मेरी डार्लिंग सिस्टर

इस सेक्सी कहानी के सारे पात्रों के बारे में यह बताना जरूरी है कि सभी पात्र मनघडंत हैं और इन सभी पात्रों के आपसी सम्बन्ध एक दुर्घटना के कारण, संयोग वश बन गए हैं, ना कि वास्तविक हैं। कहानी में मुख्य पात्रों में आपस में कोई खूँ का रिश्ता नहीं है। इसके विषय में कहानी के पहले भाग में विस्तृत रूप से लिखा गया है।

मेरी डार्लिंग सिस्टर-16

On 2013-09-01 Category: रिश्तों में चुदाई Tags:

सुषमा के बदन से खेलने से मुझे बड़ा सुख मिल रहा था। मेरा लंड सरिया जैसा सख्त हो गया था और अब मुझे उसकी चूत खोदने का मेरा मतलब चोदने का मन होने लगा था। मैंने सुषमा को उठाया और उसको बेड के किनारे पर लेटा दिया और उसकी टाँगे अपने कंधे पर रख लीं, […]

मेरी डार्लिंग सिस्टर-15

दोनों हसीनाएँ मेरे हाथ के ऊपर अपना सर रख कर और अपनी एक-एक टाँगों को मेरी टाँगों के ऊपर रख कर लेट गईं और हम तीनों ही जल्दी ही गहरी नींद में सो गए। किसी के भी आने का अंदेशा भी नहीं था। मम्मी को आज ऑफिस नहीं जाना था और हम दोनों को एक […]

मेरी डार्लिंग सिस्टर-14

सोनिया ने एक हाथ से लंड सहलाया, दूसरे हाथ से मम्मी की चूत में उंगली डाल दी, उनको मजा आने लगा उसने भी अपनी चूत फैला दी ताकि सोनिया मजे से उसकी चूत सहलाती रहे।

मेरी डार्लिंग सिस्टर-13

On 2013-09-01 Category: रिश्तों में चुदाई Tags:

मेरे लौड़े को अब सेक्स ने इतना घेर लिया था कि धकाधक उसकी चूत को रगड़ने में जुट गया। करीब बीस मिनट उसको जबरदस्त तरीके से रगड़ कर जैसे ही झड़ने की हुआ, तभी सुमीना बोली- अबे… अंदर मत झड़ना अभी जरा रुक, मैं तुझको बताती हूँ कि क्या करना है?’ और इतना कह कर […]

मेरी डार्लिंग सिस्टर-11

मम्मी की चूत अपने ही रस से एकदम गीली थी मैंने चूत के होंठों को अपने होंठों से मिला दिया तो मम्मी का पूरा बदन कंपकंपा गया, बोली- ओह बेटे, और चूसो मेरी चूत को...

मेरी डार्लिंग सिस्टर-10

मम्मी की चूचियाँ मेरी बहन की चूचियों की अपेक्षा ज्यादा बड़ी थीं। जहाँ सोनू की चूचियाँ मेरे हाथों में पूरी तरह से फिट हो जाती थीं, वहीं मम्मी की स्तन थोड़े भारी और बड़े थे।

मेरी डार्लिंग सिस्टर-9

On 2013-09-01 Category: रिश्तों में चुदाई Tags:

(इस कहानी के सभी पात्रों के विषय में यह स्पष्ट कर देना आवश्यक है कि सभी पात्र काल्पनिक हैं और इन सभी पात्रों के आपसी रिश्ते एक दुर्घटना के कारण, संयोगवश बने हैं, न कि वास्तविक हैं। कहानी में मुख्य पात्रों में आपस में कोई रक्त सम्बन्ध नहीं है। इसके विषय में कहानी के प्रथम […]

मेरी डार्लिंग सिस्टर-8

On 2013-09-01 Category: रिश्तों में चुदाई Tags:

‘नहीं मुझे सारी कहानी विस्तार से बताओ और पूरी तरह से खुल कर बताओ कि कैसे तुमने अपनी बहन के साथ इतना बड़ा पाप किया। तुम्हें जब ऐसा करने में कोई शर्म नहीं आई तो फिर मुझे उस पाप की कहानी बताने में क्यों शर्म आ रही है?’ मेरे पास अब कोई रास्ता नहीं था। […]

मेरी डार्लिंग सिस्टर-7

मम्मी मुझे से लगातार पूछ रही थीं, “बताओ मुझे ! क्या तुम्हें ज़रा भी शर्म नहीं महसूस नहीं हुई या पाप का अहसास नहीं हुआ? अपनी बहन को चोदते हुए?” मैंने अपना सिर नीचे झुका लिया और कोई जवाब नहीं दिया। तब उनने मुझे अपने पास खींच लिया और मेरे चेहरे को कोमलता से अपने […]

मेरी डार्लिंग सिस्टर-6

On 2013-09-01 Category: रिश्तों में चुदाई Tags:

मैंने एक या दो कदम ही आगे बढ़ पाया था की मम्मी की फुसफुसाहट भरी आवाज़ सुनाई दी ‘कहाँ जा रहे हो तुम’?? ‘ओह मम्मी तुम जाग रही हो… मैं टायलेट जा रहा हूँ।’ ‘ठीक है, ज़रा इंतज़ार करो, मुझे भी वहीं जाना है।’ कहते हुए वो बेड से नीचे उतर गईं। जब वो खड़ी […]

मेरी डार्लिंग सिस्टर-5

मैं कमर के नीचे पूरी तरह नंगा था। मेरा लंड अब पानी छोड़ कर लटक गया था। मेरी बहन तेज़ी के साथ बिस्तर पर से उतर गई और अपनी स्कर्ट को उसने चूतड़ों पर चढ़ा लिया।

मेरी डार्लिंग सिस्टर-4

कमर के नीचे वो पूरी नंगी थी। उसकी गुलाबी चूत, उसकी भूरे रंग की गांड का छेद और उसके गुदाज चूतड़ मेरी आँखों के सामने खुले पड़े थे और मुझे अपनी ओर खींच रहे थे।

मेरी डार्लिंग सिस्टर-3

हम दोनों के बदन में आग लगी हुई थी और हम बेचैन थे, कब हम एक-दूसरे की बाँहो में खो जाएँ। इसलिए हमने दरवाजे को धक्का दे कर खोला और अपने बैग और किताबों को एक तरफ फेंक कर, जूतों को खोल कर सीधा एक-दूसरे की बाँहों में समा गए। दरवाज़ा हालाँकि हमने बंद कर […]

मेरी डार्लिंग सिस्टर-2

सोनिया बोली- तुम तो मेरी सहेली तनीषा को जानते ही हो, उसने अपने घर पर कल रात हुए एक बहुत ही उत्तेजक घटना के बारे में मुझे बताया, जिसके कारण मैं बहुत गर्म हो गई हूँ। नीचे से पूरी तरह से गीली हो गई हूँ और मेरी पेंटी मेरी चूत के पानी से भीग गई […]

मेरी डार्लिंग सिस्टर-1

तुम जब ऑटो में बैठ रही थीं तब तुमने मुझे अपनी पैंटी और जाँघें दिखा दीं। अब जबकि तुम मेरे बगल में बैठी हो, तुम्हारे बदन से निकलने वाली खुश्बू मुझे पागल कर रही है।

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