महिलाएँ या लड़कियाँ क्या चाहती हैं !

(What women or girls want)

मैं सूर्य प्रताप सिंह उत्तर प्रदेश में सहारनपुर में रहता हूँ।

मैं अन्तर्वासना का साल 2011 से पाठक हूँ! यह कहानी नहीं है लेकिन महिला भावना के बारे में विचार है जिसे मैं आप सभी के साथ साझा करना चाहता हूँ !

महिलायें क्या चाहती हैं, क्या नहीं चाहती, आमतौर पर यह समझना बहुत मुश्किल है। आम धारणा है कि महिलाओं के मन को समझना मुश्किल है लेकिन ऐसा नहीं है। दरअसल महिलायें झिझक की वजह से बहुत सी ऐसी बातें हैं जो नहीं कह पाती।

यदि महिलाओं को कुछ अच्छा नहीं लगा या फिर वे अपने मन की कोई बात कहना चाहती हैं या फिर यौनक्रिया के दौरान, यौनक्रिया के बाद या पहले कुछ कहना चाहती हैं तो झिझक की वजह से अकसर कह नहीं पाती। पुरूषों में अक्सर यह जानने की इच्छा होती है कि महिलायें क्या चाहती हैं, आइये जानें आखिर महिलायें क्या चाहती हैं।

आमतौर पर महिलाओं को एक ऐसे साथी की आवश्यकता होती है जो उसे प्यार करे, उसकी देखभाल करे, उसे महत्व दे और उसको समझे लेकिन इसके अलावा भी महिलायें अपने साथी से आशा रखती हैं:

पति सही समय पर सही बात कहे और उसको महत्व देते हुये उसका सम्मान करे, उसके काम को महत्व दे।

यदि महिला नाराज है तो उसका मित्र उसे मनाये और उसका मूड खुश करने के लिये नये-नये तरीके अपनाये।

महिला की भावनाओं को समझे और उनका सम्मान करे।

महिला चाहती है कि उसका साथी उनके काम में उतना ही हाथ बंटाये और साथ दे जितना कि वह उसके कामों में सहयोग करती है।

अकसर महिलाओं को वे पुरूष पंसद आते हैं जो संवेदनशील होते हैं, समझदार होते हैं और महिलाओं का आदर सम्मान करते हैं।

हर महिला को अपनी तारीफ़ सुनना पसन्द है और यह बात उस वक्त और भी विशेष हो जाती है जब उनका साथी उनकी तारीफ़ करता है।

महिलायें चाहे खुद बोल्ड और बिन्दास नहीं हो पाती लेकिन वे चाहती हैं कि उनका पार्टनर उन्हें बोल्ड और बिन्दास समझे न कि दब्बू।

महिलाओं का मन भी सेक्स करने का करता है और वह उसके बारे में बातचीत भी करना चाहती है लेकिन झिझक की वजह से नहीं कर पाती। ऐसे में वे चाहती हैं कि उनका पार्टनर ऐसा हो जो उन्हें गलत न समझते हुये उनकी भावनाओं को समझे और जिससे वह खुल कर अपने मन की बात कर सकें।

कुछ महिलायें जहाँ सेक्स पर बात करने और सेक्स करने से कतराती हैं, वहीं कुछ महिलाओं को इस पर बात करने में बेहद आनन्द आता है।

महिलायें चाहती हैं कि उनका साथी हमेशा ही सेक्स के बारे में न सोचे, न ही हमेशा इसके बारे में बात करें बल्कि उससे प्यार जताये। महिलाओं को वो पुरूष भी कम ही पसन्द आते हैं जो सेक्स के बाद अलग हटकर सो जाते हैं लेकिन वे साथी अधिक अच्छे होते हैं जो सेक्स के बाद भी फोरप्ले करते हैं और अपनी साथी को अधिक से अधिक समय देते हैं।

प्यार की चरम सीमा तक पहुँचने के बाद भी महिलायें अपने पार्टनर से बातें करना पसन्द करती हैं।

महिलायें क्या चाहती हैं, कब क्या सोचती हैं, यह कहना फिर भी बहुत मुश्किल है लेकिन इन सूत्रों के जरिये आप पता लगा सकते हैं कि आखिर महिलायें सोचती क्या–क्या है।

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