बीवी की सहेली को उसी के घर पर चोदा

(Xxx Punjabi Ladki Chodi)

Xxx पंजाबी लड़की की चुदाई की कहानी मेरी बीवी की पंजाबन सहेली की है. एक दिन वह हमारे घर आई तो उसने मेरा लंड देख लिया. उसके बाद से वह मुझे लाइन देने लगी.

नमस्कार साथियो, मैं दिल्ली से संजय.

आप लोगों ने मेरी पिछली सेक्स कहानी पढ़ी होंगी.
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आज की यह Xxx पंजाबी लड़की सेक्स कहानी मेरी बीवी की सहेली गुरप्रीत की है. वह पटियाला की थी तो पंजाबी सलवार सूट पहनती है और अच्छी पंजाबी बोलती है.

शादी के बाद वह दिल्ली में ही रहती है.

एक दिन मैं नहाकर निकला तो देखा कि गुरप्रीत घर पर आई हुई थी.

मेरी आदत है कि नहाने के बाद मैं हर जगह सरसों के तेल से मालिश करता हूँ, खासकर अपने लंड पर ज़्यादा तेल लगाता हूँ.
उस दिन भी ऐसा ही हुआ.
मैं दूसरे कमरे में तेल लगा रहा था.

तभी गुरप्रीत बाथरूम जाने के लिए मेरे कमरे में आई.

उस वक्त मैं तेल लंड पर लगा कर मुट्ठी में लेकर हिला कर रहा था.
शायद उसने मुझे देख लिया था क्योंकि वह मुस्कुराती हुई बाथरूम में चली गई थी.

इसके बाद मैं पूजा करने बैठ गया.

पूजा के बाद खाना खाने लगा तो दो-तीन बार मेरी आंखें गुरप्रीत की आंखों से मिलीं.
वह हर बार मुस्कुरा रही थी.

मैंने शादी से पहले और बाद में कई चूतें चोदी हैं, तो मुझे अंदाज़ा हो गया कि ये भी मेरे लंड के नीचे आ सकती है.

थोड़ी देर बाद मैं बाहर निकल गया.

शाम को जब लौटा तो मैंने बीवी के फोन से गुरप्रीत का नंबर चुराया और व्हाट्सएप पर मैसेज किया.

थोड़ी देर बाद उसका जवाब भी आ गया.
बातों-बातों में उसने बताया कि उसके पति मार्केटिंग का काम करते हैं तो अक्सर दिल्ली से बाहर जाते रहते हैं.

गुरप्रीत ने कहा कि दो दिन बाद उसके पति उत्तराखंड जा रहे हैं.

मैंने मज़ाक में लिख दिया- फिर तो दो दिन तक तुम भूखी रह जाओगी.
वह हंस दी.

इसी हंसी-मज़ाक में मैंने कह दिया- ज़रूरत पड़े तो बताना क्योंकि तुम्हारी सहेली मुझे ठंडा नहीं कर पाती!
वह बोली- हां जानती हूँ. वह मुझे सब बातें बताती है, तुम क्या-क्या करते हो.

मैंने उसे कुरेद कर सब कुछ पूछना चाहा लेकिन वह बात करते वक्त थोड़ा शर्मा रही थी.
मैंने कहा- एक दिन मेरे पास नीचे आ जाओ. सारी शर्म दूर कर दूँगा. सारी थकान न मिटा दी तो कहना!

गुरप्रीत ने मुझे चैलेंज किया- अभी तक मेरे पति मुझे ठीक से संतुष्ट नहीं कर पाए. तुम किस खेत की मूली हो?
मैंने जवाब दिया- चैलेंज कर रही हो तो घबराना मत. तुम्हें तुम्हारी सुहागरात याद न दिला दी तो कहना.

उसने कहा- जब मेरे पति बाहर जाएंगे, तो मैं बुला लूँगी … तब आ जाना. देखूँगी कितना दम है तुम में!

आपको बता दूँ, गुरप्रीत की शादी को अभी सिर्फ़ दो साल हुए हैं और उसका कोई बच्चा नहीं है.

मैं सोचने लगा कि उसके घर कैसे जाऊं.

तभी मेरे दिमाग में एक आइडिया आया.
मैं ऑफिस से सीधे गुरप्रीत के घर चला गया.

उसने मेरी अच्छे से खातिरदारी की.

मैंने उससे पूछा- तुम्हारे पति कितने बजे घर वापस आते हैं?
वह बोली- आज तो पास के गांव में गए हैं तो रात को देर तक आएंगे.

मैंने उसकी बात सुनी तो मुस्कुरा कर सीटी बजा दी.

वह भी दो अर्थी भाषा में बोली- क्यों बजा रहे हो!
मैंने कहा- तुम खुद बजवा रही हो!

वह हंस दी और बोली- मैंने अभी कहाँ बजवाई?
मैंने कहा- हां अभी बजवाई तो नहीं है लेकिन बजाने का मूड हो रहा है!

वह जोर जोर से हंसने लगी.

फिर मैंने कहा- मैं इजाजत लेने आया हूँ.
वह- किस बात की इजाजत लेने आए हो?

मैंने उसे उसकी दी हुई चैलेंज याद दिलाई.
गुरप्रीत हंस कर अंगड़ाई लेने लगी.
मैं समझ गया कि आज ही एक मैच खेला जा सकता है!

मैंने उसे पकड़ने की चेष्टा की तो वह कहने लगी- अरे नहीं यार, मैंने तो मज़ाक में कहा था!
मैंने जवाब दिया- मगर मैंने तो सीरियस ले लिया. अब कुछ तो करना पड़ेगा.

मैंने उसका हाथ पकड़ा और उसे सोफे पर बिठा दिया.
वह मुझसे छूटने का प्रयास कुछ ऐसे करने लगी मानो छूटने की जगह खुद को पकड़वा रही हो.

मैं धीरे-धीरे उसके गाल और हाथ को चूमने लगा.

पहले तो वह संकोच करती और शर्माती रही लेकिन मेरे बहुत कहने पर मान गई.

अब मैंने उसके कुर्ते को ऊपर उठा कर निकाल दिया.
वह मस्त लाल रंग की ब्रा में मेरे सामने आ गई.

मैंने उसके एक दूध को हार्न की तरह दबाया.
तो उसके मुँह से सिसकारी निकली- आह!

मैंने कहा- बड़ा कम आवाज देता है तुम्हारा हॉर्न!
वह बोली- हां जोर से आवाज हुई तो अड़ोस पड़ोस के भी आ जाएंगे!

मैंने कहा- अरे मुझे नहीं मालूम था कि अड़ोस पड़ोस वाले भी हॉर्न बजाने आते हैं!
वह हंस कर बोली- हट पागल!

मैंने भी हंस कर उसके एक दूध को निकाल कर अपने मुँह में भर लिया और चुसकने लगा.

गुरप्रीत की मस्त आहें निकलने लगीं और वह नशीली आंखों से मुझे देखने लगी.

इस तरह धीरे-धीरे करके उसके कपड़े उतरते चले गए.
अब उसके शरीर पर सिर्फ़ ब्रा और पैंटी रह गई थी.
बाकी सब कुछ मैंने उतार दिया था.

इतना सब होने के बाद अब वह भी खुलने लगी थी.

उसने कहा- अरे यार यहां मज़ा नहीं आएगा. चलो, बेडरूम में चलते हैं!

हम दोनों बेडरूम में चले गए.
फिर उसने मेरे कपड़े उतारने शुरू किए.
वह मेरा अंडरवियर छोड़कर बाकी सब उतार चुकी थी.

मैंने भी धीरे-धीरे गुरप्रीत के सभी कपड़े उतार कर उसे पूरी तरह नंगी कर दिया.
एक हाथ से मैं उसके चूचे दबाता रहा, दूसरे हाथ की एक उंगली उसकी चूत में अन्दर-बाहर करता रहा.

वह मुझे अपने दूध खुद अपने हाथ से पकड़ पकड़ कर पिलाने की चेष्टा कर रही थी.

मैंने कहा- तुम्हारे पति दूध कम पीते हैं क्या?
वह हंस दी और बोली- मेरा मन तो उन्हें दूध पिलाने का बहुत करता है, लेकिन उनका जल्दी से खड़ा हो जाता है और वे चढ़ाई शुरू कर देते हैं. फिर जल्दी से पुल्ल पुल्ल करके बाहर निकाल कर ढीले पड़ जाते हैं.

मैंने पूछा- फिर तुम क्या करती हो?
वह दुखी मन से बोली- उंगली से ही कर लेती हूँ!

मैं चुपचाप उसके दोनों दूध चूस कर उसे मजा देता रहा और उसकी चुत को अपनी उंगली से कुरेदता रहा.

जब उससे रहा नहीं गया, तो उसने मेरे अंडरवियर को उतार दिया.
मेरे खड़े लंड को देखते ही वह चिल्लाई- बाप रे इतना बड़ा और इतना मोटा!

मैंने कहा- उस दिन भी तो तुमने देखा था, जब तुम घर आई थीं और मैं तेल लगा रहा था!
वह बोली- हां, लेकिन उस दिन मैंने ठीक से नहीं देखा था.

मैंने अपने लौड़े को अपने हाथ से सहलाते हुए पूछा- क्या तुम्हारे पति का इतना मोटा नहीं है?
उसने जवाब दिया- नहीं यार … उनका तुमसे बहुत पतला है और छोटा भी है!

मैंने कहा- उसका चूसती हो!
गुरप्रीत एकदम से हंस पड़ी.

मैंने कहा- क्या हुआ?
वह बोली- उतनी देर टिकता तो हो कि पहले चूसा जाए फिर अन्दर लिया जाए!

मैं समझ गया कि यह एकदम प्यासी रांड है.
अब मैंने उसे लंड मुँह में लेने को कहा, तो वह ना-नुकुर करने लगी.

लेकिन मुझे तो पता है कि औरतें कब आसानी से मुँह में लेंगी.

मैंने उसकी चूत को जीभ से चोदना शुरू किया.
कुछ ही देर में वह मजबूर होकर मेरे लंड को मुँह में लेकर चूसने लगी.

बाद में उसने बताया कि मेरी बीवी उसे बताती थी कि मैं सेक्स में क्या-क्या करता हूँ और करवाता हूँ.
वह इस कदर लंड चूसने लगी कि मेरा स्खलन हो गया और सारा माल उसके मुँह में ही गिर गया.

वह जल्दी से उठकर बाथरूम गई, मुँह धोकर वापस आई.
मेरा स्खलन हो चुका था और मुझे पता था कि अब ठीक से खड़ा होने में 5 मिनट लगेंगे.

मैंने कहा- गुरप्रीत, एक राउंड का माल तो निकल ही चुका है. अब कुछ चाय-कॉफी पिलाओ ना … उसके बाद ज़मकर चुदाई होगी.

गुरप्रीत हंसने लगी और कपड़े पहनने लगी.
मैंने कहा- क्यों पहन रही हो यार … दोबारा उतारने में फिर से मेहनत करवाओगी?

वह बोली- तो क्या हुआ … अभी एकदम नंगी ही जाकर कॉफी बनाऊं क्या?
मैंने कहा- हां … उसमें क्या है!

तो वह हंस कर मुझे देख कर नंगी ही चली गई और कॉफी बनाकर ले आई.
हम दोनों ने एक साथ कॉफी पी.

अब तक मेरा सुरूर बनने लगा था.

मैंने फिर से 69 मे आकर उसकी टांगों को फैलाया और चूत को चूसना शुरू कर दिया.
उसने भी मेरा लंड मुँह में लेकर चूसना शुरू कर दिया.

वैसे एक बात और है कि जब चूत छोटी हो, तो जितना ज़्यादा लंड को चूसा जाए, उतना ही कम दर्द होता है.

मैंने यह बात गुरप्रीत को बताई, तो वह हंसने लगी.

कुछ ही देर में मैंने उसे इतना ज्यादा गर्म कर दिया कि वह खुद चिल्लाने लगी- यार अब मत तड़पाओ … जल्दी से डाल दो.
मैंने पूछा- क्या डाल दूँ?
अब तक वह पूरी तरह खुल चुकी थी, वह बोली- अपना लंड डाल दो.

मैंने उसे नीचे लिटाया और चूत के ऊपर लंड को घिसने लगा.
जिसने ऐसा किया होगा, वही जानता है कि इससे क्या होता है!

गुरप्रीत की पंजाबी चूत तो इतने में ही पानी छोड़ने लगी.
मैं लंड को चूत पर घिस ही रहा था कि उसने मुझे कसकर पकड़ लिया, जिससे लंड चूत में घुसता चला गया.

लेकिन जब पूरा लंड अन्दर चला गया तो उसको दर्द हुआ क्योंकि मेरा औजार उसके पति से काफी मोटा और लंबा था.
लंड लेते ही वह आंह आंह करने लगी.

जब गुरप्रीत सामान्य हुई, तो वह Xxx पंजाबी लड़की गांड हिलाने लगी.
मैंने अंदाज़ा लगा लिया कि अब इसे चोदना शुरू करना चाहिए.

फिर 10 मिनट तक मैं गुरप्रीत को ऐसे ही चोदता रहा.
गुरप्रीत तब तक झड़ चुकी थी और काफी थक गई थी.

वह बोली- बस अब जल्दी से अपना रस निकालो!
मैंने कहा- गुरप्रीत, एक बार कुतिया बन जा ना … उस पोज में मेरा जल्दी निकल जाएगा!

वह झट से डॉगी स्टाइल में आ गई.
मैंने उसकी गांड के छेद को कुरेदा, तो वह डर गई और बोली- इसमें नहीं!

मैंने उस दिन तो उसकी पंजाबी गांड छोड़ दी लेकिन यह बोल दिया कि किसी न किसी दिन इसकी भी खातिरदारी करूँगा!
वह हंस कर रह गई.

फिर मैंने चुत में लंड पेला और उसके ऊपर चढ़ कर 10 मिनट तक डॉगी स्टाइल में चुदाई करता रहा.
उस दौरान मैं गुरप्रीत के दोनों दूध अपने हाथों में भर कर मसलता रहा.

उस पोज में गुरप्रीत को भी काफी सेक्स चढ़ा और वह पुनः झड़ गई.
अब मैंने भी ताबड़तोड़ झटके देने शुरू किए.

जब मेरे लौड़े से रस निकलने लगा, तो मैंने पूछा- गुरप्रीत. कहां निकालूँ?
गुरप्रीत ने कहा- अन्दर ही छोड़ दो.

मैंने भी अपना सारा माल गुरप्रीत के अन्दर ही गिरा दिया.
अब हम दोनों अलग हुए.

मैंने एक सिगरेट जलाई और उससे बातें करने लगा.
बाद में कपड़े पहन कर मैं अपने घर आ गया.

अगली कहानी में बताऊंगा कि कैसे मैंने गुरप्रीत की रात भर चुदाई की और उसकी गांड भी फाड़ी.
अपने प्रिय पाठक भाइयों के लिए कुछ टिप्स के तौर पर लिखना चाहता हूँ.

‘कुँवारी को न छेड़िए, चूत पे करे घमंड,
चुदी-चुदाई को चोदिए, जो लपक के लेवे लंड.’

आपको मेरी Xxx पंजाबी लड़की की चुदाई की कहानी कैसी लगी?
अपनी प्रतिक्रिया मुझे मेरी मेल आईडी पर अवश्य दें.
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