भाभी के बाद कामवाली-2
साली बहुत मस्त है, कभी देख होंठों पर जुबान फेरती है, कभी अपने दांतों से होंठ काट कर मेरा लौड़ा खड़ा कर देती है, नज़रों से हम एक दूसरे को चाहते हैं, बस मिलन नहीं हो रहा!
साली बहुत मस्त है, कभी देख होंठों पर जुबान फेरती है, कभी अपने दांतों से होंठ काट कर मेरा लौड़ा खड़ा कर देती है, नज़रों से हम एक दूसरे को चाहते हैं, बस मिलन नहीं हो रहा!
मैं तो शादीशुदा हूँ-2 के आगे की कहानी: पहली भाभी की चुदाई के बाद अब मैंने उसके पति से दोस्ती कर ली। कभी वो मेरे घर बैठ पीता और वहीं लुढ़क जाता और मैं घर में ताला लगा कर उसके बेडरूम में ! यह भाभी तो मेरी हो गई, अब तो हर रात उसको मेरे […]
मैं तो शादीशुदा हूँ-1 यह रास्ते में मिले, लगता ज्यादा पी ली है! वो प्रिया थी- यह रोज़ का काम है, आओ आप! मैं उसको लेकर उसके कमरे तक चला गया, उसको लिटा दिया, जूते उतार मैंने कंबल दिया। ‘धन्यवाद!’ प्रिया बोली। ‘कैसी बात करती हो भाभी? मैं बस डौगी को लेकर सैर कर रहा […]
सबसे पहले सभी पाठकों को मेरा प्रणाम! मैं अन्तर्वासना का बहुत बड़ा प्रशंसक हूँ, इसमें प्रकाशित हर एक कहानी को मैं बहुत तबीयत से पढ़ता हूँ क्यूंकि मुझे इसमें आने वाली हर कहानी मुझे अच्छी लगती है। मेरा नाम रूद्रमान सिंह है, मैं पंजाब का रहने वाला पक्का जाट हूँ, पका हुआ शरीर है, मैं […]
प्रेषक : शशिकान्त वघेला उसने फट से कंडोम पहना दिया मानो मुझसे पहले उसे जल्दी हो चुदाने की ! फिर मैंने उसे सीधी लिटाया और उसके पैर फ़ैलाकर अपना लण्ड उसकी चूत के मुँह के पास रख दिया, मुझे मालूम था कि लण्ड कहाँ डालना है पर मैंने जानबूझ कर थोड़ा नीचे रखा तो वो […]
प्रेषक : शशिकान्त वघेला जब 14 फरवरी की सुबह हुई तो मैं बहुत खुश था क्योंकि उस दिन मेरे लण्ड को चूत चोदने को मिलने वाली थी। लण्ड भी अपने पूरे जोश में था। जब मैं घर से निकला तो उसके लिए एक गुलाब का फूल और डेयरी मिल्क चॉकलेट ले गया। जब मैं उसके […]
प्रेषक : शशिकान्त वघेला मेरा नाम रोहित है और मैं अन्तर्वासना का नियमित वाचक हूँ। मैं भी अपनी जिन्दगी की सबसे पहले सेक्स की कहानी सुनाना चाहता हूँ। मैं अपने घर में सबसे छोटा हूँ, मेरी दो बहनें हैं जो मुझसे बड़ी हैं। मम्मी-पापा तीनों भाई-बहन की शादी करना चाहते हैं पर उनमें से मेरी […]
मन कर रहा था कि कोई लड़का आये और मेरी कुंवारी गाण्ड में अपना लंड डाल दे! पर डर लगता था क्यूंकि मैं कुंवारी थी और मैंने सुना था कि गाण्ड मरवाने में बहुत दर्द होता है.
प्रेषक : हैरी बवेजा हेल्लो दोस्तो, आज मैं आपको तब की एक घटना के बारे में बताने जा रहा हूँ जब मैं बारहवीं में पढ़ता था। हमारे कॉलेज में एक मैडम थी आशा जैन नाम था उनका ! वो हमें गणित पढ़ाती थी, वैसे मैं गणित में कमजोर था पर घर वालों के दबाव से […]
मेरी गली के सारे लड़के मुझे पटाने की कोशिश करते रहते हैं। मेरे मम्मे लड़कों की नींद उड़ाने के लिए काफी हैं। मेरी बड़ी सी गाण्ड देख कर लड़कों की हालत खराब हो जाती है.
मेरा नाम रिंकू है, मेरी उम्र 23 साल है, मैं कोटा राजस्थान का रहने वाला हूँ, मध्यमवर्गीय परिवार से हूँ। यह कहानी मेरी आपबीती है जिसे में अन्तर्वासना3 डाट कॉम के जरिये आप लोगों तक पहुँचा रहा हूँ। मेरी चाची की डिलीवरी होनी थी, वो अस्पताल में भर्ती थी। मैं और मेरी मम्मी चाची के […]
वह चुपचाप रही, लेकिन चमकती हुई बिजली की रोशनी में उसकी टिमटिमाती आँखें स्नेह से भरकर मुझे देख रही थीं। फिर थोड़ा मुस्कुरा कर उसने नजरें हटा लीं। सफर अचानक सुहाना लगने लगा, तभी जोरदार गर्जन हुआ। अकस्मात बिजली के इस प्रचंड रूप से घबराई रंजू मुझमें सिमट गई। मेरे हाथ उसकी पीठ पर आना […]
'छोटी कहाँ हूँ ! पूरी 18 की हो गई हूँ। और फ़िर गरीब की बेटी तो घरवालों, रिश्तेदारों और मोहल्ले वालों, शोहदों की नज़र में तो इससे कम की भी जवान हो जाती है। हर कोई उसे लूटने खसोटने के चक्कर में रहता है।'
आप कहाँ जा रहे हैं? जहाँ तक बस जाएगी। बस कहाँ तक जाएगी? आपको कहाँ जाना है? खेड़ी तक ! लेकिन सुना है कि रास्ते में बाढ़ का पानी इतना है कि बस का निकलना कठिन है? सुना तो मैंने भी है, मगर मै’म आपको इन हालातों में यात्रा नहीं करनी चाहिए थी। मुझे तो […]
पता नहीं ये औरतें गांड मरवाने में इतना नखरा क्यों करती हैं। कहते हैं 'औरत के तीन छेद होते हैं और तीनो ही छेदों का मज़ा लेना चाहिए। चूत, गांड और मुंह!
प्रेषक : अशोक अन्तर्वासना के सभी पाठकों को अशोक का नमस्कार ! दोस्तो, आपने मेरी पहली कहानी में पढ़ा था कि किस प्रकार मेरी बड़ी बहन रश्मि और मेरे नौकर जावेद ने एक दूसरे की रात रंगीन की थी। अब मैं आपको अगले दिन सुबह की कथा भी बताता हूँ। रात में दीदी की कामक्रीड़ा […]
देर से ही सही … इतनी ज्यादा सेक्स में मजबूर होने के बाद ही सही पर अंत यही था कि उसने अब्बास से अपनी आज की दुर्दशा और अपनी ननद के दैहिक शोषण का बदला ले ही लिया था। अपनी हालत पर थोड़ा बहुत काबू पाते हुए मोना किसी तरह अपने कमरे तक जाने के […]
आप “कानून के रखवाले” कहानी के ग्यारह भाग पढ़ चुके हैं ! अन्तिम प्रकाशित भाग कानून के रखवाले-11 में आपने पढ़ा कि : सोनिया बहुत हैरान थी कि उसने मुस्तफा को इतनी बुरी तरह पीटा उसके बाद बेहोशी के बाद भी वो वहाँ से निकलने में कामयाब हो गया.. इसका मतलब दो ही बातें हो […]
प्रेषक : जोर्डन इस बार चीखने की बारी सोनिया की थी… सोनिया अपना पेट पकड़कर थोड़ा झुकी और मुस्तफा ने झट से उसका फौलादी घूँसा सोनिया के मुँह पर मार दिया, इस बार सोनिया कुछ और जोर से चीखी और नीचे गिरी, उसके मुँह से भी खून टपकने लगा था। अभी वो घुटनों के बल […]
प्रेषक : जोर्डन सोनिया ने चार गुंडों को घायल किया था और शायद उनमें से दो मरने की हालत में थे… अब करीब 6-7 गुंडे और बचे थे जो फायरिंग कर रहे थे जिसकी वजह से दो हवलदार भी घायल थे। सोनिया ने पीछे छोड़े चार पुलिस वाले भी वायरलेस पर मेसेज देकर अंदर बुला […]