अस्पताल में इलाज़
मैं मुसकराती हुयी बाहर चली आयी। मुझे लगा आज काम फ़िट हो गया। मुझे उसके हाथों का स्पर्श अभी भी महसूस हो रह था। दिल में एक गुदगुदी सी उठ रही थी। मेरे जिस्म में वासना जागने लगी। मेरा दिल अब उस से अकेले में मिलने को आतुर हो उठा।
मैं मुसकराती हुयी बाहर चली आयी। मुझे लगा आज काम फ़िट हो गया। मुझे उसके हाथों का स्पर्श अभी भी महसूस हो रह था। दिल में एक गुदगुदी सी उठ रही थी। मेरे जिस्म में वासना जागने लगी। मेरा दिल अब उस से अकेले में मिलने को आतुर हो उठा।
मन्दाकिनी आप यकीन करें या न करें ये मेरे जीवन के सच्ची कहानी है! मेरे पापा बहुत ही स्वार्थी हैं और हम तीन बहिने और एक भाई हैं। रिटायर होने के बाद वो हमारे दो कमरों के मकान के एक कमरे में ख़ुद रहने लगे और अपना सारा पैसा एक बक्से में चार चार ताले […]
उसने मेरा हाथ पकड़ लिया और मुझे अपने बेडरूम में ले गई वहां जाते ही हम दोनों ने किस करनी शुरू कर दी। फ़िर मैंने उसका कमीज़ निकाल दिया। उसके बूब्स चाँदी की तरह चमक रहे थे, उसने श्वेत ब्रा डाली हुई थी
मैं बाहर से उन तीनों का यह जवानी का खेल देख रहा था। मेरी बीवी मेरे सामने ही मेरे दोस्तों से चुद रही थी इससे बड़ी ब्लू फ़िल्म मेरे लिए और क्या होगी।
मेरी चाची मेरे से 20 साल बड़ी मतलब कि वो 47 की पर मैं 27 का, उसकी फिगर 38 32 40 थी! मैं ऐसे ही उनके घर चला गया। चाचा मेरे ड्यूटी करते थे, उनके ड्यूटी जाने के बाद एक दिन मैं सुबह अपनी चाची के साथ रसोई में काम करवा रहा था। उसके बूब्स मेरे साथ टकरा गए और मेरा लण्ड पूरा गर्म हो गया।
अचानक रात को मेरी नीन्द फिर खुल गयी… मेरी चूत में विजय का लन्ड घुसा हुआ था… मैं चुपचाप सोने का बहाना करती रही… वो चोदता रहा… मैं अपने आपको ज्यादा देर नहीं रोक सकी… उसके बदन को कसती गयी… उसने मेरी चूंचियां फिर से कस कर दबा दी…
घर के काम के लिये हमने नौकरानी रखी, 20 साल की भरपूर जवान, सुन्दर, सेक्सी फ़िगर, बदन पर जवानी की लुनाई, चिकनापन झलकता था। मेरे पति तो पहले दिन से ही उस पर फ़िदा था।
प्रेषक : सुनील दहिया दोस्तो मैं अजनबी आपके सामने अपनी पहली कहानी लेकर हाज़िर हूँ। मैं हार्डवेयर का काम करता हूँ जिससे काम के सिलसिले मे मुझे ज़्यादा से ज़्यादा समय बाहर ही काम करना पड़ता है। यह कुछ ही महीने पहले की बात है, जब मैं अपनी एक भाभी से मिला। मेरी उस भाभी […]
थोड़ी देर बाद वो खुद मेरे ऊपर चढ़ गई और अपने आप ही मेरा लण्ड अपनी चूत पर लगा कर अन्दर डलवाने की कोशिश करने लगी, लेकिन अन्दर नहीं जा रहा था क्योंकि उसकी चूत बहुत समय से प्रयोग ही नहीं हुई थी।
हमारा स्कूल लड़के लड़कियों का था, वहां एक हिन्दी की मैडम थी, बहुत ही सेक्सी थी। उसे मैं जब भी देखता था तो बस ऐसा लगता था कि बस ये मिल जाए तो जिंदगी सँवर जाए... एक दिन लंच के बाद मैं मैडम के घर गया...
डैडी, आपने यह अच्छा नहीं किया बिना कंडोम के ही मुझे चोदा. वादा करो अगली बार आप कंडोम के साथ ही मुझे चोदेंगे.
मैं भी उसका साथ देने रसोई में चला गया, पर जैसे ही मैं रसोई में घुसा, मेरा ध्यान सपना की मोटी गाण्ड की तरफ गया और मैं आकर्षित हो गया। तभी सपना मेरी तरफ मुंह करके बोली- चीनी कितनी लोगे?
मेरी दोस्ती एक लड़की से हुई जो इंडियन है और अब अमेरिका में रहती है। उसका नाम रेशमा है और वो भी बरोदा से ही है। एक दिन उसने मुझे बताया कि वो इंडिया आ रही है तो मैं खुशी से पागल हो गया और मन ही मन उसकी चुदाई करने की सोचने लगा।
मेरी एक विधवा भाभी पूनम है जो दो बच्चों की माँ होने के बावजूद अपने पति के मरने के तीन साल बाद मुझे सेक्सी निगाहों से देखती थी, बातों ही बातों में मैंने उसे अपना लण्ड चुसवा दिया।
कामिनी ने तुरन्त डिल्डो खींच के बाहर निकाल दिया… रीता झड़ रही थी… उसने मुझे चिपटा लिया… कामिनी को उसके बदन की और चूत की ऐंठन महसूस हो रही थी… दोनों के होंठ एक दूसरे से मिल गये… और प्यार में डूब गये…
मैं अत्यंत गर्म औरत हूँ। वैसे मेरी शादी हो चुकी है पर मुझे सिर्फ़ अपने पति से संतुष्टि नहीं मिलती इसलिए मैंने पड़ोस के एक हट्टे कट्टे मोटे लंड वाले लड़के को अपना बॉय फ्रेंड बना रखा है। वह मेरा गुलाम बना रहता है। उसे मैंने कैसे फंसाया इसकी घटना आप सबको बताती हूँ।
हाय दोस्तो, मैं मानव दिल्ली से। मै आप को एक सच्ची कहानी सुनाता हूँ। मेरे दिल्ली वाले फ्लैट में एक नौकरानी काम करती थी। उसका नाम पूजा था। उमर करीब २२ साल होगी, फिगर ३२-२८-३४। उसके बूब्स बड़े बड़े थे। जब वो चलती थी तो उसके दोनों चूतड़ काफ़ी सेक्सी लगते थे उसका नज़रें मिलाकर […]
सभी पाठकों को मेरा प्रणाम, मेरा नाम प्रतीक है मैं रतलाम में रहता हूँ और अंतर्वासना का नियमित पाठक हूँ। दोस्तो, यह बात फ़रवरी के महीने की हैं, रतलाम मे मेरी दूर के रिश्ते की मासी के लड़के की शादी थी उसमे मुझे एक भाभी मिली जिसका नाम प्रीति था। बात करने पर पता चला […]
प्रेषक : राहुल सिंह दोस्तों उम्मीद है कि आपको मेरी पहली कहानी ” मेरी आत्मकथा ” पढ़ कर कुछ मज़ा आया होगा। यह मेरी सच्ची कहानी है और आप मुझे अपनी राय जरूर भेजें ! अब आगे… … तभी देखा कि दरवाज़ा खुला और उसकी सहेली अन्दर आ गई। मैं और सुधा चौंक गए। वो […]
प्रेषक : लोकेश शर्मा मैं आज एक सच्ची कहानी बताने जा रहा हूं ! मैं जब नौकरी कर रहा था तो एक क्रेडिट कार्ड कम्पनी से फ़ोन आया। एक लड़की बोल रही थी कि सर आप क्रेडिट कार्ड बनवा लो। मैंने कहा- बनवा लूंगा तुम मुझ से डोक्यूमेंट ले जाओ। जब मैं उससे मिला तो […]