ये चूत मांगे मोर- 2

(Nude Wife Hot Story)

सनी वर्मा 2023-05-13 Comments

न्यूड वाइफ हॉट स्टोरी में पढ़ें कि जब पति अपनी दुल्हन की यौन पिपासा को शांत करने में असफल रहा तो उसने एक मसाज बॉय को बुलाया जो उसकी पत्नी को खुश कर सकता था.

कहानी के पहले भाग
नपुंसक पति की सुहागरात
में आपने पढ़ा कि विजय अमीर माँ बाप का बेटा है पर वो नपुंसक है. उसकी शादी एक मध्यम वर्गीय परिवार की सुंदर सेक्सी लड़की से हो गयी.
नवविवाहित युगल हनीमून के लिए माल्दीव्ज़ के माले में आ गए.

विजय ने सारिका को कस कर चिपटा से कहा- वादा करो हम पूरी ज़िंदगी यूं ही प्यार करते रहेंगे।
सारिका ने शरारत से कहा- क्यों करूँ मैं झूठा वादा?
विजय चौंका.
तो सारिका बोली- जानू, मैं तुम्हें अगले सात जन्मों तक एसे ही प्यार करती रहूँगी!
पूल से बाहर आकर दोनों ने शावर लिया और फिर बेड पर आ गए।

अब आगे न्यूड वाइफ हॉट स्टोरी:

विजय ने सारिका की नजर बचाकर अपनी दवाई का एक हाई डोज़ लिया और फिर सारिका का बदन आहिस्ता-आहिस्ता नीचे से चूमना शुरू किया।

सारिका मछली की तरह तड़फती हुई मचलती रही।
उसका नशीला बदन अकड़ रहा था.

विजय ने उसे कस कर थमा और उसकी मचलती चूत में जीभ घुसा दी।
सारिका ने विजय के बाल कस कर पकड़ लिए और उसके सिर को अपनी चूत की ओर धकेला।

विजय और ऊपर खिसका और जीभ पूरी गहराई तक उतार दी और हाथ आगे बढ़ाकर सारिका के मांसल मम्मों को दबोच लिया।

सारिका ने भी अपनी उँगलियों से अपनी चूत की फाँकों को चौड़ा दिया जिससे विजय और गहराई तक उसे मजा दे।

अपनी जीभ से और थूक से विजय ने सारिका की चूत को पूरा भिगो दिया।
विजय ने कुछ थूक बाहर निकाल कर अपनी उँगलियों से चूत की फाँकों को मसलना शुरू किया और एक उंगली से सारिका की गांड में भी थूक लगाने की कोशिश की.
तो सारिका बोली- पीछे कुछ मत करो, लगेगी।

विजय ने अपना लंड टटोल कर देखा तो उसमें हल्का सा तनाव तो था पर ऐसा नहीं था जिससे वो अपने बलबूते सारिका की चूत में घुस जाये।

तो विजय ने फिर कोशिश करते हुए ऊपर सरकते हुए सारिका के मम्मे मुंह में ले लिए।
सारिका की चूत से पानी निकाल रहा था।

अब विजय ने सारिका के होंठ से होंठ मिला कर ऊपर नीचे सारिका के बदन पर फिसलना शुरू किया।
सारिका उसे अपने से चिपटाए हुए थी; उसके के लंबे नाखून विजय की पीठ पर गढ़ रहे थे।

तब सारिका ने अपने हाथों से विजय का लंड टटोला.
चूंकि उसके लिए ये पहला तजुर्बा था कि बिस्तर पर किसी मर्द के लंड को छूना तो उसे ये अहसास नहीं हुआ कि विजय का लंड छोटा है या पतला है।

विजय ने तुरंत पोजीशन बदली और 69 होकर अपनी जीभ सारिका की मखमली चूत में घुसा दी जो पहले ही पानी पानी हो रही थी।

उधर सारिका ने भी हिचकते हुए विजय का लंड अपने मुंह में लिया।

विजय की स्पीड के साथ सारिका की स्पीड भी बढ़ी तो विजय को लगा कि उसका तो छूटने वाला है।
वो तेजी से पलटा और सीधे होकर उसने अपना लंड पकड़कर सारिका की चूत में कर दिया।

सारिका कसमसाई और उसने विजय को कस के भींच लिया.
बस इतने में ही विजय का काम हो गया; उसका लंड एकदम से ढीला पड़ गया।

विजय ने खूब कोशिश की और दिखाने को धक्के मारे पर लंड तो आउट हुए खिलाड़ी की तरह मुंह लटकाकर बाहर आ गया।

सारिका कुछ नहीं समझी पर विजय ने उसे कस के चिपटा लिया।
‘सारा खेल इतनी जल्दी खत्म हो जाएगा?’ सारिका को कुछ समझ ना आया.

सारिका के सारे ख्वाब पानी में बह गए पर वो असमंजस में रही।

विजय के प्यार में कमी नहीं थी पर आखिरी में वो फेल हो गया।
सारिका ने सोचा कि शायद विजय का भी पहला मौका है तो वो एक्साइट होकर जल्दी झड़ गया है, फिर खड़ा हो जाएगा।

अभी रात के 11 बजे थे।
दोनों ने एसे ही कुछ कपड़े डाले और हाथों में हाथ डाले सिगरेट के छल्ले उड़ाते बाहर बीच पर आ गए।

वहाँ भी कई जोड़े चिपटे चिपटे चूमते चामते रेत पर पड़े थे।
विजय और सारिका भी उन्हीं के रंग में रंग गए।

अंधेरे का फायदा उठा कर विजय ने सारिका का टॉप उठाया और मम्मे मुंह में ले लिए।
सारिका ने भी मम्मे अपने हाथों से पकड़कर विजय के मुंह में ठूस दिये।

दोनों के होंठ अलग से आपस में भिड़े रहने को बेचैन थे।
विजय ने एक बियर मंगा ली।

रात को लगभग 1 बजे दोनों वापिस कॉटेज में आए।

सारिका दोबारा सेक्स चाह रही थी पर विजय का लंड ढीला पड़ा था।
अब सारिका को मायूसी हुई और शक भी हुआ।
उसने कसम देकर विजय से सारा माजरा पूछा।

पहले तो विजय टालमटोल करता रहा, फिर उसने सारिका को उसकी कसम याद दिलाते हुए कि वो उसे नहीं छोड़ेगी, सारी बात बता दी।

सारिका मुंह फाड़ के रो पड़ी।
उसने कहा कि विजय ने उसकी ज़िंदगी बर्बाद क्यों की।

विजय ने उसे समझाना चाहा कि उसका इलाज चल रहा है और डॉक्टर्स को विश्वास है कि वो ठीक हो जाएगा.
पर सारिका कुछ सुनने को तैयार नहीं थी, वो बस एक रट लगाए थी कि वापिस घर चलो।

उनकी फ्लाइट दो दिन बाद की थी।

विजय ने आखिरकार हथियार डाल दिये और कहा- अभी यहाँ तमाशा करने से कोई फायदा नहीं, दो दिन काट लो, फिर वापिस चलेंगे और जैसा तुम्हें अच्छा लगे वो करना।
सारिका ने भी सोचा कि परदेस में ड्रामा से क्या फायदा … वो रोते रोते मुंह पलटकर सो गयी।

दो दिन वो लोग आपस में कोई बात किए बिना साथ रहे।
बस खाना मांगा लेते, चुपचाप खा लेते।

विजय तो इतना डर गया था सारिका कि इस धमकी से कि अगर विजय ने सारिका को छुआ भी तो सारिका समुद्र में कूद जाएगी।

मुझे विजय ने सारी बात बताई।

दो दिन बाद दोनों वापिस घर आए।

वहाँ सारिका को मालूम पड़ा कि उसके दादाजी को दिल का दौरा पड़ा है और वो आईसीयू में हैं.
विजय के पिता ही उनका सारा इलाज़ करा रहे हैं।

अब वो पशोपश में थी कि क्या करे!
विजय की माता ने एकांत में उसके सिर पर हाथ फेरते हुए कहा- तू मेरी बेटी है, अभी शांत रह … तेरे साथ नाइंसाफी नहीं होगी।
सारिका उनके गले लगकर रो पड़ी।

अब उसके पास परिस्थितियों से समझौता करने के अलावा कोई रास्ता नहीं था।
इस बीच उसके दादा का स्वर्गवास हो गया। इतनी बड़ी दुनिया में अब सारिका बिलकुल अकेली थी।
उसे अब मरना या जीना इसी परिवार में था।

पर वो विजय का मुंह भी नहीं देखना चाहती थी।

विजय के माता पिता अपने गाँव आ गए सारिका को ये समझाकर कि दुनिया को दिखने के लिए वो विजय के साथ रहे, विजय उसके साथ कोई जबर्दस्ती नहीं करेगा।
फिर कुछ समय बाद तय करते हैं कि क्या करना है।

दो महीने एसे ही बीत गए।
सारिका भी विजय से क्या कहती।

विजय अपनी ओर से उसे खुश रखने की पूरी कोशिश करता था।

मैंने भी सारिका से कई बार फोन पर बात करके उसे वस्तुस्थिति से समझाया कि सिवाय शारीरिक सुख के उसे और क्या कमी है। अगर आज उसकी शादी नहीं हुई होती या वो वापिस चली जाती तो बिना दादा जी के वो कैसे रहती। और फिर अगर शादी के बाद किसी एक्सिडेंट में विजय को शारीरिक नुकसान हो जाता जिससे वो शारीरिक संबंध न बना पाता तो फिर सारिका क्या करती।

अब बातें सारिका के समझ में आ गईं और उसने परिस्थियों से समझौता कर विजय के साथ पत्नी की तरह रहना शुरू किया।

पर लाख प्रयासों के बाद भी सारिका की चूत प्यासी ही रह जाती जिसकी प्यास अब सारिका वाइब्रेटर से बुझाती।
कभी प्यास बुझ जाती, कभी ज्यादा भड़क जाती।

अब सारिका की चुदास बेकाबू हो रही थी।

मेरे कहने पर विजय ने तीन दिन का गोवा ट्रिप बनाया और अपने स्टे के दूसरे दिन एक कॉल बॉय मसाजर विशाल को सारिका की रजामंदी रिज़ॉर्ट में बुलाया।

सारिका भी समझ रही थी कि वो मसाजर क्या क्या कर सकता है.
तो उसने विजय को कह दिया कि मसाजर केवल उसकी मर्जी से ही आगे बढ़ेगा। वो जहां रोक देगी, वहीं रुक जाएगा।

विजय उसकी हर बात पर हाँ करता गया।

विशाल रात को तय समय के मुताबिक 8 बजे तक आ गया।
सारिका और विजय खाना खा चुके थे।

विशाल बांका लंबा और मजबूत कद काठी का था। चूंकि वो महंगे काल बॉय ग्रुप से आया था तो सलीकेदार और प्रोफेशनल था।
उसने पहले ही कह दिया था कि खाना हल्का ही खाएं।

विशाल ने सारिका को समझाया कि वो बिल्कुल आराम से मसाज करवाए। हालांकि वह हर सर्विस के लिए तैयार है पर वह हर हालत में सारिका के हुक्म का गुलाम होगा।
सारिका को भी विशाल अच्छा लगने लगा बातचीत में!

विजय ने बियर की तीन केन खोल ली थीं।
विशाल ने सारिका से कहा कि वो जब चाहे तब चेंज करके आ जाये, सिर्फ हल्की सी टी शर्ट और बरमुडा पहन लेगी तो मसाज में सुविधा होगी।

तब विशाल खुद भी कपड़े बदल कर सिर्फ शॉर्ट्स और टी शर्ट में आ गया।
नीचे कार्पेट के ऊपर ही उसने डिसपोसेबल शीट डाली और कमरे को महका कर अपनी तेल की शीशियाँ सजा लीं।
उसने दो बड़े टॉवल साइड में रखे।

सारिका उसके कहने पर नीचे पेट के बल लेट गयी।

विशाल ने अपना काम शुरू किया पैरों से होकर ऊपर कंधे तक वो तेल लगाकर मसाज करने लगा।

विजय चूतिया सा बना वहीं सोफ़े पर बैठ कर बियर पीते हुए तमाशा देखने लगा।

विशाल ने उसे अलग से समझा दिया था कि जब सारिका कसमसाने लगे तो विजय को दूसरे कमरे में जाना होगा.
हालांकि विजय इसके लिए तैयार नहीं था.
तो विशाल बोला- मुझे कोई दिक्कत नहीं होगी. पर मैडम को अच्छा नहीं लगेगा वो खुद ही आपसे जाने को कहेंगी।

दस मिनट में ही सारिका पूरी तरह कम्फर्टेबल फील करने लगी तो विशाल ने उसका टॉप काफी ऊपर कर दिया ताकि कमर पर मालिश अच्छे से हो सके. और नीचे बरमूडा भी हिप्स के ऊपर कर दिया।

सारिका चुप पड़ी रही।

विशाल ने सारिका की गर्दन और कंधों पर मसाज की तो टॉप आड़े आने लगा। विशाल बार बार उसे ऊपर नीचे करता तो उसने धीरे से सारिका के कान में कहा- अगर आपको एतराज न हो तो टॉप उतार दें?
सारिका ने इधर उधर देखा तो विजय नजर आया।
उसने बड़ी बेरुखी से विजय से कहा- तुम रूम में जाकर टी वी देख लो प्लीज़!
विजय चुपचाप चला गया।
विशाल ने कमरे की लाइट बहुत धीमी कर दी।

इधर सारिका ने अपना टॉप और बरमूडा दोनों उतार दिये और टॉवल लपेट कर वापिस पेट के बल लेट गयी।

विशाल ने हल्का सा म्यूजिक चला दिया और वापिस मालिश करने लगा।
उसने पास रखा दूसरा टॉवल उठाया और तह करके सारिका के हिप्स पर रख दिया और बंधा टॉवल खोल दिया।

अब सारिका हिप्स पर पड़े टॉवल के नीचे पूरी नंगी थी।

विशाल के हाथ तेजी से मचल रहे थे।
उसने पीठ से हाथ बगल में फिसलाकर उसकी गोलाइयों को छूने का भी प्रयास किया पर सारिका ने स्पेस नहीं दिया तो वो नीचे हिप्स पर आ गया और उसने धीरे से टॉवल हटा दिया।

सारिका हल्की सी कसमसाई पर फिर चुप पड़ी रही।

उसके हिप्स और दरार में तेल लगाकर विशाल ने नीचे हाथ घुमाना शुरू किया जो उसकी मखमली चूत की फाँकों तक पहुँच रहा था।

विशाल ने उसके घुटने मोड़े और तेल लगाते हुए दोनों टांगें चौड़ा दीं।
अब सारिका की चूत की फाँकें दिख रही थीं।

अनुभवी विशाल को अच्छे से मालूम था कि औरत कैसे गर्म होगी तो वो अपने हिसाब से सारिका को गर्म कर रहा था।

अब वो वापिस ऊपर आया और सारिका से फुसफुसाकर बोला- आप पलट जाइए ताकि आगे भी मसाज हो सके।

सारिका ने एक पल तो सोचा पर फिर वो आहिस्ता से करवट लेते हुए पलट गयी।
उसने अपने हाथों से अपनी गोलाइयाँ ढक लीं क्योंकि वैसे तो वो निपट नंगी पराए मर्द के सामने पड़ी थी।

विशाल निर्विकार भाव से उसके पेट पर तेल लगाते हुए ऊपर हाथ करने लगा।
उसने बिना सारिका से कुछ पूछे अपने हाथों से उसका हाथ आहिस्ता से गोलाइयों से हटा कर बाजू में कर दिये और मम्मों को भी सहलाने लगा।

सारिका कसमसाने लगी। सारिका ने हाथ आगे बढ़ाकर विशाल का सिर नीचे किया और उसे चूमते हुए बोली कि तुम अपना काम अच्छे से कर रहे हो।

अब विशाल के सामने खुला मैदान था।
उसने उसकी मांसल गोलाइयों को मसल मसल कर निप्पल तीर से तान दिये।

अब विशाल ने हाथ में ढेर सारा तेल लिया और सारिका की चूत के ऊपर डाल दिया।
विशाल के हाथ मछली की तरह सारिका की जन्नत की गुफा पर मचलने लगे।

सारिका अब कसमसाने लगी।

विशाल ने अपनी उँगलियाँ उसकी फाँकों के अंदर घुसा दीं और अंदर बाहर करने लगा। विशाल अब सारिका की टांगों के ऊपर बैठ कर ऊपर से नीचे अपने हाथ फिराने लगा।
सारिका छटपटा रही थी; उसके हाथ की मुट्ठियाँ भिच रहीं थीं।
शायद उसे विशाल के लंड की तलाश थी।

प्रिय पाठको, आपको इस न्यूड वाइफ हॉट स्टोरी में रूचि बनी होगी.
अगला भाग और वासनामय होगा.
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न्यूड वाइफ हॉट स्टोरी का अगला भाग: ये चूत मांगे मोर- 3

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