ममेरी बहन की चूत और गान्ड की सील तोड़ी
मेरी ममेरी बहन परीक्षा के लिये दस दिन मेरे पास रहने आई तो उसे देखते ही मेरे लन्ड में हलचल होने लगी थी। दिन भर बाइक पर उसे घुमाने के बाद रात को हमने एक ही बिस्तर पर सोना था।
बिना चुदी नंगी चुत की पहली बार चुदाई, कुँवारी चूत की हिंदी कहानी, कुँवारी कन्या के पहले सेक्स की स्टोरी
Kunvari chut ki Chudai ki Hindi Kahani
choot Sex Stories About First Time Sex with a Virgin Girl
Story about Defloration of a Virgin Girl.
मेरी ममेरी बहन परीक्षा के लिये दस दिन मेरे पास रहने आई तो उसे देखते ही मेरे लन्ड में हलचल होने लगी थी। दिन भर बाइक पर उसे घुमाने के बाद रात को हमने एक ही बिस्तर पर सोना था।
मेरे पड़ोस की एक लड़की मुझे चाहती थी। एक दिन वो हमारे घर आई तो मेरी सखियों ने उसे बताया कि विशु जिगोलो है और उससे चुदने के पैसे लगते हैं। तो वो एक भाभी के साथ पैसे लेकर आई।
रति ने अब मेरे लंड को पैंट के बाहर निकाल लिया और उसके अकड़े हुए रूप को देख कर उसके मुंह से यकलख्त निकल गया- हाय माँ, कितना बड़ा है सोमू तुम्हारा तो?? उफ़्फ़ कैसे अंदर जाएगा यह साला? मेरी तो बड़ी टाइट है।
मैंने उसके होंठों को अपने होंठों से बंद कर रखे थे। हम दोनों पूरे पागल हो चुके थे, मैं भूल गया था कि वो मेरी छोटी बहन है, बस अब उसे चोदना ही मेरा लक्ष्य था।
अन्तर्वासना पर मेरी कहानी पढ़ के एक लड़की ने मुझसे मिलने के लिए मेल किया. उसने बताया कि वो चुदना चाहती है लेकिन परिवार की इज्जत के कारण डरती है तो उसका कोई बॉयफ्रेंड नहीं है..
ऑफिस में एक लड़की की नई जॉइनिंग हुई। हम सभी उससे आकर्षित थे और उसकी ओर मैं तो कुछ ज़्यादा ही था.. सो कुछ ही दिनों में मैंने उसे पटा लिया। बस अब तो उसे चोदना रह गया था।
मेरी लाइफ में एक लड़की आई। फिर एक दिन उसने मुझे प्रपोज़ कर दिया और मैंने भी ‘हाँ’ कर दी, हम दोनों एक-दूसरे से बहुत प्यार करते थे। एक दिन उसने कहा- मैं आज तुम्हारे साथ रूकना चाहती हूँ।
मैंने रोहित से करीब पूरे हफ्ते बात नहीं की पर पूरे हफ्ते के बाद मेरा जिस्म फिर से उस सुख के लिए तड़पने लगा, मुझे अंदर से सेक्स और सम्भोग की लालसा होने लगी।
दिल्ली से इंदौर के सफ़र में मुझे एक लड़की मिली, ठंड के कारण मैंने उसे अपने कम्बल में आने को कहा और उससे दोस्ती हो गई. बाद में मैंने उससे मिलाने का कार्यक्रम बनाया और मजे किये!
मैं होश खो चुकी थी और मेरी चूत में सनसनी सी हो रही थी, कीड़ा सा रेंग रहा था, हर पल मैं और कमज़ोर पड़ रही थी, होश खो रही थी कि अचानक उसने मेरी ब्रा का हुक खोल कर मेरी ब्रा निकाल दी..
उसने मुझे अपनी बाँहों में ले लिया, मैं कमज़ोर पड़ गई और मेरी बाँहें भी उसके चारों तरफ बँध गईं, मेरी चूचियाँ उसके चौड़े सीने में दब रही थीं और मेरी पैंटी में सुरसुराहट सी हो रही थी।
दीप्ति ने मेरे पास आकर सुनील का लंड मेरे हाथ में पकड़ा दिया। उसके मोटे लंड को पकड़ते ही मेरी चूत और भी गीली हो गई.. क्योंकि मैंने आज तक संजय के अलावा और किसी का लंड नहीं पकड़ा था।
वो मेरी तरफ पीठ करके खड़ी हुई थी और मेरा लण्ड उसके चूतड़ों से दबा हुआ था। मेरा लण्ड अब तक खड़ा हो गया था। मुझे बहुत अच्छा लग रहा था। मैं पिंकी को बार-बार ‘कोई देख ना ले..’ ये कहकर और ज़ोर से खींच रहा था।
उसने मुस्कुराते हुए अपने होंठ सिकोड़े और मेरे लंड को पूरा मुँह के अन्दर भर लिया। उसने जो पूरी लम्बाई का मेरा लंड अन्दर लिया.. तो पहली बार उसे खांसी आई। 'पूरा नहीं जाता..'
जब मेरी खाला(अम्मी की बहन) की लड़की मुझे पहली बार मेरे मामूजान के लड़के के निकाह में मिली थी। उस लड़की का बड़ा मन था चुदाई करवाने का.. उसने मुझे रात में अकेले में आकर कहा- आज मैं तुम्हारे साथ सोऊँगी।
'यह लड़की मुझसे चुदवाएगी' तब तक मेरे जेहन में ऐसा कोई विचार नहीं था, वो सिर्फ अच्छी लगती थी। मैंने मेरी बीवी को भी इतनी शिद्दत से नहीं चाहा था।
चण्डीगढ़ की एक लड़की ने मुझे मेल करके मेरे भाई से चुदने की इच्छा जाहिर की तो मैंने भाई को मना कर उसे चोदने के लिये भेजा। वो लड़की कुंवारी थी और किसी अनजान लड़के से अपनी सील तुड़वाना चाहती थी।
अनु अपना मुँह मेरे लंड के पास ले आई और लंड सूंघने लगी और 2 मिनट के बाद अपनी जीभ से मेरे सुपारे को छुआ.. फिर कुछ देर अलग रही.. कुछ सोचती रही.. फिर मेरे लंड पर अपनी जीभ रख दी और धीरे-धीरे चाटने लगी
मैं अपनी बड़ी बहन के घर में रहता था तो एक दिन बहन ने उनकी युवा बेटी के कमरे की पड़छत्ती की सफ़ाई करने को कहा। मैं गया तो वहाँ क्या हुआ? इस कहानी में पढ़ें!
मैंने उसकी स्कर्ट को उसकी कमर तक चढ़ा कर उसकी पैन्टी धीरे-धीरे उतारने लगा.. उसकी चूत मेरे सामने बिल्कुल नंगी थी। मैंने सीधा उसकी चूत पर मुँह लगा दिया और चाटने लगा..