पटाखा माल जवान पड़ोसन की चुदाई-2
घर के सामने वाली सेक्स पटाखा लड़की जवानी में कहर ढा रही थी। उसने मुझे अपने घर बुलाया लेकिन कहती कि कपड़ों के ऊपर से कर लो। लेकिन मैंने क्या किया, कहानी में पढ़िए।
लंड चुसाई वाली सेक्सी कहानियाँ… लंड चूस कर लड़की अपने साथी को मजा कराये
Hindi sex story jin me lund chusane ki baat ho
Hindi sex Story related to dick/penis sucking by a girl or woman
घर के सामने वाली सेक्स पटाखा लड़की जवानी में कहर ढा रही थी। उसने मुझे अपने घर बुलाया लेकिन कहती कि कपड़ों के ऊपर से कर लो। लेकिन मैंने क्या किया, कहानी में पढ़िए।
मेरी माशूका मेरे घर में आई हुई थी, हम पहली बार सेक्स करने जा रहे थे तो वह इसे सुहागरात की तरह से कर रही थी। हम दोनों पूरे नंगे थे और वो मेरे नंगे बदन से खेल रही थी।
मैं अपनी मामी के साथ घर में अकेला था। रात को हम साथ साथ सो रहे थे कि बीच रात में मुझे उनकी नंगी टांगें दिखी। मैं रुक नहीं पाया और मैंने उनकी साड़ी सरका कर मामी की चूत सूंघी।
मेरे दोस्त की भाभी बहुत खूबसूरत हैं, मैं भाभी के घर का एक सदस्य जैसे बन गया था। हम दोनों के बीच पहले दोस्ती फ़िर प्यार और वासना कैसे पनपी, इस कहानी में पढ़िए।
मेरी गर्लफ़्रेन्ड चली गई तो मेरी नजर दोस्त की माशूका पर पड़ी… लंड को तो चूत चाहिए। मैंने उसे फ़ोन किया और सारी बात कर ली, वो रसीली चालू माल थी तो एकदम मान गई।
कार से निकलते ही मैंने साड़ी निकाल दी और उसके घर के अंदर तक पहुंचते ही मैं पूरी नंगी हो गई और सारे कपड़े एक तरफ फेंक उसे किस करने लगी।
मेरी भाभी हसीन माल थीं। मैंने बहुत कोशिश की परंतु भाभी मुझे घास ही नहीं डालती थीं। एक दिन मैं भाभी के घर गया, वो तब बेटे को चूचों से दूध पिला रही थीं।
अपने काम के लिये मैं उदयपुर जाता था, वहाँ अपनी बुआ के घर रुकता था। बुआ की छोटी बेटी मुझे पसन्द करती थी। एक बार मैं गया तो घर पर वो और उसका भाई ही था।
'तेरे करम ही ऐसे हैं। कौन नहीं नफरत करता मोहल्ले में तुझसे? मैं करती थी तो कौन सा गलत था। यह तो मेरी मज़बूरी है… क्या करूँ और? कोई रास्ता है हमारे पास जो हम यह सुख हासिल कर सकें?'
अब मैं रोज़ रात को उसे चोदने लगा, उसके चूतड़ चौड़े और गोल-गोल थे, लड़कियों जैसे पतले-पतले हाथ थे.. वो मेरी गर्लफ्रेंड की कमी को कभी महसूस नहीं होने देता था।
बाबाजी के घंटे का आप सभी को प्रणाम। यह कहानी है पूरी वासना से भरी हुई- वासना ऐसी जो कि कभी खत्म ना हो , तो दोस्तो अपने अपने लंड और चूत को निकाल लीजिए और रगड़ना शुरू कर दीजिये।
गार्मेन्ट्स शोरूम पर मैनेजर लड़की से मुझे ऑफ़िस के काम से बात करनी होती थी। उससे मेरी दोस्ती हो गई और एक दिन मैंने उसे मिलने के लिये कहा। वो मान गई।
इस कहानी में वो है समाज में जिसका मज़ाक उड़ाया जाता है, जिसके यार-दोस्त उस पर हंसते हैं.. क्योंकि वो आम लड़कों जैसा नहीं है.. उसके हाव-भाव लड़कियों जैसे हैं।
दिमाग में भरे हुए इस कचरे को निकाल फेंको कि हम कोई सामाजिक मर्यादा या वर्जना तोड़ रहे हैं। हम वे विकल्पहीन औरतें हैं जिनके पास चुनने के लिये कुछ है ही नहीं।
मुझे एक पल भी नहीं लगा कि तूने मुझे सेक्स के इंटेन्शन से किया हो मुझे यूज किया हो.. बस ऐसा फील हुआ कि तू मुझे प्यार कर रहा है और मैं भी तेरा साथ देती गई।
जब एक बार गाड़ी ठीक रफ़्तार में दौड़ पड़ी तो उसे उस सुख की अनुभूति हुई जिसके लिये वह तड़प रही थी, जिसके लिये उसने वर्जनाओं को ठोकर मारी थी।
मैं मुम्बई में मॉडलिंग करता हूँ। मेरे पड़ोस में एक शादीशुदा जोड़ा रहता था। भाभी कमाल की खूबसूरत थी। कहानी में पढ़ें कि कैसे मेरी दोस्ती भाभी से हुई और मौज की।
सविता भाभी वीकएंड में खुद को काफी बोर महसूस कर रही थीं, उनका किसी काम में मन नहीं लग रहा था। कि खिड़की के शीशे को तोड़ते हुए एक गेंद कमरे में अन्दर आई।
हिन्दी सेक्स स्टोरी की शौकीन एक पाठिका के आग्रह पर मैं पहली बार की गांड चुदाई की कहानी लिख रही हूँ। शादी की दूसरी सालगिरह की रात मेरे पति ने मेरी गांड मारी।
मैं महसूस कर सकती थी कि उसने अपने लिंग को, फिर मेरी योनि को फैला कर बीच छेद पर उसे टिकाया हुआ है और मेरे घुटनों पर फिर पहले जैसी पकड़ बना ली है।