मेरी मुंहबोली बहन की एक अनकही चाहत- 4
(Bathroom Nude Xxx Kahani)
बाथरूम न्यूड Xxx कहानी में मेरी छोटी मुंहबोली बहन मेरे लंड से चुद चुकी थी. हम दोनों को मजा आया था. सुबह हम दोनों बाथरूम में एक साथ नहाये, ओरल सेक्स किया.
कहानी के तीसरे भाग
मेरी मुंहबोली बहन मेरे लंड की प्यासी
में आपने पढ़ा कि मेरी बहन मेरे लंड से खेल रही थी तो मैंने उसे चोद दिया. वह सीलबंद देसी माल थी.
अब आगे बाथरूम न्यूड Xxx कहानी:
मेरे हाथ बंधे थे, तो मैं खुद कुछ नहीं कर पाया। अन्नू की गांड मुझे दिख रही थी। मैं कैसे-कैसे सो गया।
सुबह उठा तो 9 बजे थे।
अन्नू मेरे पास सो रही थी।
उसका मासूम चेहरा देखकर मुझे दया आई कि रात को उसे कितना दर्द हुआ होगा।
मैं उसे निहारता रहा।
थोड़ी देर बाद उसकी आँख खुली।
मुझे देखकर वो पहले मुस्कुराई, फिर पास खिसककर मेरे गले से लग गई। 
मैंने पूछा, “आज लेट हो गई? पशुओं को चारा भी डालना था!”
अन्नू बोली, “सब कर दिया था मैंने जल्दी उठकर! लेकिन फिर नींद आ रही थी, तो पुनः सो गई!”
मैंने मज़े के लिए पूछा, “आज ज्यादा नींद क्यों आ रही है?”
अन्नू बोली, “रात को लेट सोई थी!” 
मैंने फिर पूछा, “ऐसा क्या काम था जो रात को लेट सोई थी? काम समय से कर लिया कर, रात को टाइम से सोया कर!”
उसे समझ आ गया।
उसने मेरी पीठ पर ज़ोर से चपत लगाई। 
मैंने हँसते हुए कहा, “लगती है मेरे!”
फिर नॉर्मल होकर पूछा, “रात को मज़ा आया?” 
पहली बार उसका कोई रिएक्शन नहीं था।
दोबारा पूछने पर उसने हामी में सिर हिलाया।
मैंने उसे बाँहों में कस लिया। 
मैं फ्रेश होने गया।
अन्नू अपना काम करने लगी।
उसने मेरे नहाने के कपड़े बाथरूम में रख दिए। 
जब मेरा हो गया और मैंने अंडरवियर पहन ली तो मैंने उसे बुलाया।
उसने मेरी अंडरवियर ठीक की।
फिर मुझे नहलाने के लिए बाथरूम ले गई। 
अन्नू अभी तक नहीं नहाई थी।
मैंने उसे साथ नहाने को कहा।
पहले उसने मना किया, फिर मेरे ज़ोर देने पर मान गई और कपड़े लेने अंदर गई।
मैंने झट से कोशिश करके अपनी अंडरवियर निकाल दी।
मैं पूरी तरह नंगा था।
अन्नू आई, तो मैं दरवाजे  के पीछे हो गया।
वो अंदर आई और बाल्टी भरने लगी।
जब वो नल चालू करने के लिए झुकी, मैंने उसे पीछे से पकड़ा।
वो हड़बड़ाई और सीधी हो गई।
मैंने उसे बाँहों में भर लिया और शॉवर चालू कर दिया।
हम दोनों भीगने लगे।
मेरे हाथ अन्नू के पेट पर थे।
उसने कोई विरोध नहीं किया। 
कुछ देर में हम दोनों पूरी तरह भीग गए।
अन्नू की लेगी ट्रांसपेरेंट हो गई थी, उसने अंदर कुछ नहीं पहना था। 
मैंने शॉवर बंद किया और उसे टी-शर्ट उतारने को कहा।
उसने लाचारी भरी मुस्कान दी।
मैंने फिर इशारा किया।
वो मान गई और टी-शर्ट निकाल दी।
वह मेरी तरफ पीठ करके खड़ी थी।
उसके बालों से पानी टपक रहा था।
मैंने उसे अपनी तरफ घुमाया।
उसने पहले मेरी आँखों में देखा, फिर नीचे देखा।
उसे मेरा तना हुआ लिंग दिखा।
वो शरमाते हुए मुस्कुराई।
मैंने उसे बाँहों में भर लिया।
मेरा लिंग उसकी चूत से टकराने लगा। 
मैंने पूछा, “क्या हुआ?”
उसने सिर ना में हिलाया।
मैं उसे गौर से देखने लगा।
वो शरमाने लगी।
उसके भीगे बालों की कुछ लटें उसके स्तनों पर थीं।
उसके निप्पल बड़े और कड़े थे।
उसकी कमर पर एक काला तिल था। 
अन्नू मुझे घूरते देख मेरे पास आई और मेरे होंठों पर किस किया।
मैं सन्न रह गया।
उसने केवल मेरे होंठों को बाहर से चूमा। 
मैंने उसके गालों को पकड़ा और उसके होंठों को चूमने लगा।
पहले उसने अपने होंठ नहीं खोले, लेकिन मेरे ज़ोर देने पर उसने अपने दाँत ऊपर किए।
मेरी जीभ उसके मुँह में चली गई।
मैंने उसके मुँह को चाटना शुरू किया। 
कुछ देर में अन्नू भी पूरा साथ देने लगी।
हम दोनों किस करते रहे।
तभी बाल्टी भर गई और पानी नीचे निकलने लगा।
मैंने किस करना बंद किया। 
अन्नू ने मेरी तरफ देखा।
मैंने नल बंद किया।
उसकी लेगी पूरी तरह ट्रांसपेरेंट थी।
मैंने उसे लेगी उतारने को कहा।
वो आनाकानी करने लगी।
मैंने जबरदस्ती खींचने की कोशिश की लेकिन नहीं खींच पाया।
फिर अन्नू ने खुद लेगी नीचे कर दी और गर्दन नीचे करके खड़ी हो गई।
मैंने उसकी गर्दन ऊपर की और फिर से फ्रेंच किस करने लगा।
इस बार अन्नू भी अपनी जीभ मेरी जीभ से लड़ा रही थी। 
मेरे को किस करने के लिए झुकना पड़ रहा था।
मैंने उसकी लेगी को अपने पैर से दबाया जिससे वो पूरी नीचे आ गई।
फिर मैंने अन्नू को कमर से पकड़कर ऊपर उठा लिया। उसका चेहरा मेरे चेहरे के बराबर आ गया।
उसने गिरने के डर से मेरी गर्दन में बाँहें डाल दीं।
हम दोनों किस करते रहे। 
मेरे हाथों में पट्टी थी तो मैंने उसकी चूत को नहीं छुआ।
मैंने एक हाथ से उसे पकड़ा और दूसरे से उसके चूतड़ सहलाने लगा।
उसके निप्पल कड़े थे।
मैं उन्हें भी सहलाने लगा। 
अन्नू कसमसाने लगी।
मैंने उसके होंठों से अपने होंठ हटाए और उसके गाल, नाक, ललाट, गर्दन, और कान को जल्दी-जल्दी चूमने लगा।
मेरा लिंग झटके मार रहा था।
वो बार-बार उसकी चूत से टच हो रहा था।
अन्नू भी हल्का-हल्का दबाव डाल रही थी। 
मैंने ज्यादा देर न करते हुए अपना मुँह उसके निप्पल पर ले गया।
अन्नू की गर्दन ऊपर उठ गई।
उसने मेरी गर्दन को अपने स्तनों पर दबाया और अपने पैर मेरी कमर में बाँध लिए। 
मैं उसके निप्पल को जीभ से चाटने लगा।
जब अन्नू पूरी तरह तैयार दिखी, मैंने एक हाथ से अपने लिंग को हिलाकर उसकी चूत पर सेट किया और रगड़ने लगा।
अन्नू ने अपनी गांड को आगे-पीछे करके लिंग को सही रास्ते पर फिट किया।
मैंने हल्का-सा दबाव देकर लिंग को थोड़ा अंदर डाला।
अन्नू के मुँह से “आह्ह्ह!” की आवाज़ निकली।
उसने ऊपर उठकर लिंग बाहर निकालने की कोशिश की।
लेकिन मैंने उसे ढीला छोड़ दिया।
मेरे लिंग का दबाव और अन्नू के वजन से मेरा लिंग उसकी चूत को चीरता हुआ अंदर समा गया। 
अन्नू जोर से चिल्लाई, “आह्ह्ह्ह!”
जैसे किसी ने उसकी चूत काट दी हो। 
मैंने उसे कसकर पकड़ लिया और उसके चूतड़ को उठाकर जल्दी-जल्दी नीचे पटकने लगा।
मेरा लिंग उसकी चूत में जल्दी-जल्दी अंदर-बाहर होने लगा। 
अन्नू के मुँह से जोर-जोर से चीखें निकलने लगीं। “आह्ह्ह्ह! उईई! भाई! ईई!” वो अपने हाथों से मेरे कंधों पर मारने लगी।
मैंने उसके दर्द पर ध्यान नहीं दिया।
उसकी आवाज़ें मुझे और उत्तेजित कर रही थीं।
मैंने उसे दीवार से सटा दिया और ज़ोर-ज़ोर से चोदने लगा। 
कुछ पल बाद उसका दर्द कम हुआ।
उसने अपने पैर फिर से मेरी कमर पर टाइट कर लिए।
वो कभी-कभी अपनी कमर को उठाती और नीचे करती। 
मैंने एक-एक करके अपने हाथ उसके पैरों के बीच से निकाले और उसे अपने हाथों पर बिठा लिया।
अब उसकी कमर मेरे कंट्रोल में थी। मैंने उसे झुलाना शुरू किया और जल्दी-जल्दी चोदने लगा।
अन्नू के मुँह से फिर से “आह्ह्ह्ह! ईई!” की आवाज़ें आने लगीं।
मैं थकने लगा था।
मैंने उसे दीवार से चिपका दिया।
अब उसका वजन मेरे हाथों पर कम था।
मैं अपनी कमर को आगे-पीछे करके उसे जोर-जोर से चोदने लगा। 
दीवार से चिपके होने से उसके पैर मेरे कंधों के बराबर हो गए थे।
मैं थक गया था।
मैंने उसकी चूत से अपना लिंग निकाला और उसे नीचे उतार दिया। 
मैं बाथरूम के बीच में नमाज़ की पोज़ीशन में बैठ गया और अन्नू को अपने ऊपर बुलाया।
उसकी चूत का छेद, जो चुदाई से थोड़ा खुल गया था, गुलाबी और लाल दिख रहा था।
वो अपनी चूत को पैरों से ढकने की कोशिश कर रही थी।
मैंने उसे पास बुलाया।
पहले वो समझी नहीं, फिर जब मैंने पैरों पर बैठने को कहा, वो मेरे पास आई। 
उसकी चूत मेरे मुँह के सामने थी।
मैंने उसके कूल्हों को आगे धकेला।
उसकी चूत मेरे चेहरे तक आ गई।
मैंने उसकी चूत को चूमा।
अन्नू चौंक गई और पीछे हटने लगी।
लेकिन मेरी जीभ उसकी चूत के अंदर तक जा चुकी थी।
वह रुक गई और आगे आ गई। 
मैं उसकी चूत को जीभ से चोदने लगा और उसके चूतड़ मसलने लगा।
मैं जीभ को बाहर रगड़ता, फिर अंदर डालकर आगे-पीछे करता और उसकी क्लिट को मसलता।
अन्नू ने अपने दोनों हाथ दीवार पर टिका लिए और मेरे मुँह पर अपनी चूत रगड़ने लगी।
मैं समझ गया कि उसे अब ज्यादा समय नहीं लगेगा।
मैंने जीभ की स्पीड बढ़ा दी।
अन्नू ने मेरे सिर को पकड़कर अपनी चूत में दबाया और रगड़ने लगी।
उसकी आवाज़ें और स्पीड तेज़ हो गईं। 
कुछ देर में उसने “आह्ह्ह्!” की भारी आवाज़ के साथ ऑर्गेज़म पा लिया।
उसका शरीर काँपने लगा और वो मेरी गोद में बैठ गई। 
मैंने उसे परेशान नहीं किया और ऑर्गेज़म का मज़ा लेने दिया।
मैं उसके निप्पल, गाल, गर्दन, आँखों, और नाक पर किस करने लगा। 
जब उसे होश आया, उसे फिर शर्मिंदगी होने लगी।
मैंने पूछा, “कैसा था?”
उसने पहले कुछ नहीं कहा, फिर बोली, “जैसा पहले कभी नहीं था!” 
थोड़ा रुककर वो बोली, “लव यू, भाई!”
ये मेरे लिए अनपेक्षित था।
मैं कुछ नहीं बोल पाया। 
अन्नू बोली, “आपको बोलना ज़रूरी नहीं! ये मेरी फीलिंग थी, जो मैंने बता दी। मुझे पता है, आप मुझसे प्यार करते हो, फिर चाहे वो रिश्ता अलग हो!”
मैंने उसके गालों को पकड़ा और उसके होंठों को ज़ोर से चूमा।
कुछ देर में सब नॉर्मल हो गया।
मैं बोला, “अन्नू, तूने दो बार मज़ा लिया, लेकिन मुझे एक बार भी नहीं दिया!”
अन्नू बोली, “आपको मज़ा नहीं आया?” 
मैं बोला, “मज़ा तो आया, लेकिन तुझे जो आखिरी वाला मोमेंट मिला, वो मुझे एक बार भी नहीं मिला!”
अन्नू बोली, “तो वो कैसे होगा?”
मैं बोला, “मुँह में लेकर!”
अन्नू बोली, “छी! इसे कोई मुँह में लेता है क्या?”
मैंने कहा, “क्यों नहीं लेता? जैसे मैंने तेरी चूत को जीभ से चाटा, वैसे ही तू मेरे लंड को मुँह में लेकर आगे-पीछे करके चाट!” 
मैंने “चूत” और “लंड” शब्द ज़ोर से बोले ताकि अन्नू ज्यादा न शर्माए और मुझसे और खुल जाए।
वो मुस्कुराने लगी। 
मैंने पूछा, “क्यों मुस्कुरा रही है? मैंने ऐसा क्या बोल दिया?”
अन्नू बोली, “कुछ नहीं! लेकिन मैं इसे मुँह में कैसे ले सकती हूँ? ये कितना गंदा है!” 
मैंने उसे खड़ा होने को कहा।
वो खड़ी हो गई।
मैं भी खड़ा हो गया। 
मैंने अन्नू से ही पानी से मेरे लिंग को धुलवाया।
मेरा लिंग सिकुड़ गया था लेकिन धोने से फिर खड़ा हो गया।
अन्नू बोली, “ये अभी तो छोटा था, अब बड़ा कैसे हो गया?”
मुझे जल्दी थी, तो मैंने कहा, “बाद में बताऊँगा! अब इसे धीरे-धीरे अपने मुँह में लो।”
अन्नू ने बदबू वाली-सी सूरत बनाई।
मैंने थोड़ा जोर देकर कहा, “मुँह में लो!”
अन्नू ने धीरे-धीरे मेरे लंड को अपने मुँह में लिया।
उसका मुँह मेरे लंड से भरने लगा।
फिर मैंने उससे लंड को मुँह में अंदर-बाहर करने को कहा।
पहले तो उसके दाँत चुभने लगे, तो मैंने कहा, “होंठों से अंदर-बाहर करो और जीभ से लंड को अंदर ही चाटो।”
जिस पोजीशन में मैं अन्नू की चूत चाट रहा था, उसी पोजीशन में बैठकर अब अन्नू मेरा लंड चूस रही थी।
शुरुआती 10-15 बार लंड को मुँह में अंदर-बाहर करने के बाद अन्नू अब लंड के साथ कंफर्टेबल हो गई थी और उसे पूरा चूसने लगी।
चूसने के साथ-साथ वो लंड के टोपे पर अपनी जीभ भी घुमाने लगी।
मैंने अन्नू के सिर को पकड़ा और थोड़ा अंदर तक लंड को उसके मुँह में देने लगा।
इससे उसे साँस लेने में तकलीफ होने लगी और उसके मुँह से “घूंऊउ, घूं” की आवाजें आने लगीं।
मैंने उसके चेहरे को थोड़ा घुमाया और अपने लंड को उसके मुँह में गालों की तरफ देने लगा, जिससे उसे कोई तकलीफ नहीं हुई।
अब मैं उसके मुँह को जल्दी-जल्दी चोदने लगा।
अन्नू के मुँह को चोदने में मुझे बहुत ज्यादा उत्तेजना होने लगी थी।
मेरा लंड अब ज्यादा देर का खिलाड़ी नहीं था।
मैंने झट से अन्नू के मुँह से लंड निकाला और उसकी बाँह पकड़कर उसे खड़ा किया।
खड़ा करते ही मैंने उसे पकड़ा और दीवार से सटा दिया, उसकी एक टाँग पूरी ऊपर कर दी, जिससे अन्नू की चूत पूरी खुलकर मेरे सामने आ गई।
मैंने बिना समय गँवाए अपने लंड को सीधा अन्नू की चूत में जोर के झटके के साथ उतार दिया।
ये सब कुछ 10 सेकंड में हो गया।
अन्नू समझ भी नहीं पाई कि अभी क्या हुआ, और उतनी देर में मेरा लंड उसकी चूत में अंदर-बाहर होने लगा।
अन्नू ने कुछ देर पहले ही दर्द सहा था, लेकिन कुछ देर चूत में शांति रहने से वो दर्द ठीक हो गया था।
अब फिर से एकदम से चूत में तूफान आ जाने से अन्नू की हालत टाइट हो गई।
वो बार-बार चीखने लगी।
मैं उसे इतनी जल्दी-जल्दी चोद रहा था कि उसकी आधी चीख भी पूरी नहीं हो पा रही थी।
उतनी देर में मैं दोबारा लंड को बाहर निकालकर अंदर धक्का मार देता।
इस समय मैं अन्नू की चूत को बहुत ही रफ तरीके से चोद रहा था और उसके चेहरे को पकड़कर अपने चेहरे के पास लाकर उसे दबाकर किस करने लगा।
अन्नू को एक तरफ दीवार से सटा रखा था।
वो एक ही टाँग पर खड़ी थी, जो बार-बार झटके लगने से थक गई थी।
ऊपर उसके होंठों का भी बुरा हाल था।
मैं दबाकर चोदता रहा और उसे किस करता रहा।
उसके मुँह से “हुऊऊ, हुउऊ, हुऊऊऊ, हुऊउ…” की आवाजें आने लगीं।
मैंने देखा तो उसकी आँखों से आँसू भी आ रहे थे; शायद उसे दर्द ज्यादा हो रहा था।
मेरा लंड पूरा आगे तक जा रहा था लेकिन मेरे ऊपर तो हवस सवार थी तो मैं उसे लगातार चोदता रहा, बाथरूम न्यूड Xxx का मजा लेता रहा।
कुछ ही देर में जब मैं झड़ने को हुआ तो मैंने झट से लंड उसकी चूत से निकाल दिया और अन्नू के पैर को नीचे रख दिया।
लंड के बाहर निकलते ही और पैर के नीचे रखते ही अन्नू मेरे ऊपर गिर गई।
मैंने उसे फिर से नीचे बिठा दिया और लंड सीधा उसके मुँह में देकर उसके मुँह को दबा-दबाकर चोदने लगा।
इस बार मेरा होने वाला था, तो मैंने अन्नू के मुँह पर कोई ढीलाई नहीं बरती और लंड को सीधा पूरा गले तक उतारने लगा।
अन्नू के मुँह से दबी-दबी “घूं, गूं, हूं” की आवाजें आने लगीं।
मैं अन्नू के मुँह को दबा-दबाकर चोदने में लगा रहा।
अन्नू का मुँह पूरा लार से भर गया था, तो मेरे लंड को अंदर-बाहर करने के झटकों से उसमें “छप-छप” की आवाजें आ रही थीं।
मेरा लंड जल्दी-जल्दी अंदर-बाहर हो रहा था।
कुछ देर में जब मेरा होने को हुआ तो मैंने अपना लंड सीधा अन्नू के गले में उतार दिया और सारा वीर्य उसके मुँह में छोड़ दिया।
अन्नू के पास निगलने के सिवाय कोई विकल्प नहीं था।
जिंदगी में ज्यादा चुदाई नहीं की थी लेकिन जो चुदाई की संतुष्टि आज अन्नू के मुँह में खाली होने में हुई, वो फिर कभी किसी के साथ नहीं हुई।
मेरा लंड धड़धड़ाते हुए झटके मार-मारकर खाली होने लगा।
जब मैं खाली हो गया, तो लंड को अन्नू के मुँह से बाहर निकाला ताकि अन्नू कुछ ढंग से साँस ले सके।
अन्नू ने खुलकर एकदम से जोर की साँस ली।
अच्छे से साँस लेते ही मैंने फिर से अपना लंड अन्नू के मुँह में डाल दिया और धीरे-धीरे अन्नू के मुँह में अंदर डालकर बाहर खींचा, ताकि मेरे लंड के वीर्य का आखिरी कतरा भी अन्नू के मुँह में चला जाए।
अबकी बार वीर्य जीभ पर गिरा था, तो अन्नू को उसका स्वाद पता चला।
उसने मेरे लंड को पूरा अच्छे से चूसकर साफ किया।
फिर वह खड़ी हो गई।
मैंने अन्नू को कसकर अपनी बाँहों में भर लिया।
हम दोनों ही नंगे थे।
मैंने लगभग 5-6 मिनट तक अन्नू को दबाकर अपनी बाँहों में भर रखा था।
फिर एक बढ़िया लिप किस के बाद मैंने अन्नू को छोड़ दिया।
कुछ देर में अन्नू ने मुझे नहलाया।
आज वो पूरे मजाकिया अंदाज में मुझे नहला रही थी।
कभी वो मेरे लंड के साथ खेलकर उसे साबुन से धोती, कभी खुद के साबुन लगाकर मुझसे लिपट जाती।
करीब आधा घंटा हमें नहाने में और लग गया।
जब हम दोनों बाथरूम से निकले, तो टाइम 11:30 बज चुके थे।
दोनों को भूख भी लग रही थी क्योंकि पहली तो हम बहुत लेट थे, चुदाई में टाइम का पता नहीं चला, और दूसरा इतनी देर जो चोदमपट्टी वाली मेहनत हो गई थी।
बाथरूम से निकलकर अन्नू ने कपड़े पहनने चाहे तो मैंने मना कर दिया।
फिर मैंने बाहर निकलकर देखा, कोई नहीं था।
तो हम दोनों नंगे ही बाहर आए और मकान में चले गए और अंदर से दरवाजा बंद कर लिया।
अंदर हम दोनों नंगे ही घूमने लगे।
अन्नू ने नंगे-नंगे ही खाना बनाया।
खाना बनाते समय भी मुझसे रहा नहीं गया और मैंने अन्नू को चोदा.
फिर खाना बनाया।
हम दोनों ने खाना खाया।
फिर अन्नू मुझे ट्रैक्टर पर हॉस्पिटल लेकर गई।
घर पर बहुत बार सीधी जगह पर मैं ही अन्नू को ट्रैक्टर चलाने देता था, तो वो अच्छे से सीख चुकी थी।
अस्पताल में डॉक्टर ने मेरी पट्टी खोली।
तब जाकर मेरी उंगलियों को चैन मिला।
अब मेरी उंगलियाँ पूरी आज़ाद थीं लेकिन उनमें अभी कुछ सूजन बाकी थी। सूजन उतरने के बाद मैंने अन्नू को चुदाई के इतने अहसास दिए कि वो सेक्स में पूरी परफेक्ट हो गई।
उन अहसासों के लिए कभी फिर से मिलेंगे।
तब तक के लिए विदा, दोस्तो।
मेरी पहली कहानी पर भी आपने बहुत प्रतिक्रिया दी थी, उन सब का धन्यवाद।
लेकिन मैं सबको बता दूँ कि मेरे पास किसी लड़की का मैसेज नहीं आता।
क्योंकि ज्यादा ठरक लड़कियों में होती है, लेकिन ठरक को मानने की कैपेसिटी लड़कों में ही होती है।
तो कृपया इसी से समझ जाएँ कि मेरे पास किसी भी लड़की या औरत की मेल ID नहीं मिलेगी। तो वो माँगकर मुझे नकारा साबित न करें।
अगर केवल आपको बाथरूम न्यूड Xxx कहानी पसंद आई हो, तो ही मेरी कहानी पर प्रतिक्रिया दें।
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