एक दूनी दो

जब चूत मिल जाए तो उसके बाद लंड दूसरे छेद यानि कि गांड की फरमाइश भी कर बैठता है. उसी छेद के चक्कर में मुझे और क्या-क्या मिल गया, पढ़ें ‘इब तो बाड़ दे’ से आगे की देसी सेक्सी कहानी.

एक दूनी दो-2

On 2008-06-19 Category: गुरु घण्टाल Tags: गांड

मैंने अपने एक हाथ से उसके नितम्ब को चौड़ा किये रखा और दूसरे हाथ से अपने लण्ड को पकड़ कर गाण्ड के छेद पर लगाया और फिर से होले से धक्का लगाया।

एक दूनी दो-1

मास्टरनी की चुदाई के दौरान एक बार मैंने उसकी गाण्ड के छेद से भी छेड़खानी कर डाली थी तो उसने मुझे कहा था कि अभी मैं इस छेद को ना छेड़ूँ, बाद में वह मुझे इसका मज़ा भी देगी।

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