माया मेम साब-5
वह पेट के बल लेट गई और उसने अपने नितम्ब फिर से ऊपर उठा दिए। मैंने स्टूल पर पड़ी पड़ी क्रीम की डब्बी उठाई और ढेर सारी क्रीम उसकी गाण्ड के छेद पर लगा दी।
कामुकता यानी Lust or sex desire.
वासना से भरी हुई चुदाई की कहानियां. सेक्सी औरतों के साथ कामक्रीड़ा करने की महेच्छाओं की पूर्ति और फेंटेसी.
Kamukta kahani Sexy ladkiya, bhabhiya aur aunties ko chodne ki.
वह पेट के बल लेट गई और उसने अपने नितम्ब फिर से ऊपर उठा दिए। मैंने स्टूल पर पड़ी पड़ी क्रीम की डब्बी उठाई और ढेर सारी क्रीम उसकी गाण्ड के छेद पर लगा दी।
मैंने उसकी नाइटी को ऊपर करते हुए अपना हाथ उसकी जाँघों के बीच डाल कर उसकी चूत की दरार में अपनी अंगुली फिराई और फिर उसके रस भरे छेद में डाल दी।
माया ने जीन का निक्कर पहन रखा था जिसमें उसकी गोरी गोरी पुष्ट जांघें तो इतनी चिकनी लग रही थी जैसे संग-ए-मरमर की बनी हों। मेरा अंदाज़ा था कि उसने अन्दर पेंटी नहीं डाली होगी।
मुझे लगा जैसे मेरी चूत से कुछ निकलने वाला है, मैं तुरंत बाथरूम में घुस गई और अपनी सलवार खोलने लगी पर नहीं खोल पाई और कुछ पानी बाहर निकल गया।
चुदाई का असली मजा तब आता है जब उसे बेशर्म होकर किया जाये, सब एक बात ध्यान में जरूर रखना, चाहे आप लड़का हो या लड़की, चुदाई पूरे मजे से करो और बेशर्म होकर करो
आपकी शालिनी राठौर आपके लिए एक बार फिर से अपनी मस्ती की दास्ताँ लेकर आई है. भूले तो नहीं ना मुझे? आया कुछ याद? हाँ जी आपकी वही शालिनी भाभी जयपुर वाली.
सेक्स का ज्ञान न तो मुझे ही था और न ही इशानी को.. यह सब उत्तेजना में अपने आप ही होता जा रहा था.. उसकी योनि को मुँह में भरते ही इशानी के मुँह से चीख निकल गई और उसने मेरे सर के ऊपर अपने दोनों हाथों को रखा और अपनी योनि पर दबाने लगी..
मैं शुरु से ही सेक्स का भूखा हूँ, हमेशा से मैं किसी लड़की या भाभी की तलाश में रहता था जो मेरे साथ सेक्स करे लेकिन कोई मिलती नहीं थी. तो मेरा क्या हुआ?
रीटा भी नम्बर एक की मां की लौड़ी थी, अपनी शर्ट के ऊपर से, अपने चुच्चे की चौंच पे उंगली लगाती बोली- बहादुर बिल्कुल यहाँ लगाना है, टिप पे, जरा जल्दी करो.
'सीऽऽऽ छोड़ो दो भईया! आऊचऽऽऽ मैं तो आपकी बहन जैसी हूँ, ऊईऽऽ क्या करते हो भईया मैं तो जाती हूँ, हायऽऽ मम्मीऽऽऽ ओह हायऽऽऽ उफऽऽऽ बहुत मजा आ रहा है,
उसके बाएँ वक्ष पर एक गहरा काला तिल था, और यह मेरा निजी अनुभव है कि वक्ष पर तिल वाली लड़कियाँ बहुत उत्तेजक और कामी प्रवृति की होती हैं और उनके पति उनसे सदैव सुखी और संतुष्ट रहते हैं।
मुझे लिखते हुए शर्म आ रही है, लेकिन आप लोग खुद ही समझदार हो कि वो मुझे अपनी बीवी मुझे सौंपने को कह रहा था, वो भी बिस्तर पर!
वो अपनी बीवी के बारे में बताने लगा कि वो कैसी दिखती है. फिर वो उसके वक्ष, कमर, उसके उभरे हुए चूतड़ों, यहाँ तक कि चूत की बातें भी करने लगा.
अन्तर्वासना को कुछ वक्त के लिए तो दबाया जा सकता है लेकिन हमेशा के लिए नहीं... यह सेक्स कहानी है शौहर को छोड़ अकेली रह रही एक लड़की की जिसके जीवन में एक लड़का आना चाह रहा है.
कहानी का पिछला भाग : ससुर जी का महाराज-1 मैंने महसूस किया कि मैं अपनी तृष्णा को अब और नहीं दबा सकती थी और उस लण्ड महाराज को चूसना और उसे अपनी चूत में लेकर जिंदगी का मजा लेना चाहती हूँ, मैं अपना अकेलापन दूर करना चाहती हूँ, अपनी सेक्स की भूख मिटाना चाहती हूँ. […]
मेरा नाम खुशी है और अब मेरी उम्र 22 साल है. मैं एक बहुत सुंदर और जवान स्त्री हूँ, मेरा कद 5 फुट 6 इंच है और मेरा रंग बहुत साफ़ है. मेरा जिस्म बिल्कुल किसी कारीगर की तराशी हुई संगमरमर की मूर्ति की तरह है, लोग मुझे इस डर से नहीं छूते कि मेरे […]
दोस्तो, मैं भी अन्तर्वासना की कहानियों को नियमित पढ़ता हूँ, मैंने सोचा मैं भी अपनी कहानी आप सबको बताऊँ। यह मेरी पहली कहानी है, उम्मीद तो यही है कि सभी कुंवारी चूतें फड़फ़ड़ा जायेंगी और मेरे भाइयों के लण्ड फड़क उठेंगे उनको फाड़ने के लिए। कृपया अपनी प्रतिक्रिया जरूर भेजिएगा। मेरा नाम अमित है, मैं […]
मेरी सेक्स कहानी का पहला भाग : सिमरन मैडम गोवा में-1 हम दोनों घूम कर होटल जाने को थे कि मैंने सिमरन से कहा- तुम चलो, मैं आता हूँ. मैंने पास में मार्केट से एक बिकनी खरीदी और कमरे पर गया। सिमरन ने पूछा- कहाँ गए थे? मैंने कहा- तुम्हारे लिए यह लेने! वो पहले […]
चूत की मल्लिकाओ और लण्डों के पुजारी आज तुम्हारा भोंसड़ा फाड़ने की बारी है हमारी जहाँपनाह के दरबार में चूत सजी भयानक काले लण्ड के इन्तजार में… सर्दियों का दौर था, चारों तरफ हमारे लण्ड का शोर था. मैं बचपन से ही गर्म किस्म का इंसान हूँ, हसीन लड़की या औरत मेरी कमजोरी है! मेरा […]
देर से ही सही … इतनी ज्यादा सेक्स में मजबूर होने के बाद ही सही पर अंत यही था कि उसने अब्बास से अपनी आज की दुर्दशा और अपनी ननद के दैहिक शोषण का बदला ले ही लिया था। अपनी हालत पर थोड़ा बहुत काबू पाते हुए मोना किसी तरह अपने कमरे तक जाने के […]