पुलिस वाले ने मुझे सैट करके मेरी चूत चोद दी- 3

(Xxx Police Man Sex Kahani)

Xxx पुलिस मैन सेक्स कहानी में मैं एक बांके जवान पोलिस वाले से चुद गयी थी. मुझे बहुत मजा आया था. मैं उससे बार बार चुदना चाहती थी पर मेरी नारी सुलभ लज्जा आड़े आती थी.

यह कहानी सुनें.

फ्रेंड्स, मैं प्रिया आपको अपनी सेक्स कहानी के अंतिम भाग में स्वागत करती हूँ.
कहानी के दूसरे भाग
बड़ा लंड चूत में घुसा तो दर्द हुआ
में अभी तक आप पढ़ चुके थे कि उस पुलिस वाले ने मुझे चोद दिया था और मैं भी उसकी जबरदस्त चुदाई से खुश होकर सो गई थी.

अब आगे Xxx पुलिस मैन सेक्स कहानी:

सुबह मेरी आंख 5 बजे खुली.
मैंने दरवाजा खोलकर दूध का बर्तन रखा और सोचा कि नहाकर फ्रेश हो लेती हूँ.
फिर मैं फ्रेश होने चली गई.

उस दौरान दूध वाला भी आकर दूध रख गया.
जब मैं फ्रेश होकर बाहर आई, मैं उस समय लंबे तौलिये में थी.
मेरे बाल पूरे गीले थे, जिनसे पानी की बूंदें मेरे शरीर पर बह रही थीं.

मेरे हाथों में भरी हुई चूड़ियां थीं.
मैं हॉल में आई और देखा कि दूध टेबल पर था और दरवाजा लॉक था.
मैं सोच ही रही थी कि इतने में पीछे से किसी ने मेरे मुँह पर कपड़ा रखकर मुँह बांध दिया.

मेरी तो डर के मारे जान ही निकल गई.
मैं बोलने की कोशिश कर रही थी, लेकिन मुँह बंधे होने के कारण कुछ बोल नहीं पा रही थी.

इतने में गुरमीत सामने आया तो मेरी जान में जान आई.

उसने मेरे हाथ पकड़े और मुझे बेडरूम की ओर ले गया.
वहां बेड के पास उसने मेरे दुपट्टे से मेरे दोनों हाथ ऊपर करके बांध दिए.

अब मैं तौलिये में थी, मेरे दोनों हाथ ऊपर बंधे हुए थे और मैं उसके सामने खड़ी थी.

वह मुझे देखकर मुस्कुरा रहा था.
फिर वह सामने रखी टेबल पर गया और अपनी जेब से दो बोतलें निकालकर रख दीं.

वह किचन में गया और एक गिलास व पानी की बोतल ले आया.

उसने जल्दी से तीन पैग बनाए और पी गया.
मैं अभी भी उसी पोजीशन में बंधी खड़ी थी.

मैं सोचने लगी कि आज तो गुरमीत मुझे असली सुख देने वाला है.
यह सोच कर ही मैं रोमांचित हो उठी.

फिर उसने अपनी शर्ट और बनियान निकाली.
वह मेरे पास आया और ऊपर से नीचे तक मेरे शरीर पर अपने एक हाथ को चलाने लगा.

वह मेरे चेहरे, आंखों, गर्दन, क्लीवेज, तौलिये के ऊपर से मेरे बूब्स, कमर और मेरी जांघों तक अपने हाथों से सहला रहा था.

इधर मेरी चूत गीली हो चुकी थी.
लेकिन मैं कुछ बोल नहीं पा रही थी.
मेरे अन्दर एक अजीब-सी गुदगुदी होने लगी और मुझे गुरमीत का इस तरह करना बहुत अच्छा लग रहा था.

अब गुरमीत ने मेरी गर्दन को चूसना शुरू कर दिया.
धीरे-धीरे वह मेरे कंधों से होते हुए मेरे आर्म्स को भी चाटने लगा.

मेरे हाथ बंधे होने के कारण मुझे दर्द तो हो रहा था लेकिन साथ ही मजा भी आ रहा था.

गुरमीत ने मेरे क्लीवेज के ऊपर अपना मुँह रख दिया और उसे भी चाटने लगा.
उसका हाथ नीचे मेरी जांघों पर चल रहा था.

उसने हल्का-सा ऊपर करके मेरी चूत के पास तक ले आया और वहां रगड़ना शुरू कर दिया.

इस कारण मैं अपने आपको संभाल नहीं पा रही थी और कसमसा रही थी.
मैं सोच रही थी कि इसके दिमाग में चल क्या रहा है.

लेकिन मुझे उसका यह सब करना बहुत अच्छा लग रहा था.

फिर गुरमीत ने नीचे झुकते हुए एक ही पल में मेरे तौलिये को खोल दिया.
तौलिया पल भर में नीचे गिर गया और साथ ही मेरे मुँह पर लगी पट्टी को भी उसने हटा दिया लेकिन मेरे हाथ बंधे ही रहने दिए.

अब मैं उसके सामने शर्म से पानी-पानी हो रही थी क्योंकि मैं पूरी तरह निर्वस्त्र हो चुकी थी.
मैं किसी भी तरह अपने शरीर को छुपा नहीं पा रही थी.

अब वह नीचे मेरे स्तनों पर अपने होंठ रगड़ने लगा और धीरे-धीरे मेरे दोनों स्तनों को अपने मुँह में लेकर चूसने लगा.

एक हाथ से वह मेरे एक स्तन को चूसता, तो दूसरे हाथ से मेरे दूसरे स्तन को सहलाता या कभी दबाता.

अब मेरे मुँह के खुलने के कारण मैं सिसकारियां ले रही थी ‘ओह … ओह … ओह … उम्म्म… उम्म्म बस करो आह … आह … आह … गुरमीत क्या कर रहे हो? मेरे हाथ खोल दो प्लीज!’

लेकिन वह कुछ मानने को तैयार नहीं था.

कुछ देर बाद वह नीचे आया और मेरी कमर पर चुंबन लेने लगा.

मेरी हालत पतली हो रही थी.
मैं चाह रही थी कि वह जल्दी से जो भी करना है, कर ले और अलग हो जाए.
लेकिन अभी वह मुझसे खेल रहा था.

फिर वह नीचे की ओर बढ़ा और मेरी जांघों पर चुंबन लेने लगा.
धीरे-धीरे वह मेरी चूत के पास अपने मुँह को ले आया.

मैं अपने दोनों पैरों को सिकोड़कर उसे मेरी चूत पर चुंबन लेने से रोक रही थी लेकिन उसने अपना हाथ पीछे ले जाकर मेरी गांड पर सहलाते हुए दो-चार चांटे मारे.

मैं उसके वहशी तरीके से पूरी तरह कायल हो चुकी थी.

अब वह धीरे-धीरे ऊपर की ओर आने लगा और फिर से अपने होंठ मेरे होंठों पर रखकर चूसने और काटने लगा.

साथ ही उसके दोनों हाथ मेरी पीठ पर अपना कमाल दिखा रहे थे.

वह मेरी गांड को जोर से पकड़ता और दबाता, यहां तक कि जोर से थप्पड़ भी मार देता.
हालांकि मैं भी उसका साथ दे रही थी.

मैं अपनी जीभ उसकी जीभ से लड़ाती और वह मुझे और प्यार से चूसने लगता.
ऐसा ही करते-करते उसने मेरी चूत से पानी निकलवा दिया.

मुझे उस हाल में भी बहुत मज़ा आ रहा था और मैं उस पल को पूरी तरह जीने में व्यस्त थी.

अब गुरमीत मेरे पीछे आ गया.
उसने मेरी पीठ पर चुंबन लेना शुरू किया और नीचे की ओर बढ़ते हुए मेरी कमर और गांड पर भी चुंबन लिए.
फिर ऊपर की ओर बढ़ते हुए वह मेरे बालों से खेलने लगा और सामने से मेरे स्तनों को दबाने लगा.

उसने नीचे हाथ ले जाकर मेरी चूत को सहलाना शुरू किया.
उसने एक उंगली मेरी चूत में डाल दी.
मेरी चूत गीली होने के कारण मुझे और भी मज़ा आने लगा.

तभी गुरमीत ने ऊपर हाथ ले जाकर मेरे बंधे हुए हाथों को आज़ाद कर दिया.
मेरे हाथ आज़ाद होते ही मैं बेड की ओर भागी और बेड पर जाकर एक चादर से अपने आपको ढक लिया.

फिर मैं उसकी ओर ललचाई नज़रों से देखने लगी.
अब गुरमीत ने भी अपनी पैंट और इनर उतार कर अलग फेंक दिया.

वह बेड पर चढ़ गया.

बेड पर चढ़ते ही उसने सबसे पहले चादर को खींचकर साइड कर दिया.

मुझे शर्मिंदगी महसूस हो रही थी, इसलिए मैं मुड़कर लेट गई.
मैंने अपने आपको उसकी नज़रों से छुपाने की कोशिश की लेकिन लेटे-लेटे भी वह पीछे से मुझे देख सकता था.

गुरमीत ने मेरे एक पैर को पकड़ कर चुंबन लेना शुरू किया और धीरे-धीरे मेरे ऊपर आने लगा.
धीरे-धीरे चुंबन लेते हुए वह मेरी गांड के पास आया और वहां बहुत सारे चुंबन लिए.

फिर मेरी कमर, मेरी पीठ और मेरे बालों को उत्तेजित करते हुए मेरी गर्दन पर चुंबन लेने लगा.
मैं बस शर्म के मारे अपने आपको छुपाने की कोशिश कर रही थी.

उधर उसका लंड, जो पूरी तरह तनाव में था, मेरी गांड पर टकरा रहा था और मेरी चूत की ओर जाने का रास्ता बना रहा था.

गुरमीत ने मेरे चेहरे को घुमाकर मेरे होंठों को चूसना शुरू किया.
मैं भी ज़्यादा देर तक अपने आपको रोक नहीं पाई और अपने आपको उसकी ओर मोड़ लिया.

उसने इसका फायदा उठाया और मेरे ऊपर पूरी तरह छा गया.

अब उसका लंड मेरी चूत पर टकरा रहा था और मेरी चूत पहले से ही गीली थी.
वह और ज्यादा गीली होने लगी थी.

गुरमीत मेरे होंठों को चूसते हुए अपने हाथ मेरे स्तनों पर ले गया और जोर-जोर से दबाने लगा.
मेरी तो बस आहें निकल रही थीं.

उधर उसने अपने पैरों से मेरे पैरों को चौड़ा किया और अपने लंड को मेरी चूत पर रखकर मुझे तड़पाने लगा.
मैं भी अपने हाथों को उसकी पीठ पर रखकर सहला रही थी और उसे अपनी ओर खींचने की कोशिश कर रही थी ताकि उसका लंड मेरी चूत में चला जाए.
लेकिन वह भी मेरे साथ खेल रहा था.

कुछ देर बाद मैंने उसकी आंखों में आंखें डालकर कहा- जल्दी डाल दो.
वह समझ चुका था.

उसने पूरी ताकत से अपना लंड मेरी चूत में डाल दिया.
मेरी चूत गीली होने के कारण उसका लंड अन्दर चला गया.
लेकिन उसके लंड का साइज़ बड़ा होने के कारण मुझे दर्द भी हुआ.

उसे मेरे दर्द का अहसास हुआ और उसने लंड बाहर निकाला, फिर मेरे होंठों को चूसते हुए उसने एक जोरदार झटके के साथ अपना लंड दोबारा पेल दिया.

ऐसा दो-तीन बार करने के बाद अब मैं भी उसका साथ देने लगी.
मुझे भी बहुत अच्छा लगने लगा और मैं उसे अपनी ओर खींच रही थी.
मैं अपनी गांड उठा-उठाकर उसका लंड ले रही थी ताकि वह मेरी चूत की गहराइयों तक समा सके.

अब उसने अपनी गति बढ़ा दी और मैं भी अपने पैरों को हवा में उठा कर उसका साथ देने लगी.

पूरे कमरे में चुदाई की फच-फच की आवाज़ गूंज रही थी और साथ में मेरी सिसकारियां भी गूंज रही थीं ‘उह … उह … आह … आह … आह.’

मेरी चूड़ियां भी ज़्यादा ही आवाज़ कर रही थीं और बता रही थीं कि मेरे साथ क्या हो रहा है.
मैं बोल रही थी- गुरमीत, और जोर से करो … मज़ा आ रहा है.

मेरा ऐसा बोलना उसे और उकसा रहा था.
उसका स्टैमिना भी काफी अच्छा था और वह मुझे बिना रुके चोदे जा रहा था.

वह मुझे चोदने के साथ-साथ कभी मेरे होंठों को चूसता, कभी गले पर किस लेता या बूब्स को दबाता, तो कभी मेरे बूब्स को अपने मुँह में ले लेता.
ऐसा ही करते-करते करीब 20 मिनट तक मुझे पेलता रहा.

आखिर में उसने अपनी स्पीड बढ़ा ली.
वह तेज तेज 10-15 शॉट्स जोरदार मारते हुए अपना माल मेरी चूत में ही छोड़ दिया और हांफते हुए मेरे ऊपर गिर गया.

उस दौरान मेरा भी पानी दो बार निकल चुका था.
सही मायनों में मेरी असली चुदाई पहली बार अच्छे से हुई थी, वह भी सिर्फ एक ही पोजीशन में.

अब मैं भी उसके बालों को सहलाती हुई उसे प्यार कर रही थी.
वह अब भी मेरे ऊपर ही था.

कुछ देर बाद वह मेरे ऊपर से हटते हुए साइड में लेट गया.
मैं भी अब उसके सीने पर अपना सिर रखती हुई और उसे सहलाती हुई बोली- हो गया तुम्हारा? उतार ली अपनी हवस मुझ पर? कर दिया बर्बाद मुझे पूरी तरह!

वह बोला- पहले टेबल पर पड़ा पैग बना कर ले आओ.
मैं उठी और पैग बनाकर बेड पर आई.

गुरमीत अब उठकर बेड पर टिक कर बैठ गया था.
मैं भी अब उसके साइड में जाकर बैठ गई.

मैंने उसका एक हाथ उठाकर अपने कंधे पर रख लिया और अपने एक हाथ से उसे पैग पिलाने लगी.

उसने भी एक ही घूँट में पैग खत्म कर दिया.
अब हम दोनों बातें करने लगे.

वह मेरे बालों को सहलाते हुए बातें करने लगा.

कुछ ही पल बाद उसके सहलाने के तरीके से मैं समझ रही थी कि जल्द ही गुरमीत दूसरे राउंड के लिए तैयार होने वाला है.
यहां मेरी चूत भी गीली होने लगी थी.

आखिर उसने मेरे बालों को पकड़ते हुए मेरे होंठों पर जोरदार किस ली और मुझे अपने ऊपर ले लिया.
मैं अब जान चुकी थी कि मुझे क्या करना है.

मैंने उसके ऊपर आते ही थोड़ा ऊपर हुई और अपने बूब्स को उसके चेहरे के पास ले गई, जिसे गुरमीत एक-एक करके चूसने लगा, साथ ही अपने हाथों से मेरी पीठ को सहला रहा था.

कुछ देर ऐसा करने के बाद वह अपने हाथों को नीचे ले गया और मेरी गांड को दबाते हुए जोरदार चांटे मेरी गांड पर दे मारे.
इधर मेरी चूत भी गीली हो चुकी थी.

मैं उस पोजीशन से नीचे हुई और उसके खड़े लंड पर अपनी चूत को सैट करती हुई एक ही बार में बैठ गई.
उसका लंड मेरी चूत को चीरते हुए सीधे ब/च्चेदानी तक जा पहुंचा.

मुझे हल्का दर्द भी हुआ, लेकिन मैं बिना रुके उसके लंड के ऊपर सवारी करने लगी.

कुछ ही पल में मैं अपनी चूत को और नीचे करती हुई उसके लंड की सवारी कर रही थी. साथ ही मेरे बूब्स भी हवा में उसके चेहरे को छू रहे थे.

हम दोनों एक साथ चुदाई का मज़ा ले रहे थे. मेरी पायल की आवाज़, उसके लंड पर उछल कर बैठने की रिदम, यह सब एक अलग ही समां बना रहा था.

साथ ही हमारी बातें भी बीच-बीच में हो रही थीं, जिसमें वह मेरी तारीफ भी कर रहा था.
उसका सिर से कटा हुआ लंड एक अलग ही सिहरन मुझे दे रहा था.

मेरी आवाज़ सारे रूम में गूँज रही थी- उह … उह … आह … आह … आह.
साथ ही उसे उकसाने के लिए मैं उसे बहुत कुछ बोल भी रही थी.

कई बार तो वह मुझे अपने सीने से भींच लेता.
उस पोजीशन में उसने काफी देर तक चोदा और अपना माल मेरी चूत में छोड़ दिया.

Xxx पुलिस मैन सेक्स करके मैं भी अब थक चुकी थी और उसके ऊपर ही गिर गई.
कुछ देर रेस्ट करने के बाद मैं साइड होकर लेट गई.

वह भी मेरे ऊपर ही पैर रखकर लेट गया और कब मेरी आंखें लग गईं, पता ही नहीं चला.
करीब 11 बजे मेरी आंखें खुलीं तो गुरमीत का आधा शरीर मेरे ऊपर था.
हालांकि मेरे शरीर या उसके शरीर में कोई कपड़े नहीं थे.

मैं उसे देखकर सोच रही थी कि कहां से ये मेरे जीवन में आ गया.

फिर मैंने सोचा कि मैं उठकर खाना बना लेती हूँ.

मैं उठी और कोटी वाला गाउन पहन कर जल्दी ही खाना बना लिया.

तब मैं गुरमीत को उठाने और साथ खाना खाने के लिए बोलने आई.
मैंने अपने बालों का जूड़ा बनाया और उसे उठाया.

उठते ही उसने वापस मुझे अपनी बांहों में ले लिया.
मैं बोली- अब उठ भी जाओ जनाब. दोपहर हो चुकी है. अब तक तुम्हारा जी नहीं भरा?

वह बोला- क्या करूँ प्रिया, तुम चीज़ ही ऐसी हो. आज तो तुम्हें पूरी तरह औरत बनाकर ही छोड़ूँगा.
मैं बोली- तो अब तक क्या कर रहे थे?

इस पर हम दोनों मुस्कुरा दिए.

फिर गुरमीत उठा, मैं भी उसके साथ उठी.
उसने मेरे गाउन को पहले खोल दिया और मुझे अपनी गोद में उठाकर बाथरूम ले गया.

शॉवर के नीचे खड़ा कर मेरे होंठों को चूसने लगा, साथ ही शॉवर भी चालू कर दिया.

हम दोनों साथ नहाए.

नहाने के दौरान भी उसने मुझे बहुत रगड़ा और दबाया.

फिर हम दोनों बाहर आए, उसने सिर्फ अपनी निकर पहनी और मैंने अपना गाउन.
साथ में खाना भी खाया.

खाने के बाद गुरमीत ने कहा- रात को तैयार रहना. अभी मैं जा रहा हूँ, रात तक वापस आऊंगा.

मैं मुस्कुरा दी.
इस बार मेरे होंठों पर ना नहीं थी.
मुझे उसका लंड पसंद जो आ गया था!

तो दोस्तो, कैसी लगी मेरी आपबीती, बताइएगा जरूर.
Xxx पुलिस मैन सेक्स कहानी पर आपके विचार आमंत्रित हैं.
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