पूस की रात

मेरे घर पर एक 50 वर्षीय किरायेदार अंकल रहते थे. एक रात की बात है जब मैं सोने चली तो दीवार के पास सांप जैसा काला सा नाग जैसा कुछ देख कर मैं डर गया. पास जाकर देखा तो वो अंकल का लंड था. फिर मैंने क्या किया?

पूस की रात-3

On 2012-11-29 Category: पड़ोसी Tags:

भाभी- ठीक है अंकलजी, पर मेरी चूत के अन्दर आपका लिंग नहीं जाना चाहिए। अंकल- नहीं बेटी बिल्कुल अन्दर नहीं जायेगा, मैं पूरी सावधानी बरतूँगा। ऐसा बोल कर अंकल ने भाभी के चूत के दोनों गुलाब की पँखुरी जैसे ओठों को फैला कर अपने लिंग का सुपारा को रगड़ने लगे। अंकल भाभी के चूत के […]

पूस की रात-2

On 2012-11-28 Category: पड़ोसी Tags:

अंकल भाभी के चूत के दोनों गुलाब की पँखुरी जैसे ओठों को फैला कर अपने लिंग का सुपारा को रगड़ने लगे। अंकल भाभी के चूत के पूरी फाँक पर ऊपर से नीचे तक अपने सुपारे को रगड़ रहे थे।

पूस की रात-1

पूस की सर्द रात थी, कभी-कभी बाहर हाड़ को कंपा देने वाली बर्फीली हवाएँ पत्तों से टकरा कर रात की नीरवता को चीरती हुई डरावनी शोर उत्पन्न कर रही थी, यह शोर किसी बेबस की चीत्कार सी लग रही थी। यह भयावह शोर मेरे भीतर एक अनजानी सी सिहरन पैदा कर रहा था। रात का […]

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