सर बहुत गंदे हैं

स्कूल में, कॉलेज में परीक्षाएं तो हर कोई ही देता है. मगर मेरी बारहवीं की परीक्षा में मेरे साथ क्या बीता, सोचा कुछ था, कुछ और ही हो गया. इस परीक्षा में पास होने के लिए मैं क्या क्या कर गुजरी, मैंने इसका क्या मूल्य चुकाया?

सर बहुत गंदे हैं-5

मैं अपने पेपर अच्छे करने के लिए सर के साथ कुछ भी करने को तैयार थी. अगले दिन मैं अकेली गयी सर के पास. सर ने मेरे कचिया बदन को कैसे मसला, कैसे मैं कली से फूल बनी? पढ़ें कहानी!

सर बहुत गंदे हैं-4

निगोड़े मर्दों का कहाँ दिल भरता है? और कच्ची कलियों का मज़ा कुछ और ही होता है. और फिर 'नया माल नखरे करके मिले तो ... उसके तो कहने ही क्या!"

सर बहुत गंदे हैं-3

सर हम दोनों के बीच में फंसकर बैठ गए. हम दोनों सहेलियां पेपर पर नकल उतारने में लगी हुई थीं. लेकिन जब सर ने पिंकी की कमर पर हाथ फेरना शुरू किया तो ...

सर बहुत गंदे हैं-2

सर की बातों से मुझे अहसास होने लगा था कि उनकी नज़र मेरी कच्ची जवानी पर है. मगर मेरे पास उस वक्त कोई और रास्ता भी तो नहीं था और एग्जाम का समय निकला जा रहा था.

सर बहुत गंदे हैं-1

स्कूल या कॉलेज के इम्तिहान तो सब ही देते रहते हैं. मगर मेरे साथ तो कुछ और ही हो गया. जिन्दगी के इस इम्तिहान को पास करने के लिए मैंने क्या कीमत चुकाई?

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