मुँह बोले भाई का लण्ड देख मेरी चूत गीली हुई -2
अपने मुंह बोले भाई का बड़ा लंड देख कर मैं उसे अपनी चूत में लेने को उतावली हो गई. कहानी में पढ़िए कि कैसे मेरे भाई ने अपने जीवन की पहली चुदाई की मेरी अधचुदी चूत को चोद कर!
ओरल सेक्स की हिंदी चुदाई कहानियों का मजा लें जिनमें लड़की द्वारा लंड चूसने और लड़के द्वारा चूत चाट के एक दूसरे को मजा देने का वर्णन है.
Oral Sex ki Hindi chudai kahani
अपने मुंह बोले भाई का बड़ा लंड देख कर मैं उसे अपनी चूत में लेने को उतावली हो गई. कहानी में पढ़िए कि कैसे मेरे भाई ने अपने जीवन की पहली चुदाई की मेरी अधचुदी चूत को चोद कर!
मेरी सलहज ऐसी प्यारी है कि किसी का भी मन डोल जाये! मेरी उस पर नज़र पहले दिन से ही थी, वो भी मुझे जब भी मिलती तो मजाक करती हुई एक आँख दबा देती थी। 'उम्म्माआ…'
मैंने उसकी स्कर्ट और पैंटी को उतार दिया.. क्या मस्त चिकनी और साफ़ चूत थी साली की.. लग रहा था कि छूने से गन्दी हो जाएगी। क्या मस्त छोटी से चूत थी उसकी, एकदम गोरी, पतला सा चीरा था.. और दोनों फाँकें एक-दूसरे से पूरी तरह से चिपकी हुई थीं।
मैं मैडम की ख़ूबसूरती का रसपान करने लगा, वो वाकयी में बहुत ही सुन्दर थी, उनकी उम्र होगी तकरीबन 25 साल! वो देखने में बड़ी ही मोहक लग रही थी जैसे साँचे में ढला हुआ शरीर और खूब मोटे और शानदार मम्मे और मोटे गुदाज़ चूतड़!
भाभी मेरे ऊपर बैठ कर चुदवा रही थी, बल्कि मुझे चोद रही थी। साथ ही हम दोनों बातें भी कर रहे थे। मैं भाभी की चूत की तारीफ़ करते हुए उनकी गान्ड में उंगली करने लगा तो…
मुंबई में मुझे एक 20 साल की बहुत सेक्सी लड़की मिली थी अंजलि, उससे मेरी अच्छी दोस्ती हो गई थी। जब भी मैं उसको जीन्स में देखता.. तो मेरा लौड़ा खड़ा हो जाता। मैं अंजलि को चोदना चाहता था।
कहानी के पिछले भाग में आपने पढ़ा कि कैसे मुझे भाभी की खूबसूरत चूत नसीब हुई। अब कहानी के इस हिस्से में भाभी के साथ कैसे संयोग बना और पूरी रात भाभी की जी भर कर चुदाई हुई!
मिलन की जोरदार चुदाई के बाद मै दोबारा उसे चोदने का मौक़ा ढूंढ रहा था कि एक दिन मै.न अकेला था और वो गुस्से में मेरे घर आई और मुझे थप्पड़ मारा. उसके बाद क्या हुआ, इस कहानी में पढ़िए!
वह कोशिश कर रहा था कि मेरी मुनिया दिखे.. मैंने भी संतोष की यह कोशिश जरा आसान कर दी। मैंने पूरी तरह सोफे पर लेटकर पैरों को चौड़ा कर दिया। मेरा ऐसा करने से मानो संतोष के लिए किसी जन्नत का दरवाजा खुल गया हो.. वह आँखें फाड़े मेरी मुनिया को देखने लगा।
उन्होंने मुस्कुराते हुए मेरी योनि के दोनों होंठों को दोनों हाथों की उंगलियों से फैला कर छेद को चूम लिया.. ऐसा लगा जैसे एक बिजली का झटका मेरी योनि से होता हुआ मेरे दिमाग में चला गया।
मैंने उतनी ही बेशर्मी से कहा- ...मुझसे मत छुपाइये... क्या आपने राज का लंड नहीं पिया... क्या आपने राज की गांड नहीं मारी... और क्या राज ने आपका लंड नहीं पिया। अगर आप लोग कर सकते हैं तो मैं और लीना एक दूसरे की चूत क्यों नहीं पी सकते?
मेरी पड़ोसन भाभी ग़ज़ब की सेक्सी हैं.. एक दिन भाभी ने मुझे बाइक से उज्जैन छोड़ कर आने को कहा। रास्ते में भाभी को पेशाब लगी तो वो झाड़ी में मूतने बैठी। मुझे उनकी चूत दिख गई।
मैं पति से जानबूझ कर थोड़ा गुस्सा होकर बोली- मैं यहाँ चुदने आई थी.. पर यहाँ तो परिन्दा भी नहीं है, जो मेरी चुदाई कर सके.. शायद मेरी किस्मत में आज चुदाई लिखी ही नहीं है।
इतनी मुलायम चूत शायद ही मैंने कभी जिंदगी में चखी थी। मुझे बहुत मज़ा आने लगा था। वो पूरा ज़ोर लगाकर अपनी गरम चूत मेरे मुँह पर दबाए जा रही थी। मैंने भी जीभ बाहर निकाली और उसकी चूत में घुसेड़ दी।
हम सहेलियों ने कुछ दिन पहले एक ब्लू फिल्म देखी थी.. उसमें दिखाया गया था कि एक लेडी बहुत देर तक मर्द के मुँह पर नंगी बैठ जाती है और शायद झड़ने के बाद ही उठ जाती है..
मैं और मेरा चचेरा भाई घर में अकेले थे, भाई ने मुझे अपनी गर्लफ्रेंड बना लिया और अब हम सुहागरात मनाने की तैयारी कर चुके थे, भाई ने पूछा कि मैं पहले चुद चुकी हूँ तो मैंने बताया कि मैं कुंवारी हूँ !
मैं दस दिन से भूखी थी तो लीना बीस दिन से! जल्दी ही हमारे बाकी कपड़े भी उतर गये, हम 69 के अंदाज में आकर एक दूसरी की चूचियाँ चूसने लगी। थोड़ी ही देर बाद हमारे शरीर सरके और एक दूसरे की चूत हमारे मुँह के सामने थीं।
मैंने नीचे आकर उसकी पैन्टी निकाल दी, उसकी चूत पूरी गीली हो गई थी। मैं उसकी चूत चाटने लगा, मेरा मुँह चूत पर लगते ही वो उछल गई। मैं उसकी चूत में जहाँ तक हो सका.. जीभ डालकर चाटने लगा था। वो काबू से बाहर हो रही थी।
तभी जेठ धीरे-धीरे चूमते हुए मेरी चूत तक पहुँचे और मेरी चूत पर जीभ घुमाते हुए मेरी चिकनी बुर को बेदर्दी से चाटने लगे। मैं तड़प उठी, मेरी मस्ती से अब जेठ ने भी मेरी चूत के निकलते रस को चाटते हुए जैसे ही मेरी चूत के फांकों को मुँह में भर कर खींचकर चूसा.. मैं दोहरी हो उठी।
मैंने उसके होंठों को अपने होंठों से बंद कर रखे थे। हम दोनों पूरे पागल हो चुके थे, मैं भूल गया था कि वो मेरी छोटी बहन है, बस अब उसे चोदना ही मेरा लक्ष्य था।