत बहुत नाज़ुक होगी।
जेनी और जस्सी ने मुझे कॉलेज में अपनी रूम मेट्स लूसी और रेनू से मिलवाया और हम सब तय करके घर आ गए. कम्मो ने दोनों नई लड़कियों की जांच की और उनसे चुदाई का पूछा.
मैं भाभी की बहन को चोदने को लालयित था तो भाभी ने कहा कि आज की रात वो जरूर अपनी बहन की चूत दिलवा देंगी। मैं उनके कमरे में छिपा था, भाभी प्रज्ञा को चुदने को मना रही थी।
मैं अस्पताल की कालोनी में रहता हूँ, पास में बहुत सारी नर्सों के घर हैं. मैंने एक नर्स रिया को पटा कर कैसे चोदा, इस कहानी में पढ़िए !
मुनिया- चल हट.. तू क्या समझता है बस तेरे पास ही बड़ा लंड है.. रॉनी बाबूजी का भी तेरे जितना है.. बस तेरा थोड़ा मोटा ज़्यादा है.. तभी तो मुझे दर्द हुआ और तेरे में ताक़त ज़्यादा है.. कितना चोदता है तू ठंडा ही नहीं होता मेरी हालत खराब कर दी तूने तो..
मेरी सलहज गाँव से है। मैं तो बचपन से ही सेक्स के लिए बहुत उत्साहित रहता हूँ और जब मैं उनके गाँव दुल्हन विदा कराने गया तो दुल्हन की भाभियों के द्विअर्थी मजाक और गन्दी बातें सुनकर अपनी सलहज और उसकी भाभियों को चोदने का प्लान बनाने लगा।
एक रात को मैंने महसूस किया कि मेरे शरीर पर कुछ चल रहा है। जब मैंने थोड़ी सी आँखें खोल कर देखा तो पाया वो मेरे भाई का हाथ था जो मेरी टी-शर्ट के ऊपर से मेरे बूब्स को हल्के हल्के सहला रहा था।
मैं नीचे बैठी थी, मेरे चारों ओर तन्नाए हुए लौड़े खड़े थे.. जिन्हें मैं बारी-बारी से चूस रही थी.. सारे लौड़े एक से बढ़ कर एक थे.. दो लंड थे जो सच में 8 या 8.5 इंच लंबे और भंयकर काले मोटे थे और उनमें मोटी-मोटी नसें बिल्कुल साफ़ दिख रही थीं।
भाभी और मैं नंगे थे कि उनकी बहन आ गई, हमें नंगे देख भड़क गई, मैं डर गया। वो भाभी को कहने लगी कि अभी जीजा जी को भाभी की करतूत बता रही है। मेरी और फ़ट गई…
मुनिया तो नई-नई चुदक्कड़ बनी थी.. उसको लंड का चस्का लग चुका था। अब ऐसा तगड़ा लंड देख कर भला वो कहाँ अपने आपको रोक पाती। बस वो शुरू हो गई लौड़े को लॉलीपॉप की तरह चूसने लगी।
कॉलेज़ में छुट्टियों में मुझे गाँव जाना था। ज़ेनी और जस्सी न्ही मेरे साथ मेरे गाँव जाना चाहती थी। लेकिन गाँव में हमारी चुदाई का भेद खुलने के डर से मैंने कम्मो से बात की।