आंटी गुलबदन और सेक्स (प्रेम) के सात सबक

हमारा समाज प्रकृति के इस अनूठे उपहार, जिसे हम आम भाषा में सेक्स कहते हैं, को सदैव घृणा की दृष्टि से क्यों देखता है.सेक्स की भ्रांतियों और मिथकों को खोलती यह सुंदर रचना.

आंटी गुलबदन और सेक्स (प्रेम) के सात सबक-5

प्रेम गुरु की कलम से 7. गुदा-मैथुन (गांडबाज़ी) मैंने अपने साथ पढ़ने वाले लड़कों से सुना भी था और मस्तराम की कहानियों में भी गांडबाजी के बारे में पढ़ा था। पर मुझे विश्वास ही नहीं होता था कि ऐसा सचमुच में होता होगा। आंटी ने जब सातवें सबक के बारे में बताया कि यह गुदा-मैथुन […]

आंटी गुलबदन और सेक्स (प्रेम) के सात सबक-4

On 2010-02-18 Category: गुरु घण्टाल Tags:

प्रेम गुरु की कलम से 6. सम्भोग (प्रेम मिलन) काम विज्ञान के अनुसार सम्भोग का अर्थ होता है समान रूप से भोग अर्थात स्त्री और पुरुष दोनों सक्रिय होकर सामान रूप से एक दूसरे का भोग करें। नियमित रूप से सुखद सम्भोग करने से बुढ़ापा जल्दी नहीं आता और स्त्रियों में रजोनिवृति देरी से होती […]

आंटी गुलबदन और सेक्स (प्रेम) के सात सबक-3

प्रेम गुरु की कलम से 5. प्रेम अंगों को चूमना और चूसना आंटी ने पहले ही बता दिया था कि प्रेम (सेक्स) में कुछ भी गन्दा नहीं होता। मानव शरीर के सारे अंग जब परमात्मा ने ही बनाए हैं तो इनमें कोई गन्दा कैसे हो सकता है। मेरे प्यारे पाठको और पाठिकाओं, अब मुनिया और […]

आंटी गुलबदन और सेक्स (प्रेम) के सात सबक-2

On 2010-02-16 Category: गुरु घण्टाल Tags:

प्रेम गुरु की कलम से 3. उरोजों को मसलना और चूसना शाम के कोई चार बजे होंगे। आज मैंने सफ़ेद पेंट और पूरी बाजू वाली टी-शर्ट पहनी थी। आंटी ने भी काली जीन पेंट और खुला टॉप पहना था। आज तीसरा सबक था। आज तो बस अमृत कलशों का मज़ा लूटना था। ओह… जैसे दो […]

आंटी गुलबदन और सेक्स (प्रेम) के सात सबक-1

On 2010-02-15 Category: गुरु घण्टाल Tags:

प्रेम गुरु की कलम से जब भी कामांगों और सेक्स (लंड, चूत और चुदाई) का नाम जबान पर आता है तो पता नहीं ये तथाकथित समाज और धर्म के ठेकेदार क्यों अपनी नाक भोंहें सिकोड़ने लगते हैं और व्यर्थ ही हंगामा मचाने लग जाते हैं। मैं एक बात पूछना चाहता हूँ कि क्या इन्होंने कभी […]

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