रेलगाड़ी का मज़ेदार सफ़र

मैं राजधानी एक्सप्रेस में सफर कर रहा था. मेरे साथ ही एक सेक्सी सी लड़की भी सामने वाली बर्थ पर ही बैठी हुई थी. मैंने उससे बातें करना शुरू किया. मेरी नज़र उस सेक्सी लड़की के मोटे चूचों पर जा रही थी. क्या मैं उसकी चूत तक भी पहुंच पाया?

रेलगाड़ी का मज़ेदार सफ़र -2

मेरा लंड पूरी तरह उसकी गांड में चला गया और वो जोर से चिल्लाई तो वो बोलने लगी- मुझे यह नहीं करना, बस निकाल लो। मैंने उसे बहुत समझाया कि जो दर्द होना था वो हो गया, अब तो मजा आएगा बस थोड़ा सा और। और फिर मैं अपने लंड को धीरे धीरे अंदर-बाहर करने लगा।

रेलगाड़ी का मज़ेदार सफ़र -1

जब मैं उसकी चूचियों को देखता तो वो मुस्कुरा देती, इससे मेरा हौसला और बढ़ रहा था। मैंने फिर अपना पैर कम्बल के अंदर उसके पैर से धीरे से सटाया तो वो कुछ नहीं बोली और मुस्कुरा दी।

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