प्यार को तड़फती लुगाई हुई पराई- 5

(X Sex With Hot Bhabhi)

सनी वर्मा 2025-05-08 Comments

X सेक्स विद हॉट भाभी कहानी में एक स्वीट भाभी को पति की बेरुखी के कारण पराये आदमी से प्यार हो गया. वे दोनों शादी करना चाहते थे. इसमें अड़चन क्या थी और वो कैसे दूर हुई?

कहानी के चौथे भाग
सजना है नए साजन के लिए
में आपने पढ़ा कि सचिन सोनिया से शादी करना चाहता था पर सोनिया अपने पति को बेसहारा नहीं चुदना चाहती थी.

अब आगे X सेक्स विद हॉट भाभी:
सोनिया बोली, “मुझे अभी भरपूर प्यार दो। मेरा वादा है कि हम जुदा नहीं होंगे।”
इतना कह कर सोनिया ने अपने दोनों हाथ ऊपर कर दिए।

सचिन ने पता नहीं क्या समझा, क्या नहीं।
उसने सोनिया की फ्रॉक उतार दी।

सोनिया निपट नंगी थी नीचे!
उसने भी आगे बढ़कर सचिन की टी-शर्ट उतार दी।
शॉर्ट्स नीचे से सचिन ने खुद उतार दी।

सोनिया ने पीछे होकर सचिन का लंड मुँह में ले लिया और लगी लपर-लपर चूसने।

सचिन को लग रहा था कि वो तो उसे मुँह से ही खाली कर देगी.
तो उसने सोनिया से लेटने को कहा और उसकी मखमली चूत में जीभ दे दी अपनी!

जल्दी ही सोनिया की सीत्कारें निकलने लगीं।
आज तो सचिन ने उसे भी बेचैन कर दिया था।

सोनिया की चूत में मानो आग लग गई थी।
उसने अपने को छुड़ाया और ऊपर सचिन के लंड के ऊपर बैठ गई और नीचे झुककर सचिन के होंठों से अपने होंठ भिड़ा दिए।

सचिन ने उसे चिपटा लिया अपने से।
सोनिया उससे चिपटते हुए उसके ऊपर ही लेट गई।
सचिन की बलिष्ठ छाती से उसके मम्मे दब रहे थे।

सचिन थोड़ा हिला-डुला, तो उसका लंड सोनिया की चूत पर रगड़ने लगा।

सोनिया की चूत बिल्कुल रेशमी थी और चिकनी थी।
सोनिया थोड़ा-सा उचकी और अपने हाथ से लंड अपनी चूत के अंदर किया और ऊपर से नीचे हुई।

कुछ नीचे से सचिन ने पेल लगाई, तो लंड सोनिया की पूरी गहराई तक पहुँच गया।
सोनिया ने आँखें बंद कर लीं और कसमसाते हुए सचिन से लिपट गई और उसे चूमने लगी।

तब सोनिया कसमसाई, “मैं तुम्हें खोना नहीं चाहती।”
सचिन बोला, “मैं कुछ भी करके तुम्हें पाना चाहता हूँ, कैसे भी।”

सोनिया की चूत गीली हुई पड़ी थी।
उसने उछलना शुरू कर दिया, उसके मम्मे हवा में उछल रहे थे।

सचिन ने उन्हें लपका और मसलते हुए सोनिया को नीचे कर दिया।
अब उसने सोनिया की टाँगें ऊपर करके उन्हें एड़ियों से पकड़ा और पेल दिया अपना मूसल!

सचिन के धक्के आज और दिनों से ज्यादा तेज़ थे।
पता नहीं क्यों, पर अब सचिन को ये विश्वास हो चला था कि वो सोनिया को पा लेगा।
सोनिया भी चुदाई में उसका पूरा साथ दे रही थी।

सचिन को जब ये लगा कि उसका होने वाला है, तो उसने सोनिया से फुसफुसाते हुए कहा, “आज मैं अंदर ही करूँगा ताकि तुम मेरे बच्चे की माँ बन सको।”
उसने सोनिया को कसका जकड़ा भी, पर सोनिया ने उसे झटककर बाहर निकाल दिया और परेशान-सी होकर बोली, “सचिन, माँ तो मैं अपने पति के बच्चे की ही बनूँगी।”

सचिन के लंड से गाढ़ा माल सोनिया की टाँगों से होता हुआ बेड शीट पर फैल गया।

तब सचिन ने सोनिया की आँखों में आँखें डालते हुए कहा, “देखना, एक दिन तुम मेरी ही हो जाओगी और मेरे बच्चे की माँ भी बनोगी।”
सोनिया ने उसे चूमते हुए कहा, “ख्वाब तो मैं भी यही देखती हूँ, पर जानू, ये अभी तो सिर्फ ख्वाब हैं। जब तक ओमी खुद मुझे नहीं छोड़ेगा, मैं उसे नहीं छोड़ूँगी।”

सचिन बाथरूम के लिए उठते-उठते बोला, “फिर मैं ओमी से ही तुम्हें माँग लूँगा।”
सचिन बाथरूम में शावर के नीचे खड़ा होकर अपनी टाँगों पर बहते वीर्य को साफ करने लगा।

पीछे से सोनिया आके उससे लिपट गई और चूमते हुए बोली, “तो कब माँग रहे हो मेरे पति से मुझे?”
सचिन ने उसे कसके चिपटा लिया और बोला, “मेरा बस चले, तो नीचे जाकर अभी माँग लूँ।”

सोनिया ने हँसते हुए कहा, “तुम्हें लगता है कि अभी नीचे से आवाज़ आएगी ओमी की कि सचिन, आज से सोनिया तेरी हुई।”
दोनों हँस पड़े।

सोनिया नीचे जाने को हुई तो सचिन ने हाथ पकड़कर रोक लिया।

सोनिया बोली, “एक बार नीचे देख तो आऊँ।”
पर सचिन ने उसे अपने से चिपटाकर लिटा लिया, “थोड़ी देर बाद चली जाना।”

दोनों बिना कपड़ों के ऐसे ही लिपटकर एक-दूसरे की बाहों में समा गए।
दोनों की आँखों से नींद तो कोसों दूर थी।

सोनिया बिना पलक झपकाए सचिन की आँखों में देख रही थी।

वो बोली, “सचिन, मुझे अब तुमसे डर लग रहा है कि तुम सच में ओमी से मुझे माँग ही लोगे।”
सचिन बोला, “दिल की गहराइयों से चाहा है तुम्हें। अगर तुम ओमी के साथ खुश होतीं, तो मैं अपने प्यार को दफन कर देता और तुम्हारी जिंदगी से दूर चला जाता। पर ऐसे मर-मरकर क्यों जी रही हो?”

सोनिया बोली, “सब कुछ हमारे हाथ में नहीं होता, अब सब भगवान पर छोड़ दो।”
कहकर सोनिया और कसकर सचिन से लिपट गई।

X सेक्स विद हॉट भाभी करते हुए सचिन का लंड फिर तन गया था।
उसने इसे ही लेटे-लेटे सोनिया की चूत में घुसेड़ दिया और धक्के देने लगा।

सोनिया ने टाँगें फैला दीं, तो सचिन उसके ऊपर लेट सा गया और कसकर चिपटे-चिपटे चोदने लगा।
दोनों के होंठ मिले हुए थे।

तभी अचानक नीचे से कुछ गिरने की आवाज़ आई।
सोनिया झटके से उठी और कपड़े पहनकर नीचे भागी।

नीचे से सोनिया की आवाज़ आई, “सचिन, जल्दी से नीचे आओ।”
सचिन कपड़े पहनकर नीचे भागा।

ओमी बाथरूम में गिरा हुआ था, उसे खून की उल्टी हो रही थी।
सोनिया रो रही थी।

सचिन ने उसे हिम्मत रखने को कहा और रामू की मदद से ओमी को अस्पताल पहुँचाया।
ओमी की तबीयत ठीक नहीं थी।

उसे वो लोग वहाँ से दिल्ली अपोलो में ले गए।
डॉक्टर ने जाँच-पड़ताल करके बताया कि ज्यादा शराब पीने से इसकी किडनी में जबरदस्त इन्फेक्शन है। अभी कुछ नहीं कहा जा सकता।

बाद में डॉक्टर ने सचिन को अकेले अपने चैंबर में बुलाया और कहा कि ओमी की किडनी खराब हो गई है और ये ज्यादा दिन नहीं रहेगा।

सचिन का तो दिमाग घूम गया।
उसकी निगाहों में सोनिया का मासूम चेहरा घूम गया।

वो जानता था कि सोनिया भले ही सचिन से कितना भी सेक्स कर ले, पर ओमी को वो दिल से प्यार करती है और ओमी की बीमारी उसे तोड़ देगी।

अब सचिन की समझ में नहीं आया कि वो सोनिया को क्या बताए और क्या छुपाए।

वृंदावन से ओमी की माँ भी आ गईं।
वो बहुत समझदार और शांत महिला थीं, पढ़ी-लिखी थीं।
बस ओमी उनके काबू में नहीं था, तो वो वृंदावन चली गई थीं।

उन्होंने आते ही डॉक्टर से मुलाकात ली।
दबाव देने पर डॉक्टर ने उन्हें सब कुछ बता दिया।

एक हफ्ते हॉस्पिटल में रहने के बाद ओमी घर आ गया।
पर अब वो बहुत कमज़ोर हो चला था।

घर पर ही पूरे टाइम के लिए दो नर्स थीं।

सोनिया तो मानो हँसना ही भूल गई थी।
वो हर समय ओमी के आसपास ही रहती।

माँजी सब कुछ देखकर समझ गई थीं कि उन्हें कुछ निर्णय लेना होगा।
डॉक्टर ने बता दिया था कि ओमी के पास ज्यादा वक्त नहीं है।

सचिन भी सब कुछ भूलकर ओमी की देखभाल में लगा था।

इन लोगों ने ओमी की रिपोर्ट और भी कई हॉस्पिटल्स में दिखाईं, पर हर जगह से जवाब वही था।
सोनिया तो ओमी को एक मिनट को भी नहीं छोड़ती थी, खाना अपने हाथ से ही खिलाती, बच्चे की तरह सेवा कर रही थी वो ओमी की।

ओमी की माँ को नौकरानी हेमा और रामू ने बताया कि किस तरह सचिन ने ओमी को मारपीट करने से रोका।
और जबसे ये सब रुका, सोनिया के चेहरे पर मुस्कुराहट लौट आई थी।

पर अब तो सब बेकार था।

माँजी को अब ओमी से ज्यादा चिंता सोनिया की थी।
अभी इतनी छोटी उम्र, कोई देखभाल वाला नहीं, कोई बच्चा नहीं, कैसे उम्र काटेगी बेचारी।
उन्हें हेमा से इस बात का इशारा भी मिला कि सोनिया की सचिन से अच्छी पटती है।

उन्होंने बातों-बातों में सचिन से पूछा कि वो शादी कब कर रहा है।
तो सचिन बोला कि घरवाले तो बहुत पीछे पड़े हैं। पर वो अभी एक-दो साल रुकना चाहता है।

उन्होंने सचिन से पूछा कि कैसी लड़की चाहिए?
तो सचिन के मुँह से निकल गया, “सोनिया भाभी जैसी।”

माँजी ने पूछा, “ऐसा क्या है सोनिया में?”
सचिन बोला, “आप देख रही हैं किस भाव से वो ओमी की सेवा कर रही हैं। जिस आदमी ने उन्हें मारा-पीटा, गालियाँ दीं, उन पर इल्ज़ाम लगाए; फिर भी सब कुछ भूलकर आज वो उसकी सेवा में जुटी पड़ी हैं।”

माँजी ने दुनिया देखी थी।
वो सब समझ गईं, उन्हें सोनिया के लिए सहारा देने वाला मिल गया था।

अगले दिन माँजी ने सचिन से कहा कि उन्हें मंदिर जाना है, क्या वो उनके साथ चलेगा।
सचिन उन्हें लेकर मंदिर चला गया।

मंदिर में उन्होंने भगवान की प्रतिमा के सामने सचिन से कहा कि आज दुनिया में वो पहली माँ हैं जो अपने बेटे के रहते अपनी बहू के लिए दूसरा रिश्ता माँग रही हैं।
सचिन चौंक गया।

माँजी बोलीं, “मैं नहीं चाहती कि सोनिया विधवा हो। वो हमेशा सुहागन रहे। तो मैं चाहती हूँ कि ओमी की सहमति से सोनिया और ओमी का तलाक हो और सोनिया सचिन से शादी कर ले।”

उन्होंने सचिन से इस बात की सहमति चाही।
सचिन बोला कि वो तो तैयार है, अपने घरवालों को भी वो समझा लेगा। पर आज की परिस्थिति में सोनिया बात को भी तैयार नहीं होगी।

माँजी बोलीं, “वो मैं देख लूँगी। पर अभी ये बात सिर्फ हमारे बीच रहेगी।”

अगले दिन माँजी ने ओमी से बंद कमरे में देर तक बातें कीं और अंततः उसे राज़ी कर लिया।

वकील बुलाकर ओमी ने ये कोठी और एक खासी रकम की बैंक FD सोनिया के नाम बनवा दी।
माँजी ने वकीलों से बात करके उनके तलाक के कागज़ बनवाए।

अब बारी थी सोनिया को समझाने की।

रात को माँजी ने सोनिया को डॉक्टर से हुई बात से लेकर तलाक के कागज़ तक की सारी बात बताई।

सोनिया बहुत जोर-जोर से चीख-चीखकर रोने लगी।
वो चीख-चीखकर माँजी से खूब नाराज़ हुई, “जब मैं गाली खाती थी, पिटती थी, तब तो आपने मेरी मदद नहीं की। आज जब मेरे पति को मेरी ज़रूरत है, तब आप कह रही हैं कि मैं इन्हें छोड़ दूँ। मैं इतनी गिरी हुई नहीं हूँ।”

उसकी चीख सुनकर रामू, हेमा और सचिन भागे आए।
ओमी भी अपने बेड से रो-रोकर सोनिया को बुलाने लगा।

माँजी ने सोनिया को समझाया, “मैंने जो उस समय तेरा साथ नहीं दिया, उसका प्रायश्चित ही तो कर रही हूँ।”

सोनिया कुछ सुनने को तैयार नहीं थी।
वो ओमी के बेड के पाए से लिपटकर रोती रही।

ओमी की तबीयत खराब हो गई थी।
सचिन ओमी को एम्बुलेंस में लेकर अस्पताल गया, सोनिया और माँजी को घर पर ही छोड़ा।

अस्पताल में डॉक्टर ने कह दिया कि अब सब भगवान के हाथ है। ओमी के पास चंद दिन ही हैं।

अगली सुबह ओमी के कहने पर माँजी और सोनिया को अस्पताल बुलाया गया।
ओमी ने बहुत कराहते हुए सोनिया से हाथ जोड़कर कहा, “मुझे अपने किए का दंड मिल रहा है।”

सोनिया फफककर रो पड़ी।

ओमी ने फिर सोनिया से कहा, “क्या तू मुझे शांति से जाने नहीं देना चाहती?”
सोनिया उससे लिपटकर रो रही थी।

ओमी ने उसे खड़ा किया और पास खड़े सचिन के हाथ में उसका हाथ दे दिया।
सोनिया रोती रही।
वकील आ चुका था।

उसने सभी कागज़ातों पर ओमी, सोनिया और माँजी के साइन लिए।

माँजी सोनिया और सचिन को लेकर मैरिज रजिस्ट्रार के ऑफिस गईं।
वहाँ दोनों की शादी कराई।

और फिर वो सोनिया से बोलीं, “बेटा, ओमी तेरा कल था। आज सचिन तेरा पति है। और मैं तुम सबकी माँ। मेरा तुम सबके अलावा कोई नहीं।”

सोनिया माँजी से लिपटकर रो पड़ी।
सचिन के मोबाइल पर अस्पताल से फोन आया कि ओमी नहीं रहा.

तो दोस्तो, कैसी लगी ये कहानी “अपनी लुगाई हुई पराई” जिसमें सचिन की दूसरे की पत्नी सोनिया को अपना बनाने की दिल से चाहत ने आखिर दोनों को मिला ही दिया, वो भी कुदरत की सहमति से।
जो उन्होंने चाहा, कुदरत ने खुद उसका रास्ता बना दिया।
यही तो ऊपर वाले की खुदाई है, उसके बिना तो अपनी लुगाई भी पराई है।

कैसी लगी ये आपके X सेक्स विद हॉट भाभी कहानी?
लिखिएगा मुझे मेरी मेल आईडी पर!
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