लेडी डेंटिस्ट की प्यासी जवानी- 3
(Married Bhabhi Sex Kahani)
मैरिड भाभी सेक्स कहानी में एक भाभी से ऑनलाइन दोस्ती के बाद मिलने का प्रोग्राम बना. वह सेक्स करने के लिए डर रही थी. फिर उसने अपने दुःख भरे शादीशुदा जीवन की गाथा सुनाई.
कहानी के पिछले भाग
ऑनलाइन दोस्त मेरी पड़ोसन निकली
में आपने पढ़ा कि ऑनलाइन बनी दोस्त को मैंने पहली बार मिलने के लिए एक कॉफ़ी हाउस में बुलाया.
अब आगे मैरिड भाभी सेक्स कहानी:
तो उस दिन मैं चार बजे के पहले ही क्वीन्स मॉल जा पहुंचा और एमिनेंट कॉफ़ी हाउस के सामने यूं ही टहलने लगा.
चार बजकर बीस मिनट पर मुझे गुंजन आती दिखाई दी.
उसने मरून रंग की साड़ी पहन रखी थी और कंधे पर एक कपड़े का बैग टांग रखा था जिससे लगता था कि वो मॉल में कुछ खरीदारी करने आई थी.
मेरे पास आते ही मैंने उसे रेस्टोरेंट में चलने का इशारा किया तो वो मेरे पीछे पीछे चली आई और फिर हम लोग हाल में कोने की मेज पर जा बैठे.
मैंने गुंजन को निहारा वो उस साड़ी में बहुत अच्छी बहुत प्यारी लग रही थी.
इतने में वेटर आ गया तो मैंने गुंजन से कहा- जो चाहो सो मंगवा लो.
पर उसने यह काम मुझ पर छोड़ दिया तो मैंने वेज कटलेट्स और कॉफ़ी आर्डर कर दी.
“देखो, गुंजन तुम मेरी और अदिति की कहानी पढ़ कर मेरे बारे में सब कुछ जान समझ चुकी हो और मैं भी तुम्हारी स्टोरी जान कर तुम्हारे बारे में सब कुछ समझ चुका हूं. तो अब हमारे बीच ये शर्म की दीवार कैसी? गुंजन देखो, हम दोनों एक ही मंजिल के दो मुसाफिर हैं; जो मुझे चाहिए वो सब तुम्हारे पास है और जो तुम्हें चाहिए वो मेरे पास है. तो क्यों न हम दोनों एक दूसरे के काम आयें, आखिर इंसान ही तो इंसान के काम आता है न?” मैंने बात शुरू करते हुए उसे समझाया.
“और रही बात तुम्हारी कहानी अन्तर्वासना पर लिखने की … तो वो मैं जल्दी ही लिख कर तुम्हें दिखा दूंगा. तुम कन्फर्म कर देना. फिर मैं उसे प्रकाशन हेतु भेज दूंगा.” मैंने कहा.
वो नज़रें नीची किये चुपचाप सुनती रही.
शायद मेरी बात पर मनन कर रही थी.
“गुंजन कुछ तो बोलो न?” मैंने कहा.
पर वो चुप ही बैठी रही.
“देखो बेटा, ऐसे चुप रहने से काम नहीं चलने वाला. तुम्हें हमारे सम्बन्धों के बारे में आज और अभी फैसला करना है क्योंकि हम बार बार ऐसे नहीं मिल सकते.” मैंने उसे समझाया.
“अंकल जी, मेरा दिमाग काम नहीं कर रहा इस टाइम. मुझे थोड़ा सोचने का मौका दीजिये.” वो असमंजस से बोली.
“ठीक है गुंजन, तुम अच्छी तरह से सोच लो. तुम्हारा नाकारा पति तुम्हारे बदन की प्यास तो बुझा नहीं सकता और तुम तन का सुख पाने को व्याकुल रहती हो. अगर तुम मेरे साथ मिलकर अपनी तृष्णा मिटाना चाहती हो और पूर्ण शारीरिक सुख चाहती हो तो तुम मुझे आज रात हैंगआउट्स पर Hi लिख भेजना और अपना दरवाजा खोल देना मैं आ जाऊंगा. और अगर तुमने आज रात कोई जवाब नहीं दिया तो विश्वास रखना मैं कभी तुम्हारी तरफ देखूंगा भी नहीं.” मैंने कहा.
“ठीक है अंकल जी, मैं सोच विचार कर बताऊंगी आज ग्यारह बजे तक!” वो कमजोर सी आवाज में बोली.
इसी बीच वेटर हमारा आर्डर सर्व कर गया था.
हमने चुपचाप कटलेट ख़त्म किया और कॉफ़ी पीकर मैंने बिल पे किया और हम वहां से निकल लिए.
वहां से निकल कर मैं वापिस अपने बैंक आ गया क्योंकि कुछ जरूरी काम निपटाना था और गुंजन अपने घर चली गयी.
मैं अपना काम निपटा कर ऑफिस से सवा आठ तक अपने फ़्लैट पर पहुंचा.
गुंजन का फ़्लैट बंद था कोई लाइट भी जलती नहीं दिख रही थी.
मैं अपने फ़्लैट में पहुंच कर नहाया और नित्य की तरह एक व्हिस्की का एक पटियाला पैग बना के धीरे धीरे सिप करने लगा.
अपने डिनर का इंतजाम मैंने पास के एक रेस्टोरेंट से कर रखा था वहीं का स्टाफ नौ बजे के लगभग मेरे आर्डर के अनुसार डिनर दे जाता था.
तो क्या गुंजन तैयार हो जायेगी मुझसे चुदने के लिए?
मैंने अपने आप से ये सवाल किया.
अब मुझसे रिलेशन बनाने के अलावा उसके पास और आप्शन ही क्या है?
उसकी जिंदगी की चुदाइयों की सारी दास्तान उसने मुझे खुद बता दी है; मेरी कहानी उसे पता है ही, मुझसे चैट करते टाइम भी वो खूब बिंदास हो के चुदवाती रही है मुझसे और अपने तमाम फोटो भी उसने मुझे भेजे हैं तो ऐसे में अब उसके इन्कार की कोई वजह मुझे नजर नहीं आती.
हां ये सिर्फ नारी सुलभ टेम्परेरी शर्म और हया ही है बस.
ऐसे सोचते सोचते मैं आश्वस्त हो गया कि हमारे मिलन में कोई बाधा नहीं है.
ऐसे सोचते सोचते मेरी ड्रिंक चलती रही.
कोई सवा नौ के करीब मेरा खाना आ गया.
फिर मैं खाना खा कर लाइट बुझा कर लेट गया.
पर आँखों में नींद कहां.
अँधेरे में भी नज़र बार बार उठ कर फोन पर जा रही थी कि हैंगआउट्स मैसेज का नोटीफिकेशन अब आया कि तब आया.
कुछ कुछ नींद सी भी आने लगी थी तो सोने की कोशिश करने लगा.
नींद का एक झोंका आया ही था कि फोन में नोटीफिकेशन की धीमी साउंड बज उठी और फोन की स्क्रीन की लाइट ऑन हो गयी.
टाइम देखा तो ग्यारह बजने में सात मिनट बाकी थे.
“हाय अंकल जी!” लिखा हुआ गुंजन का ही मैसेज था और वो मैसेज भेज कर ऑफलाइन हो गयी थी.
मैं जल्दी से उठा और वाशरूम जाकर सू सू करके लंड को अच्छी तरह से धोया और हाथ मुंह धोकर फ़्लैट से निकला और उसे लॉक करके गुंजन के फ़्लैट का दरवाजा धीरे से धकेला तो वो खुलता चला गया.
अन्दर वो सोफे पर सजधज कर सिर झुकाए बैठी थी.
तो अन्तर्वासना के प्रिय पाठको, मैं मेरी और गुंजन की ये कथा आगे बताऊं इसके पहले मैं गुंजन के विगत सेक्स जीवन की कहानी आपको बताना चाहता हूं जो खुद गुंजन ने मुझे बताई थी.
उसे पढ़ने के बाद आपको डा.गुंजन के बारे में और जानकारी मिलेगी और फिर आगे इस कहानी का आनंद कुछ और आएगा.
तो ये रही डा.गुंजन की कहानी:
मैं डा. गुंजन, अपनी कहानी आगे बताती हूं. ग्रेजुएशन के दौरान ही मेरी मुलाकात मेरे वर्तमान पति इन पुनीत विश्वकर्मा से हुई जिनसे पता नहीं क्यों कैसे मैं प्यार कर बैठी और घर वालों से छुपा कर सन 2009 में आर्य समाज पद्धति से प्रेम विवाह कर बैठी. इस तरह घर दुनियां समाज से छुपा कर हमने लव मैरिज कर ली और उसी रात सुहागरात भी मना डाली.
सुहागरात को मेरी चूत से खून नहीं निकला तो पति बहुत गुस्सा हुए और मुझे गालियाँ बकने लगे और पूछने लगे- तेरी चूत का छेद इतना बड़ा कैसे हो गया?
जबकि शादी से पहले मैंने कभी किसी के साथ कुछ नहीं किया था.
खैर, शादी के बाद से ही इनका मुझे मारना पीटना, गालियाँ बकना आम हो गया.
मैं किसी तरह इनकी ज्यादतियां सहन करती हुई अपना पत्नी धर्म निभाती रही.
शादी के बाद नवम्बर 2009 ही में मैंने एक मेडिकल कॉलेज में एडमिशन ले लिया और हॉस्टल में शिफ्ट होकर बी डी एस करने लगी.
हॉस्टल में साथ रहने वाली रूममेट और मेरे कॉलेज के दोस्तों से ये बहुत चिढ़ते थे पता नहीं क्यों और मुझे ताने दे दे कर डांटते रहते थे.
एक बार तो इन्होंने मुझे बीच सड़क पर मारा भी और मेरे हॉस्टल के नीचे आके जोर जोर से चिल्ला चिल्ला कर गालियां बकीं मुझे.
मैंने तंग आकर वो हॉस्टल छोड़ दिया और दूसरे हॉस्टल रहने चली गयी.
उस मेडिकल कॉलेज में मुझसे 3 साल सीनियर एक सुरेश नाम का लड़का था जो मुझे बहुत घूर घूर कर देखता था और बातें करने की कोशिश में रहता था.
लंच टाइम में मैं कैंटीन जाती तो मेरे पास ही आ जाता था पर मैं उसे इग्नोर करती रही.
पर वो नहीं माना और एक दिन उसने शादी के लिए प्रोपोज किया तो मैंने मना कर दिया.
उसे क्या पता था कि मैं पहले से ही शादीशुदा थी.
हां मैं अपनी मांग में सिन्दूर नहीं लगाती थी न कोई ऐसा चिह्न था जिससे यह पता चले कि मैं शादीशुदा हूं.
मैंने सुरेश को इतना जरूर बता दिया था कि मेरा एक बॉयफ्रेंड पहले से है.
फिर सुरेश ने मुझे कई बार प्रोपोज किया तो मैंने भी सोच लिया था कि मैं हां कर दूंगी क्योंकि मैं अपने पति की गालियों और मारपीट से तंग आ चुकी थी और पछता रही थी कि मैंने ऐसा क्या देखा था इस इंसान में जो इससे प्यार फिर इश्क में अंधी होकर शादी कर बैठी.
धीरे धीरे मैं सुरेश से बातचीत करने लगी और फिर हम फोन पर भी बातें करने लगे.
मेरे पति उन दिनों अपनी जॉब के सिलसिले में गुजरात में रहते थे और पंद्रह बीस दिन में मेरे पास आते थे.
एक दिन मेरे पति आये हुए थे और उनके सामने ही सुरेश का फोन आ गया तो इन्होंने मुझे बहुत मारा और गंदी गंदी गालियां दीं.
पर मैंने उन्हें सुरेश के बारे में कुछ भी नहीं बताया.
मेरे पति के जाने के बाद सुरेश मुझसे अकेले में मिलने घूमने के लिए कहने लगा तो मैं मना करती रही.
जब उसने ज्यादा जिद की तो मैं मान गयी और कहा कि थोड़ी देर के लिए मिल सकते हैं क्योंकि मेरा हॉस्टल 8 बजे बंद हो जाता है.
इस तरह एक दिन हमारा मिलने और बाहर जाने का प्लान बन गया.
निश्चित समय पर मैं नहा कर और मेकप करके तैयार होकर हॉस्टल से बाहर निकल आयी और सुरेश को फोन कर अपनी लोकेशन बता दी तो वो मुझे बाइक से वहीँ पर लेने आ गया.
मैं उसकी बाइक पर साथ बैठ कर यहां वहां घूमती रही फिर बड़े तालाब पर हम लोग काफी देर बैठे रहे.
शाम होते ही सुरेश मुझे वापिस ले आया और बाइक रोक कर अचानक से पीछे मुड़ कर मेरा गाल चूम लिया.
मैं कसमसा कर रह गयी पर बोली कुछ नहीं.
इस तरह हमारी मुलाकातें होने लगीं.
मेरे पति तो बाहर रहते थे तो मैं आजाद थी और कभी भी सुरेश के साथ घूमने चल देती थी.
एक बार वो मुझे रेस्टोरेंट ले गया और हमने साथ खाना खाया.
वापिसी में उसने मुझे माइक्रोमेक्स कंपनी का कैनवास मॉडल का नया फोन दिलवा दिया और उसमें नयी सिम डलवा दी.
सिम चालू होने के बाद हम खूब देर देर तक रात में बातें करने लगे.
बातें करते करते सुरेश एक बार फूट फूट कर रोया और अपने प्यार का इज़हार करने लगा और मुझे अपने रूम पर आने के लिए कहने लगा.
मैं उसके मुझे रूम पर बुलाने का मतलब अच्छी तरह से समझ रही थी और यह भी समझ चुकी थी कि उसका ये रोना धोना मुझे इमोशनल ब्लैकमेल करने के लिए है बस; मतलब वो यूं रो रो कर अपने प्यार का इज़हार करके और अपनी मुहब्बत की कसमें दे देकर अपने रूम पर बुलाकर मुझे चोदना चाहता है बस.
मुझे भी कहां इन्कार था चुदने से?
आप सब तो जानते हैं कि शादीशुदा लड़की की बहुत दिनों तक चुदाई न हो तो वो कैसी खूंख्वार शेरनी की तरह हो जाती है. लंड देखते ही झपट्टा मारने को तैयार रहती है फिर चाहे वो किसी का भी लंड हो, कोई भी हो जवान, अधेड़ या बूढ़ा … सब का लंड अपनी चूत में लेने को तैयार रहती है.
मेरे पति तो बाहर ही रह के जॉब करते थे और पंद्रह बीस दिन में उनका आना होता था ऐसे में मैं अपनी चूत में किसी का भी लंड लेने को तरसती रहती थी.
अब सुरेश मुझे चोदना चाहता था तो मैं मन ही मन खुश थी.
पर लड़की हूं न तो इतनी जल्दी ऐसे कैसे चुदवा लेती उससे? जल्दी, आसानी से बिना कोई नाज नखरा दिखाये चुदवा लेती तो वो जरूर मुझे कोई ऐसी वैसी चालू टाइप की चीप लड़की समझ लेता जो कि मैं बिल्कुल भी नहीं चाहती थी.
तो मैंने उसे रूम पर न आ सकने के कई कई बहाने बनाए, अपनी इज्जत का वास्ता दिया कि अगर कोई देख लेगा, पहचान लेगा तो मैं तो बदनाम हो जाऊंगी. वगैरा वगैरा … और आपका तो खैर क्या बिगड़ेगा.
पर वो बोला कि उसे मेरी इज्जत की बहुत चिंता है और वो पूरी सावधानी बरतेगा और यह भी कहा कि हम कुछ नहीं करेंगे सिर्फ किस करेंगे और कुछ नहीं.
मैंने भी जोर देकर पूछा- पक्का और कोई छेड़खानी तो नहीं करोगे न, मुझे यहां वहां तो नहीं छुओगे न?
तो सुरेश बोला- नहीं, मैं कुछ नहीं करूंगा सिर्फ किस करना है बस.
लेकिन मैं भी इतनी जल्दी घुटने टेकने वालियों में से नहीं थी तो मैंने उसे खूब तरसाया, तड़पाया. आप सब तो जानते ही हैं कि हम गर्ल्स के पास ईश्वर ने कितने अस्त्र शस्त्र दे रखें हैं पुरुषों को रिझाने सताने के – देख के हंस देना, मुस्कुरा देना, शर्मा के हया से सिर झुका लेना, कनखियों से देखना, कान में उंगली से खुजाना, सिर खुजाना.
इन सब के बाद भी कोई बन्दा हम पे लट्टू न हो तो फिर उसे देख के मुंह बिचका देना.
और हमारा सबसे बड़ा सबसे घातक हथियार है हमारे आंसू; हमारे रो देने पर तो समझ लो भगवान् को भी हार माननी पड़ सकती है. पर इस आंसू वाले हथियार को हम लोग ज्यादातर पति के सामने या ऑफिस, मार्केट में सबकी सहानुभूति पाने हेतु अपने कवच के रूप में इस्तेमाल करतीं हैं. हम गर्ल्स रो कर और आंसू बहा कर एक मिनट में सैकड़ों की भीड़ को अपने पक्ष में कर सकतीं हैं.
तो मित्रो, मैं इस तरह अपने नाज नखरे, एट्टीट्यूड दिखा दिखा कर अंत में सुरेश से उसके कमरे पर मिलने को मान गयी.
मैरिड भाभी सेक्स कहानी पर अपने विचार कमेंट्स के माध्यम से बताएं.
मैरिड भाभी सेक्स कहानी का अगला भाग:
What did you think of this story
Comments