बिजनेस के बहाने चुदाई का मजा- 1

(18 Year Old Girl Boy Sex Kahani)

सनी वर्मा 2025-05-18 Comments

18 इयर ओल्ड गर्ल बॉय सेक्स कहानी में दो परिवारों के एक लड़का एक लड़की साथ साथ दोस्तों की तरह बड़े हुए. मगर उनके बीच सेक्स जैसी कोई चीज नहीं थी. लेकिन एक बार मौक़ा मिलते ही …

दोस्तो, आज की कहानी दीपक और पिंकी की है।

दोनों के परिवार विभाजन के दौरान लाहौर से जान बचाकर भागे थे।
इनके बाबा पक्के दोस्त थे, तो साथ-साथ ही लुकते-छिपते, जान बचाते इधर-उधर भागते रहे।

पुराने पैसे वाले थे, पर विभाजन की मार से दीपक के बाबा ने तांगा चलाकर अपना परिवार पाला और पिंकी के दादाजी ने कपड़ों की रेहड़ी लगाई।

शुरू में तो दोनों परिवारों को कितनी ही रातें खुले में, फिर किसी झोपड़-पट्टी में, फिर एक कमरे की कोठरी में काटनी पड़ीं।

वक्त पलटा।
धीरे-धीरे गाड़ी पटरी पर आई।
अब दोनों परिवार एक ही चाल में अलग-अलग कमरों में, फिर बाद में अलग-अलग मकानों में रहने लगे।

दीपक और पिंकी के बाबाओं ने अपने जैसे ही शरणार्थी पंजाबी परिवार की लड़कियों से लड़कों की शादी कर दी।

अब बहुओं के साथ ही घर में लक्ष्मी का आना शुरू हो गया।
पैसे के साथ जिंदगी में रंग भरने शुरू हो गए।

जो शौक बहुत पहले छूट गए थे, धीरे-धीरे दोनों परिवारों में आने लगे।

दीपक और पिंकी की मम्मियां जवानी के रंग में रंगी थीं।
अब पल्ले पैसा भी था।
तो बनने-सँवरने और जिंदगी को मस्ती से जीने की बातें होने लगीं।

वक्त के साथ दीपक और पिंकी का जन्म हुआ।
दीपक एक साल बड़ा था।

दोनों के दादाओं ने आपसी सहमति से ये बात इनके जन्म के समय तय कर दी थी कि अगर बड़े होने पर इन बच्चों को कोई ऐतराज़ नहीं हुआ तो इनका आपस में ब्याह करा देंगे।

दीपक बचपन से ही बहुत खुराफाती और जुगाड़ू था।
वो अपना काम अपने बाप या बाबा से करा ही लेता।

पिंकी को तो बस सजने-सँवरने से ही फुर्सत नहीं थी।
उसकी माँ और दादी भी उसके लिए नए-नए कपड़े और सजने का सामान लाती रहतीं।

पिंकी बड़ी नकचढ़ी थी।
सबकी लाडली जो थी!

दीपक से तो उसकी कुत्ते-बिल्ली जैसी दुश्मनी थी।
दीपक उसे छेड़े बगैर मानता नहीं और पिंकी रो-रोकर घर सर पर उठा लेती।

जब तक दीपक में दो-चार पड़ नहीं जाते, तब तक उसे चैन नहीं पड़ता।

उनके बाबा-दादी हँसते कि इनका तो ब्याह होने से रहा!

बड़े-बुजुर्गों की जिंदगी का सफर पूरा हुआ।

दोनों परिवार अब खुशहाली के रास्ते पर थे।
एक कॉलोनी में दो मकान बनवाकर दोनों परिवारों की जिंदगी अच्छे से गुजर रही थी।

दीपक तो बस मुश्किल से इंटर और फिर प्राइवेट से बीए करके अपने पिताजी की हार्डवेयर की दुकान पर बैठने लगा।
उनका होलसेल के साथ बिल्डिंग मटेरियल सप्लाई का काम था।

दीपक बहुत व्यवहारकुशल और तेज़ दिमाग का था।
उसने संबंधों के बल पर पिता के व्यवसाय को खूब बढ़ाया।

उधर 18 इयर ओल्ड गर्ल पिंकी जवानी के रंग में रंग, बला की खूबसूरत हो गई।
उसका ध्यान पढ़ाई में कम ही था, पर फिर भी उसने अच्छे नंबरों से पास होकर बीए कर ली और फिर इधर-उधर के कोर्स करने लगी।

पिंकी को कपड़े पहनने की बहुत समझ थी।
वो अपनी बातों से सबकी प्यारी जल्दी ही बन जाती थी।

अब दीपक और पिंकी की खूब छनती थी।
मजाल है कोई लड़का पिंकी को गलत निगाह से देख तो ले!

दीपक गबरू जवान हो गया था।
जिम जाकर खूब डोले-शोले बना लिए थे।

उसके पापा ने उसे बुलेट मोटरसाइकिल दिला दी थी तो बस दुकान से छुट्टी पाकर वो और पिंकी खूब गुलछर्रे उड़ाते।

दोनों की दोस्ती पाक-साफ थी।
घर में या रिश्तेदारी में कभी कोई हँसी-मज़ाक में कहता भी कि इनकी तो शादी करवा दो, तो पिंकी मुँह बनाकर कहती, “शादी और इस बंदर से? कभी नहीं!”

वैसे ही दीपक भी हँसता हुआ कहता, “कुँवारा मर जाऊँगा, पर इस बंदरिया से शादी कभी नहीं करूँगा!”

पर होनी को कौन टाल सकता है!
मस्ती करते कब दोनों में प्यार हो गया, उन्हें खुद पता नहीं चला।

उन्हें भी होश तब आया जब एक रात, जब दोनों के परिवार व्यास गए हुए थे और वो दोनों घर पर अकेले थे।

दीपक तो दुकान की वजह से रुका हुआ ही था, और पिंकी का बस मन ही नहीं था, तो वो भी रुक गई।

जब रुक गई तो दीपक की जिम्मेदारी लगी कि दुकान बंद कर वो पिंकी के पास ही खाना खा ले और रात को वहीं सो जाए।

उनके परिवारवालों को दूर तक भी खबर नहीं थी कि अब पिंकी और दीपक एक-दूसरे को पसंद करने लगे हैं।

दीपक रात को 9 बजे तक दुकान से वापस अपने घर आ गया और नहाकर कपड़े बदलकर पिंकी के घर आ गया।

पिंकी ने उससे पहले ही कह दिया था कि खाना बनाना उसके बस की बात नहीं है तो रात को दीपक को ही उसे बाहर चटपटा खिलाने ले जाना पड़ेगा।

ये उनके परिवार वालों के लिए सामान्य बात थी कि अक्सर पिंकी मुँह फुला लेती कि आज गोलगप्पे खाने हैं, तो आज टिकिया खानी है।
उसकी ये फरमाइश पूरी करने के लिए पिंकी की मम्मी दीपक की ही खुशामद करतीं और हाथ में सौ-दो सौ रुपये भी रखतीं कि इस चटोरी को चाट खिला ला!

18 इयर ओल्ड गर्ल पिंकी अल्हड़ मस्त थी।
खुश हो जाती और दीपक की बाइक पर उछल के जा चढ़ती, और फिर बाइक हवा से बातें करती फुर्र हो जाती।

पीछे से उनकी मम्मियाँ चीखतीं कि ‘धीरे चला!’
पर उनकी सुनता कौन था!

तो आज भी दीपक ने पिंकी से फोन पर कह दिया, “तैयार रहना और हाँ, चाची की अलमारी से पाँच सौ रुपये ले आना!”

पिंकी उसे चिढ़ाती हुई बोली, “क्यों, दिन भर में इतना भी नहीं कमा पाया कि मुझे चाट खिला सके? फिर तो मैं तुझसे ब्याह नहीं करूँगी!”

दीपक हँसते हुए बोला, “चटोरी! चाट तो मैं चाची के पैसों से ही खिलाऊँगा, अपने पैसों से तो बियर पिलाऊँगा! और हाँ, ब्याह कौन कर रहा है तुझसे! मेरे लिए तो कोई हीरोइन आएगी!”
दोनों हँस पड़े।

पिंकी घर के बाहर ही जींस और टॉप में तैयार थी।
खूब चटकीला मेकअप किया हुआ था उसने!
बिल्कुल हीरोइन बनी हुई थी!

आखिर पहली बार था जब उसे घर में कोई टोकने वाला नहीं था।

दीपक भी एक टाइट टी-शर्ट पहने था जिसमें उसकी चौड़ी छाती और डोले उभरकर आ रहे थे।

पिंकी लपककर बैठी और दीपक ने पूरी स्पीड पर गाड़ी भगा दी।
पिंकी अब चिपककर बैठ गई दीपक से।

दीपक को आज पहली बार उसके मम्मों का दबाव अपनी पीठ पर पड़ रहा था।
पिंकी ने अपनी बाहें दीपक की बाहों के नीचे से निकालकर उसके कंधों पर कर रखी थीं।
उसके लगाए ताज़े नेल पेंट की खुशबू और स्प्रे की गंध दीपक को मतवाला कर रही थीं।

वो शहर की बाहर वाली सड़क पर बाइक दौड़ा रहा था।

पिंकी की भी भूख खत्म हो गई थी।
उसे दीपक के जिस्म से लिपटने में एक सुखद अनुभूति हो रही थी।

आखिर सुनसान-सा देखके पिंकी बाइक के फुटरेस्ट पर खड़ी हुई और दीपक को चूम लिया।
शायद यह उनका पहला चुम्बन था!

एक पार्क के कोने पर दीपक ने बाइक खड़ी की।

चाट-आइसक्रीम के ठेले थे वहाँ पर!
दीपक ने पिंकी की ओर देखा तो उसने हाथ बढ़ा दिया।
दीपक ने उसका हाथ थामा।
दोनों पार्क में घूमने लगे।

दीपक ने एकांत देख पिंकी से पूछा, “ब्याह करेगी मुझसे?”

पिंकी ने शरारत से कहा, “तुझसे व्याह!” और हँस दी।

दीपक ने हाथ की पकड़ बढ़ा दी और उसे अपनी ओर खींचते हुए कहा, “तुझे किसी और की तो होने दूँगा नहीं!”
पिंकी उसकी आँखों में झाँकते हुए बोली, “खुश रखेगा मुझे?”

दीपक ने उसे चिपटा लिया और दोनों के होठ मिल गए।

मौका-माहौल नहीं था।
दीपक ने पिंकी को छोड़ दिया.
पर अब दोनों बिल्कुल सटकर घूमते हुए बाहर आ गए।

भूख लगी थी, तो पेट भर चाट-पकोड़ी, आइसक्रीम खाकर रात 11 बजे तक वापस घर आए।
रास्ते में से दीपक ने बियर ले ली।

इस बीच पिंकी की मम्मी के दो फोन आ चुके थे।
पिंकी ने उससे झूठ बोल दिया कि दीपक टिकिया खिलाने बाहर सड़क पर ले आया था।
अब घर पहुँच गए हैं।

घर आकर पिंकी ने दीपक के सोने की व्यवस्था अपने मम्मी-पापा के कमरे में कर दी।
उसका खुद का कमरा अलग था।
उसकी मम्मी ने उसे ऐसा ही करने को कहा होगा।

दीपक अपने साथ रात को सोने के लिए बरमूडा और टी-शर्ट लाया था।

बियर इंतज़ार कर रही थी, तो पिंकी बोली, “तू कपड़े बदल ले और यहाँ पापा के कमरे में सोना, मैं अपने कमरे में। कपड़े चेंज कर ले, फिर बियर पियेंगे!”

दीपक जब तक कपड़े बदलकर आया, पिंकी उसका इंतज़ार कर रही थी।
दीपक बोला, “तू भी कपड़े बदल ले, साथ-साथ बियर पियेंगे!”

पिंकी मुस्कुराते हुए बोली, “मुझे बहुत हल्के कपड़ों में सोने की आदत है, तो कपड़े मैं कमरे में ही चेंज करती हूँ। फिर बाहर नहीं आती!”
दीपक हँस पड़ा, “तू पूरी नौटंकी है!”

पिंकी ने दो बड़े ग्लासों में बियर उड़ेली।
दीपक बोला, “चाचाजी की बोतल से एक-एक ढक्कन व्हिस्की मिला दे!”

पिंकी हँस पड़ी, पर फिर भी उसने अपने पिता की अलमारी खोलकर व्हिस्की की बोतल से थोड़ी-सी व्हिस्की दीपक के गिलास में डाल दी।
दीपक बोला, “अपने में भी डाल, वरना मैं नहीं पियूँगा!”

उसके जिद करने पर पिंकी को अपने गिलास में भी व्हिस्की डालनी पड़ी।
जल्दी ही बियर खत्म करके पिंकी उसे प्यार से गुड नाइट बोलकर अपने रूम में चली गई।

दीपक ने उसे चूमना चाहा तो पिंकी बोली, “कल मम्मी को बोल दूँगी, वो चाची से बात कर लेंगी! और ये सब अब व्याह के बाद! पर एक बात सोच लियो कि मेरे खर्चे बहुत हैं। तुझे बहुत मेहनत करनी पड़ेगी पैसा कमाने के लिए!”

दीपक भी मुँहफट था, बोल दिया, “जवानी तुझ पर आई है, तो जोश मेरा भी उबाल मार रहा है! साथ पूरा देना होगा!”

पिंकी हँसते हुए जीभ दिखाते अपने रूम में भाग ली और रूम बंद कर लिया।

आधा घंटा करवटें बदलते, दीपक को नींद नहीं आई।
वो दबे पाँव पिंकी के रूम की ओर बढ़ा।

रूम बंद था।
दीपक ने हल्के से खटखटाया तो आहिस्ता से पिंकी ने खोल दिया।

कमरे में बहुत हल्की रोशनी थी।
पिंकी ने फ्रॉक पहनी थी।
दीपक बुत बनकर खड़ा था।

पिंकी मुस्कुराई और बोली, “क्यों मेरी जान के पीछे पड़ गया है!”
कहकर उसने बाहें फैला दीं।

दीपक ने उसे आगोश में ले लिया।
दोनों के होठ मिल गए।

दोनों पागलों की तरह एक-दूसरे को चूम रहे थे।
पिंकी कसमसाई, “दीपक, मैं तुझे बहुत प्यार करती हूँ! तेरे बिना नहीं रह सकती!”

दीपक ने अपनी पकड़ और मजबूत करते हुए उसे चिपटा लिया अपने से और बोला, “तेरी हर ख्वाहिश पूरी करने के लिए जी-तोड़ मेहनत करूँगा! बस तुम मेरा साथ मत छोड़ देना!”

दीपक पिंकी को साधे धीरे-धीरे बेड की ओर बढ़ा।
उसके हाथ पिंकी की जाँघों पर मचल रहे थे।

दीपक ने पिंकी को बेड पर धकेल दिया।
पिंकी ने उसका हाथ पकड़कर उसे खींच लिया।

अब दोनों बेड पर लिपटे, एक-दूसरे में समाने को बेताब थे।

दीपक ने पीछे से पिंकी की फ्रॉक ऊपर की।
पिंकी सिहर गई और बोली, “दीपक, अभी नहीं! शादी के बाद तू जैसा चाहे करना, पर पहले नहीं, प्लीज़!”

दीपक रुक गया।

कुछ नहीं बोला और फिर झटके से खड़ा हुआ और कमरे से बाहर आकर बरामदे में रखे फ्रिज से पानी की ठंडी बोतल निकाली और मुँह से लगाकर गटागट घूँट मारे और बचा पानी अपने सर पर उड़ेल लिया।

इतने में ही पीछे से पिंकी आकर उससे लिपट गई।
ठंडा-ठंडा पानी उसे भी भिगो गया।
पिंकी ने दीपक को जबरदस्ती अपनी ओर घुमाया और लगी बेतहाशा चूमने।

अब पिंकी उचककर दीपक के गले से लटक गई।
उसने दीपक की कमर पर अपने पैरों का घेरा बना लिया।

चूमते-चूमते वो बोली, “चल रूम में!”

18 इयर ओल्ड गर्ल बॉय सेक्स कहानी 6-7 भागों में चलेगी.
आप हर भाग पर अपनी राय बताते रहें.
धन्यवाद.
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18 इयर ओल्ड गर्ल बॉय सेक्स कहानी का अगला भाग: बिजनेस के बहाने चुदाई का मजा- 2

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