कोठे की कुतिया-3

(Kothe Ki Kutiya-3)

This story is part of a series:

रात के ११ बज़ रहे थे। मौसी के कमरे में ए. सी. चल रहा था मैं और मोनी वहां एक नेकर पहन कर बैठ गई। मौसी आई और वहां लेट गई और हमें अगल बगल में चिपका कर लिटा मेरे चूतड़ों पर हाथ लगा कर बोली,”अब चुदने को तैयार हो जा !”

मौसी ने फ़ोन उठाया और बोली,”मोंटी साहब कैसे हो ? कब आ रहे हो? नई रंडी आई है इसकी चूत का उदघाटन करवाना है। मोनी कुतिया भी तुम्हारा लौड़ा खाने को बेताब हो रही है !”

कुछ देर बात हुई फिर मौसी ने फ़ोन रख दिया और बोली,”मोंटी साहब आधे घंटे में आ रहे हैं, चोद चोद कर तुझे मस्त कर देंगे। चल ! तब तक तू मेरी चूत में यह मोटा केला कर और मोनी मेरी चूचियाँ सहलाएगी !”

मौसी ने मेरे हाथ में एक १० इंच लम्बा और ४ इंच मोटा केला पकड़ा दिया। मौसी की चूत भोंसड़ा हो रही थी। उनकी चूत में केला बिलकुल फिट बैठ रहा था। मैंने मौसी की चूत में केला आगे पीछे करना शुरू कर दिया। मोनी उनकी चूचियाँ दबा रही थी। मौसी हल्की हल्की सिस्कारियाँ लेने लगी थी।

मौसी के कमरे में कुछ हल्ले की आवाज़ सी सुनाई दी। मौसी ने राजू को बुलाया और पूछा,”क्या बात है? हल्ला क्यों हो रहा है?”

राजू बोला,”ये सीमा है, साली बिकी तो १००० में है, ग्राहक गांड मारना चाह रहा है तो लड़ रही है।”

मौसी बोली,”कुतिया, एक तो सही रेट पर बिक नहीं रही, ऊपर से आज साली के रेट ठीक लगे हैं तो कोठे का माहौल ख़राब करती है। तू ऐसा कर पहले ग्राहक को बुला, फिर कुतिया को नंगी करके भेज और सामने सीमा बाई के कोठे से हब्शी को बुला ले। आज साली की गांड हब्शी से फड़वाती हूँ !”

राजू ने ग्राहक को अंदर भेज दिया। मैं और मोनी मौसी की चूत में केला कर रहे थे। सामने मौसी चूत चोड़ी कर के लेटी हुई थीं ग्राहक को देख कर मैं रूक गई। मौसी बोली,,”कुतिया रुक क्यों गई अपना काम जारी रख।”

मौसी ग्राहक से बोली,”अरे साहब क्यों नाराज हो रहे हो ? मेरे कोठे पर चुदाई का मज़ा न मिले ऐसा हो ही नहीं सकता। टॉप की रंडी दूँगी, बिलकुल फ्री। दोनों छेद फाड़ दियो कुतिया के।”

मौसी ने राजू से पूछा,”कोई लोंडिया खाली हुई या नहीं?”

राजू बोला,”शोभा खाली है इस समय !”

मौसी ने कहा,”शोभा को इसे सौंप और उससे कहना कि मौसी के स्पेशल ग्राहक हैं, पूरे मजे देना है, जैसे ये चाहें। चल राजा जा मजे कर और राजू तू सीमा को नंगी कर के मेरे पास भेज इस को मजा मैं चखाती हूँ।”

राजू और पिंटू सीमा को ले आया। सीमा पूरी नंगी थी। मौसी ने हम दोनों को हटाया। मौसी उठी और उन्होंने सीमा के गाल पर तीन चार थप्पड़ जड़ दिए और उसे धक्का देकर नीचे गिरा दिया उसके चूतड़ों पर ४-५ लातें मारी। मौसी चिल्ला रही थी,”हरामिन रंडी है तू, सारे छेदों में लंड खाना पड़ेगा तुझे कुतिया ! गांड मरवाने में नखरे करती है। आज तेरी इतनी गांड फड़वाती हूँ कि तू जिन्दगी भर याद रखेगी !”

सीमा रो रही थी। मौसी मेरी और मोनी की तरफ देखकर बोली,”तुम दोनों राजू और पिंटू के लौड़े चूस कर खड़े करो इस की गांड में घुसवाउंगी। साली हिरोइन बनती है !”

मौसी लकड़ी के डंडे से सीमा को पीट रही थी। मौसी ने उसके बाल खींचे और बोली,”चल घोड़ी बन। तेरी गांड में लंड डलवाती हूँ !”

सीमा डर के घोड़ी बन गई। मौसी ने उसकी गांड पर ढेर सारा थूक डाल दिया। मौसी के भयानक रूप से मैं भी डरी हुई थी और राजू का डर कर लपालप लौड़ा चूसे जा रही थी। मौसी ने राजू को इशारा किया और बोली इसकी गांड का छेद चोड़ा कर फिर हब्शी आ रहा है उससे फड़वाती हूँ। राजू ने मेरे मुँह से लौड़ा निकला और घोड़ी बनी हुई सीमा की गांड पर लगा दिया और उसकी गांड में अपना मोटा नंगा लंड लगाकर जोर से झटका दिया। आधा लंड गांड में घुस गया। सीमा जोर से चिल्ला उठी,”मर गई ! उई मर गई ! छोड़ कुत्ते छोड़ ! मुझे मत चोद !” लेकिन राजू ने जोर से लंड उसमें पूरा ठोंक दिया और अपने लंड को तेजी से उसकी गांड में आगे पीछे करने लग रहा था।

थोड़ा चिल्लाने के बाद सीमा सिसकारी लेती हुई गांड मरवाने लगी । सीमा की सिस्कारियाँ निकल रही थीं। मौसी ने राजू से कहा तू अब लंड निकाल और इसकी गांड वाला लंड इसके मुँह में डाल। सीमा के मुँह पर ले जाकर राजू ने अपना लंड रख दिया लेकिन सीमा मुँह नहीं खोल रही थी। मौसी ने पिंटू के मुँह से सिगरेट ले कर सीमा की गांड में छुला दी बोली,”कुतिया तेरी जैसे हजारों मैंने रंडी बना दीं और तू हिरोइन बन रही? चुपचाप लंड चूस ! वरना तेजाब से मुँह और जला दूँगी !”

सीमा के चीखने की आवाज़ नीचे गली तक गई होगी। उसने मुँह खोल के राजू का लंड मुँह में ले लिया और चूसने लगी। इस बीच मौसी ने पिंटू को सीमा की गांड मारने का आदेश दे दिया। पिंटू एक वफादर कुत्ते की तरह सीमा की गांड मारने लगा।

सीमा की गांड का ठुकना जारी था तभी एक अफ्रीकन हब्शी कमरे में आया। मौसी ने हब्शी को अपनी बाँहों में ले लिया और बोली,” राजा मेरे कोबरा ! आज तू इस कुतिया सीमा को बजा ! साली रंडी मेरा कहना नहीं मानती।”

मेरी तरफ देखकर मौसी मुझसे बोली,” कुतिया, जरा मेरे कोबरा का लौड़ा चूस !”

हब्शी का नाम कोबरा था। उसने अपनी पैन्ट उतार दी। नीचे कुछ पहन नहीं रखा था। उसका ठंडा लौड़ा भी ६ इंच लम्बा होगा पूरा काला लंड था। मैं मौसी का भयानक रूप देखकर बहुत डरी हुई थी। मैंने झुककर कोबरा का लौड़ा अपने मुँह में डाल लिया और उसे आगे पीछे मुँह कर के चूसने लगी। थोड़ी देर में ही लंड ने बड़ा विकराल रूप ले लिया वो बहुत लम्बा हो गया था और ४ इंच से जयादा मोटा हो रहा था। मेरा मुँह लंड से बुरी तरह भर गया था। लंड १० इंच से ऊपर लम्बा हो रहा था। पूरा मेरे मुँह में नहीं आ रहा था। कोबरा मेरे चूतड़ दबा रहा था। मुझसे बोला- ऊपर ऊपर चूस तू कुतिया बहुत चिकनी है, तेरा माल बिलकुल ताजा है। कोबरा का लंड ११ इंच लम्बा और ५ इंच मोटा होगा। मैं यह सोच कर काँप रही थी कि अगर इस हब्शी का लंड मेरी चूत में घुस गया तो मैं तो मर ही जाउंगी ।

मौसी ने कोबरा को बुला लिया और बोली इस सीमा की चूत और गांड बजा ! साली को बताती हूँ रंडी क्या होती है। मौसी ने पिंटू को हटा दिया और सीमा को सीधा खड़ा कर दिया। सीमा की आँखों के आगे हब्शी का प्रचंड लंड लहरा रहा था।

मौसी मुस्कराते हुए बोली,”घुसवाने के लिए तैयार हो जा ! पूरे २० दिन में तूने २०००० भी कमा के नहीं दिए। सोच रही होगी २-३ दिन में दूसरे कोठे पर भाग जायेगी। कुतिया मौसी के कोठे पर धंधा न करने और ग्राहकों को तंग करने का मज़ा चखाती हूँ।”

सीमा मौसी के पैरों पर गिर गई,” मौसी मुझे माफ़ करो, मुझे छोड़ दो ! जैसा तुम कहोगी वैसा करूंगी।”

मौसी कुटिलता से मुस्करा रही थी। हब्शी ने पीछे आकर सीमा की चूत में लौड़ा लगा दिया और एक झटके में लौड़ा ३-४ इंच घुसा दिया। सीमा जोर से चिल्ला उठी- उई मर गई… मर गई… मर गई।

लेकिन हब्शी और मौसी मुस्करा रहे थे। हब्शी ने जोर से झटका मारा और लंड ८-९ इंच अंदर पेल दिया सीमा के चीखने की आवाजें तेज हो गई, वो चिल्ला रही थी,” मर गई, मर गई, उई मत चोदो राजा ! लौड़ा निकालो ! फट गई फट गई उई उई !!!! बहुत दर्द हो रहा है छोड़ो ! मुझे छोड़ो! मुझे मत चोदो मर गई मर गई बहुत दर्द हो रहा है।”

मौसी ने मेरे चूतड़ों पर हाथ मारा और बोली,”साली की जब गांड फटेगी तब देखियो कैसे रोती है अभी तो चुद रही है तब इतना चिल्ला रही है !”

हब्शी ने कस कर सीमा की कमर पकड़ रखी थी और उसको बुरी तरह से ठोंके जा रहा था। मौसी बोली,”कोबरा, कुतिया की गांड़ मार ! आज इस हरामिन की चूत और गांड दोनों का भोंसड़ा करवा के ही छोडूंगी।”

हब्शी ने लंड बाहर खींच लिया और उसकी गांड पर लंड रख दिया सीमा चिल्ला उठी- नहीं मौसी ! मुझे छोड़ दो नहीं… नहीं। लेकिन रंडी कब तक खैर मनाएगी और आज साली का दिन ख़राब था। हब्शी ने ३ इंच लंड उसकी गांड में घुसा दिया और उसकी चूचियाँ कस कस कर मसल दीं। कोबरा पूरा गरम हो रहा था उसने गांड पर कस कर झटका मारा और अपना लंड और अंदर उसकी गांड में घुसा दिया। सीमा चिल्ला रही थी, अभी कोबरा अपना आधा लंड अंदर डाल कर ही सीमा की गांड मार रहा था। सीमा की दर्द भरी आवाज़ कमरे में गूँज रही थी। मुझे पता चल गया था कि औरत के लिए रंडी सबसे बड़ी गाली क्यों होती है.. मुझे सीमा पर दया आ रही थी लेकिन डर के मारे मैं कुछ नहीं कह पा रही थी।

कुछ देर बाद मौसी ने हब्शी से कहा,”अब इसे छोड़ दे ! अब ये कभी ग्राहक से बद्तमीजी नहीं करेगी।”

सीमा दर्द से जमीन पर लेट गई। मौसी पिंटू से बोली,”साली को बाहर खटिया पर डाल दे और हकीम को बुलाकर इसकी गांड पर लेप लगवा दियो ! कुतिया साली हिरोइन बन रही थी।”

हब्शी का लंड लोहे की रॉड की तरह ११ इंच लम्बा खड़ा हुआ था। मौसी हब्शी से बोली- थोड़ा हमारी इस नई कुतिया की चूत और गांड पर अपना लंड फिरा दे। मैं डर गई मैं बोली,”नहीं मौसी नहीं ! मेरी चूत में इस राक्षस का लंड मत डलवाओ ! मैं मर जाउंगी !”

मौसी मेरे चूतड़ों पर हाथ फेरती हुई बोली,”तुझे मरने थोड़ी दूँगी ! तू तो दूध देने वाली गाय है, अभी तो तुझे चुदने के लिए भी बैठाना है ! चल जरा झुक तो, बड़ा मजा आएगा !”

मैं डर के मारे झुक नहीं पा रही थी। मौसी ने वहां पड़ी एक लकड़ी उठाई और जोरों से मेरे चुत्तड़ों पर मारी और गुर्राकर बोली,”कुतिया घोड़ी बनती है या नहीं?”

हब्शी मुस्करा रहा था। मैं मौसी के डर से झुक गई। मेरा बदन पूरा पसीने पसीने हो रहा था। हब्शी ने पीछे से आकर मेरी चूचियाँ अपने हाथों मैं पकड़ लीं और धीरे धीरे मसलने लगा। उसका मोटा लंड मेरी चूत पर फिर रहा था। उसने आधा इंच लंड का सुपाड़ा मेरी चूत में घुसा दिया। मेरी आँखों के आगे तारे घूम गए। मैं जोर से चिल्ला उठी,”उई उई…. उई मर गई…. मर गई…..”

मौसी ने हब्शी को उठा दिया और बोली- साली की फट गई तो रेट अच्छे नहीं मिलेंगे ! तू ऐसा कर, इसकी गांड पर लंड फिरा। हब्शी अपने हाथ से लंड पकड़ कर मेरी गांड में फिराने लगा अचानक से मेरी गांड में कुछ घुसा, मैं जोर से चिल्ला उठी- उई मेरी फट गई। सब लोग जोरों से हंस पड़े, मौसी बोली,”कुतिया चल उठ !”

मैंने उठकर देखा तो मौसी एक पतली मोमबत्ती लिए खड़ी थीं जिसे उन्होंने मेरी गांड में डाल दिया था। मौसी बोली,”अब असली धंधे के लिए तैयार हो जा रंडी। तुझे मैं खास ग्राहकों से चुदवाऊँगी ! अगर नखरे किये तो हब्शी का लंड सीमा की तरह तेरी गांड और चूत में घुसेगा !”

मैं समझ गई कि मौसी ने यह नाटक इसलिए किया था ताकि मैं अब चुदते समय नखरे न करुँ।

मौसी बोली- कोबरा मेरे राजा ! थोड़ा मुझे चोद दे ! अब तो बस तेरे लौड़े से ही चुदवाने में मजा आता है। मौसी पलंग पर लेट गई और अपनी दोनों टाँगें फ़ैला दीं। मौसी की चूत अंदर तक खुली दिख रही थी। हब्शी ने आगे बढ़कर अपना लौड़ा मौसी की चूत में पेल दिया और मौसी को चोदना शरू कर दिया। कोबरा का लंड इतना तगड़ा था कि मौसी भी हलके हलके सिसकारी ले रही थीं और चिल्ला रही थी,” राजा मजा आ गया ! और चोद जोरों से चोद मेरे शेर ! तेरे से ही चुदने में मजा आता है अब ! चोद ! मादर चोद चोद ! बहुत मजा आ रहा है।”

मैं और मोनी मौसी की साइड में लेटकर मौसी के बूब्स दबा रहे थे। कोबरा १५ मिनट तक मौसी की चूत चोदता रहा। मौसी बोली,”राजा, अपने लंड का रस मेरे मुँह में पिलायियो ! क्या मस्त लौड़ा है तेरा कुत्ते !”

हब्शी मौसी को जोर जोर से धक्के मार रहा था कुछ देर बाद हब्शी ने अपना लौड़ा निकाल लिया और मौसी के मुँह पर जाकर दो झटके मारे, मौसी ने पूरा मुँह खोल दिया, हब्शी के गाढ़े वीर्य ने मौसी के मुँह को पूरा भर दिया। मौसी ने इशारे से कोबरा को मेरे और मोनी के मुँह में भी लंड रस डालने को कहा।

हम दोनों मौसी की कुतिया थी ही। मैंने और मोनी ने अपने मुँह खोल दिए। कोबरा ने मेरे और मोनी के मुँह भी अपने वीर्य से भर दिए। मौसी लपालप उसका पूरा रस पी गई। मैंने और मोनी ने लंड रस मिल्क शेक की तरह मुँह में ले लिया। मुझे हब्शी के लौड़े का रस बहुत स्वादिष्ट लगा। इसके बाद मौसी ने अपने चेहरे पर गिरा हुआ रस भी हम दोनों से चटवाया।

मौसी उठी और हब्शी को गले से लगा कर बोली- राजा तूने मस्त कर दिया ! और उन्होंने अपने पलंग के नीचे से निकाल कर १००० रु हब्शी को पकड़ा दिए और बोली- ले राजा तेरा इनाम !

हब्शी बोला- मौसी गांड तो नहीं मरवानी?

तो मौसी बोली,”कुत्ते, मौसी से मजाक मत करा कर ! वर्ना साले चरस जेब में डाले घूमता रहता है, अभी जेल में डलवा दूँगी !”

कोबरा मौसी के पैरों में गिर पड़ा और बोला,”मौसी मुझे माफ़ करना, तू तो मेरी माँ जैसी है।”

मौसी कुटिल मुस्कराहट से बोली,”मादरचोद ! अब तू चुपचाप यहाँ से चला जा !”

थोड़ी देर बाद राजू अंदर आया और बोला- मौसी मोंटी साहब आ गए हैं, ऊपर कमरे में बैठे हैं।

मौसी बोली,”चल अब चुदने को तैयार हो जा ! अभी १२ बजने को हैं अब पूरी रात चुदवाईयो। बहुत अच्छी चूत बजाते हैं मोंटी साहब।”

मौसी ने एक ट्यूब निकल कर मेरी चूत में डालकर पिचका दी और बोली,”चल उलटी हो एक तेरी गांड में पिचका देती हूँ, चुदने में दर्द कम होगा।”

मौसी ने मुझे उल्टा किया और दूसरी ट्यूब मेरी गांड के अंदर डालकर पिचका दी और अपनी उँगलियों से मेरे दोनों छेदों की मालिश कर दी। मुझे और मोनी को एक एक पतली मैक्सी पहना दीं और बोली,”चलो अब अपने सेठों के पास जैसा मैंने बताया है वैसा करोगी तो मज़े करोगी नहीं तो दोनों के चूतड़ मार मार कर लाल कर दूँगी और हब्शी का लंड तुम दोनों की गांड और चूत में डलवाऊँगी !”

साथियों ! मौसी ने मुझे कोठे की रंडी बना दिया। अब इस सीरीज़ की आखरी कहानी,” चुद गई कुतिया कोठे पर” में शीघ्र ही पढ़िये कि आपकी प्यारी कुतिया की कैसे मौसी ने चूत और गांड फ़डवा कर भोसड़ी बना दी।

हालांकि यह कहानी काल्पनिक है पर मुझे यकीन है आपको जरुर पसंद आई होगी। आपको यह कहानी कैसी लगी मेल करें।

आपकी उषा मस्तानी

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