स्वर्ग का अनुभव -1
उसने मेरे सारे शरीर पर चुम्मी ले के मेरा लण्ड अपने मुँह में डाल दिया। मैं तो बहुत उत्तेजित हो गया। फ़िर मैंने उसके होंठों मे होंठ डाल कर उसकी जीभ को चूसा। अब हम दोनों आपे में नहीं रहे। फ़िर मैंने अपना लण्ड उसकी चूत में डाल दिया।
उसने मेरे सारे शरीर पर चुम्मी ले के मेरा लण्ड अपने मुँह में डाल दिया। मैं तो बहुत उत्तेजित हो गया। फ़िर मैंने उसके होंठों मे होंठ डाल कर उसकी जीभ को चूसा। अब हम दोनों आपे में नहीं रहे। फ़िर मैंने अपना लण्ड उसकी चूत में डाल दिया।
मैं स्वीटी को बेडरूम की दीवार के सहारे चिपकाकर पहले एक लम्बी होंठ किस करते हुए उसके गाऊन के ऊपर से ही अपने एक हाथ को उसके प्यारे बॉब्स पर रखकर सहलाने लगा और दूसरे हाथ को उसकी चूत पर रखकर सहलाने लगा
फ़किंग मैन मैं पंजाब के फ़रीदकोट जिले का रहने वाला हूँ, पहले मैं कार ड्राइवर था, तथा एक बुजुर्ग दंपति के यहाँ नौकरी करता था ! एक बार उनकी विधवा बहू घर आई हुई थी, उस दिन घर में कोई और नौकर नहीं आया तो मुझको बड़ी बीबी ने छोटी बीबी के साथ ऊपर उसके […]
मेरा पाँव अचानक मंजू के हाथ पर लगा। मैंने अपना पांव हटा लिया तो वो मेरी तरफ़ देखने लगी जैसे कह रही हो कि क्योँ हटा लिया। मैं मुस्करा दिया और दूसरी तरफ़ देखने लगा कि कहीं किसी का ध्यान मेरी तरफ़ तो नहीं, पर किसी ने नहीं देखा।
विकी मैं एक शानदार शरीर का मालिक हूँ. बचपन से ही बॉडी बिल्डिंग और जुडो कराटे में रूचि होने के कारण हमेशा से ही बहुत सी लड़कियों की नज़रों में चढ़ा रहा हूँ. आज कल इंजीनियरिंग कोचिंग का मालिक होने के कारण तो मेरे आस पास बहार छाई रहती है. यदि आपको नहीं पता तो […]
यह कहानी है मेरे एक पड़ोस की लड़की की जो देखने में कयामत थी उसका नाम था शबनम। और वो देखने में भी किसी फूल से कम नहीं थी वो। क्या कहूँ, बिल्कुल कैटरिना लगती थी। मैं जब भी उसे देखता मेरा लंड मेरी पैन्ट को फाड़ने लगता था
मैंने अपना लण्ड श्रुति की चूत से निकाल कर पूजा के मुँह में डाल दिया और पेशाब कर दिया। अभी पूजा ने थोड़ा ही पेशाब छिड़का था कि श्रुति होश में आ गई। पूजा ने बाकी पेशाब पी लिया
एक रात की बात है, मैं लगभग 11 बजे बाथरूम जाने के लिए उठी। बाथरूम मम्मी के कमरे को पार करने के बाद पड़ता है। जब मैं उस कमरे के सामने से गुज़री तो मुझे मम्मी के कराहने और ज़ोर ज़ोर से सांसें लेने जैसी आवाज़ें सुनाई पड़ी।
वो मेरे पीछे बैठ गई। मैं बाइक को रफ़्तार से दौड़ाने लगा। उसके मोम्मे मेरी पीठ से सटे हुये थे। मैं गरम हो रहा था। दिल कर रहा था कि अभी चोद डालूँ साली को।
उसने तुरन्त उपने होन्ठ मेरी चूत से चिपका दिये। मेरे मुख से आह निकल गयी। मैंने अपनी पैन्ट नीचे से पूरी उतार दी। फिर अपना टोप भी उतार दिया। अपनी चूत को मैं अब जोर लगा कर उसके होंठो से रगड़ मार रही थी।
मुझे लेकर बेडरूम में आ गई और मेरी शर्ट उतारने लगी तो मैंने भी उसके ब्लाउज़ के हुक खोल कर उतार दिया और साड़ी भी उतार दी, तो मैंने देखा उसके शरीर की आकृति काफी शानदार थी 32 -38 -36। मैंने उसकी ब्रा उतार कर उसके भूरे चूचुक को जीभ से चाटा
मेरा नाम अमित है. मैं 24 साल का कालबोय हूँ. मेरे लंड का साइज 8′, मोटाई 3′ है. मैं आपको अपनी एक सच्ची कहानी सुनाने जा रहा हूँ. एक बार मुझे एक मेल मिली. जिसमे एक महिला ने अपना फ़ोन नम्बर दिया हुआ था. मैंने उस नम्बर पर सम्पर्क किया तो उधर से एक भारी […]
मेरा नाम सुरेश है और मैं नोएडा में अपने परिवार समेत रहता हूँ। मेरे एक ही चाचा हैं और वो हमसे अलग घर में रहते हैं। उनकी शादी को लगभग पंद्रह साल हो चुके हैं और दो बच्चे भी हैं। पहले हमारी और चाचा जी की कोई खास बातचीत नहीं होती थी क्योंकि मेरे चाचा […]
वो मेरे करीब बैठ जाती थी लेकिन कभी भी ग़लत हरकत नहीं की। उसके बाद जब उसे लगा कि मैं कुछ समझ नहीं पा रहा हूँ, तो उसने खुलकर आई लव यू ! भी बोल दिया लेकिन मैं समझ नहीं पाया फिर उसने मुझे कई बार बाहर घूमने के लिए बुलाया और मैं भी चला गया।
मैंने मामी को गले लगाया, तब मामी सिर्फ़ ब्रा और पेटीकोट में ही थी, मेरा लण्ड तना हुआ था, जैसे ही मैंने उनको गले लगाया तो मेरा लण्ड उनकी फुद्दी को छू रहा था।
उसको पहले दर्द हुआ फ़िर मज़ा आने लगा। उसने भी अपनी गांड ऊपर उठा के झटके देने शुरू कर दिए। मैंने उसकी गांड को पकड़ लिया और जोर से अपना लंड उसकी बच्चेदानी तक ले गया। वो फिस फिस करने लगी।
मैंने उसके चेहरे को पकड़ कर अपनी तरफ घुमाया तो उसने मेरा हाथ झटक दिया। मैंने फिर पूछा- हम दोनो ही कुंवारे हैं और आज अच्छा मौका है। तुम भी जवान हो और मैं भी। घर पर भी कोई नहीं है। हमें ट्राइ करना चाहिए।'
कई दिनों तक उसकी चूत चोदने के बाद मुझे उसकी उभरी गाण्ड में लण्ड डालने की जबरदस्त इच्छा होने लगी। पर जब भी मैं उसकी गाण्ड में लण्ड डालने की बात करता, वो मुझे मना कर देती कि इसमें बहुत दर्द होगा। पर मैं भी कहाँ मानने वाला था।
मैं मुसकराती हुयी बाहर चली आयी। मुझे लगा आज काम फ़िट हो गया। मुझे उसके हाथों का स्पर्श अभी भी महसूस हो रह था। दिल में एक गुदगुदी सी उठ रही थी। मेरे जिस्म में वासना जागने लगी। मेरा दिल अब उस से अकेले में मिलने को आतुर हो उठा।
मन्दाकिनी आप यकीन करें या न करें ये मेरे जीवन के सच्ची कहानी है! मेरे पापा बहुत ही स्वार्थी हैं और हम तीन बहिने और एक भाई हैं। रिटायर होने के बाद वो हमारे दो कमरों के मकान के एक कमरे में ख़ुद रहने लगे और अपना सारा पैसा एक बक्से में चार चार ताले […]