देवर भाभी की चुदाई

मेरे घर के पास एक पति पत्नी जो रिश्ते में मेरी बुआ के लड़के और उनकी पत्नी यानि मेरे भाई और भाभी लगते हैं, रहते थे.

भाभी भी कॉमर्स ग्रेजुएट थीं तो वे मेरी पढ़ाई में हेल्प करती थी, इसलिए मेरा भी ज़्यादा समय उनके घर पर ही बीतता था, मैं वहीं यहाँ खाना ख़ाता और सो भी जाता। कोई इसे बुरा नहीं कहता था क्योंकि वे मेरे भाई भाभी थे।

उनके घर में एक कमरा सिर्फ़ मैं पढ़ने और सोने के लिए इस्तेमाल करता था।

भाभी बहुत ही खूबसूरत हैं। उस वक़्त उनकी उम्र 22 साल और मेरी 19 साल थी। उनके लिए मेरे दिल में कुछ गलत नहीं था, लेकिन एक घटना ने मेरा नज़र बदल दी, मैं जब उनकी चूचियाँ और गोल गोल चूतड़ देखता तो मेरे अन्दर बेचैनी होने लगती थी।

देवर भाभी की चुदाई-11

प्रेषक : नामालूम सम्पादक : जूजा जी इतनी देर चुदाई के बाद भाभी को पेशाब आ गया था। वो उठ कर गुसलखाने में गईं लेकिन दरवाज़ा खुला ही छोड़ दिया। इतना चुदवाने के बाद भाभी की शर्म बिल्कुल खत्म हो गई थी। गुसलखाने से ‘प्सस्सस्सस्स…’ की आवाज़ आने लगी। मैं समझ गया भाभी ने मूतना […]

देवर भाभी की चुदाई-10

प्रेषक : नामालूम सम्पादक : जूजा जी ‘छोड़ ना मुझे, खाना तो बनाने दे।’ भाभी झूटमूट का गुस्सा करते हुए बोलीं और साथ ही में अपने चूतड़ों को इस प्रकार पीछे की ओर उचकाया कि मेरा लौड़ा उनके चूतड़ों की दरार में अच्छी तरह समा गया और चूत को भी छूने लगा। भाभी की चूत […]

देवर भाभी की चुदाई-9

प्रेषक : नामालूम सम्पादक : जूजा जी भाभी अब बिल्कुल नंगी थी। चूतड़ उठाए उनके चौड़े नितंब और बीच में से मुँह खोले निमंत्रण देती, काली लम्बी झाँटों से भरी चूत बहुत ही सुन्दर लग रही थी। भारी-भारी चूतड़ों के बीच गुलाबी गाण्ड के छेद को देख कर तो मैंने निश्चय कर लिया कि एक […]

देवर भाभी की चुदाई-8

प्रेषक : नामालूम सम्पादक : जूजा जी ‘सच.. देख राजू, मोटे-तगड़े लंड की कीमत एक औरत ही जानती है। इसको मोटा-तगड़ा बनाए रखना। जब तक तेरी शादी नहीं होती मैं इसकी रोज़ मालिश कर दूँगी।’ ‘आप कितनी अच्छी हैं भाभी, वैसे भाभी इतने बड़े लंड को लवड़ा कहते हैं।’ ‘अच्छा बाबा, लवड़ा.. सुहागरात को बहुत […]

देवर भाभी की चुदाई-7

प्रेषक : नामालूम सम्पादक : जूजा जी थोड़ी देर में भाभी बाहर आईं तो उनके हाथ में वही सफेद कच्छी थी जो उन्होंने अभी-अभी पहनी हुई थी। भाभी फिर से वैसे ही बैठ कर अपनी कच्छी धोने लगी। लेकिन बैठते समय उन्होंने पेटीकोट ठीक से टांगों के बीच दबा लिया। यह सोच कर कि पेटीकोट […]

देवर भाभी की चुदाई-6

प्रेषक : नामालूम सम्पादक : जूजा जी ‘ओह हो.. बाबा, चूत और क्या।’ भाभी के मुँह से लंड और चूत जैसे शब्द सुन कर मेरा लंड फनफनाने लगा। अब तो मेरी हिम्मत और बढ़ गई। मैंने भाभी से कहा- भाभी इसी चूत की तो दुनिया इतनी दीवानी है। ‘अच्छा जी तो देवर जी भी इसके […]

देवर भाभी की चुदाई-5

प्रेषक : नामालूम सम्पादक : जूजा जी ‘तुम्हारी कसम मेरी जान… इतनी फूली हुई चूत को छोड़ कर तो मैं धन्य हो गया हूँ और फिर इसकी मालकिन चुदवाती भी तो कितने प्यार से है।’ ‘जब चोदने वाले का लंड इतना मोटा तगड़ा हो तो चुदवाने वाली तो प्यार से चुदवाएगी ही.. मैं तो आपके […]

देवर भाभी की चुदाई-4

प्रेषक : नामालूम सम्पादक : जूजा जी मैं साँस थामे इंतज़ार कर रहा था कि कब भाभी पैन्टी उतारें और मैं उनकी चूत के दर्शन करूँ। भाभी शीशे के सामने खड़ी हो कर अपने को निहार रही थीं, उनकी पीठ मेरी तरफ थी। अचानक भाभी ने अपनी ब्रा और फिर पैन्टी उतार कर वहीं ज़मीन […]

देवर भाभी की चुदाई-3

प्रेषक : नामालूम सम्पादक : जूजा जी ‘भाभी ऐसी क्या चीज़ है जो सिर्फ़ बीवी दे सकती है और आप नहीं दे सकती?’ मैंने बहुत अंजान बनते हुए पूछा। अब तो मेरा लंड फनफनाने लगा था। ‘मैं सब समझती हूँ… चालाक कहीं का..! तुझे सब मालूम है फिर भी अंजान बनता है।’ भाभी लजाते हुए […]

देवर भाभी की चुदाई-2

प्रेषक : नामालूम संपादक : जूजा जी भीड़ के कारण सिर्फ़ भाभी को ही रिज़र्वेशन मिला, ट्रेन में हम दोनों एक ही सीट पर थे। रात को भाभी के कहने पर मैंने अपनी टाँगें भाभी की तरफ और उन्होंने अपनी टाँगें मेरी तरफ कर लीं और इस प्रकार हम दोनों आसानी से लेट गए। रात […]

देवर भाभी की चुदाई-1

प्रेषक : नामालूम सम्पादक : जूजा जी मैं आप लोगों के लिए अपनी ज़िंदगी का और खूबसूरत लम्हा एक कहानी के माध्यम से साझा कर रहा हूँ। बात उस समय की है जब मैं ग्रेजुयेशन कर रहा था। मेरे घर के पास एक फैमिली रहती थी। पति और पत्नी, जो रिश्ते में मेरी बुआ के […]

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