देसी चुदाई

गाँव की देसी लड़की, भाभी की चुदाई की कहानियाँ
Village Girl, bhabhi ke saath sex stories

चुदक्कड़ चाची चोदू चाचा

मैं ज्यादातर चाची के घर रहता हूँ और नजरें बचा कर चाची को घूरता रहता हूँ. मेरी छिपी हुई नजरें चाची की अधखुली चुची.. नाभि और मटकती गांड देख कर लंड को मुठ्ठ मारने पर मजबूर कर देती हैं.

मेरी कमसिन जवानी की आग-1

मौसी की बेटी की शादी में शादी से पन्द्रह दिन पहले पहली बार एक साथ पांच बुड्ढों ने और एक जवान लड़का रिश्ते के भाई ने मेरी बेदम चुदाई की, इनमें दो मेरे सगे रिश्तेदार हैं।

देवर ने की भाभी की चूत चुदाई

मेरे पति तो मुझे चोदते ही हैं लेकिन मुझे और ज्यादा चुदवाने का मन करता है. मेरा अन्दर बहुत सेक्स है. जब पति से चुदकर मेरी चूत को शांति नहीं मिली तो मैं अपने देवर से अपनी चूत शांत करवाने लगी.

कॉलगर्ल की जगह चुद गई उसकी चाची

मैंने एक दोस्त के लिए एक कालगर्ल बुक की. लेकिन जब चुदाई करने गए तो वो नहीं मिली. लेकिन वहां पर उसकी चाची थी. दोस्त कामवासना के कारण बेचैन था. तो क्या हुआ?

गाँव की गोरियाँ देसी छोरियां

मैं गाँव में रहता था. वहां मैंने बहुत सारी देसी गर्ल की खूब चुदाई की, खूब मजा लिया देसी सेक्स का! ग्रुप सेक्स भी किया. कुछ छोटी छोटी चुदाई कहानियों का मजा लें!

चुत की खुजली और मौसाजी का खीरा-5

उन्होंने अपने लंड को मेरी चुत के मुँह पर रखा और मेरी तरफ देखा, वह पल आ गया था कि मैं अपने पचास साल के मौसा जी पर अपनी अठारह साल की कमसिन जवानी लुटाने जा रही थी।

कामुकता की इन्तेहा-1

मुझे सेक्स की ललक चढ़ती जवानी में लग गई थी, नौकर ने चोदा, 15-20 लड़कों से सैकड़ों बार चुदी पर संतुष्ट नहीं हुई। शादी के बाद पति ने खूब चोदा तसल्ली कर दी. मगर ...

झुमरी तलैया में हनीमून-2

उसने मेरी पैन्ट चड्डी एक साथ उतार दी और लंड को हाथ में लेकर बोली- हाय मेरा मुन्ना कितना मुरझा गया है. इसे अभी तक ठीक से प्यार भी नहीं कर पायी. प्यार क्या अभी तक तो ठीक से देख भी नहीं पायी.

साली की चुदाई करके उसकी इज्जत बचाई

मेरी साली का यौवन पूर्ण निखार पर था. मैं उसके प्रति आकर्षित हो गया था लेकिन वो अपने बॉयफ्रेंड से गर्भवती हो गयी. उसने मुझसे मदद मांगी. मैंने उसकी मदद की लेकिन बदले में साली की चुदाई की.

वासना के पंख-1

यह लम्बी कहानी मेरी पिछली कहानी 'होली के बाद की रंगोली' जो भाई बहन के सेक्स सम्बन्धों पर थी, से ही सम्बंधित है. उस घटना से पहले क्या हुआ, यह बताया गया है.

चुदक्कड़ भाभी सेक्स स्टोरी

यह मेरी और मेरी पड़ोस वाली भाभी की सेक्स स्टोरी है. एक दिन मैंने भाभी के घर से किसी अनजान मर्द को निकलते देखा, मुझे शक हुआ, मैंने निगरानी की तो पता लगा कि भाभी चालू है.

मेरी और मेरी कामवाली की चुदास-4

कोई ऐसे लंड तलाशो, जो तुम्हारे साथ शादी करके हमेशा के लिए तुम्हें अपनी चूत बना कर रखे.. ना कि तुम्हें बाज़ारू चूत समझे, जिसे रंडी भी कहा जाता है.

मेरे पहले प्यार की कामुकता भरी चुदाई

घर के सामने वाले घर में रहने वाली एक प्यारी सी लड़की से मेरी दोस्ती हुई, फिर प्यार हुआ, इकरार हुआ. फिर हम फोन पर सेक्स की बातें करने लगे, हम फोन सेक्स से ही एक दूसरे का पानी निकालने लगे।

जब मुझे मिली मामी की चूत

मेरा मन पढ़ाई में कम लगता था, लड़कीबाजी में लगता था. मैं अपने मामा के घर जाता था तो मामी मेरे पास बैठ जाती और कुछ ऐसी वैसी हरकतें करती थी कि वो मुझसे कुछ चाहती हों! फिर मैंने मामी को कैसे चोदा?

कुंवारी गर्लफ्रेंड की पहली देसी चुदाई

मेरी क्लास में एक नई लड़की आई बड़ी प्यारी सी... कोशिश करके मैंने उससे दोस्ती की और तीन महीने बाद अपने प्यार का इज़हार किया. उसके बाद हमने कैसे पहली बार सेक्स क्या, पढ़ें मेरी देसी कहानी में!

ऑनलाइन मिली सेक्सी लड़की से दोस्ती और चुदाई

फेसबुक पर मेरी दोस्ती आगरा की लड़की से हुई। यह दोस्ती धीरे धीरे प्यार में बदल गयी और हम कई बार फोन सेक्स भी करने लगे। एक दिन हमने मिलने का प्रोग्राम बनाया और मैं आगरा चला गया. वहां क्या हुआ?

कमसिन लड़की की मोटे लंड की चाहत-7

चाचा ने मेरे दोनों चूतड़ों को फैला कर गांड के छेद को खोला और जोर जोर से गांड चाटने लगे. उन्होंने मेरी गांड में अन्दर तक अपनी जीभ घुसा दी. मैं जीभ की खुरदुरापन महसूस करके एकदम से उछल पड़ी.

मेरी बुआ की चुदाई के किस्से

मेरी बुआ 38 वर्ष, दिखने में गोरी थोड़ी भरी हुई मस्त आंटी लगती हैं, सरकारी स्कूल में टीचर हैं. एक बार बुआ ने मुझसे वॉशरूम में बुलाकर चुदवाया. हम दोनों आपस में खुल गए तो बुआ ने मुझे कुछ किस्से सुनाए.

कमसिन जवानी का वो खेल

कभी कभी आपके हमारे जीवन में ऐसी घटनाएं घट जाती हैं जिनको हम कभी भुला नहीं पाते। कुछ ऐसा ही एक वाकया मेरी जिंदगी के साथ भी जुड़ा हुआ है जिसे कभी भुलाया नहीं जा सकता.

चूत चीज़ क्या है… मेरी गांड लीजिए-1

मेरी शादी हुई, बीवी काफी सुंदर थी। सुहागरात के लड्डू फूट रहे थे मेरे मन में। मैं कमरे में गया और कुंडी लगा दी। वो सामने फूलों से सजे बिस्तर पर बैठी हुई मेरा इंतज़ार कर रही थी।

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