तलाकशुदा की कामवासना और सेक्स का सुख- 4
(Hot Romance With Smart Guy)
हॉट रोमांस विद स्मार्ट गॉए करके मैंने अपनी सहेली के हैण्डसम पति को अपने यौवन का नजारा दिखाया ताकि वह मेरी सूनी चूत को अपने लंड रस से सींच दे.
फ्रेंड्स, मैं जाह्नवी आपको अपनी सेक्स कहानी के अगले भाग का रस पिलाने हाजिर हूँ.
कहानी के पिछले भाग
सहेली के पति से सेक्स की लालसा
में अब तक आपने पढ़ा था कि मैं यामिनी के पति रमित के साथ अपने ऑफिस की पार्टी में उसे अपना पति बना कर ले जा रही थी.
उसके साथ का अहसास करती हुई मैं अपने कपड़े पहन रही थी.
अब आगे हॉट रोमांस विद स्मार्ट गॉए:
मैंने अपने भारी स्तनों पर ब्रा पहनी.
उस समय मुझसे ब्रा का हुक नहीं लग रहा था, तो मैंने उसे बाद में लगाऊंगी, ऐसा सोच कर छोड़ दिया था.
फिर बड़ी नज़ाकत से पैंटी को टांगों में सरकाया.
उसके बाद मैंने ब्लाउज को यूं लटका लिया क्योंकि अभी ब्रा का हुक लगाना बाकी था.
नीचे टांगों में पेटीकोट पहन लिया.
अब मैंने पहले साड़ी बांधनी शुरू की.
साड़ी बांध कर जब मैं ब्रा का हुक लगाने की कोशिश कर रही थी तभी रमित चार्जर लौटाने मेरे रूम में चला आया.
वह मुझे इस तरह से देख कर थोड़ा सकपकाया.
मैंने कहा- रमित थैंक गॉड यार … तुम आ गए प्लीज ये हुक लगाने मेरी हेल्प कर दो.
वह मेरे करीब आया.
मैंने महसूस किया कि उसके हाथ कांप रहे थे.
फिर उसने मेरी ब्रा का हुक लगाया.
हुक लगाते समय जैसे ही उसकी उंगलियां मेरी खुली पीठ से छुईं, तो मैं सर से पाँव तक सिहर गयी.
एक अजीब सा उन्माद छा गया और मेरी आंखें खुद ही बंद हो गईं.
मैं अपने निचले होंठ को काटने लगी.
मुझे लगा कि रमित मुझे अपनी बांहों में भर ले और अपने तपते होंठ मेरी पीठ पर रख दे.
फिर मैं कटी बेल की तरह उस से चिपक जाऊं.
पर ऐसा हो न सका.
रमित यह बोलते हुए ‘मैं बाहर वेट करता हूँ … तैयार होकर आ जाना.’ अपने रूम से चला गया.
उसकी आवाज़ से मैं अपने ख्यालों से बाहर आयी, मैंने सर को झटका.
तभी मेरी नज़र बेड पर फैली मेरी ब्रा पैंटीज पर पड़ी जो थोड़ी देर पहले मैंने पसंद करते हुए अलमारी से निकाल कर बेड पर फैला दी थीं.
मैं मुस्करायी और सोचने लगी मैं अनजाने में ही सही रमित को गर्म कर रही हूँ.
फिर मैंने ब्लाउज बंद किया और हल्का सा मेकअप किया, मैचिंग ज्वेलरी पहनी, ऊंची एड़ी के सेंडिल पहन कर जब खुद को अपने शीशे में निहारा तो सोचा.
‘तुम आ गए हो तो …
अब आईना भी देखेंगे,
अभी अभी तो
निगाहों में रोशनी हुई है!’
आज तो किसी न किसी की तपस्या भँग होकर ही रहेगी.
यह सोचती और मुस्कराती हुई मैं बाहर आ गयी जहां रमित खड़ा मेरा इंतज़ार कर रहा था.
जब मेरी नज़र रमित पर पड़ी मैं तो पलक झपकाना ही भूल गयी. ऐसे लग रहा था जैसे देवलोक से कोई देव धरती पर उतर आया हो.
ब्लैक सूट में रमित बहुत हैंडसम लग रहा था, ह्रितिक रोशन से बहुत ज्यादा हैंडसम.
रमित के भूरे और थोड़े घुंघराले बाल उसे और ज्यादा हॉट बना रहे थे.
ब्लैक सूट विद रेड टाई तो ऐसे लग रही थी जैसे ये ड्रेस बनाई ही रमित के लिए हो.
उसकी समंदर सी गहरी आंखों में डूब जाने का मन कर रहा था.
तभी मैंने सीटी बजाते हुए कहा- रमित, पार्टी में आयी सब लड़कियां आज तुम पर लट्टू हो जाएंगी … और बाकी मर्द उन्हें देख तुमसे ईर्ष्या में जल मरेंगे.
उसने हल्की सी स्माइल दी और बोला- तुम बिल्कुल यामिनी की तरह बोल रही हो, तुम दोनों पागल हो!
मैं अचानक ही बोल पड़ी- हां तुम्हारे लिए!
वह बोला- क्या?
मैंने कहा- कुछ नहीं चलो चलें.
मैंने देखा तो रमित की नजरें मुझ पर गड़ी हुई थीं.
मेरे ब्लाउज़ का गला काफी गहरा और खुला था, जिसमें से मेरे वक्षस्थल का ऊपर का भाग नज़र आ रहा था. मेरे राइट वाले वक्ष के ऊपर का तिल साफ़ नज़र आ रहा था.
रमित की नजरें वहीं चिपकी हुई थीं.
मैंने उसे दोबारा आवाज़ दी- रमित चलो!
वह जैसे नींद से जागा हो, बोला- हां चलो.
हम दोनों कार में बैठ कर चल दिए.
सारे रास्ते मैं रमित को कनखियों से देखती रही और बीच बीच में वह भी मुझे कनखियों से देख लेता था.
मुझे ये सफर बहुत हसीन लग रहा था, ऐसा लग रहा था कि ये सफर कभी खत्म ही न हो.
मैं अपने ख्यालों में खोयी थी.
हम कब अपनी मंज़िल पर पहुंच गए, कुछ पता ही नहीं लगा.
रमित ने कहा- जाह्नवी हम लोग पहुंच चुके हैं.
तो मैं जैसे नींद से जागी और हड़बड़हाट में बोली- अरे इतनी जल्दी कैसे पहुंच गए?
रमित बोला- जल्दी … मैंने पूरा एक घंटे की ड्राइव की है मैडम … तुम पता नहीं किन ख्यालों में खोयी रहीं सारे रास्ते. तुम्हें एक घंटा क्या कम लगता है?
मैंने कहा- मैं तो सोच रही थी कि ये सफर सारी ज़िन्दगी खत्म ही न हो!
रमित हंस कर बोला- जाह्नवी, तुम्हें क्या हुआ है. आज तुम दोपहर से कुछ बहकी बहकी बातें कर रही हो?
मैंने अपने मन में कहा:
‘महक तुम्हारी बिखरी है हवाओं में
मुझे भी महका कर बहका रहे हो तुम.’
ये आपके साथ का सुरूर है शायद.
फिर हम दोनों कार से उतर कर अन्दर की तरफ चल दिए.
मैंने कहा- रमित यार, तुम इतने हैंडसम लग रहे हो … मैं तुम्हारे साथ चलती ठीक तो लगूंगी न … कहीं पार्टी में लोग ये न बोलें कि जाह्नवी को इतना हैंडसम हस्बैंड कैसे मिल गया?
रमित बोला- क्या बात कर रही हो यार, तुम आज कहर ढा रही हो. जैसे गोवा में पार्टी में ढा रही थीं. तुम तो आज इंद्रलोक की अप्सरा मेनका और उर्वशी को भी मात दे रही हो. आज अगर पार्टी में कोई विश्वामित्र हुआ तो पक्का उसकी तपस्या भंग हो जाएगी. वैसे आज तुम पार्टी में सारे मर्दों की नज़र की निशाना … और वहां मौजूद सभी लड़कियों और औरतों की जलन का कारण होगी.
मैंने मन में कहा कि मुझे किसी विश्वामित्र की चाह नहीं है. बस तुम मुझे आज कुछ लम्हे प्यार के दे जाओ तो सारी ज़िन्दगी इन लम्हों की याद के साथ बिता दूँगी.
तभी रमित ने मेरी आंखों के आगे चुटकी बजाते हुए एक बार फिर से मुझे अपने ख्यालों में से बाहर निकाला.
वह बोला- हम स्पॉट पर पहुंचने वाले हैं. अगर हम ऐसे ही दूर दूर चलते रहे तो लोग हमें हस्बैंड वाइफ नहीं समझेंगे और हमारा झूठ पकड़ा जाएगा.
मैंने कहा- तो फिर?
उसने अपनी बाजू आगे बढ़ायी और मेरी बाजू को थाम लिया.
वह बोला- अगर तुम्हें कोई परेशानी न हो तो!
मैंने कहा- मेरे लिए ही तो तुम ये सब कर रहे हो, मुझे क्यों परेशानी होगी … तुम्हें कम्फर्टेबल होना चाहिए.
तो वह बोला- ऐसा है मिस जाह्नवी … आपके साथ आपका हाथ थाम कर चलना मेरे लिए एक प्राउड मोमेंट है.
उसके करीब आते ही मैं रोमांच से भर गयी.
उसके करीब आते ही मैं रोमांच से भर गयी और मैं एक बार फिर बेख्याली मैं बोल गयी:
‘तुम मेरा हाथ थाम कर देखो तो सही.
लोग जल जाएंगे महफ़िल में चिरागों की तरह.’
हम जैसे ही पार्टी लॉन में पहुंचे तो सबकी नज़र हमारी जोड़ी पर थी.
हमारे वहां पहुंचते ही सभी हम से मिलने के लिए उत्सक थे.
मैंने सभी को रमित से मिलाया.
मेरी कलीग्स तो रमित को देख कर पलकें झपकाना भी भूल गयी थीं.
एक ने तो मेरी कमर पर चिकोटी काटते हुए पूछा था- कहां से पटा लिया ऐसा हॉट बंदा?
मैं जवाब में सिर्फ मुस्करायी.
मेरी सभी फीमेल कलीग्स मुझसे जल रही थीं.
इधर कुछ मेरे पुरुष सहकर्मियों का भी यही हाल था.
उनकी नजरें तो मेरे ब्लाउज से झांकती मेरी क्लीवेज और मेरी आधी नंगी पीठ पर से हट ही नहीं रही थीं.
पार्टी में मौजूद सभी मॉडल्स मेरे से इसलिए भी जल रही थीं कि सभी मर्दों की नज़र उनके अधनंगे शरीर पर न होकर मुझ पर टिकी थी.
रमित ने मुझसे पूछा- ये सब हम दोनों को ऐसे क्यों देख रहे हैं?
मैंने कहा- लड़कियां तुम्हें क्यों देख रही हैं, ये बताने की जरूरत नहीं है … और लड़के क्यों देख रहे हैं … क्योंकि उनकी पार्टनर लड़कियां तुम्हें देख रही हैं.
मैंने मुस्करा कर फिर से दो लाइन बोलीं.
‘हमारी निगाहों ने जरा सी गुस्ताखी क्या की
कि जर्रे जर्रे ने तुझे … देखने की साज़िश की है..!!’
तभी मेरे बॉस मेरी कंपनी के मालिक अपनी पत्नी के साथ पहुंचे.
उन्होंने मेरी तरफ हाथ बढ़ाते हुए बोला- हाय गॉर्जियस लेडी.
वे मुझे अपनी बीवी से मिलवाते हुए बोले- ये मेरी कंपनी की सबसे काबिल डिज़ाइनर हैं.
उनकी बीवी ने भी मेरे से हाथ मिलाया, फिर उनको मैंने रमित से मिलवाया.
फिर वे अपनी बीवी के साथ स्टेज की तरफ बढ़ गए. पार्टी का माहौल बहुत ही रोमानी हो रहा था हल्का हल्का संगीत बज रहा था … साथ में ड्रिंक्स सर्व हो रही थी.
मैं और रमित ने अपनी ड्रिंक हाथ में लिए आपस में बात कर रहे थे.
मैं तो पहले ही रमित का साथ पाकर एक अलग ही अहसास में डूबी थी.
ऊपर से पार्टी का माहौल, ड्रिंक और ये संगीत!
मैं तो जैसे अपने वश में ही नहीं थी. हॉट रोमांस विद स्मार्ट गॉए का मजा ले रही थी मैं.
मुझे लग रहा था कि ज़िन्दगी ने मुझे ये जो खुशगवार पल दिए हैं, बस मैं इन में डूब जाऊं.
हां डूब ही तो रही थी मैं रमित में … उसकी आंखों में … जो सागर से भी गहरी थीं!
मुझे इस तरह खोया देख कर रमित ने पूछा- कहां खोयी हो?
मेरे होंठ खुद ही बुदबुदा उठे
‘कुछ इस तरह से हम तेरे नजदीक आ चुके हैं
खुद को तेरे वजूद का हिस्सा बना चुके हैं
अब तो हमारे दर्द की कोई दुआ करो
हम तो तुम्हें अपना मसीहा बना चुके हैं!’
रमित सुन कर थोड़ा मुस्कराया और बोला- अच्छा मैडम शायरी भी करती हैं!
मेरे मुँह से बेसाख्ता निकल गया;
‘तुम्हें कैसे बताएं कि
सिर्फ तेरा साथ जरूरी है
लाख दूरियां चाहे क्यों न हों
तेरा अहसास जरूरी है.’
तभी एक आवाज़ गूंजी.
‘गुड इवनिंग लेडीज & जेंटलमैन.’
ये आवाज़ मेरे बॉस की थी जो शायद कोई अनाउंसमेंट करना चाहते थे.
पर मेरा ध्यान सिर्फ और सिर्फ रमित पर था.
‘मुझे ये अनाउंस करते हुए बहुत ख़ुशी हो रही है कि इस साल हमारी कंपनी के डिज़ाइन इंटरनेशनल फैशन वर्ल्ड में बेस्ट डिजाइन चुने गए हैं … और ये सिर्फ जाह्नवी की वजह से हुआ है. जाह्नवी हमारी बेस्ट डिजाइनर सेलेक्ट हुई है और इस साल की कंपनी के बेस्ट एम्प्लोयी भी. मैं जाह्नवी को रिक्वेस्ट करूंगा कि वे स्टेज पर आएं!’
तभी रमित ने मुझे गले लगाते हुए कॉंग्रट्स किया तो मैं अपने ख्यालों से बाहर आयी.
वह बोला- जाओ जाह्नवी, तुम्हें स्टेज पर बुला रहे हैं … अवार्ड देने के लिए!
स्टेज से फिर से मेरा नाम पुकारा गया.
पर इस बार कहा गया- जाह्नवी, प्लीज आप दोनों साथ में स्टेज पर आओ क्योंकि आज की शाम के … तुम दोनों यहां पर सबसे खूबसूरत कपल हो!
मेरी ख़ुशी का कोई ठिकाना नहीं था.
मैं सातवें आसमान पर थी, आज कुदरत मेरे पर एकदम से मेहरबान हो गयी थी. मुझसे ये ख़ुशी संभाले नहीं संभल रही थी. मेरे पांव जैसे जम से गए थे फर्श पर!
तभी रमित ने मेरा हाथ पकड़ा और स्टेज की तरफ लेकर चल दिया.
मैं उसके साथ साथ चल दी.
हम दोनों स्टेज पर पहुंचे तो मेरे बॉस ने मुझसे और रमित से हाथ मिलाया … और मुझे ट्रॉफी दी.
वे बोले- जाह्नवी, दो लाइन अपनी इस कामयाबी पर … मैं जानता हूँ तुम्हें लिखने का भी शौक है!
मैंने माइक हाथ में लिया और पहले सबका अभिवादन किया, फिर बोली:
‘कामयाबी सुबह के जैसी होती है
मांगने पर नहीं … जागने पर मिलती है.’
सारे लॉन में तालियों की गड़गड़हाट गूँज उठी.
मेरी कलीग्स मुझे बधाई दे रही थीं.
तभी ‘वन्स मोर’ के साथ एक और शेर सुनाने की फरमाइश हो रही थी.
सब बोल रहे थे कि दो लाइन अपने प्यार अपने हस्बैंड के लिए सुना दो!
मैंने कहा.
‘ये मेरे प्यार के लिए …
‘तुम पांव तो रखो दहलीज ऐ दिल पर हमारी
लाखों चिराग जलाएंगे, हर आहट पर तुम्हारी.’
चारों तरफ से तालियों का शोर सुनाई देने लगा.
रमित ने मुस्करा कर अपना हाथ मेरी तरफ बढ़ाया तो मैं उसका हाथ थाम कर स्टेज से नीचे उतर आयी.
सभी मुझे बधाई देने के लिए मेरे आस पास इकट्ठे हो गए.
तभी किसी ने माइक से मेरे और रमित को कपल डांस करने की रिक्वेस्ट की.
पहले मैंने मना किया.
पर जब सब बोलने लगे तो मैंने कहा- ओके, मैं अपने पसंद के गाने पर ही कर पाऊंगी … और मेरे साथ आप सबको भी डांस करना पड़ेगा.
सब बोले- मंजूर है, पर तुम दोनों पहले शुरू करोगे!
तभी मेरी पसंद का सांग प्ले हुआ.
आगे भी जाने न तू,
पीछे भी जाने न तू
जो भी है,
बस यही एक पल है.
बहुत धीमा म्यूजिक था, मैंने रमित को इशारा किया.
रमित ने मेरा हाथ पकड़ कर अपने कंधे पर रखा और अपनी एक बाजू मेरी पीठ के पीछे करके मुझे अपने करीब खींच लिया.
मैं तो पहले ही रमित के साथ होने के अहसास से रोमांचित थी, ऊपर से उसकी उंगलियों का मेरी पीठ पर स्पर्श ने मुझे किसी और ही दुनिया में पहुंचा दिया.
एक तो रमित के साथ का न/शा था, ऊपर से इस गाने की ये लिरिक्स ने मुझ पर जादू सा कर दिया था.
अब मैं इस पल में खो जाना चाहती थी, इस पल को पूरी तरह से जीना चाहती थी.
मुझे अपने आस पास कुछ नज़र नहीं आ रहा था.
मेरी आंखें मदहोशी में बंद थीं और मेरे पाँव खुद ब खुद थिरक रहे थे.
गाने के लिरिक्स चल रहे थे.
आगे भी जाने न तू,
पीछे भी जाने न तू
जो भी है,
बस यही एक पल है.
अन्जाने सायों का … राहों में डेरा है
अनदेखी बांहों ने … हम सबको घेरा है
ये पल उजाला है … बाक़ी अंधेरा है.
ये पल गँवाना न … ये पल ही तेरा है.
जीने वाले सोच ले, यही वक़्त है …
कर ले पूरी आरज़ू
आगे भी …
मैं अपने बस में नहीं थी, मुझे ऐसा महसूस हो रहा था जैसे मैं हवा में उड़ रही हूँ.
इस गाने की अगली लाइन तो जैसे मेरे ही दिल का हाल बयां कर रही थी.
इस पल के जलवों ने महफ़िल संवारी है
इस पल की गर्मी ने धड़कन उभारी है
इस पल के होने से दुनिया हमारी है
ये पल जो देखो, तो सदियों पर वारी है
जीने वाले सोच ले, यही वक़्त है … कर ले पूरी आरज़ू.
आगे भी …
और आगे की लाइन्स तो जैसे मेरे ही अहसास या ख्याल थे.
इस पल के साए में … अपना ठिकाना है
इस पल की आगे की हर शय फ़साना है
कल किसने देखा है, कल किसने जाना है
इस पल से पाएगा, जो तुझको पाना है
जीनेवाले सोच ले, यही वक़्त है … कर ले पूरी आरज़ू.
आगे भी …
मैं भी इस पल को पूरी तरह से जीना चाहती थी, जैसे ये पल के बाद ज़िन्दगी खत्म हो जानी थी.
मैं पूरी तरह से इस पल में डूबी थिरक रही थी.
मेरा सर रमित के कंधे पर था, उसने दोनों हाथों से मुझे थाम लिया था.
मैं उसमें और गाने में डूबी थिरक रही थी.
मुझे होश ही न था कि लोग मुझे यहां देख रहे हैं.
गाना ख़त्म हुआ तो तालियों की आवाज़ से मैं होश में आयी.
मैं शर्मा कर रमित से दूर हुई, तभी किसी ने बोला- बहुत गहरा प्यार लगता है दोनों में!
ये सुन कर मेरी आंखों में हया उतर आयी.
रमित की तरफ देखा, तो वह मेरी तरफ देखते हुए मंद मंद मुस्करा रहा था.
मेरे मुँह से फिर निकला- ना किया कीजिए … शरारत नज़रों से … मन मचल गया तो … बड़ी मुश्किल होगी!
आज मैं रमित की पूरी तरह से दीवानी हो चुकी थी.
आज मैं उसके प्यार में मीरा की तरह गाना चाहती थी, राधा की तरह नाचना चाहती थी.
आज मैं रमित में समा कर खुद रमित हो जाना चाहती थी.
मैं वह सब करना चाहती थी, जिसके मैंने सिर्फ सपने देखे थे.
मैं उसके आगोश में खो जाना चाहती थी, मैं सारी रात उसके कंधे पर सर रख कर चाँद को देखते हुए बिता देना चाहती थी!
जैसे जैसे रात गहरी हो रही थी, पार्टी और रोमानी होती जा रही थी.
मैं अपना ड्रिंक हाथ में लिए धीरे धीरे सिप करती हुई रमित के साथ को एन्जॉय कर रही थी.
दोस्तो, इस हॉट रोमांस विद स्मार्ट गॉए वाले पार्ट में मेरे संग सेक्स तो न हो सका पर अगले भाग में पूरी उम्मीद है.
आप मेरे साथ बने रहें और मुझे अपने कमेंट्स से जरूर नवाजें.
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हॉट रोमांस विद स्मार्ट गॉए कहानी का अगला भाग:
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