चूत में कॉपर टी लगाने वाले डॉक्टर से चुदी- 2

(Big Sex With A Doctor)

गुरु 1090 2025-12-05 Comments

बिग सेक्स विद डॉक्टर कहानी में मैं डॉक्टर के पास कॉपर टी लगवाने गयी तो उसने मुझे नंगी कर लिया. मेरी चूत चाटी मुझे मजा आया. फिर मैंने चूत मरवाने में नखरे शुरू कर दिए.

यह कहानी सुनें.

हैलो फ्रेंड्स, आपका एक बार पुनः मेरी सेक्स कहानी में स्वागत है. मैं आपको एक नौजवान डॉक्टर के साथ अपने सेक्स की कहानी सुना रही थी.

कहानी के पहले भाग
गाईनी डॉक्टर ने मेरी चूत चाट कर मजा दिया
में आपने पढ़ लिया था कि डॉक्टर ने मेरी चुत में कॉपर-टी लगाने के बहाने से अपना लंड पेल दिया था, जो मुझे बेहद नागवार गुजरा था.
अपनी चुत में उसका लंड अच्छा लगने के बावजूद भी मैंने उसे धक्का दे दिया था.

अब आगे बिग सेक्स विद डॉक्टर कहानी:

मेरे धक्का मारने से वह डॉक्टर पीछे अल्ट्रासाउंड की मशीन से टकराया और अगले ही पल खुद को संभालकर दोबारा मेरी तरफ बढ़ा.

जैसे ही वह मेरे करीब आया, मैंने अपना दायां पैर उसकी छाती पर रखकर उसे रोक दिया.
वह आश्चर्य से मुझे देखने लगा.

शायद उसे लगा कि मैं चुदाई के खेल के मूड में हूँ. उसने तुरंत मेरे पैर को झटका और फिर से मेरी जांघें पकड़ कर लंड घुसाने की कोशिश शुरू कर दी.

हालांकि मुझे मजा आ रहा था इस खेल में … पर मैं गुस्सा दिखा रही थी और यह मेरे चेहरे पर साफ झलक रहा था.
मैंने दोनों हाथ उसके सीने पर लगाकर पूरी ताकत से उसे पीछे धकेला और खुद टेबल से उतरकर अपनी पैंटी पहनने लगी.
मेरे हिसाब से यह समझाने के लिए मेरी यह प्रतिक्रिया काफी थी कि अब उसे चूत नहीं मिलने वाली.

मैं पैंटी पहनने के लिए झुकी ही थी कि तभी उसने पीछे से मेरे बाल पकड़ कर मुझे मुँह के बल टेबल पर पटक दिया.

दो सेकंड के लिए मुझे कुछ समझ नहीं आया. जब तक मैं खुद को संभाल पाती, उसने एक हाथ मेरे बाएं तरफ से निकाल कर मेरे बाएं चूचे को दबोच लिया और दाएं हाथ से मेरी गर्दन को टेबल पर दबाकर रखा.

इसके साथ ही उसने अपना लंड पीछे से मेरी चूत में पेल दिया.
अब वह टेबल के सहारे मुझे खड़ा करके पीछे से चोद रहा था.

चुदाई की यह पोजीशन बहुत मज़ेदार थी, वह पूरी तरह रफ सेक्स के मूड में आ चुका था और पागलों की तरह मेरे बाल पकड़ कर दनादन मेरी चूत की ठुकाई किए जा रहा था.
हर झटके के साथ पट्ट-पट्ट की आवाज़ से कमरा गूँज रहा था.

अगले ही पल उसने मेरी गर्दन वाला हाथ हटाया और मेरे दाहिने चूतड़ पर एक जोरदार चांटा दे मारा.
उसका चांटा इतना ज़ोरदार था कि मेरी चीख निकल गई लेकिन साथ ही उसकी पकड़ ढीली होने से मुझे निकलने का मौका भी मिल गया.

मैंने दोनों हाथ टेबल पर टिका कर पूरी ताकत से घूमी, जिससे उसका लंड मेरी चूत से बाहर निकल गया.

उसका ध्यान अपने लंड को वापस छेद में सैट करने पर था, तभी मैंने पूरी ताकत से उसके मुँह पर एक तमाचा जड़ दिया.
चांटे की आवाज़ इतनी तेज़ थी कि शायद पूरे क्लिनिक के स्टाफ ने सुन ली होगी.

मेरी इस प्रतिक्रिया से वह डॉक्टर भी सहम गया और आश्चर्य से एक हाथ गाल पर रखे मेरा मुँह ताकता रह गया.

गुस्से में तमतमाते हुए मेरे मुँह से निकला- मादरचोद रंडी समझा है क्या मुझे?

उसे इस सब की बिल्कुल उम्मीद नहीं थी.
वह सहमा-सा खड़ा रह गया. उसे समझ ही नहीं आया कि अब आगे क्या करना है.

मैंने उसके लंड को सेकंड भर में केले से छुआरा बनते देखा.
उसे वहीं अवाक सा खड़ा छोड़, मैं गुस्से में बड़बड़ाती हुई अपने कपड़े पहनने लगी.

तभी वह बोला- सुनिए मुझे माफ़ कर दीजिए … मैं शायद आपके व्यवहार का कुछ ग़लत मतलब निकाल बैठा. मैं भावनाओं में बह गया था. मुझे ऐसा नहीं करना चाहिए था!

मैं कुछ नहीं बोली, बस अपनी जांघों पर स्कर्ट चढ़ाती हुई उसे गुस्से में घूरती रही.

डॉक्टर- प्लीज़, मेरा भरोसा करो. मैं ऐसा लड़का नहीं हूँ. मुझसे बहुत बड़ी ग़लती हो गई!

मैं अब भी कुछ नहीं बोली, बस टॉप को चूचों पर चढ़ाकर अपने बाल ठीक करती हुई केबिन से बाहर जाने लगी.

मुझे दरवाज़े की तरफ़ बढ़ता देख, वह मेरे पैरों में गिर पड़ा और रोते हुए बोला- जो कुछ भी हुआ, वह ग़लतफ़हमी के चलते हुआ. उसके लिए प्लीज़ मुझे ऐसी सजा मत दीजिए. मैं एक इज़्ज़तदार डॉक्टर हूँ!

शायद उसे लग रहा था कि मैं उसके ख़िलाफ़ कोई शिकायत न कर दूँ वर्ना उसका करियर ही ख़त्म हो जाएगा.

उसे इतना गिड़गिड़ाते देख, मुझे भी उस पर दया आ गई.

मैंने उसे उठने के लिए कहा लेकिन अपना गुस्सा दिखाना बरक़रार रखा.

वह खड़ा होते हुए बोला- अब मैं आपको कोई परेशानी नहीं दूँगा. आप जिस काम के लिए आई थीं, वह करवा लीजिए!

इतना कहते हुए वह मुझे वहीं रुकने को कहकर खुद केबिन से बाहर निकल गया.

अगले ही मिनट एक नर्स अन्दर आई और मुझे टेबल पर बैठने को कहा.

जिस टेबल पर कुछ मिनट पहले मेरी चुदाई हो रही थी, मैं वापस उसी टेबल पर बैठ गई.

नर्स ने मेरी पैंटी उतरवाई और अगले कुछ मिनटों में मेरी चूत के अन्दर कॉपर-टी को लगा दिया.

अपना काम खत्म करके नर्स मुझे पैंटी पहनने को बोलकर केबिन से बाहर निकल गई.

नर्स के जाने के बाद मैंने भी पैंटी पहनी और बाहर जाने के लिए दरवाजे की तरफ चल दी.

मैं दरवाजा खोल पाती, उससे पहले ही वह डॉक्टर दरवाजा खोलकर केबिन में घुस आया.

अन्दर आकर वह बोला- नर्स ने बताया कि आपका काम सफलतापूर्वक हो गया है अब आपको अनचाहे गर्भ की चिंता करने की कोई जरूरत नहीं होगी!
मैं- ठीक है, थैंक्यू!

इतना कहकर मैं दरवाजे की तरफ बढ़ी, तभी वह फिर बोला- सुनिए!
मैंने प्रश्नवाचक निगाहों से उसकी तरफ देखा.

डॉक्टर- देखिए मैं बहुत शर्मिंदा हूँ … जो भी हुआ, वह अच्छा नहीं हुआ. आपका चरमसुख हो जाने के बाद मुझे अपना सुख भोग लेना स्वाभाविक लगा. इस वजह से मैं बिना इजाजत के ऐसी हरकत कर बैठा. मेरी कभी कोई गर्लफ्रेंड नहीं रही, जिसकी वजह से मुझे लड़कियों की भावनाओं का कोई अनुभव भी नहीं है. हो सके तो प्लीज मुझे माफ कर देना!

इतना सब एक सांस में बोलकर उसने अपने हाथ जोड़ लिए.

मुझे अब उस बेचारे की हालत पर तरस आ रहा था.
बंदा तो वह अच्छा ही था … और वैसे भी शुरुआत तो मैंने ही की थी.

मेरा माल भी झड़ गया था और उस बेचारे के साथ ‘केएलपीडी’ हो गया.

अब तक मेरा गुस्सा पूरी तरह रफूचक्कर हो चुका था.

मैं अपनी मुस्कान छुपाती हुई उसकी तरफ बढ़ी और हाथ बढ़ाकर उसके गाल पर रख दिया.
वह बेचारा इतने में ही काँप गया, शायद उसे लगा कि दोबारा थप्पड़ पड़ेगा.

मैंने मुस्कुराते हुए उसके गाल पर पप्पी की और बोला- इट्स ओके, तुम एक अच्छे इंसान हो.

मुझे इतना नजदीक पाकर और गाल पर मेरे होंठों की छुअन से उसके पैंट में फिर से उभार दिखने लगा था.

मैंने नीचे की तरफ इशारा करते हुए मुस्कुराकर कहा- सुधरोगे नहीं तुम!

मेरा इशारा समझते ही वह झेंप गया और अपने हाथ से अपने लंड को दबा लिया, ताकि उसका कड़ापन मुझे दिखाई न पड़े.

मैंने उसका हाथ हटाते हुए अपना हाथ उसके लंड के उभार पर रख दिया. उसका लंड अभी पूरी तरह खड़ा नहीं हुआ था, लेकिन करंट दौड़ने लगा था.

दोनों हाथ बढ़ाकर मैंने उसकी पैंट खोल दी और कच्छा भी नीचे खींच दिया.

फिर मैंने देखा कि उसका लंड सांवला-सा था, आधा कड़क था और झांटें भी साफ थीं.

उसके सीने पर हाथ रखकर धकेलती हुई मैं उसे उसी टेबल तक ले गई, जिस पर उसने अपनी गांड टिका ली.

उसकी आंखों में आंखें डालकर मैंने उसके लंड को गोलियों समेत पकड़ लिया.
उसका लंड अब पूरी तरह कड़क हो चला था, लेकिन उसके मुँह से एक शब्द नहीं निकल रहा था.

न ही वह चाहकर भी मुझे छू रहा था.
वह दोबारा कुछ भी ऐसा नहीं करना चाहता था, जिससे अनजाने में वह मुझे नाराज़ कर बैठे.

उसे टेबल से सहारा देकर मैं उसके सामने खड़ी हो गई.

मैंने उसकी जांघों के साथ-साथ उसके लंड और गोलियों को सहलाते हुए उसकी गर्दन और कानों के इर्द-गिर्द चूमना शुरू कर दिया.

कुछ ही देर में उसका लंड बिल्कुल पत्थर की तरह सख्त हो गया.

मैंने सोचा कि ये खुद से तो कुछ करेगा नहीं, क्यों न मैं ही इसे जन्नत की सैर करवा दूँ.

मैं उसके सामने घुटनों के बल बैठ गई और उसकी जांघों व गांड पर हाथ फिराने लगी.
उसका लंड मेरे मुँह के बिल्कुल सामने खड़ा था.
मैंने आगे को होकर उसके लंड को सूँघा और उसकी गोलियों को चूम लिया.

मेरे ऐसा करने से उसके लंड ने एक झटका लिया और उसके मुँह से हल्की सिसकारी निकल गई ‘आह’

अब मैं उसे और ज्यादा परेशान नहीं करना चाहती थी इसलिए मैंने एक हाथ से उसकी गोलियां पकड़ीं और दूसरे हाथ से उसका लंड पकड़ कर उसकी तरफ देखने लगी.

वह बड़ी उम्मीद से मेरी तरफ देख रहा था, जैसे मिन्नत कर रहा हो कि बस एक बार मेरे लंड को अपने होंठों में दबा लो!

मैंने उसकी तरफ आंख मारते हुए अपने होंठ खोले और उसका पूरा लंड अपने गले तक समा लिया.
लंड पर मेरे होंठों की गर्मी महसूस करते ही उसके जिस्म में एक कंपकंपी-सी दौड़ गई.
उसकी आंखें बंद हो गईं और मुँह खुल गया.

मैं दोनों हाथों से उसके लंड और गोलियों को धीरे-धीरे सहलाती हुई अपना मुँह आगे-पीछे हिलाकर उसके पूरे लंड को मसाज दे रही थी.

वह दोनों हाथ टेबल पर टिकाकर मेरे मुँह के मजे ले रहा था.

मेरे मुँह से सुड़ुप सुड़ुप की आवाज़ निकल रही थी और वह आंखें बंद करके इस पल के पूरे मजे बटोर रहा था.

उसका लंड बिल्कुल कड़क हो चुका था लेकिन उसने अब तक अपनी तरफ से कोई हरकत नहीं की.

ना उसने हाथों से छूने की कोशिश की ना ही अपनी कमर हिलाने की हिम्मत की.
शायद वह अब भी डर रहा था.

मैंने उसका लंड और गोलियां छोड़कर उसके दोनों हाथ पकड़े और अपने सिर के पीछे रख दिए.
ऐसा करते ही उसने अपनी आंखें खोलकर मेरी तरफ देखा.

मुझे आंखें उठाकर अपनी तरफ देखता पाकर वह मुस्कुरा दिया और मेरे खुले बालों को समेटकर पीछे चोटी-सी बनाकर पकड़ लिया.

उसे हाथों से हरकत करता देख, मैंने भी उसके चूतड़ों पर हाथ रख लिए और अपना मुँह हिलाना बंद कर दिया.

मेरे रुक जाने से वह थोड़ा कन्फ्यूज़-सा मेरी तरफ देखने लगा.
मैंने अपनी जीभ और गालों से उसके लंड को निचोड़ते हुए, उसे उसकी गांड से पकड़ कर अपनी ओर खींचा, जिससे उसका लंड सीधा मेरे गले में टकराया.

मेरा इशारा समझते ही वह खुश हो गया और दोनों हाथों से मेरे बाल पकड़ कर धीरे-धीरे कमर हिलाकर मेरा मुँह चोदने लगा.

उसके चेहरे पर खुशी का कोई ठिकाना नहीं था.
जल्दी ही मैंने उसकी खुशी के भावों को हैवानियत में बदलते देखा.

उसकी कमर के झटके तेज़ हो चुके थे और हाथों की पकड़ भी सख्त हो गई थी.
मैंने भी अपनी क्रॉप टॉप को चूचों से नीचे खिसकाते हुए अपनी छाती को आगे बढ़ाकर अपने चूचे उसकी जांघों पर सटा दिए.

मैंने जैसे ही ऐसा किया, वह एकदम जानवर की तरह बर्ताव करने लगा.

उसने गुर्राते हुए मेरे बालों को पूरी ताकत से जकड़ लिया और अपने लंड को मेरे मुँह में जबरदस्ती पेलने लगा.

उसके हर धक्के के साथ उसका लंड मेरे गले तक उतर जाता था.
मेरे मुँह से घुटी-घुटी सी चीखें निकल रही थीं.

हम दोनों की मिली-जुली आवाजों ने केबिन का माहौल बेहद कामुक बना दिया था.

मेरा दम घुट रहा था और दर्द भी हो रहा था.
लेकिन पापा की ऐसी ही मुख चुदाई से मैं अब अभ्यस्त हो चुकी थी.

मैंने कुछ देर खुद को संभालते हुए उसे झड़ने का मौका देना ही बेहतर समझा.
वह पागलों की तरह आंखें बंद करके मेरा मुँह चोद रहा था.

उसका लंड अब अकड़ने लगा था.
मौका देखकर मैंने अपने दाहिने हाथ की एक उंगली उसकी गांड के छेद में घुसा दी.

मेरी इस हरकत से वह खुद को संभाल नहीं पाया और उसकी कमर अकड़ने लगी.

उसने पूरी ताकत से मेरे सिर को बालों से खींचते हुए अपने लंड पर दबाया और अपने लंड का सुपाड़ा मेरे गले तक पहुंचा दिया.

जब उसका लंड मेरे गले की गहराई तक पहुंच गया, तो वह अकड़ कर झड़ने लगा.

उसकी कमर रुक चुकी थी लेकिन उसका लंड अब भी झटके लेते हुए लगातार झड़ रहा था.
उसके माल की हर एक बूंद मेरे गले से होती हुई सीधे मेरे पेट में चली गई.

मैं देख तो नहीं पाई लेकिन महसूस कर सकती थी कि सामान्य लंड से दोगुना माल निकला होगा.

इस सब के बीच मेरी सांस बहुत देर से घुटी हुई थी, जिसे मैं अब और बर्दाश्त नहीं कर पा रही थी.

मैंने उसकी गांड से उंगली निकालकर उसकी जांघ पर हल्के-हल्के लेकिन लगातार थप्पड़ मारे, तो वह होश में आया.

होश में आते ही उसने तुरंत मेरे बाल छोड़े और कहा- ओह माय गॉड, आई एम सॉरी!

उसकी पकड़ ढीली पड़ते ही मैंने तुरंत खुद को उसके लंड से अलग किया और मुँह में जमा वीर्य को एक घूँट में पीते हुए गहरी सांस लेकर अपनी सांसें काबू करने लगी.

उसने झुककर मेरे बाल संवारते हुए पूछा- तुम ठीक हो?
मैंने हां में सिर हिलाते हुए उसकी तरफ देखा.

तो उसने फिर कहा- सॉरी, मैं ज़रा ज्यादा ही वाइल्ड हो गया था!
मैं बस मुस्कुरा दी और बोली- कोई बात नहीं!

ये सुनकर उसकी हिम्मत थोड़ी बढ़ी और वह सीधा खड़ा हो गया.

उसका लंड अब भी खड़ा था, जिससे मेरी लार और उसके माल के मिले-जुले धागे लटक रहे थे.

ये देखकर मैं आगे बढ़ी और मैंने उसका लंड अपनी जीभ से कुतिया की तरह से चाट-चाटकर साफ कर दिया.

लंड साफ करने के बाद मैं उठी और अपने कपड़े व बाल ठीक करती हुई बोली- ठीक है, अब मैं चलती हूँ.

ये सुनकर वह समझ गया कि अब चूत चोदने का मौका नहीं मिलेगा.
उसने भी अपनी पैंट ऊपर की और मुझे थैंक्स बोला.
इस पर मैं कुछ नहीं बोली, बस मुस्कुरा दी.

डॉक्टर- दोबारा मुलाकात कब होगी?
मैं- पता नहीं.

डॉक्टर- रूटीन चेकअप के लिए तुम्हें आना होगा. इन्फेक्शन तो नहीं हो रहा, ये चेक करना पड़ेगा.
मैं- देखती हूँ.

डॉक्टर- अपना नंबर तो दे दो.
मैं- मुझे कुछ परेशानी होगी, तो क्लिनिक देख लिया है मैंने!
ये कहती हुई मैं दरवाजे की तरफ बढ़ गई.

जैसे ही मैंने दरवाजा खोला, मेरी नजर ऊपर लगे कैमरे पर पड़ी.
इस कमरे में सीसीटीवी कैमरा था और मुझे इस बात का जरा भी इल्म नहीं था इसका मतलब मेरी सारी रंडपने की हरकतें इसमें रिकॉर्ड हो गई होंगी.

मैं तुरंत डॉक्टर की तरफ मुड़ी और बोली- यहां कैमरा लगा हुआ है? तुमने बताया क्यों नहीं?

ये सुनकर उसके चेहरे पर एक शैतानी मुस्कान उभरी.
लेकिन मेरे गुस्से से तमतमाते चेहरे को देख उसकी मुस्कान पल में गायब हो गई.

मेरा गुस्सा उसे मालूम था इसलिए वह हाथ जोड़कर बोला- प्लीज, गुस्सा मत करो मेरे क्लिनिक में हर जगह कैमरे हैं, लेकिन डरने की कोई बात नहीं … एक्सेस सिर्फ मेरे पास है. किसी के देखने का सवाल ही नहीं उठता आखिरकार मेरे करियर का भी सवाल है … और अगर तुम चाहो, तो मैं अभी के अभी सारी फुटेज डिलीट कर सकता हूँ. प्लीज प्लीज … गुस्सा मत करो.

ये सुनकर मुझे थोड़ी तसल्ली हुई.

मैंने उसकी जेब से पेन निकाला और पास ही पड़े एक कागज पर अपनी ईमेल आईडी लिख दी.

मैंने कहा- आज की सारी फुटेज मुझे मेल कर देना और फिर डिलीट कर देना.
उसने हामी भर दी और मैं घर चली आई.

बिग सेक्स विद डॉक्टर कहानी के बाद क्या हुआ, वह मैं आपको अपनी सेक्स कहानी के अगले भाग में विस्तार से लिखूँगी.
प्लीज मुझे जरूर बताएं कि आपको मेरी सेक्स कहानी कैसी लग रही है.
आपकी स्वीटी पुरोहित
[email protected]

बिग सेक्स विद डॉक्टर कहानी का अगला भाग:

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