तलाकशुदा की कामवासना और सेक्स का सुख- 3

(I Want Fuck Story)

रमित 2025-10-10 Comments

आई वांट फक स्टोरी में मैं अपनी सहेली के स्मार्ट पति के साथ थी. हम दोनों एक दूसरे के साथ सेक्स करना चाहते थे पर अभी तक हिचक रहे थे. मैंने तय कर लिया कि मैं अपनी सहेली के पति को पटाऊंगी.

दोस्तो, मैं जाह्नवी एक बार पुनः अपनी सेक्स कहानी के अगले भाग के साथ आपके सामने हाजिर हूँ.
कहानी के पिछले भाग
सेक्सी सहेली के साथ लेस्बो मजा
में अब तक आपने पढ़ा था कि मेरे ऑफिस में एक पार्टी थी, जिसमें सबको अपने अपने पार्टनर के साथ आना जरूरी था … मुझे भी. बल्कि मुझको लेकर तो सारे लोग मेरे हसबेन्ड को देखना चाहते थे कि वह कौन सा खुशनसीब बंदा है, जिसे मेरे जैसी हॉट लड़की मिली.
जबकि मैं सोच में पड़ी थी कि अब मैं अपने पति ईवान से कैसे कहूँ क्योंकि मेरा उससे तलाक हो चुका था.
इसी उधेड़बुन में डूबी मैं घर आ गई.

अब आगे आई वांट फक स्टोरी:

मुझे कहीं गम में डूबी देख कर यामिनी बोली- कहां खोयी हो? कोई परेशानी है तो बताओ!

मैंने उसे बताना ठीक नहीं समझा.
अगर बताती तो वह तपाक से बोल देती कि रमित को अपना हसबैन्ड बना कर ले जा.

मैंने उसे ऑफिस की टेंशन बोल कर टाल दिया.
वह बोली- मुझे कल मॉर्निंग की फ्लाइट से दिल्ली जाना है. मम्मी जी बीमार हैं, कल रात की फ्लाइट से संडे दोपहर की फ्लाइट से वापिस आ जाऊंगी!

मैंने कहा- तुम दोनों आराम से जाओ, मैं अकेली रह लूंगी.
वह बोली- अरे मैं अकेली जा रही हूँ, रमित अभी कल ही तो वापिस आया है. उसके काम का नुक्सान होगा … इसलिए मैं अकेली ही जा रही हूँ. और सुन रमित को तेरे भरोसे छोड़ कर जा रही हूँ उसका ख्याल रखना!

मैंने कहा- यामिनी तू फ़िक्र मत कर, मैं उसे खाना बिल्कुल वक़्त पर दूँगी!
यामिनी बोली- उसे रात को किसी और चीज़ की भी जरूरत होती है … प्लीज वह भी दे देना.

जब उसकी बात का मतलब समझ में आया, तो मैंने उससे कहा- साली बेशर्म, तू नहीं सुधरेगी!
वह आंख दबा कर बोली- यार मौका दे रही हूँ … उसका फायदा उठा ले न!

मैं उसकी पीठ पर मुक्का मारती हुई बोली- बेशर्म है तू … किसी दिन काण्ड करवा कर ही रहेगी!
वह बोली- हाय … यार मैं तो उस दिन का बहुत बेसब्री से इंतज़ार कर रही हूँ.

रमित भी ऑफिस से आ गया, तो हमने मिल कर खाना खाया.
खाना खा कर हम दोनों अपने बेडरूम में चले गए.

मेरे दिमाग में फिर से पार्टी वाली बात घूमने लगी.
एक बार तो सोचा कि जाऊंगी ही नहीं, कोई बहाना बना दूँगी.
फिर ख्याल आया कि पार्टी में बहुत सी मॉडल्स और क्लाइंट्स भी होंगे … तो चीफ डिज़ाइनर होने के नाते मुझे वहां होना ही चाहिए … और कल को मुझे अपना डिज़ाइनर हाउस खोलना है तो कांटेक्ट होने ही चाहिए. पर दिक्कत वही थी कि पार्टी में कपल एंट्री है.

सोचते सोचते पता नहीं कब नींद आ गयी.
सुबह उठी तो देखा नौ बज चुके थे. ऑफिस तो जाना नहीं था आज … सो किचन में जाकर खुद के लिए कॉफ़ी बनाई और लिविंग रूम में आ गयी.
फिर से ये सोचने लगी कि पार्टी में जाने के लिए रमित को कैसे तैयार किया जाए या ईवान से ही बात की जाए.

फिर मैंने तय किया कि पहले ईवान से ही पूछती हूँ. अगर वह हां कर देता है तो झूठ नहीं बोलना पड़ेगा.
मैं उसे ज्यादा ड्रिंक नहीं करने दूँगी और पार्टी से जल्दी ही निकल पड़ूँगी.

मैंने ईवान को फ़ोन लगा दिया.
उसने उठाया तो मैंने उसे अपनी दिक्कत बताई.
तो उसने साफ़ मना कर दिया और बोला- अब मेरा तुमसे कोई रिश्ता नहीं है.

यह सुन कर मेरा मूड और भी खराब हो गया.
मैंने उससे एक हेल्प ही तो मांगी थी.

उसने उसके लिए भी इंकार कर दिया था जबकि हमारा तलाक अभी तक कोर्ट से मंजूर भी नहीं हुआ था.
मैं बहुत उदास बैठी थी, मेरी आंखों में आंसू भर आए थे.

तभी रमित भी वहां आ गया और मुझे गुमसुम बैठी देख कर खुद ही कॉफ़ी बनाने लगा.
मुझे अचानक से होश आया, मैंने कहा- हटो, मैं कॉफ़ी बना देती हूँ.

उसने बोला- ओके खुद के लिए भी बना लेना.
‘मैंने तो अभी पी है!’
तो वह बोला- फिर मेरे लिए भी रहने दो, मुझे अकेले कॉफी पीने की आदत नहीं है.

उसकी इस बात को सुनकर मैंने अपने लिए भी बना ली.
हम दोनों अपनी अपनी कॉफ़ी का कप लेकर लिविंग रूम में आ गए.

मैं अपने ख्यालों में खोई थी.
रमित बहुत ध्यान से मेरे चेहरे को देख रहा था.

थोड़ी देर बाद वह बोला- क्या बात है जाह्नवी … तुम इतनी उदास क्यों हो?
मैंने न में सर हिलाते हुए कहा- ऐसी कोई बात नहीं है … मैं ठीक हूँ.

वह बोला- जानता हूँ. मैं यामिनी जैसे क्लोज तो नहीं हूँ तुम्हारा … पर फिर भी इतनी दोस्ती तो है ही कि तुम मुझे अपनी उलझन बता सको! शायद मैं तुम्हारी प्रॉब्लम का कोई हल निकाल सकूँ!

एक पल रुकने के बाद वह पुनः बोला- देखो जाह्नवी, मैं तुम्हें अपनी फैमिली ही समझता हूँ और इतना तो हक़ है ही कि तुमसे तुम्हारी उदासी का कारण जान सकूँ!

अब मैंने उसे सब बता दिया.
ईवान से जो बात हुई, वह भी बता दी … और ये भी बताया कि यह पार्टी मुझे अपना स्टार्टअप शुरू करने के लिए बहुत मददगार होगी. अगर जॉब भी कंटिन्यू करती हूँ तो भी कल मुझे चीफ डिज़ाइनर के रूप में पेश किया जाएगा. ये भी मेरी रेपुटेशन बिल्ड करने के लिए बहुत मददगार होगा.

रमित बोला- हम्म … समस्या तो गंभीर है पर इसका हल भी है.
मैंने कहा- क्या हल है … क्या पति अब किराये पर लेकर आना पड़ेगा … वह भी ले लेती पर अब हैंडसम और कल्चर्ड आदमी कहां से मिलेगा?

रमित बोला- मैडम, एक हैंडसम और वेल एडुकेटेड एंड कल्चर्ड बंदा आपके सामने है और आपकी सेवा में हाज़िर है.
मैं हंस पड़ी- यार रमित मज़ाक मत करो … यहां मेरे प्राण सूखे पड़े हैं. लगता है बॉस को कोई बहाना बनाना पड़ेगा पार्टी में ना जाने के लिए!
रमित बोला- जाह्नवी पागल मत बनो. अगर इस पार्टी में कैरिएर की संभावना है, तो तुम्हें जाना ही चाहिए.

मैंने कहा- और यामिनी को पता लगा तो वह क्या सोचेगी?
रमित बोला- तुम्हें यामिनी पर भरोसा है न … तो आंखें बंद करो और ये सोचो अगर यही प्रॉब्लम तुम मेरी जगह यामिनी को बतातीं, तो यामिनी क्या हल देती. बस वही करो जो यामिनी बताती.

मैंने आंखें बंद करके सोचा तो अन्दर से एक ही आवाज़ आयी कि यामिनी यही बोलती तुम रमित के साथ चली जाओ. एक पार्टी में उसे अपना हस्बैंड बताने से क्या फर्क पड़ता है.

मैंने आंखें खोलीं, तो मैं निर्णय ले चुकी थी.
अब इस पार्टी में मैं रमित के साथ ही जाऊंगी.

मैंने रमित से कहा- ठीक है, मैं तुम्हारी बात मान लेती हूँ … पर हम ये सब यामिनी को बता देंगे … उससे कुछ भी छुपाएंगे नहीं!
रमित बोला- ओके, मुझे कोई प्रॉब्लम नहीं. वैसे भी मैं यामिनी से छुपा कर कोई काम नहीं करता. मैं उसके आने पर उसे सब बता दूंगा. आज वह हॉस्पिटल में अपनी मां के साथ होगी तो आते ही बता दूंगा या उसे मैसेज डाल दूंगा.
मैंने कहा- ओके.

एक पल बाद मैंने रमित से फिर बोला- तुम्हें एक बात तो बताना भूल ही गयी. पार्टी के लिए ड्रेस कोड भी है, पर डोंट वरी, जो ड्रेस कोड है वह तुम्हारे पास है.
रमित ने मेरी तरफ देखा तो मैंने कहा- यार ब्लैक सूट विद रेड टाई … और मैंने तुम्हें गोवा में पार्टी में पहली बार इसी ड्रेस में देखा था.

रमित हल्के से मुस्करा कर बोला- बड़ी याद है?
मैंने हंस कर कहा- हां उस रात तो तुम पार्टी में सब लड़कियों की निगाहों का निशाना जो थे!

रमित हंसने लगा और बोला- तुम और यामिनी को देख कर पता नहीं कितने मर्दों ने आहें भरी होंगी.
हम दोनों हंसने लगे.

रमित बोला- मैं ऑफिस का एक काम निपटा कर आता हूँ, तब तक तुम पार्टी की तैयारी करो. अगर तुम्हें रेडी होने के लिए किसी पार्लर में वगैरह जाना है तो मैं तुम्हें ड्राप कर देता हूँ.
मैंने कहा- नो, मैं ऐसी ही ठीक हूँ. जो करना होगा घर पर कर लूँगी.
वह बोला- ओके.

मैंने कहा- मैं जल्दी से ब्रेक फ़ास्ट बना देती हूँ. तुम ब्रेक फ़ास्ट करके ही जाना.

तब मैंने जल्दी से ब्रेक फ़ास्ट बनाया.
ब्रेकफास्ट करके रमित ऑफिस के लिए निकल गया और मैं अपने बेडरूम में आ गयी.

पता नहीं रमित के साथ जाने का ख्याल मुझे अन्दर से गुदगुदा रहा था.
मैं बहुत खुश थी.

थोड़ी देर पहले तक जो दिल पर उदासी की धुंध छायी थी … वह अब हट चुकी थी.

मैंने अपने मुँह पर फेस पैक लगाया.
अपनी बाजू और टांगों पर वैक्सिंग करके उन्हें चिकना किया, फिर मैं बाथरूम में घुस गयी.

मैंने कपड़े खोले तो सामने शीशे में खुद के नंगे बदन को देख खुद पर रश्क हो गया.
खुद से ही प्यार हो गया और आंखों में एक हया सी आ गयी.

फिर मैंने अपनी पैंटी खोली तो देखा मेरी चूत के आस पास छोटे छोटे रोयें से आ गए थे.
मुझे याद आया कि मैंने बहुत दिनों से चूत के बालों को साफ़ नहीं किया तो मैंने हेयर रेमूवर लगा कर अपनी चूत चिकना बना डाला.

जब मैं ये सब कर रही थी तो दिल में ख्याल आया ‘जाह्नवी तू ये सब क्यों कर रही है. तू रमित के साथ सिर्फ पार्टी में जा रही है … सुहागरात मनाने नहीं!’
फिर उस ख्याल को झटका और अपने काम में लग गयी.

मैंने अपनी चूत बिल्कुल चिकनी निकाल दी.
बगलों को भी अच्छे से चिकना किया क्योंकि ब्लाउज स्लीवलेस जो पहनना था.

वैसे भी मैं अपने आपको बहुत साफ़ रखती हूँ.
मुझे अपने बदन पर बाल होना बिल्कुल पसंद नहीं हैं.
अपनी चूत तो मैं हर दूसरे दिन क्लीन करती हूँ.

इन सब कामों में मुझे दो ढाई घंटे लग गए.
बाथरूम से बाहर आयी तो मैंने ब्रा नहीं पहन कर खुला सा टॉप पहन लिया, जिसका गला भी काफी गहरा था … और नीचे शॉर्ट पहन ली.

कुल मिला कर इस तरह मुझे देख कर कोई भी खल्लास हो जाए.

तभी मैं डोर बेल बजी, तो मैंने डोर खोला.
सामने देखा तो रमित खड़ा था.

मैंने एक तरफ हट कर उसे अन्दर आने की जगह दी तो वह अन्दर आ गया.

डाइनिंग टेबल पर खाने के पैकेट्स रखते हुए वह बोला- मैं लंच बाहर से पैक करवाया लाया हूँ.
मैंने कहा- अरे, मुझे खाना बनाना आता है.

तो वह बोला- आज मैडम को पार्टी में जाना है तो क्यों खाना बनाते हुए अपने चेहरे का ग्लो कम करना?
मैं बोली- ओह.

तभी मैंने रमित की नज़र अपने टॉप के घेरे गले में झांकते बूब्स पर महसूस की, फिर उसकी नज़र फिसलती हुई मेरी चिकनी जांघों पर फिसलने लगी.

मैंने कहा- चलो लंच कर लेते हैं, फिर तुम आराम कर लो. सुबह जल्दी उठ कर यामिनी को एयरपोर्ट ड्राप करने भी गए होगे.

फिर हम दोनों ने साथ में लंच किया और अपने अपने कमरों में चले गए.

बिस्तर पर पड़ते ही मैं रमित के बारे में सोचने लगी.
उसको यूँ घूरना याद करके मैं रोमांच से भर गयी.

आज के दिन को मैं भरपूर जीना चाहती थी.
मैं रमित का साथ सोच कर बहुत खुश थी.

मैं ऐसे रोमांचित थी, जैसे कोई भी लड़की या औरत अपने बॉयफ्रेंड या हस्बैंड के साथ पहली बार जाने से खुश और रोमांचित होती है.

जब वह सिर्फ इसी बात से खुश होती है कि आज सारा समय सिर्फ और उसी के साथ बिताएगी.

ये सब सोच कर वह खुश भी होती है और एक नारी सुलभ शर्म और हया भी उसकी आंखों में होती है.
ठीक ऐसा ही कुछ मेरा हाल भी था.

मैं आज की पार्टी के सपने देखने लगी.
पार्टी में मेरी और रमित की जोड़ी को देख कर लोग जलभुन जाएंगे.

यही सब सोचती हुई मैं पता नहीं कब, नींद के आगोश में चली गयी.

शाम को 6 बजे जब रमित ने दरवाजा खटखटाया तो नींद खुली.

मैंने दरवाजा खोला तो सामने रमित हाथ में 2 कप कॉफी के लिए खड़ा था.

उसने कहा- मौसम बहुत अच्छा है बाहर का … क्या मेरे को कॉफ़ी पर कंपनी दे सकती हो?

मैंने मुस्करा कर कहा- इतना फॉर्मल क्यों हो रहे हो … चलो ऊपर टेरेस पर कॉफी एंड वेदर दोनों एन्जॉय करते हैं.
वह बोला- और एक दूसरे की कंपनी भी!

रमित की ये बात सुन मेरे मुँह से निकल गया:
हम तो महक जाते हैं सिर्फ तुम्हारे ख्याल आने से ही,
अगर तुम्हारा साथ भी मिल जाए तो क्या बात है!

रमित ‘वाह जनाब’ कह कर मुस्कुरा दिया.

हम दोनों टेरेस पर आ गए.
ठंडी हवा चल रही थी हम कॉफ़ी सिप करने लगे.

मैं तो अकेले में रमित का साथ पाकर ही बहुत रोमांचित थी.
उस पर रमित का ये कहना कि वह मेरी कंपनी एन्जॉय कर रहा है … मेरे अन्दर तक एक उन्माद सा भर गया था.

रमित की ये नज़दीकी मेरी नस नस में रोमांच भर रही थी.

कॉफ़ी का कप पकड़ते वक़्त जब उसकी उंगलियां मेरी उंगलियों से स्पर्श हुईं, तो मेरे सारे शरीर में सिहरन सी दौड़ गयी.

फिर काफी देर तक हम दोनों वहां बैठे रहे और रमित मुझसे मेरे प्रोफेशन से जुड़े और मेरे परिवार के बारे में पूछता रहा.

मैं भी अब रमित के साथ बहुत सहज थी.
शायद वह ये सब मुझे सहज करने के लिए ही कर रहा था जिससे पार्टी में मैं उसके साथ सहज रह सकूँ और कोई हमारे रिलेशनशिप को शक की निगाह से न देख सके.

उसकी ये बातें मुझे उसके व उसकी तरफ खींच रही थी.
अब मेरे मन में रमित का साथ पाने की इच्छा बहुत स्ट्रांग होती जा रही थी.

कहीं न कहीं अन्दर से मैं आज रात खुद को रमित को समर्पण कर देना चाहती थी और वह प्यार पा लेना चाहती थी, आई वांट फक.

‘अगर अब इसे इश्क़ कहो तो इश्क़ है
इश्क़ है या कुछ और ये तो पता नहीं
पर जो तुझसे है वह किसी से नहीं.’

जिसके लिए मैं बेहद तड़फ रही थी, भले ही एक रात के लिए.

तभी रमित उठते हुए बोला- चलो तैयार नहीं होना क्या पार्टी के लिए?
हम दोनों नीचे आकर अपने अपने बेडरूम में चले गए.

कपड़े तो मैंने पहले ही निकाल कर रखे थे पार्टी के लिए … ब्लैक कलर की नेट की शिफॉन के साड़ी उसके साथ लाल रंग का ब्लाउज एंड पेटीकोट.

मैंने फिर से एक बार शॉवर लिया और टॉवल लपेटे ही बेडरूम में आ गयी.
मुझे रूम अन्दर से लॉक करना ध्यान न रहा.

मैं टॉवल में ही ड्रेसिंग टेबल के सामने खड़ी थी.
मेरा बदन चमक रहा था, मेरे गीले बालों से बूंदें मेरे कंधे पर गिर रही थीं.

मैं ड्रायर से अपने बाल सुखा रही थी कि तभी रमित मुझे आवाज़ देते हुए कमरे में चला आया.

मुझे ऐसे देख कर वह ‘ओह सॉरी’ बोल कर वापिस जाने लगा.
तो मैंने हिम्मत करके उसे वापिस बुला लिया और कहा- हां बोलो रमित … और तुम मुझे इससे भी कम कपड़ों में देख चुके हो गोवा में … तो इतना शर्माने की जरूरत नहीं है.

वह बोला- यार, मेरे फ़ोन का चार्जर नहीं मिल रहा था, वही लेने आया था.
मैंने उसे फ़ोन का चार्जर दे दिया और वह चला गया.

उसके जाने के बाद भी मैंने रूम अन्दर से लॉक नहीं किया.
मैं अपने आप पर मुस्करा उठी.
इससे ज्यादा अच्छा मौका नहीं हो सकता था रमित को गर्म करने का.

मैंने अपना वार्ड रॉब खोला और पहनने के लिए ब्रा पैंटी देखने लगी.

मैंने पिछले हफ्ते ही यामिनी के साथ शॉपिंग की थी तो यामिनी ने मुझे बहुत सेक्सी ब्रा और पैंटी सेलेक्ट करवाई थी.
मैंने वही निकाली.

ये दोनों रेड कलर में ही थे.
ब्रा आगे काफी खुली थी, उसमें से बूब्स का ऊपर का भाग काफी उठा हुआ दिखाई देता था … और क्लीवेज तो मस्त दिखाई देती थी.

मैंने टॉवल को खोल दिया, जो मेरे चिकने बदन से सरकती हुई मेरे पैरों में जा पड़ी थी.

मैं अपने नंगे बदन को आईने में निहार रही थी.
मेरे एकदम सख्त और टाइट वक्ष और पीछे उठे हुए नितम्ब इतने सेक्सी थे कि किसी विश्वामित्र की तपस्या भंग कर सकते थे … और रमित तो फिर भी मेरी तरफ थोड़ा बहुत अट्रैक्ट था ही.

मैं सोचने लगी कि काश रमित फिर से मेरे रूम चला आए और मुझे इस तरह से नंगी देख ले!

मैं अपने ख्याल पर मुस्करायी, फिर अपने सर पर हल्की सी चपत लगा कर बड़बड़ाने लगी कि जाह्नवी आज तू कुछ ज्यादा ही बेशर्म हो रही है.

दोस्तो, जल्द ही आपको मेरी आई वांट फक स्टोरी में एक गैर मर्द के साथ सेक्स पढ़ने को मिलेगा.
बस आप अपने कमेंट्स मुझ तक जरूर भेज रहें.
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आई वांट फक स्टोरी का अगला भाग:

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