शीला का शील-14
हमें अपनी अन्तर्वासना को तृप्त करने का कोई जायज़ स्रोत नहीं मिलने वाला तो हमारी शारीरिक इच्छाओं की पूर्ति के लिये इसके सिवा और कौन सा मार्ग हो सकता है?
चूत चुदवाने या चोदने की हमेशा चुदास रहने की कहानियाँ
Hamesha Chut Chodane ya Chudwane Ki chudas Rahne ki Kahaniyan
Stories about always horny, lusty males and females
हमें अपनी अन्तर्वासना को तृप्त करने का कोई जायज़ स्रोत नहीं मिलने वाला तो हमारी शारीरिक इच्छाओं की पूर्ति के लिये इसके सिवा और कौन सा मार्ग हो सकता है?
मेरे पड़ोस में दूध वाली आंटी की दो बेटियाँ थी, मैं दूध लेने जाता तो बड़ी बेटी ही होती थी, वही दूध देती थी, अक्सर चाय के लिए पूछती थी. उसकी चुदाई कैसे हुई!
मेरे ऑफिस में एक औरत ने ज्वाइन किया, चर्चा थी कि यह औरत बहुत तेज़ है. वो इतना हँसती और ऐसे शरमाती थी.. जैसे सच में वो खुद को छेड़ने का आमंत्रण दे रही हो। उसके साथ मेरे सम्बन्ध की कहानी है यह!
मेरे पड़ोस में एक लड़की की शादी से पहले उसकी खूब चुदाई की थी मैंने। वो अपने मायके यानि मेरे पड़ोस में आई तो हमारी मुलाकात हो गई, उसकी आँखों में चूत चुदाई की तड़प साफ दिखाई दे रही थी।
मौसी शीशे के सामने एकदम नंगी खड़ी थी, मैं देखता रह गया! मौसी मेरे पास आई, मुझे बाँहों में जकड़ लिया, मेरी लुल्ली खड़ी हो गई, मौसी ने मुझे कपड़े उतारने को कहा।
मौसी के घर मैं छुट्टियाँ बिताने गया तो एक दिन मैं उनके कमरे में गया तो मौसी शीशे के सामने एकदम नंगी खड़ी थी, उनकी पीठ मेरी तरफ थी. मैं देखता रह गया!
जैसे कि सबको अपनी शादी का इंतज़ार रहता है और सुहागरात का, मुझे भी था। शादी से पहले वो मिलने की बोलती थी, मगर मिलने में मेरी गांड फटती थी।
बाबाजी के घंटे का आप सभी को प्रणाम। यह कहानी है पूरी वासना से भरी हुई- वासना ऐसी जो कि कभी खत्म ना हो , तो दोस्तो अपने अपने लंड और चूत को निकाल लीजिए और रगड़ना शुरू कर दीजिये।
दीदी की विदाई के बाद मुझे नींद आने लगी। मैं सोने के लिये अन्दर गया तो एक लडकी भी सोने की जगह तलाश रही थी। हम दोनों जैसे कैसे लेट गये पर ठण्ड लग रही थी और लड़की साथ में थी।
सविता भाभी अपने पति के साथ उसके दफ्तर की एक साथी लता के घर खाने पर गए. सविता वहाँ बोर हो रही थी कि सविता की नजर लता के पति पर पड़ी. उसे मौक़ा मिल गया.
सविता भाभी वीकएंड में खुद को काफी बोर महसूस कर रही थीं, उनका किसी काम में मन नहीं लग रहा था। कि खिड़की के शीशे को तोड़ते हुए एक गेंद कमरे में अन्दर आई।
वह भी खुद को उसी मनःस्थिति में पा रही थी कि जल्दी से सब हो जाये, सोनू एकदम योनि में अपना लिंग घुसा दे और इतने धक्के लगाये कि उसकी बरसों की चाह पूरी हो जाये।
मम्मी-पापा कुछ दिनों के लिए गाँव गए हुए थे, आंटी ने मुझे गर्लफ़्रेंड से बात करते सुन लिया। आंटी मुझसे पूछने लगी कि मैंने कभी गर्लफ़्रेंड के साथ सेक्स किया है।
उसने नकारात्मक अंदाज़ में सर हिलाते कहा- जो हैं, उनमें मुझे भोगने की लालसा रखने वाले तो कई हैं लेकिन ऐसा एक भी नहीं जिस पे मैं भरोसा कर सकूँ।
मैंने उसे अपनी कमर की मालिश करने को कहा तो उसने मेरा टॉप ऊपर कर दिया, वो भी मेरी गर्दन तक और अब टॉप सिर्फ़ मेरे बूब्स में अटका हुआ था।
साली की चुदास ने उसे बेशर्म बना दिया, वो जीजू से चुद गई। अब उनका रोज का काम हो गया तो साली एक ही तरीके की चुदाई से ऊब गई, उसने जीजू से कुछ नया करने को कहा।
मकान मालिक की शादीशुदा बेटी मेरे साथ ऑफिस में काम करती थी, एक दिन मस्ती में मुझे अपनी मस्त गोरी-गोरी चिकनी-चिकनी जवानी दिखा कर मेरे लन्ड पर चढ़ कर चोद डाला!
तुमने शारीरिक ज़रूरतों के आगे देर में हार स्वीकार की लेकिन मैंने बहुत पहले कर ली... शायद तुम पुराने ज़माने की थी, कुछ अच्छा होने के इंतज़ार में बैठी रही लेकिन मैं नई सोच की हूं...
मैं शुरू से खुले विचारों वाली लड़की रही हूँ। सहेलियों के साथ गंदे मज़ाक करना, उनके बूब्स दबा देना, चूत पर हाथ मार देना मुझे बहुत अच्छा लगता था।
क्या सिर्फ इसलिए उसे अपने शरीर का सुख प्राप्त करने से रोका जा सकता था कि वह लोगों द्वारा अपेक्षित एक योग्य वधू के मानदंडों पर पूरी नहीं उतरती?