कामुकता की इन्तेहा-11
सर्दी की रात में इतनी ठंड में भरी शादी में बगैर पैंटी पहने मुझे यूं लग रहा था जैसे मैं नंगी घूम रही हूँ। पैंटी न होने अहसास मेरे जिस्म में एक अजीब सनसनी पैदा कर था.
इंडियन देसी गर्ल, देसी लड़की की सेक्स कहानियाँ
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सर्दी की रात में इतनी ठंड में भरी शादी में बगैर पैंटी पहने मुझे यूं लग रहा था जैसे मैं नंगी घूम रही हूँ। पैंटी न होने अहसास मेरे जिस्म में एक अजीब सनसनी पैदा कर था.
मैंने अपने दोस्तों से उनके फ़्लैट में अपनी मौसेरी बहन को कुछ दिन ठहराने को कहा तो वे मना नहीं कर पाए. लेकिन मेरी बहन की मस्तराम हरकतें देख वे हैरान रह गए.
मैंने कहा- नहीं यार, यह सील तोड़ने नहीं दे रही है, इसे बहुत घबराहट हो रही है. जैसे ही मैं लंड को चूत के मुख पर लगाकर अंदर डालने का प्रयास करता हूं तो यह उछल पड़ती है.
बहुत तरस चुकी मैं लंडों के लिये। शादी की फिलहाल कोई उम्मीद भी नहीं दिखती। जो लड़का फंसता भी है तो शादी की लाईन पर आता दिखता नहीं और रिश्ता कोई आता नहीं।
गांव से रिश्ते में मेरी साली हमारे घर आई हुई थी, वो मेरे साथ मजाक कर रही थी. मेरी पत्नी ने भांप लिया कि मेरी साली के दिल में क्या चल रहा है. मेरी पत्नी बहुत खुले विचारों की है.
"मुझे तीन लड़कों ने चोदा.. एक ने अपना लंड भी चुसवाया लेकिन किसी ने भी मेरी बुर नहीं चाटी। बस उंगलियों से सहला कर गर्म कर लिया.. मैं देखना चाहती हूं कि कैसा महसूस होता है।"
घर के हालात ठीक नहीं थे तो मेरी खाला की बेटी अट्ठाईस वर्षीया आरजू की शादी नहीं हो पा रही थी. वो बहुत कमजोर हो गयी थी. मैंने उस से खुल कर बात की तो पता लगा कि...
अपने पड़ोस में रहने वाली एक सीधी सादी लड़की को सनी लियोनी की चुदाई की क्सक्सक्स मूवी दिखा कर कैसे उसकी कामवासना जगा कर लंड चुसवा कर चोदा, पढ़ें इस सेक्स कहानी में!
मेरा मौसेरा भाई इतनी तेजी से अपना लंड मेरी चूत में डाल रहा था कि 5 मिनट में ही उसने मेरी चूत को और मुझे बेहाल कर दिया. मुझे कुछ होश नहीं था.. मैं हवश और चुदाई में मदहोश हो गई.
तेरी मम्मी को मैं भी चोदने वाला था. सब बात हो गई थी. मैंने उसके दूध भी बहुत दबाए थे. तेरी मम्मी ने मेरा लंड चूस कर मेरा जल्दी से रस निकाला था और पी गई थी.
वो शादी से पहले एक बार फिर चुदना चाहती थी; लेकिन शादी की भीड़ में जुगाड़ हो नहीं पाया; कम्मो ने अपनी चूत हेयर रिमूवर से चिकनी बना कर मुझे जरूर दिखाई और मेरा हाथ पकड़ कर वहां रखवाया.
लड़की की उम्र हो जाये तो उसकी कामवासना जोर मारती ही है. ऐसी ही लड़की के साथ यौन आकर्षण और फिर सेक्स की कहानी है यह. वो लड़की मेरे घर के सामने वाले घर में रहती थी.
अंकल ने मेरी गांड की तरफ आकर मेरे कूल्हों में हाथ फेर कर होंठों से मेरी पीठ को चूम लिया. मेरी पीठ को चाटते हुए अंकल नीचे की तरफ आकर मेरे चूतड़ों पर अपनी गर्म जीभ चलाने लगे.
छोरी चुदासी तो थी पर चुदना अपने हिसाब से चाहती थी. उजाले में अपनी चूत नहीं दिखाना चाहती थी. मैंने भी तय कर लिया कि इसे रोशनी में पूरी नंगी करके अपने लंड पर झूला झुलाऊँगा.
वो इमोशनल हो रही थी, वर्जित फल खा लेने का वो पागलपन हम दोनों पर सवार हुआ था वो घोर निराशा में बदला जा रहा था. कम्मो तो मुझे समर्पित थी कि जो करना है, जहां ले चलना है ले चलो. कोई लड़की इससे ज्यादा आखिर कह भी क्या सकती है.
तभी मेरी स्कर्ट को कोई दूसरा ऊपर करने लगा. मैंने अन्दर पैंटी नहीं पहनी थी, तो वे मेरी टांगें चौड़ी करके मेरी जांघों को चाटने लगे. उसी समय एक अंकल ने मेरे हाथ मेंअपना लंड पकड़ा दिया.
अनजान शहर में किसी भी परिचित देसी गर्ल की पैंटी उतरवा कर उसकी टाँगें उठवा देना इतना आसान नहीं होता चाहे वो कितनी भी चुदासी, लंड की प्यासी और चुदने को पूरी तरह तैयार ही क्यों न हो.
मेरी चूत पूरी गीली हो चुकी तो अब वही चूत का रस अंकित निकाल कर मेरे पीछे मेरी गांड में लगाने लगा मेरे कूल्हे फैलाकर मेरी गांड के सुराख में जहाँ छेद था वहाँ एक उंगली हल्के से डालने लगा.
यह कहानी है गाँव की एक जवान लड़की की... वो मुझे एक शादी के कार्यक्रम में मिली थी. मैं उसकी अनगढ़ अल्हड़ जवानी को चखना चाहता था.
"करो!!" कहने के साथ ही उसने बेड की चादर को अपनी मुट्ठियों में भींच लिया, जैसे आने वाले दर्द को झेलने के लिए खुद को तैयार कर रही हो।