मेरी कमसिन जवानी की आग-8
तेरी मम्मी को मैं भी चोदने वाला था. सब बात हो गई थी. मैंने उसके दूध भी बहुत दबाए थे. तेरी मम्मी ने मेरा लंड चूस कर मेरा जल्दी से रस निकाला था और पी गई थी.
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तेरी मम्मी को मैं भी चोदने वाला था. सब बात हो गई थी. मैंने उसके दूध भी बहुत दबाए थे. तेरी मम्मी ने मेरा लंड चूस कर मेरा जल्दी से रस निकाला था और पी गई थी.
वो शादी से पहले एक बार फिर चुदना चाहती थी; लेकिन शादी की भीड़ में जुगाड़ हो नहीं पाया; कम्मो ने अपनी चूत हेयर रिमूवर से चिकनी बना कर मुझे जरूर दिखाई और मेरा हाथ पकड़ कर वहां रखवाया.
लड़की की उम्र हो जाये तो उसकी कामवासना जोर मारती ही है. ऐसी ही लड़की के साथ यौन आकर्षण और फिर सेक्स की कहानी है यह. वो लड़की मेरे घर के सामने वाले घर में रहती थी.
अंकल ने मेरी गांड की तरफ आकर मेरे कूल्हों में हाथ फेर कर होंठों से मेरी पीठ को चूम लिया. मेरी पीठ को चाटते हुए अंकल नीचे की तरफ आकर मेरे चूतड़ों पर अपनी गर्म जीभ चलाने लगे.
छोरी चुदासी तो थी पर चुदना अपने हिसाब से चाहती थी. उजाले में अपनी चूत नहीं दिखाना चाहती थी. मैंने भी तय कर लिया कि इसे रोशनी में पूरी नंगी करके अपने लंड पर झूला झुलाऊँगा.
वो इमोशनल हो रही थी, वर्जित फल खा लेने का वो पागलपन हम दोनों पर सवार हुआ था वो घोर निराशा में बदला जा रहा था. कम्मो तो मुझे समर्पित थी कि जो करना है, जहां ले चलना है ले चलो. कोई लड़की इससे ज्यादा आखिर कह भी क्या सकती है.
तभी मेरी स्कर्ट को कोई दूसरा ऊपर करने लगा. मैंने अन्दर पैंटी नहीं पहनी थी, तो वे मेरी टांगें चौड़ी करके मेरी जांघों को चाटने लगे. उसी समय एक अंकल ने मेरे हाथ मेंअपना लंड पकड़ा दिया.
अनजान शहर में किसी भी परिचित देसी गर्ल की पैंटी उतरवा कर उसकी टाँगें उठवा देना इतना आसान नहीं होता चाहे वो कितनी भी चुदासी, लंड की प्यासी और चुदने को पूरी तरह तैयार ही क्यों न हो.
मेरी चूत पूरी गीली हो चुकी तो अब वही चूत का रस अंकित निकाल कर मेरे पीछे मेरी गांड में लगाने लगा मेरे कूल्हे फैलाकर मेरी गांड के सुराख में जहाँ छेद था वहाँ एक उंगली हल्के से डालने लगा.
यह कहानी है गाँव की एक जवान लड़की की... वो मुझे एक शादी के कार्यक्रम में मिली थी. मैं उसकी अनगढ़ अल्हड़ जवानी को चखना चाहता था.
"करो!!" कहने के साथ ही उसने बेड की चादर को अपनी मुट्ठियों में भींच लिया, जैसे आने वाले दर्द को झेलने के लिए खुद को तैयार कर रही हो।
मेरे ऑफिस में एक नयी लड़की आयी तो मुझे वो भा गयी और हम दोस्त बन गए. होली आई तो हमने होली का क्या कार्यक्रम रखा और हमने कैसी मस्ती की, पढ़ें मेरी हिंदी सेक्स कहानी में!
एक कली खिलकर फूल बनने को आतुर हो रही थी और मैं लगातार पिछले 15 मिनट से एक भंवरे की भांति उसके होंठों का रसपान किए जा रहा था.
करीब 15 मिनट की जोरदार बेहेन की चुदाई के बाद अब विक्रम का लंड पानी छोड़ने वाला था... वो जोर से बोला- मयूरी बहना ... मैं आने वाला हूँ... क्या करूँ?
मैं हरियाणा के गांव का जाट हूँ, दिल्ली में पढ़ रहा हूँ. मेरे घर के सामने रहने वाली एक चालू लड़की को मैंने कैसे चोदा. पढ़ें इस सेक्सी कहानी में!
इस कहानी में जो फोन सेक्स चैट गालियाँ, वार्तालाप है, वो हम दोनों पति पत्नी के बीच का है. अक्सर ये सब उस वक्त होता है, जब मैं बाहर गांव जाता हूँ तो उससे करता हूँ.
यह फर्स्ट टाइम सेक्स कहानी मेरी और मेरी चचेरी बहन की चुत चुदाई की है. एक शाम हम दोनों घर में अकेले थे, बात करते हुए उसने अचानक पूछा कि बच्चे कैसे होते हैं. और बस बात आगे बढ़ गयी.
फिर एक बार मेरी ठुकाई की तैयारी थी, मेरे चोदू यार ने मेरी टाँगें अपने डौलों पर धर लीं और मेरी तह लगा दी मगर उसने खुद लौड़ा अंदर नहीं डाला और मुझसे बोला- डाल जट्टीये अपने आप अंदर!
दिव्या ने मुझे उसकी माँ के साथ सेक्स करते देख लिया तो वो बहुत दुखी हुयी, फिर भी उसने हालात को समझा और मैंने उसे और उसकी माँ को बता दिया कि मैं दिव्या से ही शादी करूंगा.
मैं अपनी मौसी की बेटी को चोदता हूँ. यह बात पड़ोस की एक लड़की को पता लगी. वो मेरे पास आई और मुझे सेक्स करने के लिए कहने लगी, वो कुंवारी थी क्योंकि वो खूबसूरत नहीं थी.