बीवी की सहकर्मी के साथ चुदाई का मजा
(Cheat Xxx Chudai Kahani)
चीट Xxx चुदाई कहानी में मेरी बीवी की कुलीग हमारे घर खाने पर आई. उसे देख मेरा लंड उसकी चूत मांगने लगा. एक बार हमने एक साथ घूमने जाने का प्रोग्राम बनाया.
दोस्तो, जैसा कि मैंने आप सभी को अपनी पिछली कहानियों
सहपाठिन और उसकी ननद के साथ मस्ती
में बताया था कि किस तरह मैंने मेरी सहपाठिन श्रेया और उसकी ननद रश्मि को चोदा था.
ये सब मस्ती मेरी कुछ समय तक चली.
श्रेया और रश्मि को मेरा जब भी मन होता, तो अपने घर या उनके घर पर चोद देता था.
इसी बीच मेरे घरवाले भी शादी को लेकर मेरे पीछे पड़ गए और काफी कहा-सुनी के बाद मुझे उन लोगों की बात माननी पड़ी.
देखते ही देखते मेरी शादी हो गई.
मेरी बीवी का नाम कंचन है और वह बहुत ही खूबसूरत है.
शादी के बाद बीवी की जबरदस्त चुदाई करता रहा और उसके साथ सुखी जीवन व्यतीत करने लगा.
श्रेया और रश्मि के साथ दूरियां बढ़ने लगीं.
इस तरह मेरा उन दोनों से चुदाई का सिलसिला काफी हद तक खत्म हो गया.
मेरी बीवी कंचन एक सरकारी नौकरी में थी.
एक शाम को कंचन ने बताया कि अपने ऑफिस की सहेली को उसने घर पर खाने के लिए बुलाया है.
कंचन ने उस लड़की का नाम रागिनी बताया.
यह चीट Xxx चुदाई कहानी इसी रागिनी की चुदाई की है.
शनिवार दोपहर से ही मैं और कंचन खाने की तैयारी में लग गए.
शाम को करीब सात बजे रागिनी और उसका पति विक्रम हमारे घर पहुंच गए.
हम दोनों ने उनका स्वागत किया और उनके साथ सहज होकर बातों में लग गए.
दोस्तो, मैं आपको रागिनी के बारे में बता दूं कि वह एक शादीशुदा महिला थी जिसकी उम्र लगभग 32 वर्ष थी.
मैं आप सबको उसकी खूबसूरती के बारे में क्या ही बताऊं, गजब की माल के जैसी भाभी थी वह!
उसको देखकर ऐसा लगता था कि ऊपर वाले ने बड़ी ही शिद्दत से और बड़ी ही मेहनत से तराशा था.
उसके अंग-अंग से खुदा की कारीगरी का कमाल झलकता था.
उसका रंग गेहुंआ था और उसके नैन- नक्श बहुत ही तीखे थे.
चूंकि वह हर रोज व्यायाम करती थी तो उसका शरीर बहुत कसा हुआ था जिसकी वजह से वह अपनी उम्र से कम उम्र की लगती थी.
उसकी गर्दन पतली और लंबी थी. उसके बाल उसके चूतड़ों से थोड़े ऊपर तक थे.
रागिनी के स्तन एकदम गोल एवं तने हुए थे, उनका नाप 34 का था.
उसकी कमर 28 के आसपास थी तथा चूतड़ करीब-करीब 36 या उससे कुछ ज्यादा के रहे होंगे.
रागिनी की लंबाई करीब साढ़े छह फुट थी.
ऑफिस में वह मेरी बीवी की सीनियर थी.
उसको व्यायाम करना, नई-नई जगहें घूमना, सजने-संवरने का बड़ा शौक था.
उस दिन रागिनी ने लाल रंग का गहरे गले का गाउन पहना हुआ था जो उसके शरीर से पूरी तरह से चिपका हुआ था.
उस वजह से उसके स्तन एवं पूर्ण गोलाई के उभरे हुए चूतड़ साफ-साफ दिख रहे थे.
गाउन उसके चूतड़ों से ऐसे चिपका हुआ था कि उसकी पैंटी की आकृति साफ-साफ दिख रही थी.
गाउन का गला गहरा होने के कारण उसके स्तनों के बीच की लकीर व थोड़े-थोड़े स्तन भी दिखाई दे रहे थे.
जैसे ही रागिनी को मैंने देखा तो बस देखता ही रह गया.
उसकी पतली लम्बी गर्दन देखकर मन करने लगा कि उस पर चुंबनों की बरसात कर दूं.
मेरी नज़र उसके स्तनों व चूतड़ों से हटने का नाम नहीं ले रही थी.
मेरा लंड पैंट के अन्दर फनफना उठा और मेरे मन में वासना के कुत्ते भौंकने लगे.
मेरा मन तो ऐसा करने लगा कि उसे वहीं पकड़ कर चोद दूं, पर जैसे-तैसे मैंने खुद को संभाला.
उन लोगों से बात करते-करते पता चला कि वे दोनों ड्रिंक भी करते हैं.
तो मैंने ड्रिंक का प्रोग्राम बनाया.
मैं एवं विक्रम, घर के पास वाली वाइन शॉप से व्हिस्की लेकर आ गए.
चूंकि कंचन नहीं पीती थी तो हम तीनों ने पीना शुरू किया और खूब गप्प-बाजी हुई.
बातों ही बातों में कंचन ने रागिनी को बताया कि मेरे पति को फोटोग्राफी का शौक है.
वह यह सुनकर बहुत खुश हो गई क्योंकि और लड़कियों की तरह उसे भी सज-संवर कर अच्छे-अच्छे फोटोज खिंचवाना व उनको सोशल मीडिया पर डालना बहुत अच्छा लगता था.
मेरे द्वारा लिए गए फ़ोटोज देख कर वह मुझसे बोली- कभी मेरा भी फोटोशूट कर दो!
मैंने भी उससे हां बोल दिया.
इसी बीच कंचन बोली- क्यों ना हम सब कहीं घूमने चले, घूमने का घूमना हो जाएगा और वहीं फोटोशूट भी हो जाएगा.
इस बात पर हम तीनों तो राज़ी हो गए.
पर रागिनी के पति विक्रम को घूमने-फिरने का शौक नहीं था … तो उसने मना कर दिया.
इस बात पर रागिनी का दिमाग खराब हो गया और वह बोली- हम बात करके बाद में बता देंगे!
शराब का सुरूर काफी चढ़ गया था तो कोई बात बढ़ न जाए … इसलिए मैंने कचन से खाना लगाने के लिए कहा.
हम सभी लोगों ने खाना खाया और फिर वे दोनों चले गए.
रात में रागिनी के बारे में सोच-सोच कर मैंने कंचन को दम से चोदा.
उस रात मैंने चार बार कंचन की चुदाई की.
वह मुझसे गिड़गिड़ाने लगी कि अब रहने दो.
फिर मैं भी थक कर सो गया.
अगली शाम को रागिनी ने कंचन को मैसेज किया कि वह हमारे साथ घूमने चलेगी और विक्रम नहीं आएगा.
मेरी बीवी ने जब ये बात मुझे बताई तो मैं बहुत ही खुश हो गया.
पर मैंने कंचन के सामने कुछ भी ज़ाहिर नहीं किया.
मैं मन ही मन में रागिनी को चोदने के बारे में सोचने लगा.
अगले ही शुक्रवार की सुबह को हम तीनों मेरी कार से एक खूबसूरत पहाड़ी जगह के लिए निकल पड़े.
रास्ते में हमने बहुत मस्ती की.
मैंने रागिनी एवं कंचन की फ़ोटोज ली.
रागिनी वह फ़ोटोज सोशल मीडिया पर डालती जा रही थी.
उसके दोस्त तारीफ कर रहे थे इस कारण से वह और भी ज्यादा खुश थी.
दोपहर करीब तीन बजे हम लोग अपने रुकने की जगह पहुंच गए.
वह जगह पहाड़ी पर स्थित एक बंगला था जिसमें दो कमरे थे, एक ऊपर और एक नीचे.
ऊपर वाले कमरे में मैं और कंचन एवं नीचे वाले कमरे में रागिनी रुक गई.
रागिनी को यह बंगला, सामने के दृश्य की वजह से बहुत पसंद आया.
थोड़ी देर आराम करने के बाद हम लोग घूमने निकले और वहां मैंने रागिनी की बहुत अच्छी-अच्छी फ़ोटोज लीं, जिसे देखकर वह बहुत ही खुश थी.
मुझे वह अपनी तरफ काफी आकर्षित होती लग रही थी.
रात को बंगले पर वापिस आते समय मैंने दारू खरीद ली और हम लोग वापिस आ गए.
पहाड़ी जगह थी तो रात में ठंडक बढ़ गई.
हमने बंगले के चौकीदार को कुछ रुपए देकर बाहर बगीचे में आग जलवाई, फिर गाने लगाकर हम तीनों आग के पास बैठ गए.
मैं और रागिनी दारू पीने लगे, बढ़िया माहौल हो गया.
रात ज्यादा हो चुकी थी तो मेरी बीवी को नींद आने लगी, वह बोली- मैं सोने जा रही हूं … आप लोग पीजिए!
वह वहां से चली गई.
अब मैं और रागिनी बचे थे.
हम दोनों बातें करते रहे और दारू पीते रहे.
वह मेरे साथ काफी घुल-मिल गई थी.
हम दोनों ही अच्छे-खासे न/शे में थे.
फिर बातों ही बातों में मैंने रागिनी से विक्रम के ना आने की वजह पूछी.
तो उसने कड़वाहट भरी भाषा में बताया कि उसकी और उसके पति की सोच व शौक बिल्कुल भी नहीं मिलते. उसे उसके काम के अलावा कुछ भी पसंद नहीं, यहां तक कि वह मुझमें भी रूचि नहीं रखता और इस कारण से हमारे बीच में बहुत लड़ाई-झगड़े होते हैं.
यही सब बातें करते हुए वह रोने लगी.
तो मैंने उसके आंसू पौंछे और उसके सिर पर और गालों पर हाथ फिराने लगा.
वह मेरे सीने से लगकर रोती रही.
देखते ही देखते हम एक-दूसरे को चूमने लगे.
काफी न/शे में होने के कारण वह बहुत ही भावुक हो गई थी और पूरा साथ दे रही थी.
हम वहीं बगीचे में एक-दूसरे को चूमे जा रहे थे.
उसकी जीभ को मैं अपने मुँह में लेकर चूसने लगा जिससे कि वह गर्म होने लगी.
फिर मैंने उसके टॉप के ऊपर से ही उसके स्तनों को दबाना शुरू कर दिया.
उसके बड़े-बड़े कसे हुए स्तनों को मसलने में बहुत ही मजा आ रहा था.
जब उसने इस बात पर कोई भी विरोध नहीं किया तो मैंने झट से उसका हाथ पकड़ा और अपने लंड पर रखवा दिया.
वह भी मेरे लंड को लोवर के ऊपर से पकड़ कर दबाने लगी.
उसके मुलायम हाथों के स्पर्श से मेरा लंड तन गया.
उसने मेरी चड्डी में हाथ डाल दिया और लंड को पकड़ कर सहलाने लगी.
मैंने उससे कमरे में चलने के लिए कहा और उसे गोद में उठा कर कमरे में ले आया.
अब मैंने उसे कमरे की दीवार से टिकाया और जोर-जोर से उसके स्तन दबाने लगा.
उसके होंठ चूसने लगा और वह भी बेताबी से मेरे बदन को सहला रही थी.
तभी मैंने उसका टॉप उतार दिया और उसकी ब्रा के ऊपर से उसके स्तन दबाने लगा.
साथ ही मैंने अपना एक हाथ उसकी पैंटी में डाल दिया.
उसकी चूत पर बिल्कुल भी बाल नहीं थे; ऐसा लग रहा था कि उसने आज ही चूत की सफाई की हो.
अब मैं उसकी चूत मसलने लगा जिससे वह और भी ज्यादा उत्तेजित हो गई.
वह जोर-जोर से सिसकारियां लेने लगी और ‘आआहह ओह ऊऊहह उम्मम राजेश आह’ की आवाजें निकाल रही थी.
फिर मैंने उसे घुमाया और उसकी पीठ पर चूमते हुए उसकी ब्रा निकाल दी.
उसके आजाद स्तनों को हाथों में भर लिया और मसलने लगा.
अपने लंड को उसके चूतड़ों पर रगड़ने लगा और वह भी अपनी गांड हिला कर मेरे लंड पर रगड़ रही थी.
मैं उसकी पीठ चूमते हुए उसके नीचे आ गया और उसके शॉर्ट्स और पैंटी एक साथ उतार दी.
अब मेरे सामने वह पूरी नंगी खड़ी थी.
जितना मैंने उसके बारे में सोचा था, वह उससे भी कहीं ज्यादा खूबसूरत थी.
उसे देख कर ऐसा लग रहा था कि स्वर्ग की कोई अप्सरा ज़मीन पर उतर आई हो
उसके गोल-गोल चूतड़ों को मैं अपने हाथों से मसलने लगा और चाटने लगा.
साथ ही मैंने अपनी एक उंगली उसकी बुर में उंगली डाल दी जिससे वह चिहुंक उठी.
उसकी चुत ने पानी छोड़ दिया था तो वह जल्द ही उंगली के साथ सहज हो गई.
मैं उसकी चूत में उंगली करने लगा.
उसकी चूत उसके कामरस से सराबोर थी और वह कामरस उसकी चूत से बहकर उसकी जांघों तक आ गया था.
थोड़ी देर बाद मैंने उसे घुमाया और उसकी गदराई चूत अब मेरे सामने थी.
मैंने भी देर न करते हुए उसकी गुलाबी चूत का मुँह खोला और अपनी जीभ उसकी गीली चिकनी चूत में डाल दी.
वह आह करने लगी और मैं उसकी चूत का रस चाटने लगा.
कुछ ही पलों में वह बहुत ही ज्यादा उत्तेजित हो गई और तेज-तेज सिसकारियां भरने लगी.
वह अब मेरे सिर को पकड़ कर अपनी चूत में दबाने लगी और मचलने लगी.
जल्दी ही वह चुत चुदाई के लिए तड़प उठी और बोली- राजेश, प्लीज़ मुझे चोद दो … अब मुझसे और रहा नहीं जाता!
मैंने उससे अपने लंड को चूसने के लिए कहा.
वह झट से नीचे बैठ गई और उसने मेरे लोवर और चड्डी को खींच कर उतार दिया.
जैसे ही उसने मेरी चड्डी नीचे की, वैसे ही मेरा लंड फनफना कर बाहर आ गया.
मेरा लौड़ा उसके मुँह के पास आ गया था तो उसने मेरा लंड पकड़ा और टोपे पर अपनी जीभ चलाने लगी.
उसका ऐसा करने से बहुत अच्छा लग रहा था.
फिर उसने मेरे लंड पर चुम्बनों की बारिश कर दी और उसे अपने मुँह में ले लिया.
वह मेरे लंड को किसी लॉलीपॉप की तरह चूस रही थी.
मेरा लंड उसके गले तक जा रहा था.
वह करीब पांच मिनट तक मेरे लंड को चूसती रही.
इन पलों में रागिनी ने मुझे जन्नत की सैर करा दी थी.
लंड चुसवाने के बाद मैं पास ही रखी कुर्सी पर बैठ गया.
मैंने रागिनी को अपने लंड पर बैठने को कहा तो वह जल्दी से मेरे ऊपर आ गई.
वह अपने हाथ से मेरे लंड को पकड़ कर अपनी चूत पर रगड़ने लगी और छेद पर रख कर उस पर बैठ गई.
एक मीठी सी आह के साथ वह गांड हिलाने लगी और देखते ही देखते मेरा लंड रागिनी की चूत में समा गया.
उसके मुँह से मीठी मीठी आहें निकल रही थीं ‘आअ आह्हह राजेश उह्ह्ह … तुम्हारा लंड बहुत बड़ा है आह.’
मैंने उसके दूध मसलते हुए कहा- हां जान तुम्हारे ये दोनों दूध भी बहुत बड़े हैं.
वह हंस कर बोली- तो चूसो न!
मैं उसके दोनों दूध बारी बारी से चूसने लगा.
इसी दौरान लंड चुत के अन्दर धमा-चौकड़ी मचाने लगा था.
उसकी चूत बहुत ही गर्म थी जिससे मेरा लंड अब तक उसके कामरस से भीग चुका था.
तभी वह मेरे लंड पर तेज रफ्तार से उछलने लगी और उसने मेरा सिर पकड़ कर अपने मम्मों में दबा लिया.
मैं एक-एक करके उसके मम्मे चूस रहा था और अपने हाथों से मसल रहा था.
हम दोनों बहुत ही उत्तेजित हो चुके थे.
वह अपनी चूत मेरे लंड की जड़ से टोपे तक ले जा रही थी और जोर-जोर से सिसकारियां ले रही थी.
उसके मुँह से ‘आहह आहह हह उउम्म ऊह’ की आवाजें आ रहीं थीं.
मैं रागिनी के गोल-गोल चूतड़ मसल रहा था एवं चांटे भी लगा रहा था.
रागिनी बहुत ही उत्तेजना में अपनी गांड आगे-पीछे करने लगी.
वह बिल्कुल किसी नागिन की तरह मेरे लौड़े पर बल खाती हुई नृत्य कर रही थी.
मेरी गोद में बैठ कर उसने करीब पंद्रह मिनट तक मजा लिया.
लंबी चुदाई के बाद वह अकड़ने लगी और उसने जोर से मुझे अपनी बांहों में जकड़ लिया.
वह एक लंबी ‘आहहह.’ के साथ झड़ गई.
झड़ने के बाद उसने बड़े प्यार से मेरे होंठों पर चुम्बन दिया दिया, वह बहुत खुश लग रही थी.
मैंने कहा- तुम्हारी चुत बहुत गर्म है यार!
वह बोली- वह तो उसी दिन से जल रही थी, जिस दिन पहली बार तुम्हें देखा था.
मैंने कहा- इसी लिए झांटें साफ करके आई थी क्या?
वह हंस कर बोली- हां बहुत मन था कि तुम्हारे साथ सेक्स करूँ!
इन्हीं सब बातों के बाद वह वापस गर्म होने लगी.
मैं तो अभी झड़ा ही नहीं था.
फिर मैंने उसे उसी पोजीशन में गोद में उठाया और चोदने लगा.
वह मेरे गले में अपने हाथ डाले हुए एवं अपनी टांगें मेरी कमर में फंसाए हुई मुझसे लिपटी हुई थी.
मैं उसके चूतड़ों को अपने हाथों में लिए उसकी चूत को अपने लंड पर ऊपर-नीचे करते हुए चोद रहा था.
मैं उसे अपनी गोद में उठाए चोदता हुआ कमरे में लगे बड़े शीशे के पास खड़ा हो गया.
रागिनी और मैं उस शीशे के सामने खड़े होकर चुदाई करने लगे और वह अपनी चूत में मेरे लंड को अन्दर-बाहर होते देख कर बहुत उत्तेजित हो रही थी.
वह मुझे बेहिसाब चूम रही थी.
थोड़ी देर बाद मैंने उसे ऐसे ही चोदते हुए पलंग पर लिटा दिया और उसकी टांगें अपने कंधों पर रख लीं.
फिर मैंने उसकी पतली कमर पकड़ी और तेज-तेज उसे चोदने लगा.
हर एक धक्के के साथ उसकी आह निकल रही थी.
मैं उसकी चूत में धक्के लगाए जा रहा था और हाथों से उसके चूचे दबा रहा था.
पूरा कमरा मेरे धक्कों की एवं उसकी कामुक सिसकारियों की आवाज से गूंज उठा था.
थोड़ी ही देर में वह फिर से अपने चरम पर पहुंच गई और चिल्लाने लगी- राजेश, ऐसे ही चोदते रहो … आह मेरी चूत को बहुत मज़ा आ रहा है .. फाड़ दो मेरी चूत को राजेश … मेरी चूत पानी छोड़ने वाली है!
जैसे ही मैं अपना लंड उसकी चूत से बाहर निकालता, तो वह अपने चूतड़ उठा कर उसे अपनी चूत में अन्दर ले लेती.
कुछ धक्कों के बाद वह ‘ऊईईई मां उउउईई मां उउम्म.’ करती हुई झड़ गई.
फिर मैंने उसे पलंग से नीचे आने को कहा और बोला कि झुक कर पलंग पर हाथ रख कर घोड़ी बन जाओ.
वह घोड़ी बन गई.
मैं उसके पीछे आया और उसके चूतड़ फैला कर लंड उसकी चूत में डाल दिया.
उसके चूतड़ों पर चांटे लगा-लगा कर उसे चोदने लगा.
अब मेरा लंड भी अपने चरम पर पहुंच गया और मैंने जोर-जोर से उसकी चूत मारना शुरू कर दी.
वह ‘आह आह आह.’ चिल्ला रही थी.
उसकी उन कामुक सिसकारियों के साथ ही मैं झड़ने वाला था तो मैंने तुरंत अपना लंड उसकी चूत से निकाल कर उसके मुँह में डाल दिया और वहीं झड़ गया.
उसके बाद हम दोनों बाथरूम गए.
उधर उसने मेरा पूरा माल मुँह से निकाल दिया और चूत साफ़ करने लगी.
मैंने भी अपना लंड धोया और दोनों लोग वापस आकर बिस्तर पर लेट गए.
वह बहुत ही संतुष्ट लग रही थी.
उस रात मैंने रागिनी को दो बार और चोदा.
फिर मैं अपने कमरे में आकर अपनी बीवी से चिपक कर सो गया.
उस पूरी ट्रिप पर मैंने रागिनी की मन भर के चुदाई की, साथ में मैंने नाइटी में एवं बिना कपड़ों के, उसके सेक्सी फ़ोटोज भी लिए.
वहां से वापिस आने के बाद भी मैं उसकी चूत का सुख लेता रहा.
कैसे-कैसे मैंने रागिनी की चुदाई की, वह सब मैं अपनी अगली सेक्स कहानी में बताऊंगा.
तो दोस्तो, यह थी मेरी और रागिनी की चुदाई की कहानी.
चीट Xxx चुदाई कहानी आप सभी को कैसी लगी, मुझे जरूर बताएं!
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