प्रेम भरी वासना में लिपटा पति पत्नी का रिश्ता- 3

(Hot Couple Hotel Sex Story)

रमित 2025-10-03 Comments

हॉट कपल होटल सेक्स स्टोरी में पति के साथ हनीमून का मजा लेते लेते मैंने देखा कि मेरे पति एक अन्य सेक्सी लड़की के बूब्ज़ और हिप्स देख कर उत्तेजित हो रहे थे.

फ्रेंड्स, मैं यामिनी अपने पति रमित के साथ हनीमून पर आई थी और उधर अपने कमरे में चुदाई का मजा ले रही थी.
कहानी के दूसरे भाग
सेक्सी बीवी की चूत चुदाई का मजा
में आपने अब तक पढ़ लिया था कि मैं रमित के लंड के ऊपर चढ़ कर उसे सेक्स का सुख दे रही थी.
अब उसने मुझे पलट दिया था तो हम दोनों मिसनरी पोज में आने लगे थे.

अब आगे हॉट कपल होटल सेक्स स्टोरी:

रमित मेरी टांगों के बीच आया और वह फिर से मेरी चुत में अपना मोटा लंड पेल कर मुझे तेज रफ्तार से चोदने लगा.
मेरी सिसकारियां तेज़ हो रही थीं.

रमित का लंड इस वक़्त बहुत कड़ा हो गया था. उसके हर धक्के पर मेरी आह निकल रही थी.

तभी रमित की स्पीड बढ़ने लगी, वह भी बस छूटने के करीब ही था और मैं भी.
मेरे नाख़ून उसकी पीठ पर गड़ते जा रहे थे.

कुछ धक्कों के बाद रमित ने ज़ोर से धक्का लगाया और कसके मुझसे लिपट गया.
मैंने भी अपने चूतड़ ऊपर उठा कर उसे ज़ोर उसे अपनी बांहों कस लिया.

इस वक़्त हमारे बीच से हवा भी नहीं पास हो सकती थी.

रमित का गर्म लावा मेरी चूत के अन्दर गिर रहा था और मेरी चुत की आग को शांत कर रहा था.

जब रमित मेरी ऊपर गिरा था तो मैंने अपने दांत रमित के कंधे में गड़ा दिए थे.

थोड़ी देर बाद हम अलग हुए तो हम दोनों के बदन पसीने से तर-बतर थे, दोनों की सांस तेज़ चल रही थी.

जैसे ही सांस ठीक हुई तो मुझे अहसास हुआ कि मैं एकदम नंगी हूँ … तो यह सोचते ही मुझे शर्म आने लगी.

इतने में रमित ने मुझे अपने पास खींच लिया, मैं भी उससे चिपक गयी.

मैं रमित के बालों में अपनी उंगलियां चलाने लगी और उसके चेहरे पर चुंबन ले लिए.
तभी रमित ने मेरी चूचियों पर चुम्बन लिए.

मैंने उससे कहा- बदमाश … अभी दिल नहीं भरा क्या! आज तो तुमने इन्हें बहुत पिया है!

वह बोला- इनसे कभी दिल नहीं भर सकता. मैं इन्हें ता-उम्र पीना चाहता और पीता रहूंगा.
मैंने कहा- तुम बहुत बदमाश हो रमित!

यह कह कर मैंने अपने होंठ उसके होंठों से मिला दिए.

रमित के हाथ मेरे चूतड़ों को फिर से सहलाने लगे.

मैं बोली- उन्हह रमित … भूख लगी है!
उसने कहा- ओके कुछ मंगवा लेते हैं!

मैंने कहा- रमित, रात का एक बजे का समय हो रहा है. अब होटल का किचन बंद हो गया होगा.
वह बोला- जान ये फाइव स्टार होटल है और ये गोवा है. यहां सारी रात लोगों का आना जाना लगा रहता है.

फिर रमित ने रूम सर्विस पर कॉल करके एक शैम्पेन और स्नैक्स लाने को बोला.

फोन रख कर उसने मुझे फिर से अपने आगोश में ले लिया.

तभी मैंने कहा- हटो, मुझे वाशरूम जाना है.
तो वह बोला- ठीक है जाओ … पर ऐसे ही बिना कपड़ों के जाना पड़ेगा!

मैं मुस्करायी और बिस्तर से उठ कर खड़ी हो गयी.
रमित बहुत गौर से मेरी तरफ देख रहा था, मेरे तने हुए बूब्स उसको मस्त कर रहे थे.
मेरी बाहर को उभरी हुई गांड उसके लौड़े में जान फूंकने का काम कर रही थी.

उसे ऐसा देखता देख मैंने कहा- रमित, तुम बहुत बेशर्म हो गए हो!

मैं वाशरूम में घुस गयी और बाहर आयी तो देखा रमित सिर्फ अंडरवियर पहने लेटा था.

मैंने शीशे में से देखा, बाहर समुन्दर दिख रहा था.
उधर की रेत चांदनी रात में चमक रही थी.

मैंने रमित से कहा- रमित, चलो बालकनी में चलते हैं … बहुत सुन्दर नज़ारा है बाहर!
रमित ने कहा- ऐसे ही चलना पड़ेगा … बालकनी में!

मैंने कहा- ऐसे ही नंगी?
वह बोला- हां!

मैंने कहा- ये कुछ ज्यादा नहीं हो रहा है?
उसने अपनी एक सफ़ेद शर्ट मेरी तरफ उछाल दी.
वह बोला- ओके सिर्फ ये पहनो!

मैंने वह पहन ली.
ऊपर से तो मैंने शर्ट पहन ली थी, पर मैं नीचे बिल्कुल नंगी थी.

हम दोनों बालकनी में आ गए, मस्त ठंडी हवा चल रही थी.
चांदनी रात थी तो समुन्दर की लहरें भी अपने उफान पर थीं.

चाँद की रोशनी में रेत सोने जैसे चमक रही थी.
सच में बहुत ही रोमानी नज़ारा था.

इतने में डोर बेल बजी.
रमित सिर्फ फ्रेंची में था.

उसने मुझसे कहा- जाओ डार्लिंग जाकर आर्डर ले लो!
मैंने कहा- रमित तुम पागल हो क्या? मैंने नीचे कुछ नहीं पहना है!

वह बोला- अरे वह तुम्हारी शर्ट ऊपर उठा कर थोड़े ही देखेगा कि तुमने पैंटी पहनी है या नहीं … जाओ न!
मैं दरवाज़े की तरफ चल पड़ी.

मेरे दिल में अजीब सा रोमांच हो रहा था, ये सोच कर कि मैं नीचे से नंगी हूँ और किसी पराये मर्द के सामने जा रही हूँ.

मैंने दरवाज़ा खोला तो वेटर सर्विंग ट्राली लेकर अन्दर आने लगा.

मैंने कमरे की हालत को देखते हुए ट्राली उससे डोर पर से ही पकड़ ली और उसे जाने के लिए बोल दिया.

मैं शैम्पेन लेकर बालकनी में आ गयी.
रमित आराम कुर्सी पर लेटा हुआ था.

मैंने शैम्पेन दोनों के गिलासों में उड़ेली, एक रमित को पकड़ाया और एक खुद लेकर रमित की जांघों पर दोनों तरफ टांगें करके बैठ गयी.

हम दोनों अपनी ड्रिंक सिप करने लगे, साथ में स्नैक्स खाते हुए बातें करने लगे.

हम आज शाम की पार्टी की बातें करने लगे.
तो मैंने उस सुन्दर लड़की का ज़िक्र छेड़ दिया.

रमित अनजान बन रहा था, वह बोला- मैंने नहीं देखा!

मैं उसे बताने लगी- जिसने ब्लू कलर की साड़ी पहनी हुई थी और बहुत छोटे से ब्लाउज के साथ वह दिलकश लग रही थी. उसके चुस्त ब्लाउज को देख कर ऐसा लग रहा था, जैसे ब्लाउज के बटन तोड़ कर उसके बूब्स बाहर आ जाएंगे … और उसके नितम्ब यानि चूतड़ तो बहुत ही बड़े थे. लगभग 36 साइज के रहे होंगे … और उसके होंठ के ऊपर किनारे पर एक तिल भी था!

रमित बोला- अच्छा!

रमित मेरे सामने मान नहीं रहा था कि उसने उसको देखा है.
पर मुझे नीचे से अहसास हो रहा था कि जिस तरह से मैंने उसके बारे में बताया है, उसे सुन कर रमित का औज़ार अपना आकार लेने लगा था.

उसका लंड मेरी नंगी चूत में चुभना शुरू हो गया था.

सागर के उफनती लहरें और चांदनी रात और मेरे और रमित की जिस्मों की आग इस रात को और हसीन बना रही थी.

मैं रमित के ऊपर से नीचे उतरी और फर्श पर अपने घुटने टिका दिए.
रमित की फ्रैंची के उभरे हुए भाग पर झुक कर मैंने कई चुम्बन ले लिए.

फिर मैं रमित की कमर पर किस करती हुई उसकी फ्रेंची उतारने लगी.
जैसे ही उसकी फ्रेंची नीचे हुई, उसमें कैद उसका औज़ार उछल कर बाहर आ गया और सीधा मेरे होंठों से टकराया.

मैंने उसे चूमा और उसके बाद मैं रमित के प्यूबिक एरिया में चूमने लगी.
रमित के मुँह से सिसकारियां निकलने लगीं.

मैं उसके लंड को हाथ में पकड़ कर नीचे से ऊपर तक अपनी जीभ चलने लगी.
मैंने उसके लंड के मुंड को अपने मुँह में भर लिया और लॉलीपॉप के जैसे चूसने लगी.

मैं उसे पूरा मुँह में लेने की कोशिश कर रही थी.
अपना लंड चूसे जाने से रमित अब किसी और दुनिया में था.

उसके मुँह में से सिर्फ मेरा नाम ‘यामी आह …’ की आवाजें आ रही थीं.

मैं उसकी गोटियों को चूमने लगी. कभी मुँह में भर कर चूसने लगती.
मेरी चूत भी पूरी तरह से गीली हो चुकी थी.

मैं फिर से रमित के ऊपर बैठ गयी और उसका लंड मेरी चूत में फटाक से चला गया.

मैं रमित के ऊपर झुकी तो रमित ने मेरी शर्ट के बटन खोल के मेरे बूब्स बाहर निकाल लिए.
वह मेरे दूध अपने हाथों से मसलने लगा.

मैं ऊपर नीचे होकर रमित के लंड की चुदाई कर रही थी.
तभी मैंने अपनी उंगलियां रमित के सीने पर ऐंठे हुए एक निप्पल पर फेरने लगी, अपने नाख़ून से उसे छेड़ने लगी.

रमित की आह निकल गयी.

मैंने आगे झुक कर पहले उसके निप्पल पर किस की और फिर जीभ फिराने लगी.

रमित मज़े में पागल हुआ जा रहा था.

मैं उसके दोनों निप्पलों पर बारी बारी से जीभ फिराती, कभी दांत से हल्का सा काट भी लेती.

रमित की कमर भी नीचे तेज़ी से चलने लगी.

थोड़ी देर बाद रमित काउच पर लेटा थकने लगा था.
उसने मुझे ऊपर से उठने को बोला.

मैं उठी तो रमित ने मुझे बालकनी की ग्रिल को पकड़ कर झुकने को बोला और पीछे से आकर अपना लंड मेरी चूत में एक झटके में उतार दिया.

रमित की स्पीड से मुझे चोदने लगा.
उसने दोनों हाथों से मेरी कमर को पकड़ रखा था और हर झटके में अपना लंड चूत में और गहरा उतारने की कोशिश कर रहा था.

मैंने कहा- रमित थोड़ा धीरे धीरे करो … और चुदाई को लम्बा चलने दो.

सामने सागर में लहरें अपने पूरे उफान पर थीं, इधर रमित और मेरी चुदाई भी पूरे उफान पर थी.

रमित धीरे धीरे अपना लंड मेरी चूत की गहराई में उतार देता ऐसा लग रहा था … जैसे वह हर धक्के के साथ और अन्दर … और अन्दर तक पहुंचने की कोशिश कर रहा था.

उधर समुन्दर में एक लहर पूरे उफान से ऊपर उठी, तो इधर रमित का लंड भी पूरा कड़क हो कर मेरी चूत में गहरा उतर गया.
उसने अपना लावा अन्दर उगल दिया.

मैंने भी ग्रिल को कसके पकड़ा और अपने चूतड़ पीछे की तरफ धकेल कर रमित के साथ चिपका दिए.

थोड़ी देर बाद रमित ने मुझे अपनी तरफ पलटा और हम दोनों एक दूसरे के होंठ चूसने लगे … चूसने तो क्या … खा रहे थे.

रमित ने मुझे अपनी गोद में उठाया और बेड पर लिटा दिया और हम दोनों एक दूसरे की बांहों में थे दोनों ऐसे ही गहरी नींद के आगोश में चले गए.

हॉट कपल होटल सेक्स करने के बाद सुबह नौ बजे हमारी आंख खुली मैं और रमित बिन कपड़ों के एक दूसरे की बांहों में सो रहे थे.

मैंने रमित के होंठों पर किस की तो रमित की नींद खुल गयी. उसने कसके मुझे अपनी बांहों में भींच लिया और किस करने लगा.

मैंने कहा- रमित हटो, मुझे वाशरूम जाना है!
पर वह मुझे चूमते हुए मेरे ऊपर आ गया, मुझे चूमने लगा.

फिर उसने धीरे धीरे सरकते हुए मेरे बूब्स अपने मुँह में लिए … थोड़े से चूसे और उसका लंड आकार में आने लगा था.

उसने फिर से अपना लंड मेरी चूत में सरका दिया.

मैंने कहा- अब ये क्या रमित … तुम सवेरे सवेरे ही शुरू हो गए यार … और देखो न तुम्हारा वह अभी पूरी तरह से टाइट भी नहीं हुआ है!

तो रमित बोला- मेरी जान, बस थोड़ा सा करने दो न … ऐसे धीरे धीरे करने में मज़ा आ रहा है!

उसने मुझे अपनी दोनों बांहों में जकड़ा हुआ था और उसके होंठ मेरे होंठों से मिले हुए थे.

वह धीरे धीरे मुझे चोद रहा था.
अब मुझे भी मज़ा आने लगा.
मैं भी उसका साथ दे रही थी.

हमारे बीच चुदाई कम, चूमा-चाटी ज्यादा हो रही थी.
मैंने भी अपनी बांहें उसकी गर्दन के इर्द-गिर्द लपेट रखी थीं.

वह बहुत हल्के हल्के स्ट्रोक लगा रहा था, हमारा मजा बढ़ने लगा था.

तभी रमित का फ़ोन बजने लगा.
मैंने हाथ बढ़ा कर फ़ोन उठा कर उसे पकड़ा दिया.

यह घर से रमित की मम्मी का फ़ोन था.

मैंने उससे कहा- अब तो छोड़ दो!
उसने मुझे चुप रहने का इशारा किया और फ़ोन पर बात करने लगा.
वह बात भी कर रहा था और अपना काम भी जारी रखे हुए था.

फिर माँ ने मेरे बारे पूछा तो उसने फ़ोन स्पीकर पर कर दिया.

मैंने प्रणाम किया और उनका हाल-चाल लिया.
पर इस सारी बात-चीत के दौरान रमित ने अपना लंड मेरी चूत में से नहीं निकाला.

माँ फ़ोन काटने वाली ही थीं कि पापा ने फ़ोन पकड़ लिया.
पापा की आवाज़ सुनते ही रमित डर गया और मेरे ऊपर से हट गया.

मैंने गहरी सांस ली और उठ कर भागती हुई बाथरूम में घुस गयी.
अन्दर जाते ही मैंने शॉवर खोल दिया और खुद को अच्छे से साफ़ करने लगी.

तभी रमित की आवाज आई. उसने कहा- दरवाज़ा खोलो … मुझे भी तुम्हारे साथ शॉवर लेना है!

मैं टॉवल लपेट कर बाहर आ गयी और मैंने कहा- जाओ फ्रेश होकर आओ, मैं जब तक कॉफ़ी मंगवाती हूँ.
वह मुझे घूरने लगा.

मैं उसकी बात समझती हुई हंसने लगी.
दरअसल उसका मन अभी भी मस्ती करने का था.

मैंने बाहर आकर वार्डरोब से शॉर्ट एंड टॉप निकाल कर पहन लिया और फोन उठा कर दो कॉफ़ी का आर्डर दे दिया.

रमित जब तक वाशरूम से फ्रेश हो कर आया, तब तक कॉफ़ी भी आ गयी थी.

हम दोनों कॉफ़ी लेकर बालकनी में आ गए.

सामने सागर की लहरों में लोग अठखेलियां कर रहे थे … मौसम भी रोमांटिक था.

तभी नीचे मेरी नज़र पूल पर गयी.
वहां लोग स्विमिंग एन्जॉय आकर रहे थे.
मैंने गौर से देखा तो लड़कियां भी थीं.
कुछ स्विम सूट में … तो कुछ टू पीस बिकनी में.

तभी मेरे दिमाग में खुराफात ने जन्म लिया कि क्यों न रमित को दूसरी औरतों या लड़कियों के चूतड़ दिखा कर गर्म किया जाए.

एक तो सुबह वह अपने मुकाम पर नहीं पहुंचा था, तो मैंने सोचा कि उसका मजा बढ़ जाएगा.
फिर यदि रात पार्टी वाली सुन्दर एंड सेक्सी बाला भी इसी पूल में नहाती मिल जाए तो उसके बाद तो रमित रात को मुझे आज रात से भी दोगुना ज्यादा मज़ा देगा.

यार मर्द कितना भी पत्नीव्रता हो, पर दूसरी औरत का शरीर देखते ही उसके लंड में करंट जरूर आ जाता है.

अगर लड़की रात वाली पार्टी वाली जैसी हो तो बस फिर वह न चाहते हुए भी बेवफाई कर बैठेगा.

मैंने रमित को पूल की तरफ देखने को कहा तो वह भी सुन्दर माल देखने में मस्त हो गया.

फिर मैंने उससे पूल में जाने का बोला, तो थोड़ी नानुकर के बाद वह तैयार हो गया.

हम दोनों ने अपने अपने स्विमिंग कॉस्टयूम लिए और नीचे पहुंच गए.
चेंजिंग रूम में चेंज कर के हम दोनों पूल के अन्दर आ गए.

हम दोनों स्विमिंग का मज़ा लेने लगे और एक दूसरे पर पानी उछाल कर मस्ती करने लगे थे.

काफी लोग वापिस जा चुके थे.
अब पूल में बस दो चार लोग ही थे.

तभी मेरी नज़र पूल में उस सुंदरी बाला के पति पर पड़ी.
मैंने सोचा कि इसका मतलब वह भी यहीं आस पास होनी चाहिए.

मेरी नजरें उसे तलाश करने लगीं.
तभी मेरी नज़र एक लड़की पर गयी, जो आराम कुर्सी पर पेट के बल लेटी थी.
उसके बड़े बड़े गोल चूतड़ थे.
उसने थोड़ा अपना चेहरा घुमाया तो मेरी खुशी का कोई ठिकाना न रहा … ये वही सुंदरी थी.
मेरे मन की मुराद पूरी हो गयी थी.

अब बस रमित का ध्यान उसकी तरफ दिलाना बाकी था.
मैं ये सोच कर बहुत खुश थी कि आज रात को रमित को उसके बारे में बोल बोल कर उसे बहुत गर्म कर दूँगी, फिर वह मेरी तसल्ली से मुझे प्यार करेगा.

ये सोचते ही मेरे शरीर में झुरझुरी सी उठी, मेरी चूत में जैसे चींटिया सी रेंगने लगीं.

मैंने अपने आप को कंट्रोल किया और पूल से बाहर आ गयी.

मैं सीधा उसके बगल वाली आराम कुर्सी पर आकर टॉवल से अपना शरीर पौंछने लगी.

दोस्तो मुझे आपके कमेंट्स से समझ आ रहा है कि आप इस सेक्स कहानी को बहुत इन्जॉय कर रहे हैं.
आपके कमेंट्स भी मुझे वापस सेक्स करने को मजबूर कर रहे हैं.

हॉट कपल होटल सेक्स स्टोरी से आगे की कहानी आपकी टांगों के बीच वाले अंग को और गर्म करने को रेडी है.
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