मेरी गर्लफ़्रेंड ने मेरा लंड बेच दिया

(Meri Girl-Friend Ne Mera Lund Bech Diya)

Sidiskid1107 2016-11-27 Comments

नमस्ते दोस्तो.. मेरा नाम रिक्की है, मैं फरीदाबाद का रहने वाला हूँ।
मैं अन्तर्वासना का नियमित पाठक हूँ। आज मैं अपनी पहली कहानी लिख रहा हूँ एवं इस मौके को देने के लिए मैं अन्तर्वासना का धन्यवाद करता हूँ।
यह कहानी बताएगी कि कैसे मेरी गर्लफ्रैंड कल्पना ने मुझे जिगोलो बनाया।

यह कहानी आज से चार साल पुरानी है.. जब मैं 23 साल का था। मैं और मेरी गर्लफ्रेण्ड एक दूसरे से बहुत प्यार करते थे। हमारे बीच सेक्स भी नियमित रूप से हर रोज़ होता था।

मेरे साथ सेक्स करके वह बहुत खुश और उत्तेजित रहती थी। उसके बड़े उरोजों को मसलना और उसकी कोमल सी चूत में अपना मोटा लिंग डालना हम दोनों को बहुत पसंद था।

एक दिन उसने मुझसे गोवा में पांच सितारा होटल में घूमने की मांग की.. जो मैं पैसों की कमी के चलते पूरा नहीं कर पाया, जिसकी वजह से हमारे बीच दूरियां बढ़ने लगीं लेकिन प्यार और आदत के चलते हम अलग भी नहीं हो सके।

अय्याशी वाली ज़िंदगी के लिए कल्पना ने एक तरकीब बनाई। एक रात उसने बहाने से मुझे अपने घर बुलाया और वहाँ से मुझे वह एक सहेली के घर ले गई।
उसकी सहेली का नाम सलोनी था। वो बहुत अमीर थी.. उसका घर नहीं महल था। क्या गज़ब का शरीर पाया था उसने। उसकी उम्र 32 के आस-पास थी।

वह उस घर में उस दिन अकेली थी, उसने हमारा स्वागत बड़े प्यार से और लज़ीज खाने से किया।
खाना खत्म करने तक मैं और सलोनी भी काफी खुल चुके थे। तभी कल्पना ने फोन उठाया और बाहर चली गई।

कुछ देर बाद वह अन्दर आई और मेरी गाड़ी की चाबी मांगी और कहा- मेरी माँ ने कुछ काम के लिए बुलाया है.. मैं काम करके जल्दी वापस आकर तुम्हें भी ले जाऊँगी।

वो चली गई और अब मैं और सलोनी घर में अकेले थे, हम दोनों बातें करने लगे..
सलोनी अब पूरी तरह खुल चुकी थी।
बातों ही बातों में उसने मुझे रात को वहीं रुकने को कहा।

मैंने मना किया और जब ये कहा कि कल्पना आती होगी.. तब उसने कल्पना की योजना मुझे बताई- वो नहीं आएगी.. उसने ही तुमको मेरे साथ रात गुज़ारने के लिए पूरे 15000 रूपए लिए हैं।

मैं हैरान रह गया और मन में गुस्सा भी बहुत हुआ।
इसी गुस्से में कल्पना को कॉल किया और बहुत लड़ाई की। उसने मुझे प्यार से अपनी अपने प्यार की कसम दी, उसने मुझे समझाया- पैसों और हमारे प्यार के लिए यह जरूरी है।

मैं उदास होकर चुपचाप वहीं सोफे पर बैठा रहा।
सलोनी मेरे करीब आई और मेरे बालों में हाथ फेरने लगी और कहने लगी- यार मैं अपने पति से खुश नहीं हूँ और मुझे तुमसे जिस्मानी प्यार चाहिए, उसी वजह से मैंने कल्पना से मदद ली।

मेरे मन में झंझावात चल रहा था कि कल्पना ने पैसौं के लिए मुझे सलोनी के पास बेचा।
मैं कुछ सोचता या बोल पाता, उससे पहले सलोनी खड़ी हुई और उसने अपने सारे कपड़े उतार दिए।
वो सिर्फ एक जरा सी पैंटी में मेरे सामने खड़ी हो गई।

मेरी आँखें चुंधिया गईं… क्या शरीर था पठ्ठी का.. बिल्कुल एक मॉडल की तरह।

आखिर मैं भी मर्द हूँ.. और ऐसे बड़े-बड़े सख्त तने हुए उरोज.. और मक्खन जैसा कामुक बदन देख कर मैं अपना सारा गुस्सा भूल गया और मेरा लंड खड़ा होने लगा।
मैंने चुस्त जीन्स पहनी हुई थी.. इसलिए मेरा लंड दबने लगा।

मेरी ये हालत देख कर वह हँसने लगी, उसने अपना हाथ मेरी जीन्स पर लौड़े के उभार पर रखा और ऊपर से लंड दबाने लगी, फिर मेरी बेल्ट उतार कर मेरे गले में बांध मुझे अपना कुत्ता बना लिया।

मैं भी अब अपना गुस्सा भूल कर उसका गुलाम बनने लगा। उसने मुझे नंगा होने को कहा और मैं तुरंत नंगा हो गया।

मेरा कड़क लंड बाहर आ गया जिसे कुछ देर प्यार से घूरा.. फिर प्यासी रण्डी की तरह उसने अपनी मुट्ठी में मेरे लंड को दबोच लिया और फिर मुझे लंड से ही पकड़ कर अपने कमरे में ले गई।

मैं उसकी गुलामी करने लगा।
अन्दर जाकर उसने एक सिगरेट जलाई और कश लेते हुए वह नीचे बैठ गई और लंड चूसने लगी।

क्या कहूँ कितना मज़ा था उसके लंड चूसने में… बार-बार लौड़ा चूसना और फिर सिगरेट के कश से मेरे लौड़े के रस का मजे से स्वाद लेना.. सच में वो बहुत ही कामुक था।
अब मैं कल्पना को भूल कर सलोनी का गुलाम हो चुका था।

हम दोनों बिस्तर पर 69 की पाजीशन में आ गए, मैं उसकी फुद्दी चाटने लगा।
क्या मस्त स्वाद था.. क्या गज़ब खुशबू थी।

नीचे वो मेरा लंड निगल रही थी.. इधर मैं बेकाबू सा उसकी चूत को जीभ से चोद रहा था। उसकी मदमस्त सी सिसकारियाँ मुझे पागल कर रही थीं।

कुछ देर बाद वो मेरे ऊपर आ गई और मेरे गले में बंधी बेल्ट से मुझे खींचने लगी और अपने बड़े-बड़े मम्मे चुसवाने लगी।
मैं भी पागलों की तरह चाटते-चूसते हुए उसकी मुस्समियों को नोंच सा रहा था।

अब दोनों तरफ बराबर आग लग चुकी थी। उसने देर ना करके हुए एक ही झटके में पूरा लंड अन्दर ले लिया जिससे हम दोनों की ही दर्द भरी चीख निकल पड़ी।

उसके बाद जैसे जन्नत की सैर शुरू हुई और मस्त चुदाई वाले झटके शुरू हुए। मैंने लगातार कई मिनट तक रगड़ कर उसकी चुदाई की।
मैंने अपना सारा रस उसके मुँह में डाला.. जिसे उसने अमृत समझ कर पी लिया।

ऐसे ही पूरी रात में मैंने उसे 5 बार चोदा।

इस प्रकार मेरी कल्पना ने मुझे जिगोलो बनाया और हम दोनों ने अपना गोवा का ट्रिप बनाया और भी कई जगह गए।

फिर कल्पना की शादी जबरदस्ती कहीं और हो गई, मैंने अपना शहर बदल लिया लेकिन पैसों की लत के चलते मैंने फरीदाबाद आकर फिर से कॉल-ब्वाय का काम चालू कर दिया।

मैं अब तक दिल्ली और फरीदाबाद की कई हाई सोसाइटी की भाभी, आंटी और लड़कियों को खुशी दे चुका हूँ। इनके सेक्सी और मज़ेदार किस्से अगले भाग में जरूर डालूँगा। तब तक के लिए नमस्ते सभी भाभी, आंटी और लड़कियों को मेरे प्यारे लंड का चुम्मा।
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