अबकी बार सुमन चाची की गाण्ड फाड़ी -2
मैंने ज़्यादा देर ना करते हुए अपने लंड पर बहुत सा तेल लगाया और चाची की गाण्ड पर दोबारा से तेल लगाया और फिर लंड को उनकी गाण्ड पर सैट करके धक्का मारा..
गांड में उंगली डाल कर सेक्स का मज़ा लेने या देने की कहानियाँ
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मैंने ज़्यादा देर ना करते हुए अपने लंड पर बहुत सा तेल लगाया और चाची की गाण्ड पर दोबारा से तेल लगाया और फिर लंड को उनकी गाण्ड पर सैट करके धक्का मारा..
थोड़ी देर इसी प्रकार चूसने के बाद ऐश्वर्या रीना रानी से बोली- दीदी... अब ज़रा भी दर्द नहीं हो रहा... बड़ा मज़ा आ रहा है... दीदी मेरे बदन में फिर से अकड़न महसूस होने लगी है... ऐसा क्यों हो रहा है?
मैंने आपी को देखा.. वो बहुत ज्यादा बेचैन नज़र आ रही थीं.. बार-बार अपनी पोजीशन चेंज कर रही थीं, शायद वो अपनी टाँगों के दरमियान वाली जगह को अपने हाथ से रगड़ना चाह रही थीं..
इस बार मैंने फ़ैसला कर लिया कि मौसी की गाण्ड मारनी है.. तो उनकी चीखों की परवाह ना करते हुए उनकी गाण्ड मारनी होगी.. चाहे वो कितना भी चीखें या चिल्लाएं..
आपी आधी लेटी आधी बैठी हुई सी हालत में सोफे पर पड़ी थीं और पाँव ज़मीन पर थे। उनकी टाँगें थोड़ी खुली हुई थीं.. मैंने अपना सीधा हाथ उठाया और थप्पड़ के अंदाज़ में ज़ोर से अपनी सग़ी बहन की टाँगों के दरमियान मारा और फ़ौरन भागा..
मैं सुबह के समय अपने घर की सबसे ऊपर वाली छत पर टहल रहा था तो भाभी सुबह में टॉयलेट से निकल रही थी और उन्होंने सलवार का नाड़ा भी नही बाँधा था, वो उसे बांधते हुए ही निकल रही थी।
वो बोली- अरे भैया, तब मैं थी भी कितनी, अब तो दो बच्चे हो गए हैं, और तीन जानों ने चूसे हैं, इनको तो खुद बहत पसंद हैं, बहुत दबाते हैं और बहुत पीते हैं।
मेरी मौसी की लड़की 15 साल बाद हमारे घर आई, शादी हो चुकी है. कोई समय था जब हम दोनों आपस में काफी आगे बढ़ गए थे. मैं बार बार उसे पुराने वक़्त की यादें दिला रहा था और वो बार बार बचती जा रही थी।
फेसबुक से मिली भाभी मेरे से चुद गई और उसे शाम को अपने घर ले आया पार्टी में अपने दोस्त की बहन बता कर.. रात को उसे छोड़ने गया तो वहीं रोक लिया भाभी ने मुझे...
अब मैं अपनी तीसरी उंगली भी फरहान की गाण्ड में दाखिल करना चाह रहा था। मैं जानता था कि इसकी तक़लीफ़ बहुत ज्यादा होगी। मैं डर रहा था कि कहीं वो चिल्लाना ना शुरू कर दे।
मैंने उसका लण्ड चूसना बंद कर दिया। उसने अपना लण्ड मेरे मुँह से निकाला ही था कि उसका लण्ड ज़मीन पर पिचकारियाँ मारने लगा। अब मेरी बारी थी उसकी गाण्ड मारने की!
वो बोली- हाँ मुझे पता है.. मेरी एक सहेली भी अपने पति से गाण्ड मरवाती है.. उसको भी बड़ा मज़ा आता है.. लेकिन मैं तो तुम्हारे लण्ड से डर रही हूँ इतना बड़ा लण्ड और मोटा भी.. मेरी गाण्ड में कैसे जाएगा.. अगर चला भी गया.. तो दर्द बहुत होगा.. ना बाबा ना..
मैं स्कूल में मैडम की चुदाई के बारे में सोच रहा था, मैडम चुदाई का अगला पाठ पढ़ाएंगी.. शायद आज मैडम गांड मरवाएँगी, इस बारे में सोच कर मैं पागल हुआ जा रहा था।
प्रवीण ने अपने सीधे हाथ से मेरी जांघिया को नीचे खींच दिया और मेरी गांड का छेद उसकी आखों के सामने आ गया। वो मेरे नर्म मुलायम चूतड़ों को हाथों से दबाता हुआ इस्स इस्स करने लगा और अपनी उंगली मेरी गांड में डाल दी।
मेरे होंठ उसकी गाण्ड की तरफ गए और दोनों मटकों को मैं चाटने लगा। उसकी खुशी का कोई ठिकाना नहीं था.. लगता था जैसे उसके पति ने कभी वहाँ हाथ भी नहीं लगाया था।
प्रियंका- आओ जीजू.. आपने कल पूरी रात हम दोनों की खूब गान्ड मारी, अब मैं आपको रगड़ कर नहलाती हूँ.. उसने मेरे ढीले लण्ड को पकड़ते हुए मुझे शावर में घसीट लिया।
प्रियंका मजे से उसको उकसाने लगी- क्यों.. जीजू की साली.. बहुत चुदने का मन था न... ले अब मजे ले जीजू के लौड़े के झटके खा.. आज पूरी रात तेरी चूत और गाण्ड की बैंड बजेगी..
मैं एक उंगली उसकी चूत के पानी से गीली करके उसकी गुदा पर फेरने लगा, चूत का पानी बह कर उसकी गुदा के छेद पर आ चुका था तो मैंने उंगली को उसकी गांड में सरका दिया
भाई अक्सर मेरी चूत चोदता था. एक बार हम दोनों अकेले थे तो उसने मुझे गर्म कर दिया और गांड मारने की बात करने लगा. मैंने भाई को कहा कि वो पहले मेरी चूत ठण्डी करे, उसके बाद गांड मरवाऊँगी.
मैं जोर-जोर से सोनी की चुदाई करने लगा। क्या मौसम था यार.. और ठण्ड का समय.. खुले आसमान में सोनी की चुदाई की गर्मी मैं धकापेल करे जा रहा था.. क्या मस्त मजा आ रहा था।