कोठे की कुतिया-1

(Kothe Ki Kutiya-1)

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साथियो,

इस कहानी का पूरा मज़ा लेने के लिए

पढ़िये कैसे मौसी ने मुझे बना दिया कोठे की कुतिया

हम लोग ९ बजे मौसी के कमरे में थे। मौसी ने मेरे और मोनी के लिए कमरे में ही खाना मँगा लिया। खाने में मुर्गे की टांगें और मटन था।

मौसी बोली- लो खाओ, देसी मुर्गा हैं, चूत में आग लगा देगा ! खाओ पियो और मस्तियाओ ! थोड़ी देर बाद ग्राहकों के लौड़ों पर बैठना और अपनी जवानी का रस पिलाना !

खाना बहुत स्वादिष्ट था, हम लोगों ने पेट भर के खाया।

खाने के बाद मौसी बोली- अब तू मस्तिया बहुत ली है, चल अब तुझे धंधे पर बैठाती हूँ ! मुफ़्त में तो मैं पानी भी नहीं पिलाती। अब ध्यान से मेरी बात सुन, नीचे स्पेशल हाल में तुझे मिलाकर कोठे की सबसे हसीन सात लड़कियां खड़ी होंगी और दो लड़कियां नंगी होकर नाचेंगी। ग्राहक तुम्हें खरीदेंगे और गोद में बैठाकर तुम्हें नंगा करेंगे और तुम्हारी चूत और चूचियों को मसलेंगे। तुम सब उनके लंड बाहर निकाल कर चूसोगी और मसलोगी।

डांस देखने का टिकट ५०० रुपये है, गोद में बैठाकर रंडियों की मसलाई करने के कम से कम १००० रूपये १० मिनट के हैं, उसके बाद हर ५ मिनट के ५०० रुपए हैं। लौड़ा चुसवाने के १००० रूपये अलग से हैं। कोई ५००० या ज्यादा देता है तो लोंडी १० मिनट के लिए उसकी ! वो इन १० मिनट में वो लोंडी की चूत मार सकता है।

१ घण्टा यह धंधा चलता है, हर लोंडिया को कम से कम ५००० रुपए कमा के देने होते हैं। चल १० मिनट के लिए तुझे ट्रेनिंग दिलवा देती हूँ !

मौसी ने घन्टी बजा दी, एक लड़की अंदर आई, मौसी बोली- शो कराने वाले चारों मुस्टंडों को भेज ! चारों मुस्टंडे थोड़ी देर में अंदर थे, उनके नाम रोकी, पिंटू, टीनू और भूरा थे। सब खतरनाक चेहरे के गुंडे लग रहे थे।

मौसी बोली- रोकी, तू जहाँ लड़कियां बिकेंगी, वहां खड़ा होगा ! पिंटू जहाँ रंडियां मसली जा रही होंगी वहाँ बैठेगा और रंडी अगर ५ मिनट के अंदर लौड़ा नहीं निकालेगी तो उस पर सिगरेट की चिंगारी डालेगा, टीनू पैसे इकठा करेगा, भूरा देखने वाले ग्राहकों को कण्ट्रोल करेगा।

मौसी पिंटू से मेरी तरफ इशारा करते हुए बोली- बाकी रंडियां तो सब खेली खाई हैं, यह नई है, तू जरा इसे गोद में बैठा ! बाकी मैं सिखाती हूँ !

पिंटू ने मुझे गोद में उठाया और पलंग पर अपनी जांघों पर बिठा लिया सभी गुंडे कुटिल मुस्कान के साथ मुझे देख रहे थे। पिंटू ने मेरे ब्लाउज़ और पेटीकोट उतार कर मुझे पूरा नंगा कर दिया और बोला- रंडी, साली ! अब तू पूरी कोठे की कुतिया लग रही है ! उसने कस कस कर मेरी चूचियां मसलनी शुरू कर दीं।

मौसी मेरे पास आईं और मेरा हाथ पिंटू के लौड़े पर रख दिया और बोली- जरा इसके शेर को तो बाहर निकाल !

मुझे लौड़ा निकलने मैं शर्म आ रही थी, तभी एक गुंडे ने मेरे ऊपर जलती हुई सिगरेट की राख़ डाल दी, मैं उई मर गई ! कहकर उठने लगी लेकिन पिंटू इतनी कस कर पकड़ा हुआ था कि मैं उठ नहीं पाई।

मौसी बोली- लौड़े को नहीं निकलेगी तो यही हाल होगा ! चल सारे बटन खोल इसके और लौड़ा मसल !

मैं घबरा गई, मैंने जल्दी जल्दी पिंटू की पैंट के सारे बटन खोल दिए नीचे मुस्टंडा कुछ नहीं पहना था, उसका सात इंच मोटा लंड तनतना के निकल आया, जिसे मैंने कस कस कर मुठी में दबा लिया। मौसी ने एक ट्यूब पिंटू की तरफ बढ़ा दी जिसे उसने मेरी चूत पर लगा दिया। मेरी चूत में चुदने की कुलबुलाहट भर गई। मौसी ने दो मिनट लगातार मुझसे पिंटू के लंड की मुठ मरवाई। इसके बाद मौसी ने मुझे उठा दिया और खड़े खड़े ही मुझसे सभी मुस्टंडों के लंड निकलवाए जिसमें से दो चड्डी पहने हुए थे और उनकी चड्डी नीचे सरका के मुझे उनके लंड निकालने पड़े।

इसके बाद मौसी ने उनमें से जो सबसे भद्दा और गन्दा दिख रहा था, जिसका नाम भूरा था, उसका लौड़ा मुझे पकड़ाया और बोली ले इसका लंड चूस !

भूरा काफी गन्दा था, मैं बोली- मौसी मैं इसका लंड मुँह में नहीं लूंगी !

मौसी ने पिंटू के हाथ से सिगरेट ली और मेरे नंगे चूतड़ों पर मसल कर बुझा दी। मैं जोरों से चीख उठी। मौसी गुर्राते हुए बोली- हरामखोर, साली, मैं प्यार से बात कर रही हूँ और तू अपने को कोठे की रानी समझ रही है? यह साले मोटे मोटे मुस्टंडे मुझे ना नहीं करते, तू ना कर रही है? और उन्होंने मेर बाल खींच दिए। मैं बिलबिला गई। मरती क्या नहीं करती, मैंने भूरा का गन्दा सा काला लंड अपने मुँह में डाल लिया।

मौसी बोली- कुतिया, ठीक से आगे पीछे कर के चूस ! यहाँ रानी कोई नहीं, सब रंडियां हैं अपने को अब तू कोठे की कुतिया मान ! इतने नखरे करेगी तो हाल में क्या लौड़ा चूसेगी।

मैं बहुत डर गई थी, मैं लपालप भूरा का लौड़ा चूसने लगी। आज तक मैंने लौड़ा नहीं चूसा था। भूरा गन्दा जरूर था लेकिन उसका लौड़ा चूसने में मुझे मज़ा आ गया। चिकना लौड़ा मेरे मुँह में आगे पीछे हो रहा था। मुझे लौड़ा चूसने में गज़ब का मजा आने लगा। मैंने ५ मिनट तक मस्त होकर लौड़ा चूसा। मौसी ने मुझसे भूरा के टट्टों पर भी जीभ फिरवाई।

मौसी ने थोड़ी देर बाद सबको बाहर भेज दिया और मुझसे बोली- देख, धंधे के मजे ले ! मैं जैसा कहूँगी वैसा करेगी तो बहुत मज़ा आएगा और नहीं करेगी तो तेरी चमड़ी को जला दूँगी ! कल मैं तुझे छोड़ दूंगी। तू कोठे से चली जाना। लेकिन जो सेक्स का मजा यहाँ ले लेगी वो तुझे और कहीं नहीं मिलेगा !

उसके बाद मौसी मुझे एक कमरे में ले गईं, वहां मोनी और मुझे मिलाकर सात लड़कियां थी। मौसी ने हम सबके कपड़े उतरवा दिए। अब हम सातों रंडियां पूरी नंगी थीं।

मौसी बोली- तुम्हारी चुचियों पर एक पतली चुन्नी रहेगी और चूत पर पतली चड्डी होगी जिसे ग्राहक उतार कर तुम्हारी चूत सहलाएगा और तुम सब उनके लौड़े मसलना ! चलो अब हाल में चलने को तैयार हो जाओ। जो भी कुतिया नखरे करेगी उसकी गांड और चूत जला दूँगी ! हर ग्राहक को पूरा मजा देना है और उनको इतना मस्त करना है कि वो अपना लौड़ा चुसवाएं और १०-१० हज़ार तुम्हारी चूत मारने के दें ! चलो अब हाल में चलें !

हाल में एक तरफ गद्देदार कुर्सियां पड़ी थीं, मोनी ने बताया कि इन सोफों पर ग्राहक हमारी चूत और चूचियां मसलेंगे। पास में ही एक काउंटर था जहाँ हम सातों रंडियां जाकर खड़ी हो गईं। मौसी ने हम सब की चूत पर जेली लगा रखी थी जिससे चूत में एक अजीब सी खुजली हो रही थी। बार बार हाथ चूत खुजलाने को चला जा रहा था। सामने डांस के लिए जगह थी, जहाँ दो रंडियां लहंगा पहन कर नाचने के लिए तैयार थीं।

मोनी ने बताया कि नाचते-नाचते ये दोनों नंगी करी जाएँगी और बीच बीच में मुस्टंडे इनकी चूत और चूतड़ों को मसलेंगे। आधे घंटे के बाद यह बदल जाएँगी और दूसरी दो लड़कियां नाचने आएँगी। सभी नाचने वाली लड़कियां बॉम्बे से आती हैं और एक शो के १०-१० हज़ार लेती हैं। यह लड़कियां १-२ घटिया हिंदी फिल्मों में छोटा मोटा रोल करे होती हैं। आज जो लड़कियां डांस करेंगी, ‘वो लुट गई लैला’ और ‘मस्त जवानी’ फिल्म की हेरोइन रह चुकी हैं।

मौसी अंदर आई और बोली- लो मेरे कोठे की कुत्तियों, एक एक कड़े पहनो !

सभी कड़े अलग-अलग रंग के थे। मेरे हिस्से में हरा कड़ा आया।

मौसी बोली- ग्राहक कड़े के रंग से तुम्हारी बोली लगायेंगे ! चलो सब लाइन से खड़ी हो जाओ और थोडा मस्तीयाओ ताकि तुम सबके रेट ज्यादा लगें।

पिंटू चल घंटी बजा और ग्राहकों को अंदर बुला, तब तक रोकी और भूरा, तुम इनकी घुन्डियाँ मसल कर खड़ी कर दो जिससे कि इनकी चूत की आग जोरों से भड़के।

रोकी और भूरा ने नोच नोच कर हमारी निप्प्लें खड़ी कर दीं। हम सब नग्न दूधों पर पतली चुन्नी डाले खड़ी थी।

ग्राहकों का अंदर आना शुरू हो गया था, रंडियां नाचनी शुरू हो गईं थीं। मेरे साथ की रंडियां कभी अंगड़ाई ले रही थी, कभी अपने संतरे दबाते हुआ ग्राहकों पर चुम्मे फ़ेंक रही थीं।

रोकी हमारे पास घूम रहा था ! उसने मेरे चूतड़ पर हाथ फेरते हुए कहा- जरा मचल ! देख बाकी कुतियां कैसे मचल रही हैं !

मौसी पास ही घूम रही थीं, मुझसे बोली- कुतिया, जैसे सभी रंडियां मचल रही हैं, वैसे मचल ! अब तू धंधे पर बैठ गई है, नखरे न कर, इस समय तू मेरे कोठे की कुतिया है, मेरी कुतियां जैसा मैं कहती हूँ, वैसा करती हैं ! नहीं तो उनकी गांड जला देती हूँ !

मौसी ने मेरा एक हाथ उठाया और मेरी चड्डी में डाल दिया और दूसरा हाथ मेरी चूची पर रख दिया। उसके बाद बोलीं- दोनों को धीरे धीरे मसल ! तेरा रेट अपने आप चढ़ेगा ! आज कोठे पर तू सबसे सेक्सी कुतिया लग रही है ! ५ मिनट बाद मस्त होकर अपने राजा का लौड़ा मसलना ! तुझसे इस शो में मुझे १०००० रु कमाने हैं।

नाच जोरों पे था, लड़कियों की ब्रा उतार दी गई थी, उनके नंगे स्तन बिलकुल सीधे तने हुए थे, वो अपनी चुचियाँ कभी लेट कर कभी झुककर हिला रही थीं, उनका नंगा डांस जोरों पर चल रहा था।

एक दो ग्राहक अपने लंड निकाल कर वहीं पर सहला रहे थे। हम सबकी बोली की आवाजें लग रही थी- कोई चिल्ला रहा था लाल वाली २००० हरी वाली १६०० !

१० मिनट बाद मौसी हमारी तरफ आई और रोकी से बोली- चल इन रंडियों को इनके खरीददारों के साथ भेज और इनका धंधा शुरू करा ! मेरा ४ नंबर था पहली ३ को उनके ग्राहक उनकी चूचियां मसलते हुए सोफे की तरफ ले गए। मेरा खरीददार एक नेताजी जैसा लगने वाला आदमी था जो मुझे बुरी तरह कामुक नज़रों से घूर रहा था। मौसी बोली- पूरे २२०० में उठी है तू ! जरा मस्त होकर नेताजी का लौड़ा गरम करियो ! नेताजी अगर खुश हो गए तो मालामाल कर देंगे और तुझे हेरोइन बनवा देंगे !

मौसी ने मेरा हाथ नेताजी के हाथ में दे दिया।

नेताजी ने मेरी चुन्नी उतार कर फ़ेंक दी और अपना एक हाथ पीछे से डालकर मेरी एक चूची अपने हाथ में दबा ली उसे दबाते हुए बोलने लगे- साली बहन की लोड़ी ! तेरा माल तो बड़ा गज़ब का है ! आज तो तेरा पूरा रस पीकर ही यहाँ से जाऊँगा ! और वो मुझे सोफे की तरफ ले गए। नेताजी के मुँह से दारू की जोर की बदबू आ रही थी। उन्होंने सोफे पर मुझे अपनी एक जांघ पर बैठा लिया और मेरे स्तनों की मालिश करते हुए मेरे होठ चूसने लगे।

बगल में मोनी की मसलाई हो रही थी। मोनी मुझे देख कर बोली- लौड़ा निकाल के खेल, वर्ना अभी पिंटू सिगरेट से जला देगा।

मैं संभल गई और नेताजी के पजामे का नाड़ा खोलने लगी। नेताजी अंदर कुछ नहीं पहने थे, उनका ६ इंच लम्बा लौड़ा खड़ा हुआ था, जिसे मैंने अपने हाथों में कस कर पकड़ लिया और दबाने लगी। मेरी चूत बुरी तरह से खुजला रही थी। नेताजी ने मेरी पतली चड्डी एक झटके में खींच कर फाड़ दी और जोर जोर से चूत की मसलाई करने लगे।

मेरी बुर बुरी तरह से गरम हो रही थी, मैंने अपनी टांगें चौड़ी कर दीं थीं और मेरी गरम खुली हुई चूत साइड में खड़े कुत्तों को मस्तिया रही थी।

नेताजी मेरे चूत का दाना रगड़े जा रहे थे। नेताजी के लौड़े पर मेरी पकड़ मजबूत होती जा रही थी और मैं उनका लोड़ा जोरों से सहला रही थी। मेरे आस-पास भी इसी तरह की रंडीबाजी चल रही थी। वाकई मैं अब कुतिया बन गई थी।

कहानी अभी बाकी है ! अन्तर्वासना डॉट कॉंम पर शीघ्र ही प्रकाशित होगी।

उषा

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