मकान मालिक की पुत्रवधू की चुदाई- 1

(Hindi antarwasna X Kahani)

हिंदी Antarwasna X कहानी में मैं किराये के कमरे में रहता था. मालिक मकान का बेटा दूसरे शहर में नौकरी करता था. उनसे मेरा आना जाना हो गया था. उनकी बहू से मेरी सेटिंग हो गयी.

दोस्तो, मेरा नाम डेविल है. मेरी उम्र 32 साल है.

यह बात तब की है … जब मैं कॉलेज की पढ़ाई करने के लिए भोपाल में था.

हॉस्टल में ठीक ढंग से पढ़ाई में ध्यान न दे पाने के कारण मैंने एक साल बाद हॉस्टल छोड़ दिया और सोचा कि पीजी में रहकर पढ़ाई करूँगा.
शुरू में तो पीजी का माहौल ठीक था, पर बाद में खाने को लेकर वहां पर भी समस्या होने लगी.

इस वजह से 6 महीने बाद ही मुझे पीजी से कमरा खाली करके अपने लिए अलग किराए का कमरा लेना पड़ा.

काफी जगह ढूँढने के बाद एक कमरा किराए पर मिला, जहां अंकल और उनका परिवार रहता था.
वह कमरा छत पर था और मुझे पसंद भी आ गया.

मैं उस रूम में शिफ्ट हो गया.

इसके बाद कॉलेज, जिम और पढ़ाई … यही मेरा रूटीन चालू हो गया.
मुझे वहां कोई समस्या भी नहीं होती थी.

अंकल के परिवार में अंकल-आंटी, उनका बेटा और बहू थे.
उनका बेटा दूसरे शहर में नौकरी करता था.

मैं हर महीने समय पर अंकल को किराया दे देता था तो वे दोनों भी बहुत खुश रहते थे.

हिंदी Antarwasna X कहानी ऐसे शुरू हुई कि एक दिन की बात है, मैं रात में पढ़ाई कर रहा था कि तभी किसी ने मेरे दरवाजे पर खटखटाया.

मैंने दरवाजा खोला तो देखा कि नीचे वाली आंटी खड़ी थीं.
वे बहुत घबराई हुई थीं.

मैंने पूछा- क्या हुआ आंटी?
उन्होंने कहा- जल्दी नीचे चलो! अंकल को अटैक आया है!

मैं तुरंत नीचे भागा और एम्बुलेंस को कॉल किया.
थोड़ी देर में एम्बुलेंस आ गई और हम अंकल को लेकर हॉस्पिटल गए.

वहां डॉक्टर ने उनका इलाज शुरू कर दिया.
फिर जब डॉक्टर ने बताया कि अब वह ठीक हैं, लेकिन उन्हें आराम की जरूरत है और दो दिन तक ऑब्जर्वेशन में रखना होगा, तब तक सुबह के 5 बज गए थे.

अब तक अंकल का बेटा भी आ गया था.
मैं आंटी को लेकर घर वापस आया और अपने कमरे में जाकर सो गया.

सुबह ग्यारह बजे के करीब फिर किसी ने मेरा दरवाजा खटखटाया.
मैंने दरवाजा खोला तो देखा कि सामने एक 27-28 साल की भाभी जी खड़ी थीं.

एकदम गोरी, तीखे नैन-नक्श, लगभग 34-30-36 का फिगर साइज.
मैं तो उन्हें देखता ही रह गया.

बाद में मालूम हुआ था कि भाभी का नाम तनु था.
उनकी आवाज से मेरा ध्यान टूटा.

उन्होंने कहा- आप फ्रेश होकर नीचे आ जाइए, मम्मी जी ने आपको खाने पर बुलाया है.
मैंने कहा- ठीक है.

मैं दरवाजा बंद करके बाथरूम में गया.
तनु भाभी का चेहरा और उनके दूध याद करके मेरा लंड सलामी देने लगा था.

जब न रहा गया तो मैंने उनके नाम की मुठ मारी, नहा-धोकर फ्रेश हुआ और नीचे गया.

आंटी ने मुझे रात में मदद करने के लिए थैंक्स कहा और फिर उन्होंने अपनी बहू तनु से मेरा परिचय करवाया.

तनु भाभी को देखकर फिर से मेरा लंड हरकत करने लगा.
पर मैं ज्यादा देर नीचे नहीं रुका. खाना खाकर मैं अपने रूम में वापस आ गया.

अगले दिन अंकल भी हॉस्पिटल से घर आ गए.

इस तरह मेरा उनके घर में आना-जाना शुरू हो गया.
वे लोग मुझे परिवार के सदस्य की तरह ट्रीट करने लगे थे.

मैं भी तनु भाभी के करीब जाने की कोशिश करता रहता, पर अंकल-आंटी के होते हुए ज्यादा करीब नहीं जा पा रहा था.

अब तो तनु भाभी भी मुझसे हंसी-मजाक करने लगी थीं.

एक दिन शाम को जब मैं जिम से लौट रहा था, मुझे एक अनजान नंबर से कॉल आई.

मैंने फोन उठाया तो उधर से आंटी बोलीं- अंकल की दवाई लेते आओगे क्या?
मैंने हां बोल दिया.

फिर उसी नंबर से मुझे व्हाट्सएप पर मैसेज आया.
मैंने चेक किया तो उसमें तनु भाभी की फोटो लगी थी.

मैंने वह नंबर सेव कर लिया.
खाना खाकर मैं पढ़ाई करने लगा.

रात के करीब 11 बजे उसी नंबर से गुड नाइट का मैसेज आया.
मैंने भी गुड नाइट का रिप्लाई कर दिया.

थोड़ी देर बाद फिर मैसेज आया- सोए नहीं अब तक क्या?
मैंने रिप्लाई किया- नहीं भाभी, अभी पढ़ाई कर रहा हूँ.

उन्होंने पढ़ने का इमोजी भेजा और ऑफलाइन हो गईं.

मैं उनके मैसेज का इंतजार करता रहा पर उस रात उनका कोई और मैसेज नहीं आया.

सुबह जब मैं कॉलेज जा रहा था, तभी उनका गुड मॉर्निंग वाला मैसेज आया.
मैंने भी रिप्लाई किया.

इसके बाद धीरे-धीरे हमारी मैसेज पर सामान्य बातें होने लगीं.

एक रात बातों ही बातों में भाभी ने पूछ लिया- आपकी गर्लफ्रेंड का नाम क्या है?
मैंने कहा- मेरी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है!

उन्होंने पूछा- क्यों?
मैंने जवाब दिया- आपके जैसी कोई मिली ही नहीं!

इस पर उनकी तरफ से हार्ट स्माइली वाला इमोजी आया.

फिर मैंने भी पूछ लिया- आपको भैया की याद नहीं आती क्या?
तनु- आती तो है, पर क्या कर सकती हूँ! वे दूसरे शहर में रहते हैं और फिर पेरेंट्स का ध्यान भी रखना पड़ता है.
ये कहते हुए उन्होंने सैड इमोजी भेज दिया.

मैं समझ गया कि भाभी को लंड की जरूरत तो है, पर वे खुद से नहीं बोलेंगी.

धीरे-धीरे हम दोनों सेक्सी जोक्स भी भेजने लगे.

एक दिन मैंने बात करते-करते एक सेक्सी फोटो भेज दी.

तनु- क्या बात है जनाब! आज बड़ी हॉट पोजीशन है!
मैं- हां हॉट तो है, पर भाभी, यह आपसे कम ही होगी!

तनु- आप मुझे भाभी मत बोला करो! मुझे नाम से बुलाया करो. जब सबके साथ हों, तब भाभी बोलना … और आज से हमारे बीच यह आप आप भी नहीं चलने वाला है … समझे तुम!
मैं- जो हुकुम तनु!

तनु- तुम्हारी तो गर्लफ्रेंड भी नहीं है, तो फिर तुम अपने आप को कैसे शांत करते हो?

मैं- अपने हाथों का इस्तेमाल करके! पर अगर तुम जैसी कोई मिल जाए, तो मेरे हाथों का दर्द कम हो जाए!

इस पर तनु भाभी हंसने लगीं और बोलीं- मिल जाएगी, अगर ध्यान से ढूँढो तो …

मैंने भी पूछ लिया- तनु तुम कैसे शांत करती हो खुद को? तुम्हारा भी तो मन करता होगा!

तनु- मुझे भी अपनी उंगलियों का सहारा लेना पड़ता है. किसी-किसी रात तो उंगलियों से भी शांति नहीं मिलती. बस मन करता है कि किसी से भी सेक्स कर लूँ … पर फिर फैमिली और अपनी इज्जत का सोचकर संभालना पड़ता है. क्योंकि बाहर किसी पर भरोसा करना आसान नहीं है.
मैं- ये बात तो है.

तनु- अब तुमसे ही ये बात शेयर की हैं, क्योंकि तुम पर मैं भरोसा करने लगी हूँ!
मैं- धन्यवाद.

तनु- भरोसा तो कर सकती हूँ ना तुम पर?
मैं- हां बिल्कुल कर सकती हो!

तनु- यार सच बताऊं … तुमसे बात करके हल्का महसूस करने लगी हूँ.
मैंने मजाक में बोल दिया- क्यों? मेरे नाम से ही उंगली कर डाली क्या? मुझे बुला लेतीं, मैं अच्छे से हल्का कर देता.

तनु- धत बदमाश … वह वाला हल्का नहीं, दिल से हल्का कहा है.
मैं- पर अगर तुम वह वाला हल्का होना चाहो, तो वैसे भी कर सकता हूँ!

तनु- ठीक है … वह भी देखेंगे.
मैं- बोलो तो अभी दिखा दूँ?

तनु- अभी क्या दिखा सकते हो?
मैं- जो तुम बोलो!

तनु- ठीक है, फोटो भेजो अपने उसके की!
मैं तनु के मुँह से साफ सुनना चाहता था, तो मैंने पूछा- किसकी?
तनु भाभी ने बिंदास कहा- अपने लंड की!

फिर मैंने फटाफट अपने लंड की फोटो खींची और भेज दी.

दोस्तो, मेरे लंड का साइज़ बहुत जबरदस्त है. मेरा लंड एकदम गोरा है और उसका टोपा एकदम लाल है.

तनु ने मेरा लंड देखकर आश्चर्य और खुशी से कहा- वाह एकदम व्हाइट … बहुत अच्छा है यार … काश तुम अभी मेरे पास होते, तो मैं इसे अच्छे से देख सकती!
मैंने भी तुरंत बोल दिया- वीडियो कॉल कर लो और देख लो … बस चूस नहीं पाओगी.

कुछ देर तक उसका कोई रिप्लाई नहीं आया, तो मुझे लगा कि कहीं केएलपीडी तो नहीं हो गया.
लेकिन थोड़ी देर बाद जब उसका वीडियो कॉल आया तो मैं खुश हो गया.

कॉल रिसीव करते ही भाभी को देखकर मैं और मेरा लंड दोनों ही खुश हो गए.

मैं तनु को देखता ही रह गया.
उस वक्त उसने एक ट्रांसपेरेंट महरून कलर की शॉर्ट नाइटी पहनी थी जिसमें वह बहुत सेक्सी और एकदम गजब की माल लग रही थी.

उसके होंठ पतले और रसीले दिख रहे थे.
उसकी सुराही-सी गर्दन और जब गर्दन से नीचे देखा, तो उसकी डीप कट नाइटी से उसके उरोजों की दरार साफ दिख रही थी.

जब मैंने ठीक से देखा तो पाया कि तनु ने अन्दर ब्रा नहीं पहनी थी.
जिससे उसके भूरे रंग के निप्पल साफ-साफ दिख रहे थे … जो तने हुए थे. उसके गोरे उरोज भी मस्त चमक रहे थे.

फिर मैंने उससे नीचे दिखाने को कहा.
जैसे ही उसने कैमरे का मुँह नीचे किया, मेरे लंड ने सलामी दे दी.

उसकी चिकनी-चिकनी टांगें देखकर लंड फनफना उठा.

एक हाथ से तनु अपनी चूत को पैंटी के ऊपर से ही धीरे-धीरे रगड़ रही थी.

वह X Antarwasna से बोली- डेविल, मुझसे और बर्दाश्त नहीं हो रहा है. जब से मैंने तुम्हारा लंड देखा है … तो मेरी चुत में आग लग गई है.

उसको चूत रगड़ते देख कर मैंने भी अपना लंड सहलाना शुरू कर दिया और उसे दिखा-दिखाकर बोलने लगा था- ले तनु, मैं तेरी चूत में अपना लंड रगड़ रहा हूँ!

तनु अपनी चूत रगड़ती हुई बोली- मेरी चूत में अपना लंड डाल दो … मैं बहुत प्यासी हूँ … कई दिनों से मेरी चूत ने लंड का स्वाद नहीं लिया आह्ह्ह … सीसीई … आह्ह्ह … ईस्स्स … चोदो और जोर से चोदो मुझे!

मैं उसकी कामुक सिसकारियों को सुनकर और ज्यादा उत्तेजित हो रहा था.

मैं बोलने लगा- मैं तेरी चूत में लंड डालकर तेरी चूत मार रहा हूँ और साथ ही तेरे मस्त दूध चूस रहा हूँ आह स्लर्प … स्लर्प … आह!
तनु बोली- आह्ह्ह … ईईईस्स्स … चूस ले मेरे राजा … निचोड़ ले सारा दूध … एक भी बूँद मत बचाना आज … मेरे बूब्स बहुत प्यासे हैं किसी के होंठों के लिए … आज चूस-चूसकर इनकी प्यास बुझा दो!

मैं बोला- स्लर्प … स्लर्प … तनु … तेरी चूत बहुत गर्म है … मेरा लंड तेरी चूत में धक्के मार रहा है आह थप्प … थप्प … चप्प!

तनु चीखी- हां ऐसे ही डेविल आह और जोर से चोदो … ईई … अह्ह … हन्न … मैं आने वाली हूँ … और तेज़ करो!
मैं बोला- हां तनु मैं भी आने वाला हूँ … ले थप्प … थप्प …

इस तरह लगभग 20 मिनट के फोन सेक्स में हम दोनों का पानी निकल गया.

पानी निकलते ही तनु ने मोबाइल साइड में रख दिया और आराम करने लगी.

जब तनु सांस ले रही थी तो उसके उन्नत उरोज ऊपर-नीचे होते हुए दिख रहे थे.

दोस्तो, जब लड़की पूरी तरह संतुष्ट होकर आराम करती है, उस वक्त उसके दूध को ऊपर-नीचे होते देखो तो ऐसा लगता है, जैसे उन पर ही लटक कर चूसते जाओ!

हम दोनों इस फोन सेक्स से काफी संतुष्ट थे और एक-दूसरे को देख रहे थे.
फिर जब तनु को आराम मिल गया, तो वह बहुत शर्मा रही थी और धीरे-धीरे मुस्कुरा रही थी.

मैंने उससे ‘आई लव यू’ कहा, तो उसने भी ‘आई लव यू टू!’ का जवाब दिया और फोन पर ढेर सारी चुम्मियां देने लगी.
अब हम दोनों थक गए थे, तो हमने एक-दूसरे को ‘गुड नाइट.’ कहा … चुम्मियां दीं और सो गए.

सुबह मैं देर से उठा, तो देखा कि तनु भाभी का गुड मॉर्निंग मैसेज पड़ा था, साथ में ढेर सारी किस्सियां.

मैंने रिप्लाई किया, तो उनका तुरंत मैसेज आया- अभी उठे हो सोकर?
मैं- हां तनु … भाभी जी!

तनु ने हल्के स्वर में कहा- हां चलो, अभी भाभी जी ही ठीक है, अब उठ जाओ और जल्दी नहाकर फ्रेश होकर नाश्ता कर लो! टाइम पर खाना भी खा लेना. हम अब रात में बात करेंगे! आई लव यू, जानू … मुआहह … मुआह … मुआहह!
मैं- लव यू टू तनु!

इस तरह मेरी और तनु भाभी का रोज़ फोन सेक्स होने लगा.
हम दोनों की आग बढ़ती जा रही थी, पर मिलने का कोई जुगाड़ नहीं हो पा रहा था.

आखिरकार वह दिन आ ही गया, जब तनु भाभी मुझसे सचमुच चुदने वाली थीं.

हुआ यूँ कि तनु भाभी की ससुराल की तरफ रिश्तेदारी में एक फंक्शन था और उस फंक्शन में सभी लोग चार दिन के लिए जाने वाले थे.
जब तनु भाभी ने मुझे ये बात बताई तो हम दोनों बहुत खुश हुए.

पर थोड़ी देर बाद मैंने कहा- आपको भी तो जाना पड़ेगा तब?
इस पर तनु भाभी बोलीं- उसके बारे में मैंने सोच लिया है, उसकी टेंशन तुम मत लो!

मैंने पूछा- क्या सोचा है, मुझे भी बताओ!
तनु बोलीं- मेरे हस्बैंड तो जा नहीं रहे हैं क्योंकि उन्हें उस समय लीव नहीं मिल पाएगी. इस वजह से पेरेंट्स ही जाएंगे. मैं ऐन मौके पर अपनी तबीयत खराब होने का बहाना करके किसी तरह रुक जाऊंगी.

मैंने कहा- तनु प्लान तो अच्छा है, पर क्या पेरेंट्स मानेंगे?
तनु ने जवाब दिया- वह सब तुम मुझ पर छोड़ दो … बस तुम तैयार रहो.

मैंने कहा- ओके तनु डार्लिंग!
फिर उस दिन भी हमने फोन पर सेक्स किया और सो गए.

आखिर वह दिन भी आ गया, जिसका हम दोनों को बेसब्री से इंतज़ार था.

हुआ यूँ कि जिस दिन जाना था, उसी दिन सुबह से ही तनु भाभी ने तबीयत खराब होने का बहाना शुरू कर दिया.

उनकी सास रुकने वाली थीं पर जब भाभी ने बहुत ज़ोर दिया तब जाकर वे लोग जाने को तैयार हुए.
मैं कॉलेज में था, क्लास अटेंड कर रहा था.

मैं अंकल का कॉल रिसीव नहीं कर पाया.

थोड़ी देर में मेरी क्लास खत्म हुई तो मैंने अंकल को कॉल बैक किया.
अंकल बोले- बेटा, मैं और तुम्हारी आंटी एक रिलेटिव के यहां फंक्शन पर जा रहे हैं चार दिनों के लिए.
मैंने ओके कहा.

वे आगे बोले- जाना तो तुम्हारी भाभी को भी था, पर अचानक उसकी तबीयत आज सुबह से ठीक नहीं है. जिस वजह से वह नहीं जा पा रही है. तुम उनका ध्यान रखना और किसी भी चीज़ की ज़रूरत हो, तो लाकर दे देना प्लीज!

मैं मन ही मन बहुत खुश हुआ और सोचा कि अंकल ये तो हमारा ही प्लान है! आप लोग जाओ. मैं तनु भाभी का बहुत अच्छे से ख्याल रखूँगा.

मैंने अंकल से पूछा- आप लोग कितने बजे जाओगे?
उन्होंने कहा- चार बजे की ट्रेन है.

मैंने कहा- ठीक है अंकल, मैं तब तक कॉलेज से आ जाऊंगा और आपको स्टेशन भी ड्रॉप कर दूँगा.
अंकल बोले- ठीक है बेटा.

फिर मैंने फोन रख दिया और मन ही मन बहुत खुश हुआ.
अब तो क्लास में भी मन नहीं लग रहा था.

एक क्लास और अटेंड करके मैं अपने रूम पर वापस आ गया.

तब तक दोपहर के तीन बज चुके थे.
अंकल भी स्टेशन निकलने के लिए तैयार थे.

मैं रूम पर गया, फटाफट अपना बैग रखा … ड्रेस चेंज की और अंकल-आंटी को लेकर स्टेशन निकल गया.

जब घर से निकल रहा था, तब भाभी ने मुझे देखकर स्माइल की.
तो मैंने भी आंख दबा दी और स्माइल कर दिया.

फिर अंकल को ट्रेन में बिठाकर लगभग साढ़े चार बजे तक मैं रूम पर आ गया.

इसके बाद मैं तैयार होकर जिम के लिए निकल गया.
क्योंकि अभी डायरेक्ट भाभी के पास जाना ठीक नहीं था. आस-पड़ोस में कोई देख लेता, तो बवाल हो जाता.

भाभी ने भी यही कहा था- जल्दबाज़ी मत करना.
जिम में था, तभी भाभी का मैसेज आया- खाना मत बनाना, मैंने हम दोनों का खाना तैयार कर लिया है.
मैंने ओके लिखा.

‘मैं अब नहाने जा रही हूँ और जब मैं बोलूँ, तभी नीचे आना ओके? बाय!’
मैंने भी उन्हें ओके बोला.

मैंने अपना वर्कआउट खत्म किया और रोज़ के समय पर अपने रूम पर लौटते वक्त मेडिकल स्टोर से कंडोम का पैकेट ले लिया.
रूम पर आकर मैंने सबसे पहले बाथरूम में अपनी झांटों की सफाई की, नहाया-धोया और तैयार हो गया.

अच्छा सा परफ्यूम लगाकर भाभी के मैसेज का इंतज़ार करने लगा.

रात के लगभग नौ बजे भाभी का कॉल आया- मैंने पोर्च की लाइट्स ऑफ कर दी हैं और गेट खोल दिया है! तुम पांच-दस मिनट में नीचे आ जाना और चुपचाप अन्दर आ जाना … दरवाज़ा बंद कर लेना.
मैंने वैसा ही किया.

पांच मिनट बाद आस-पास देखकर चुपचाप नीचे गया और दरवाज़ा बंद कर लिया.

मैं आवाज़ लगाने ही वाला था कि भाभी ने लाइट्स ऑन कर दीं.
मैं पीछे की तरफ पलटा और भाभी को देखा, तो देखता ही रह गया!

दोस्तो, इसके आगे का मजा आपको अगले भाग में परोसूँगा.
प्लीज मेरे साथ बने रहें और हिंदी Antarwasna X कहानी पर अपने विचार मुझे मेल करें.
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हिंदी Antarwasna X कहानी का अगला भाग:

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