मामी की गोद हरी कर दी-3
मैंने मामी को सांत्वना देने के लिए मामी को गले लगा लिया और पता ही नहीं चला.. कब हम दोनों पर वासना का भूत सवार हो गया और हमने अपनी हदें पार करना शुरू कर दिया था।
Incest Sex Stories मामी की चुदाई भांजे से…
Mami Ki Chudai Ki Hindi Sex Kahani
Hindi Sex Story about Mami Ki Chudai, Sex with Maternal Aunt
मैंने मामी को सांत्वना देने के लिए मामी को गले लगा लिया और पता ही नहीं चला.. कब हम दोनों पर वासना का भूत सवार हो गया और हमने अपनी हदें पार करना शुरू कर दिया था।
मामी मेरे नीचे गिरी थीं और हम दोनों ही ऐसे गिरे कि मेरा लण्ड मामी की ठीक चूत के ऊपर ही था। मेरी और मामी की नजरें एक-दूसरे से टकराईं और हम मानो कहीं खो से गए।
मामी नहाने की तैयारी कर रही हैं। मामी ने पहले साड़ी हटाई.. फिर ब्लाउज खोला और अपने बोबों को मसल-मसल कर साफ करने लगीं। मामी ने धीरे-धीरे अपना पेटीकोट ऊंचा किया और अपनी चूत को साफ करने लगीं।
मामी घुटनों तक की मैक्सी पहने एकदम सेक्स की देवी लग रही थीं। मामी की गोरी गोरी पिण्डलियाँ, उनके ऊपर उभरे हुए चूतड़, मैक्सी चूतड़ों की दरार में घुस कर मामी के पूरे चूतड़ों को नुमाया कर रही थी।
अपनी मामी, मासी, चाची, बुआ और उनकी लड़कियों के चूचे तो मैंने दबा कर देखे ही थे। एक दो रिश्तेदारों की चूत भी देखी थी। मगर किसी सोई हुई लड़की या औरत की चूत को छूना खतरे से खाली नहीं होता।
मेरी विधवा मामी हमारे ही शहर में रहती थी। बड़ा सेक्सी माल थी पर बेचारी की अन्तर्वासना प्यासी थी। मामी ने मुझसे सेक्स की बात करके और अपने बदन की झलक दिखा कर मुझे फ़ांस लिया।
मैं यह कहानी कविता की तरफ़ से लिख रहा हूँ। कविता एक घरेलू औरत है जो पति के पूर्ण सुख से वंचित अन्तर्वासना में जल रही है, कैसे उसके भानजे मोहित ने उसकी बरसों की प्यास बुझाई।
मामी की अन्तर्वासना पूरी जाग चुकी थी, मैं उनकी चूत में उंगली करने के बाद चूत चाटने लगा. और जब लौड़ा उनकी चूत में घुसाया तो वो चीख पड़ी.
मैं अपने मामा के घर रहता था और मामी से खुली बात कर लेता था। उन्का बदन देख मेरी अन्तर्वासना जाग उठती थी। एक रात सोते वक्त मैंने उनके बदन को छू कर मज़ा लिया।
विनीता ने मेरे और मंजू के बारे में मेरी मामी को बता दिया था, मामी बोलीं- विनी बता रही थी तेरा ‘सामान’ बहुत तगड़ा है.. संभाल के रखना.. अभी उसको बहुत काम करना है.. ऐसा बोलते हुए मामी अश्लीलता से हँस दीं।
मैंने उनकी साड़ी को कमर तक उठाया और अपना लंड डालने लगा लेकिन कई बार कोशिश करने के बाद भी नहीं गया तो मामी ने पूछा- पहली बार है क्या? रुको, मैं सिखाती हूँ।
आजकल की लड़कियाँ ऐसे-ऐसे ड्रेस पहनती हैं.. उस सब को देख कर कुछ तो महसूस होता होगा.. उनके करीब जाने की इच्छा.. उनसे बात करने की इच्छा.. उन्हें छूने की इच्छा.. किस करने की इच्छा.. कुछ और करने की इच्छा?
पति देव को अच्छी तरह मालूम था कि मैं कभी-कभी हस्तमैथुन मैथुन कर लेती हूँ.. कई बार मेरी सिसकियाँ सुनकर उठ जाते और गौर से मुझे देखते रहते। उनकी आँखों के सामने ही मैं अपनी योनि को ज़ोरों से घिसती और रगड़ती रहती
मेरे गद्दे और चादर पर अपना रस छोड़ेगा... ईएश.. कितना गंदा काम.. ऐसा कितने बार उसने रस छोड़ा होगा? मुँह में लार और पेशाब की तरह वीर्य भी काफ़ी पर्सनल चीज़ है। दूसरों के लिए अछूत सी होती है।
नपुंसक पति के कारण मैंने मन ही मन चंदर से संभोग करने का इरादा बना लिया। मैं उठकर भान्जे के कमरे में गई और छानबीन की.. पर उसकी अलमारी से कुछ नहीं मिला.. बिस्तर के नीचे कुछ नहीं था। लेकिन गद्दे के नीचे कुछ किताबें मिलीं.. साथ में कन्डोम के कुछ पैकेट भी मिले।
पति की नाकामयाबी मेरे साथ एक धोखा सा था.. पति को धोखा देना कोई पाप नहीं लग रहा था। अगर मेरे पति बिस्तर में कामयाब और नॉर्मल होते.. तो आज उनके साथ खुश रहती..
मामी हमारे घर आई थी, मैं फोन में ब्लू फिल्म डलवा कर लाया था, पहली बार देख रहा था कि मामी ने फोन मांग लिया. डर कर मैंने बता दिया कि इसमें ब्ल्यू फिल्म है.
मेरा अपनी मामी की सूरत और फिगर पर दिल आ गया था, मैं सोचता था कि कैसे अपने दिल की बात उनसे कहूँ। एक दिन हिम्मत कर के मैंने एक चिट्ठी लिखी उनको वो पत्र मिला और वो उसे वहीं खड़ी होकर पढ़ने लगीं। पत्र पढ़ते वक़्त मामी को मुस्कुराते देख कर मेरा डर भी चला गया और मैं मामी के सामने आकर उनसे पत्र का जवाब मांगने लगा। मामी कुछ ना बोलीं और अपने गुलाबी होंठों से मेरे गालों को चूम कर भाग गईं। रात में मामी ने मिलने के लिए बुलाया।
मैं अपने मामा के घर कोलकाता गया तो उनकी शान देख मैं हैरान हो गया...बहुमंजिली इमारत का टॉप फ्लोर पूरा उनका है... एक दिन मामी मुझे वाटर पार्क ले गई, रास्ते से उन्होंने अपनी दो सहेलियों को भी लिया.. वहां के हाल देख कर मैं चकरा गया, मामी ब्रा पैन्टी में शराब पी रही थी… और वापिसी में… तो कहानी पढ़ कर देखिये कि क्या हुआ वहाँ !
मैं धीरे से अपने पैर से मामी के गाउन को ऊपर करने लगा। मेरी थोड़ी सी कोशिश से ही गाउन मामी के घुटनों तक आ गया और मैं उनसे चिपक कर लेट गया।