चूचियाँ कलमी आम

मेरी मूछों के बाल बस अभी अभी आना शुरू हुए थे. जब मैं छत पर कसरत करता तो दो आंखें मेरे बदन पर चुभती थीं. जानने पर पता चला कि वह मेरी ताई की गौरी थी जो हेमा मालिनी की फैन थी. मेरे लिए वही ड्रीम गर्ल बन गई.

चूचियाँ कलमी आम-3

अब मुझे भी अहसास हो गया था कि अब यह चुदने को पूरी तरह तैयार है जो उसके मेरे सीढ़ी चढ़ने पर कहे शब्दों से और सिद्ध हो गया- बाबू, चल तो रही हूँ। कहीं कमर में झटका न आ जाए नही तो क़लमी आम तो क्या संतरे की फांक भी नहीं मिलेगी, मैंने उसे […]

चूचियाँ कलमी आम-2

मैं- सब्ज़ी का तो काकी कुछ बोली नहीं…हाँ, कलमी आम चूसे बहुत दिन हो गए? गौरी- लेकिन मेरे पास तो सब्जियाँ हैं, पहले कहते तो मंडी से ला देती। अच्छा ज़रा टोकरी तो सर पर रखवा दे। बड़े अनमने भाव से बोली- आज तो कुछ ग्राहकी भी नहीं थी। मैंने सोचा कि यह तो गई, […]

चूचियाँ कलमी आम-1

आपके ढेरों ईमेल इस बात के परिचायक हैं कि आपको मेरा साझा अनुभव बहुत पसंद आया, इसके लिए आपको बहुत बहुत धन्यवाद। कई लोगों ने तो आँटी का फ़ोटो और मोबाईल नंबर तक मांग लिया लेकिन आपको तो मालूम ही है कि ऐसे सारे मामलों में राज़दारी बहुत ज़रूरी होती है। चलें छोड़ें… आपके लिए […]

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