तुझ को भुला ना पाऊँगा -2
यह कहानी है सच्चे प्रेम की ! मुझे एक लड़की से प्यार हो गया, अपने घर वालों के हाथ रिश्ते की बात चलाई लेकिन जाती आड़े आ गई... उसकी शादी तय हो गई फिर भी हम मिले
आशिक और माशूका के बीच प्यार मुहब्बत भरा रोमांस और उसके बाद जोश से भरा सेक्स आह … मजा आ जाता है. असली चुदाई का मजा तो रोमांस के बाद ही आता है.
यह कहानी है सच्चे प्रेम की ! मुझे एक लड़की से प्यार हो गया, अपने घर वालों के हाथ रिश्ते की बात चलाई लेकिन जाती आड़े आ गई... उसकी शादी तय हो गई फिर भी हम मिले
यह कहानी है सच्चे प्रेम की ! जो कहानी पढ़ने का शौक रखते हैं उनको यह कहानी अच्छी लगेगी पर जो सिर्फ़ सेक्स ही पढ़ने वालों को शायद उनको यह कहानीअच्छी ना लगे।
कोचिंग में मेरी एक फ्रेंड थी.. मैं उसे मन से चाहता था.. एक दिन उसने बताया कि उसका कोई ब्वॉय-फ्रेंड था.. जिससे उसका हाल ही में ब्रेक-अप हुआ है.. मैंने कहा- कोई बात नहीं.. ऐसा तो सबके साथ हो ही जाता है। प्यार चीज़ ही ऐसी है.. जिसे मिले.. उसे कदर नहीं होती और मेरे जैसे जिन्हें कदर होती है.. वो बस इंतज़ार के लम्हे काटते हैं। ऐसे ही प्यार का इजहार हो गया… कैसे हुआ? इस कहानी में पढ़िये…
पहले झारखण्ड के कोडरमा शहर में चार कमरों के मकान में रहता था.. मेरा एक खुशहाल मध्यम वर्गीय परिवार था। मम्मी.. पापा.. मैं और मेरी एक बहन.. कितने खुश थे हम सब.. मैं यूँ तो तृषा के घर अक्सर जाया करता था। आज तो दिन ही खराब था..
अन्तर्वासना के सभी पाठको को आशिक राहुल का नमस्कार ! दोस्तो, कहानी की शुरुआत से पहले मैं अपने बारे में आप सभी को थोड़ा बता दूँ। मैं दिल्ली के पास हरियाणा से हूँ, 5’10” कद का 25 वर्षीय लड़का हूँ। बचपन से ही मैं बहुत शर्मीला रहा हूँ। कक्षा में हमेशा प्रथम आता था, बस […]
नमस्कार दोस्तो, मैं अन्तर्वासना की कथायें 3 साल से पढ़ रहा हूँ। यह कहानी मेरी फ्रेंड सीमा और मेरी है। हमारी दोनों की उम्र 30 साल है और हम मुंबई में एक साथ काम करते हैं। सीमा बहुत स्लिम और सुन्दर लड़की है। हम दोनों काफी खुले ख्यालों वाले हैं और जिन्दगी के अपने-अपने तरीके […]
बदन में सिहरन सी हो रही थी जिसे मैं महसूस कर सकता था। उसकी आँखें अब बंद सी हो रही थी... उसकी स्कर्ट घुटनों से थोड़ी ज्यादा ऊपर हो गई थी, अपने हाथों से मैंने उसका स्पर्श किया और अपने होंठ उसकी जांघों पर टिका दिए।
जब मैंने अपनी गर्लफ्रेंड को पहली बार चोदा तो पूरे इंडियन स्टाइल में दुल्हन बना कर उसके साथ सुहागरात मनाई. सेक्स स्टोरी पढ़ कर आनन्द लें!
लेखक : निशांत कुमार वासना और प्रेम एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। प्रेम का सुख मिल जाए तो वासना मनुष्य के नियंत्रण में हो जाती है और जिस्म का सुख मिल जाए तो प्रेम पीछे छूटने लगता है। मैं जो कहानी सुनाने जा रहा हूँ वो इन्ही दो शब्दों के बीच है, वासना […]
उन्होंने अपने मुन्ने को मेरी मुनिया (लाडो) के चीरे पर रख दिया। मैंने अपनी साँसें रोक ली और अपने दांत कस कर भींच लिए। मेरी लाडो तो कब से उनके स्वागत के लिए आतुर होकर प्रेम के आंसू बहाने लगी थी।
प्रेषिका : स्लिमसीमा ‘मधुर, क्या मैं एक बार आपके हाथों को चूम सकता हूँ?’ मेरे अधरों पर गर्वीली मुस्कान थिरक उठी। अपने प्रियतम को प्रणय-निवेदन करते देख कर रूप-गर्विता होने का अहसास कितना मादक और रोमांचकारी होता है, मैंने आज जाना था। मैंने मन में सोचा ‘पूरी फूलों की डाली अपनी खुशबू बिखरने के लिए […]
वो अक्सर बाथरूम में जब नहाने के लिए अपने सारे कपड़े उतार देती है तब उसे तौलिये और साबुन की याद आती है। अभी वो बाथरूम में है और वो तौलिया ले जाना भूल गई है।
दोस्तो, नमस्कार! मैं राज कौशिक एक बार फिर अपनी कहानी आपके सामने पेश कर रहा हूँ। इससे पहले आप मेरी कई कहानियाँ अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ चुके हैं। सभी पाठकों को मेल करने के लिए धन्यवाद। अपने बारे में तो बता ही चुका हूँ। मेरे पिता जी तीन भाई है दोनों पिता जी से […]
उसने जो बोला, सुन कर मेरे होश ही उड़ गए.. उसने मुझे बताया कि वो बचपन से ही मेरे बारे में सिर्फ अच्छा ही सुनती आ रही है और मन ही मन मुझे प्यार करती है...
मैं काफ़ी देर से खिड़की के पास खड़ी थी और आपको और सुगंधा को सेक्स करते देख रही थी। आपको शर्म नहीं आती ऐसी घटिया हरकत करते हुए और वो भी अपनी चचेरी बहन के साथ।
एक नटखट, नाज़ुक, चुलबुली और नादान कलि मेरे हाथों के खुरदरे स्पर्श और तपिश में डूब कर फूल बन गई और और अपनी खुशबूओं को फिजा में बिखेर कर किसी हसीन फरेब (छलावे) के मानिंद सदा सदा के लिए मेरी आँखों से ओझल हो गई।
मैंने उसे चित लेटा दिया। उसके गुलाबी होंठ, तनी हुई गोल चुंचियां, गहरी नाभि, पतली कमर, सपाट चिकना पेट और दो मोटी मोटी जाँघों के बीच फंसी पाव रोटी की तरह फूली छोटी सी चूत।
कुछ क्षणों पहले हाथ भी नहीं लगाने दे रही थी। अभी मस्ती में सराबोर है। मैं और उत्साहित होकर थूथन घुसा घुसाकर उसके गड्ढे को कुरेदता हूँ। उसके मुँह से कुछ अटपटी ऍं ऑं की सी आवाजें आ रही है। साथी अगर स्वरयुक्त हो तो क्या बात है ! उसकी कमर की हरकत बढ़ती जा […]
पुष्पा का पुष्प। पैंटी के नीचे ढका हुआ... सुरक्षित, कोमल, सुगंधित, रसभरा... दो हिस्सों में फटी मांसल स्पंज, जिसके बीच की फाँक को मैं कंधों से उसकी जांघों को फैलाकर चौड़ा करता हूँ!
उसकी पनीली आँखों में, जिनमें एक अजब-सा मर्म को छूता भाव उमड़ रहा था। शर्म से लाल गालों पर झूलती लट, बालों के बीच सफेद मांग ! खाली। मेरे भीतर कुछ उमड़ आया। उस तमाम निर्भयता और तेजी के पीछे एक अदद औरत उमड़ रही थी, वह औरत जो खुद उसे तीर से भेदने वाले […]