रचना की चूत की खुजली
मेरे ऑफिस में मेरे नीचे 6 लड़कियां थी... उनमें मुझे रचना सबसे अच्छी लगती थी... एक बार मैं दस दिन की छुट्टी से लौटा तो रचना ने कहा कि उसने मुझे इन दिनों में बहुत मिस किया.. फिर क्या था.. कहानी पढ़ कर मज़ा लीजिये...
ओरल सेक्स की हिंदी चुदाई कहानियों का मजा लें जिनमें लड़की द्वारा लंड चूसने और लड़के द्वारा चूत चाट के एक दूसरे को मजा देने का वर्णन है.
Oral Sex ki Hindi chudai kahani
मेरे ऑफिस में मेरे नीचे 6 लड़कियां थी... उनमें मुझे रचना सबसे अच्छी लगती थी... एक बार मैं दस दिन की छुट्टी से लौटा तो रचना ने कहा कि उसने मुझे इन दिनों में बहुत मिस किया.. फिर क्या था.. कहानी पढ़ कर मज़ा लीजिये...
मेरे दिल में किसी लेडी ख़ासतौर से जो 30 के ऊपर की हो.. के साथ सेक्स करने का बड़ा मन था। एक दिन मैंने एक एस्कॉर्ट कंपनी का विज्ञापन पढ़ा और वहाँ गया तो...
कहानी मेरी और एक 28 साल की विवाहिता स्त्री की है जिसका नाम विद्या है, यह काल्पनिक नाम है। विद्या एक 28 साल सुन्दर मनमोहक, गोरी, हाइट 5'6" के लगभग, पतली सी पर उसके वक्ष मस्त सुडौल 32 साइज़ के हैं। कमर तो पूछो मत इतनी नाजुक कि कोई देखे तो पागल हो जाए, चूतड़ वो मोटे मोटे…
मैं और मेरी मौसी की बेटी साथ साथ खेल कर बड़े हुए थे. बड़े होने पर हमारे खेल भी बड़ों वाले हो गए थे... हम ऊपर ऊपर से एक दूसरे को चूमने, मसलन का मज़ा लेते रहते थे...
एक बार उसको परीक्षा देने के लिए उसी शहर में जाना था जहां मैं पढ़ता था तो मौसी ने मुझे उसके साथ जाने को कहा क्योंकि वहां पर मेरा कमरा भी था !
तो हम दोनों आ गए उस कमरे में... कहानी पढ़ कर मज़ा लीजिए...
मैं सौतेली दीदी को याद करके मुठ मारता था और मैंने सोच रखा था कि उनको एक दिन मैं ज़रूर चोदूँगा.. उनकी शादी हो गई.. दीदी की शादी के 4 महीने बाद घर वाले एक हफ्ते के लिए बाहर गए तो मुझे घर में अकेले रह जाना था.. इसलिए दीदी घर आ गई थीं। तो कार चलाना सिखाने के बहाने कैसे मैने उनकी अन्तर्वासना जगाई… कहानी में पढ़िए..
पड़ोस की भाभी से मेरी नजदीकियाँ बढ़ने लगी थीं। उनके पति एक बहुराष्ट्रीय कम्पनी में काम करते थे.. तो वे भाभी को कम ही समय देते थे।
मुझे भाभी पसंद तो थी हीं.. मैंने सोचा क्यों ना इन्हीं पर लाइन मार के देखा जाए.. क्या पता बात बन जाए और लण्ड की प्यास भी बुझ जाए।
एक दिन मौका देख कर मैंने भाभी का हाथ पकड़ कर ‘आई लव यू’ कह दिया और भाभी नाराज होने की जगह मुस्कुरा उठी।
राधे ने ममता की गाण्ड और चूत को मार-मार कर लाल कर दिया था। वो ठीक से चल भी नहीं पा रही थी।
उधर स्कूल से घर आने के बाद रोमा बेचैन सी हो गई थी। उसके दिमाग़ में बस नीरज ही घूम रहा था...
उसने सहेली के घर जाने का बहाना बनाया और पहुँच गई सीधे नीरज के पास अपनी चूत की आग बुझाने… आगे क्या हुआ… कहानी में पढ़ें !
घर के सामने एक बहुत सेक्सी पड़ोसन रहती थी.. जब भी कभी मैं सामने आ जाता.. तो मुझे देख कर मुस्कुराती थी। मैंने कभी ध्यान नहीं दिया.. मैं अपना केबल टीवी का काम करता रहता था। एक बार उनकी केबल बंद हो गई.. उसने मुझसे अपनी केबल सुधारने को बोला.. तो मैं चला गया। उस समय उसके घर पर कोई नहीं था.. वो अकेली थी। केबल ठीक कर मैं फ्री हुआ ही था कि वो मेरे बारे में पूछने लगी। मैंने उससे पूछा- आप मुझे क्यों देखती रहती हैं। तो वो मुस्कुरा कर बोली- क्यों.. देखना कोई गुनाह तो नहीं है.. मैं उसकी अदा से खुश हो गया। मैं उसको पटाने में लग गया।
मेरी मम्मी एकदम माल दिखती थी. पड़ोस में एक अंकल रहते थे, माँ अक्सर दोपहर में उनके यहाँ चली जाती थी... मैं भी जाता था और अंकल की बेटी पिंकी संग खेलता था... लेकिन पिंकी भी कुछ कम नहीं थी, वो अपने बड़े भाई से चुदवाती थी... एक दिन पिंकी और उसके भाई ने मुझे मेरी माँ की गांड चुदाई दिखाई.. कहानी पढ़ कर देखिये…
हाय फ्रेंड्स… मेरा नाम राहुल है और मैं दिल्ली का रहने वाला हूँ। मेरी उम्र 32 साल है और मैं शादीशुदा हूँ। मेरी लम्बाई 5 फुट 8 इंच है.. मेरा लण्ड 6″ लम्बा है और 3 इंच मोटा है। मुझे सेक्स करने में बड़ा मज़ा आता है। मुझे अन्तर्वासना पर सेक्स स्टोरी पढ़ना बहुत पसंद […]
मैं मौसी के घर रह रहा था.. एक रात मौसी मुझे मौसा जी समझ कर मुझसे चुद गैई लेकिन तुरन्त उन्हें अपनी गलती का अहसास हो गया था… अगले दिन मैने मौसी से माफ़ करने को कहा तो काफ़ी देर मनाने के बाद वो मानी तो फ़िर मैने उनकी चूचियाँ दबा दी… इस कहानी में पढ़िए कि उसके बाद क्या हुआ…
मौसी के घर था एक रात मुझे मौसाजी के बिस्तर पर सोना पडा.. मौसी रोज की तरह मुझे मौसाजी समझ कर मेरे पास लेट गई... उनकी चूचियाँ मेरी पीठ में छू रही थीं..
मैं अपने मम्मी पापा का इकलौता लड़का हूँ, मैं अपनी मम्मी पापा के बीच में सोता था पर मैं जब सुबह उठता तो मुझे यह देखकर बहुत गुस्सा आता कि मेरे मम्मी पापा अगल बगल सो रहे हैं और मैं किनारे की तरफ सो रहा होता था। एक रात कुछ ऐसा हुआ जिसे मैं आज तक नहीं भुला पाया ! पापा मम्मी एक दूसरे को ऐसे चूम रहे थे जैसे किसी उत्तेजक बॉलीवुड फ़िल्म के हीरो हीरोइन सेक्स करते वक़्त चूमते है, बीच बीच में उनके मुँह से सिसकारियाँ भी निकल जाती थी।
मैं मार्केट में सिगरेट पीने लगा.. तभी एक लड़की एक्टिवा से आई, एक गर्ल्स हॉस्टल का रास्ता पूछने लगी। मै उसे गर्ल्स हॉस्टल ले गया लेकिन … खुद ही पढ़ लीजिये पूरी कहानी!
मेरी एक पुरानी ग्राहक का फ़ोन आया कि उसकी एक सहेली की मसाज करनी है.. मैं सही वक्त पर पहुँच गया.. मैंने देखा कि मेरी पुरानी क्लाइंट सुमन के अलावा 3 और लड़कियाँ थीं जो 20 से 22 साल की रही होंगी। सुमन ने मुस्कुराते हुए कहा- राज.. ये लड़कियाँ हमारी सहेलियों की हैं और कल ही हॉस्टल से आई हैं.. इन सभी की अच्छे से मसाज करनी है। सुमन ने मुझसे कहा- देखो राज ये जैसे कहें.. वैसे करना और प्यार से करना.. क्या है ना.. ये सब अभी नाज़ुक हैं।
राधे ने बच्चा देने के लिए मीरा की नौकरानी ममता की चुदाई करके उसकी चूत अपने वीर्य से भर दी... उधर स्कूल गर्ल रोमा स्कूल से भाग कर अपने प्रेमी नीरज से मिलने आई... नीरज रोमा को कमरे में ले आया और पूछने लगा कि क्या रोमा अपनी चूत की झांटें साफ़ करके आई है... रोमा शर्मा गई... आगे क्या हुआ...खुद इस कहानी में पढ़िए...
राधे बच्चा देने के लिए मीरा की नौकरानी ममता की चुदाई करने वाला है... ममता उसे बेडरूम में ले गई और अपनी साड़ी उतारने लगी.. उसके बाद राधे उसको नंगी करके उसकी जाँघों को चाटते हुए उसकी चूत पर आ गया... आगे क्या हुआ...खुद इस कहानी में पढ़िए...
मेरे पड़ोस की एक लड़की दिव्या पर कॉलोनी के सारे छोकरे मरते थे पर मुझे नहीं पता था कि वो छोकरी मुझ पर मरती है... जब मैं अपनी छत पर पढ़ने जाता था तो वो अकसर अपनी छत पर आकर मुझसे बात करती थी. एक दिन वो अपनी मम्मी के साथ मेरे घर आई और उसकी मम्मी ने मुझे उसे मैथ समझाने को कहा... कहानी पढ़ कर खुद जान लीजिये कि क्या हुआ...
मेरे ऑफिस में एक नई लड़की नेहा आई तो हमारी दोस्ती हो गई, बात होने लगी, फोन नम्बर लिया-दिया, फोन पर बातें हुई. एक दिन मैंने उसे मूवी चलने के लिए कहा तो वो तैयार हो गई... सिनेमा हाल में मैंने उसका हाथ पकड़ा तो उसने कुछ नहीं कहा तो मेरा हौंसला बढ़ गया और हम चूची दबाने से होते हुए चूमा चाटी तक पहुँच गए.. एक दिन मैंने उसे अपने कमरे में बुलाया तो...
मेरा बचपन कुछ ऐसे बीता कि मैं अकसर अपनी बुआ की बेटी के साथ रहा… उसका शुरू से ही मुझसे बहुत लगाव था और मैं भी उसको बहुत चाहता था। उस समय हम दोनों के मन में कोई और भावना नहीं थी। वो जब आती तो मेरे साथ ही रहती थी, हम लोग साथ खाते और साथ में ही सोते थे। लेकिन उम्र के साथ हमारा प्यार बढ़ता गया और उसका रूप भी बदलता गया और हम भाई बहन से प्रेमी प्रेमिका बन गए।