बहन की चूत चोद कर बना बहनचोद -12
रात में मैं सोनिया के घर में सोया उसका फ़ार्म भरवाने के लिए, फ़ार्म भरने के बास सोनिया ने मेरी दी हुई सेक्सी ड्रेस पहनी तो मैंने उसे चूम लिया और खेल आगे बढ़ा…
बिना चुदी नंगी चुत की पहली बार चुदाई, कुँवारी चूत की हिंदी कहानी, कुँवारी कन्या के पहले सेक्स की स्टोरी
Kunvari chut ki Chudai ki Hindi Kahani
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कॉलेज आते जाते बस में एक भोली भाली लड़की मुझे अच्छी लगती थी। वो भी मेरी तरफ़ आकर्षित लगती थी लेकिन बात करने में मुझे डर लगता था। तो मैंने उसके साथ सेक्स कैसे किया, इस कहानी में…
मैं चाय पीने जिस दुकान पर जाता था.. उस चाय वाले की कोई 18 साल की लड़की एक मस्त, पटाखा माल थी.. उसे उसके ही घर में मैंने चोदा, कैसे? इस कहानी में पढ़िए!
नहीं रॉनी.. मैं इतना पागल नहीं हूँ.. जो बहन को यहाँ लाऊँगा.. मैं बस उसके साथ गेम खेलूँगा और जीत भी मेरी होगी.. उसके बाद उसकी बहन को उसके सामने चोदूँगा.. तब जाकर मेरा गुस्सा ठंडा होगा।
मैं ऑफिस में अन्तर्वासना कहानी पढ़ कर लौड़ा मसल रहा था कि एक साथी पूजा ने देख लिया. वह काम के बहाने मेरे कम्प्यूटर पर बैठ गई, मैं बाहर चला गया. वापिस आया तो..
धीरे धीरे सारे दोस्त गेम के इकट्ठे होने लगे कि एक दोस्त अपनी बहन को साथ ले आय, वो उसे कहीं और छोड़ने गया तो पीछे से सब मिल कर उसकी बहन की ही बात करने लगे।
मेरे मामा की लड़की हमारे घर आई तो हम आपस में दोस्त बन गए। उसका बदन, चूचे मेरे से छू जाते थे तो मुझे मजा आता था। एक रात वो मेरे ही बिस्तर पर सोई तो क्या हुआ…
दूर के रिश्ते में मेरी बहन सर्दियों में तीन दिन मेरे साथ अकेली रही तो हम दोनों के बीच सेक्स सम्बन्ध हो गए. रात को उसने मेरी रजाई में घुस कर चूत चुदाई करवाई.
मैंने उसे कहा- आज के दिन प्यार से कर रहा हूँ, बाद में तुम्हें बहुत दर्द दूँगा मैं! उसने कहा- तुम्हारा दिया हुआ दर्द भी मुझे मीठा लगता है। और आज से मैं तुम्हारी हूँ, तुम्हें मेरे साथ जो करना है, वो तुम कर सकते हो।
उसने कहा- मुझे नहीं लगता कि कोई लड़का किसी लड़की की पूर्ण रूप से प्यास बुझा सकता है.. तो मैंने जरा शब्दों को खोलते हुए कहा- ऐसा नहीं है.. आज तक मुझे कोई ऐसी लड़की नहीं मिली.. जो मेरे लण्ड से तृप्त ना हुई हो..
रॉनी ने चादर से मुनिया की चूत को अपने बड़े लंड से चोद दिया। उधर गर्ल हॉस्टल का चौकीदार बबलू अपने साथी को बता रहा है कि कैसे उसने पायल का बदन और चूत देखी।
थोड़ी देर शांत रहने के बाद मैंने अपने होठों से उसके होंठों को आजाद छोड़ कर उसे कहा- स्नेहल, रो मत, जो दर्द होना था हो गया अब और दर्द नहीं होगा अब तो तुम्हें सिर्फ जन्नत की सैर करनी है।
मेरी सुहागरात की बात, लेकिन कहानी में कुछ मिर्च मसाला और कल्पना भी है कि रोचकता बनी रहे और आपको पढ़ने का भी मजा मिले! इस दूसरे भाग में मेरी बीवी का शील भंग!
जैसे ही मैंने अपने लंड अपनी छोटी बहन की अनचुदी चूत की तरफ बढ़ाया.. वो बोली- इसे तुम इतने छोटे छेद में डालोगे.. तो ये तो फट नहीं जाएगी.. मैं मर जाऊँगी।
मैं पलंग पर लेट कर सोचने लगी कि भाभी कितनी ख़राब है.. जो अपने देवर से ही ये सब करवाती हैं। राहुल अपनी गर्लफ़्रेण्ड की बात करने लगा और मेरे बॉयफ़्रेन्ड की भी !
उसके तन-बदन में तो पहले से ही इतनी आग लगी हुई थी तो वो भला कैसे मना कर पाती, उसने अपनी स्वीकृति सिर्फ गर्दन हिलाकर दी और अपने हाथ फैलाकर मुझे आलिंगन देना चाह रही थी।
मासूम मुनिया के बदन को दोनों भाइयों ने मस्ल कर उसे इतना उत्तेजित कर दिया कि वो भी अब चाह रही थी कि उसकी पानी छोड़ती फ़ुद्दी में कुछ हो जाये ! और एक धक्का आया!
एक दिन मैं घर पर थी, नाश्ता करके सो गई, उठी तो भाभी के कमरे में से आती आवाजों से मैं वहाँ गई तो देखा कि भाभी मेरे छोटे भाई के साथ लिपट कर चूमाचाटी कर रही थी, उसके बाद मैंने उनकी चुदाई भी देखी.. इस कहानी में पढ़ें !
मैं अभी तक अपने प्यार का इजहार नहीं कर पाया था. तभी स्नेहल के जन्मदिन पर मैंने कुछ अलग करने की सोची और अपने प्यार का इजहार तो करना ही था... इस भाग में पढ़ें!
सोनाली बर्तन उठा के रसोई में ले गई.. मैं भी उसके पीछे-पीछे चला गया और रसोई में उसके मम्मों को दबाते हुए बोला- आज रात तुझे कौन बचाएगा.. तो वो बोली- बचना भी कौन चाहता है.. बस कन्डोम लेते आना।