मम्मी से बदला लिया सौतेले बाप से चुदकर-2
मैं चुदाई के लिए बेताब थी, मैंने पापा का लंड देखा जब वे मम्मी को चोद रहे थे तो मैंने अपने पापा को पटाने का फैसला किया. मुझे पटा था कि पापा भी मुझे चोदना चाहते हैं.
हस्तमैथुन, हाथ से लौड़ा हिलाना, मुठ मार कर अपनी वासना शांत करने की कहानियां, लड़कियों के अपनी चूत में उंगली से मजा लेने की स्टोरीज Hand Practice
मैं चुदाई के लिए बेताब थी, मैंने पापा का लंड देखा जब वे मम्मी को चोद रहे थे तो मैंने अपने पापा को पटाने का फैसला किया. मुझे पटा था कि पापा भी मुझे चोदना चाहते हैं.
मेरी चचेरी बहन ने अपने रूम की लाइट ऑन कर रखी थी, वो बिल्कुल की-होल के सामने नंगी लेटी हुई थी. मैं समझ गया कि बहन जानबूझ कर की-होल के सामने नंगी बैठी है.
मैं अपने छोटे भाई से बहुत प्यार करती हूँ. वो भी मुझे बहुत परेशान करता है. इसी भाई बहन के प्यार के चलते हम दोनों ने क्या क्या कर डाला, पढ़ें मेरी कहानी में!
समलैंगिकों को कानूनी मान्यता मिलने पर बहुत-बहुत बधाई। यह कहानी तब की है जब मैं पढ़ रहा था और मुझे लड़के अच्छे लगने लगे थे लेकिन मेरी गांड कोरी थी. एक जाट लड़का मुझे अच्छा लगा.
यह सेक्स कहानी है मेरे पड़ोस में रहने वाली भाभी की चूत चुदाई की ... एक दिन मैं उनके घर गया तो उनके बेडरूम से कुछ आवाजें आ रही थी. मैंने बेडरूम में झाँक कर देखा तो ...
मैं अपनी पढ़ाई के लिए शहर में अपनी मौसी के घर में रहने लगी. लेकिन मेरे फ़ौजी मौसाजी बहुत सख्त थे तो मेरी चूत को लंड मिलने बंद हो गए.
गर्मी की छुट्टियों में मैंने फर्स्ट सेक्स का मजा लिया. तब मुझे सेक्स के बारे में कुछ नहीं पता था. मेरे मौसा जी के घर उनकी बहन की बेटी आई हुई थी, मैं भी वहां गया हुआ था. पढ़िए क्या हुआ आगे..
यह लम्बी कहानी मेरी पिछली कहानी 'होली के बाद की रंगोली' जो भाई बहन के सेक्स सम्बन्धों पर थी, से ही सम्बंधित है. उस घटना से पहले क्या हुआ, यह बताया गया है.
आते ही उसकी नजर सोफे पर सोई अपनी अधनंगी माँ पर पड़ी तो उसकी धड़कनें एकदम बढ़ गई, उसकी नाईटी जाँघों तक उठी हुई थी। इस अवस्था में अपनी मम्मी को देख उसके दिल में हलचल सी मची।
एक दिन मैंने अपने चाचा ससुर को हमारी कामवाली को चोदते देखा, चचा का लंड देखा तो मेरे तनबदन में वासना भड़क गयी. मुझे चाचा ससुर का लंड अपनी चूत में लेने की इच्छा होने लगी.
बहू अपने पति से साथ अपनी चूत चुदाई का सजीव नजारा अपनी सास को दिखाने वाली थी. उसने अपनी सास को अपने कमरे में परदे के पीछे छुपा दिया और खुद अपने पति के साथ यौन आनन्द लेने लगी.
मेरी कहानी तब की है जब मैं किसी चूत के लिए तरस रहा था, तड़प रहा था. मुझे उम्मीद है कि मेरी यह कहानी पढ़ कर आपको मेरी और मेरे जैसे और भी नौजवानों की हालत समझ में आएगी.
मुझे गे सेक्स बारे में कुछ पता नहीं था. मेरा पहला समलैंगिक सैक्स अनुभव रेलगाड़ी में मिले एक अंकल के साथ था. मुम्बई में ट्रेन में एक आदमी ने मेरा लंड पकड़ लिया तो...
मेरी बहन मेरी फैली टांगों के बीच औंधी लेट कर हाथ से मेरी योनि के ऊपरी सिरे को सहलाने लगी। मेरे दिमाग में चिंगारियां छूटने लगीं। मैंने कभी सोचा नहीं था कि पेशाब करने वाली जगह में इतना अकूत आनंद हो सकता है।
मैं शबनम भाभी का दीवाना हो चला था. एक दिन भाभी को साड़ी में देख कर मैं अपने कमरे में उन्हें याद करके उनका नाम लेकर मुठ मार रहा था तो भाभी आ गई और मुझे पता भी नहीं चला.
दीदी ब्लू रंग की ब्रा और ब्लू रंग की जी स्ट्रिंग पहने हुए अपनी गांड मटकाते हुए किचन में दाखिल हुईं. दीदी के बड़े बड़े बूब्स ब्लू रंग की ब्रा में जकड़े हुए थे... ब्रा इतनी टाइट लग रही थी कि मानो बीच से अभी टूट जाएगी और दीदी के चुचे अभी ब्रा से बाहर कूद पड़ेंगे.
मेरी जवानी भी अब कुछ ज़्यादा ही उफान मारने लग गयी थी।ऐसे ही एक रात मैं अपनी माँ की गांड पर हाथ फिरा रहा था कि मुझसे रुका नहीं गया और मैंने ज़ोर से अपनी माँ की गांड को दबा दिया।
मैंने पड़ोस में रहने वाली एक लड़की को पटाया. मैंने उसके साथ थोड़ा बहुत चूमाचाटी की है. उसकी मम्मी हमारे घर आती थी. गर्लफ्रेंड को तो नहीं चोदा पर उसकी मॉम को मैंने कैसे चोदा, पढ़ें मेरी इस कहानी में!
आंटी की हालत मेरे लिंग को देखकर खराब होना स्वाभाविक था, आंटी की आँखों में एक चमक थी, वे अपने एक पैर के ऊपर दूसरे पैर को रख कर खुद की वासना संभालने की नाकाम कोशिश कर रही थी।
मेरी हिन्दी एडल्ट स्टोरी में पढ़े कि मुम्बई से दिल्ली की ट्रेन में मैंने सेक्स का काफी मजा लिया. मुझे दो भाभी ट्रेन में मिली. संयोग कुछ ऐसे बना कि वे दोनों अलग अलग मेरे से सेट हो गई लेकिन मैं उनमें से एक को भी नहीं चोद पाया.