चूत एक पहेली -48

(Chut Ek Paheli-48)

पिंकी सेन 2015-11-28 Comments

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अब तक आपने पढ़ा..

रॉनी- पता है पायल.. मैंने कब कहा ये बुरा है.. अब अपने भाई की बात नहीं मानोगी क्या.. जाओ चेंज कर लो ना प्लीज़ मेरे लिए..
पायल- ओके भाई अभी करती हूँ.. तब तक आप भी रेडी हो जाओ।

पायल वहाँ से वापस अपने कमरे में चली गई और बड़बड़ाने लगी।
पायल- उहह कितना अच्छा ड्रेस था.. मगर रॉनी भाई भी ना बस कोई लड़का मुझे घूरेगा.. ये सोच कर चेंज करने को बोल दिया.. अजीब सी उलझन है एक भाई मुझे ब्रा-पैन्टी में देख चुका है और दूसरा थोड़ा सा भी ओपन नहीं देख सकता।

अब आगे..
पायल ऐसे ही बड़बड़ाती हुई चेंज करने लगी। अब उसने फुल स्लीव का ब्लू टॉप जो एक जैकेट टाइप था.. यानि गले पर 3 बटन थे और ब्लैक लॉन्ग स्कर्ट पहना था.. वो बहुत प्यारी लग रही थी।
उधर रॉनी भी रेडी हो गया था मगर पुनीत अभी तक आया ही नहीं था.. तो रॉनी ने उसको फ़ोन लगाया.. तो पुनीत ने कहा वो 5 मिनट में आ रहा है तुम दोनों रेडी हो जाओ।

रॉनी ने उसको बता दिया वो लोग रेडी हैं तुम जल्दी आ जाओ। उसके बाद रॉनी नीचे चला गया.. उसके पीछे-पीछे पायल भी आ गई।

रॉनी- वाउ अब लग रही हो ना किसी परी के जैसे.. आओ यहाँ बैठ जाओ पुनीत बस आता ही होगा..
पायल- ओह्ह.. थैंक्स भाई, ये भाई कब का गया है.. मुझे तो कहा था जल्दी रेडी हो जाना.. मगर खुद देर कर रहा है।
रॉनी- अरे आ जाएगा.. तब तक हम यहाँ बैठकर बातें करते है ना..

काका- बिटिया आपको कुछ चाहिए क्या.. बताओ तो ला दूँ?
पायल- हाँ काका.. रात को हम बाहर खाकर आएँगे.. आप मॉम को बता देना.. और अभी हम दोनों के लिए जूस बना दो.. ठीक है ना भाई?
रॉनी- हाँ ठीक है.. पी लेंगे.. वैसे भी तुम कहो और मैं ना कह दूँ.. यह कभी हो सकता है क्या?

काका ने जल्दी ही दोनों के लिए जूस तैयार कर दिया। तभी पुनीत भी वहाँ आ गया और ‘बस 5 मिनट में आया..’ कहकर अपने कमरे में चला गया।
पायल और रॉनी वैसे ही बैठे बातें करते रहे.. कुछ देर बाद पुनीत भी आ गया और वो तीनों क्लब के लिए एक साथ घर से निकल गए।

कुछ देर बाद वो वहाँ पहुँच गए और पुनीत ने वहाँ अपने कुछ खास दोस्तों से पायल को मिलवाया.. जिनमें टोनी और उसके दोस्त भी थे।
शुरू के 20 मिनट तो बस ऐसे ही मिलना मिलाना चलता रहा। उसके बाद सन्नी ने टोनी को इशारा किया कि आगे के प्लान को अंजाम दे।

वैसे आपको याद तो होगा ही.. सन्नी ने रॉनी और पुनीत को कोई आइडिया बताया था.. वो अब अंजाम में आ रहा है। आप खुद देख कर समझ जाओगे।

टोनी- अरे यार यहाँ ऐसे कब तक खड़े रहोगे.. चलो कुछ खेल खेलते हैं.. वैसे पायल तुमको क्या पसन्द है बताओ?
पायल- अरे यहाँ तो बहुत से खेल हैं कुछ भी खेल लो.. मुझे क्या पूछना वैसे आप हमेशा क्या खेलते हो.. आज भी वही खेल लो..
रॉनी- अरे पायल तुम कौन सा रोज यहाँ आती हो। आज तुम्हारी पसन्द का खेल खेलेंगे.. वैसे तो हम सब कार्ड खेल खेलते हैं।
पायल- ओह्ह.. रियली.. वैसे आप को पता है ना.. मुझे भी ये खेल पसन्द है..

टोनी- ओहो.. तब तो कोई प्राब्लम ही नहीं है.. चलो सब मिलकर खेलेंगे..
सन्नी- हाँ पायल.. आज तुम हमारी टीम में हो.. बड़ा मज़ा आएगा..
टोनी- हैलो सन्नी भाई ये टीम क्या है.. सब अलग-अलग खेलेंगे.. वो सामने देखो बड़ी टेबल पर.. चलो सब अपना-अपना खेल खेलो.. ओके..
पुनीत- हाँ यही सही रहेगा.. आज तो सब को कंगल बना कर ही जाएँगे हम..

खेल शुरू हो गया.. सब हँसी-ख़ुशी खेल खेलने लगे.. मगर पायल को फिर वही बेचैनी शुरू हो गई.. उसका जिस्म जलने लगा।
पुनीत सबसे अच्छा खेल रहा था.. सब उसके सामने फीके पड़ रहे थे। एक-दो राउंड पायल ने भी जीते.. मगर उसका मन अब खेल में नहीं था। उसको ये फुल स्लीव के कपड़े चुभने लगे थे, वो इधर-उधर देखने लगी थी।
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सन्नी समझ गया कि गोली अपना काम कर रही है.. उसने टोनी को इशारा कर दिया कि आगे क्या करना है।

टोनी- यार पुनीत तुम तो जीतते ही जा रहे हो.. लगता है आज सारा माल तुम लेके जाओगे..
पुनीत- मैंने कहा था ना.. मुझसे पंगा मत लेना… अब देख तू मेरा कमाल.. आगे-आगे क्या होता है..

टोनी- अच्छा इतना ही भरोसा है खुद पर.. तो तुम्हारे फार्म वाले खेल के लिए पायल को साथ ले आ.. तब मानूँगा तुझे पक्का खिलाड़ी..
रॉनी- ये बकवास कर रहे हो तुम टोनी.. वो हमारे बीच की बात है। उसमें मेरी बहन को बीच में क्यों ला रहे हो तुम??
पायल- कैसा खेल भाई.. मुझे बताओ.. मैं तैयार हूँ। आप पर मुझे पूरा भरोसा है।
पुनीत- नहीं पायल.. तुम्हें कुछ नहीं पता.. तुम चुप रहो, वो हम लड़कों का खेल है।

पायल- नहीं भाई कुछ तो बात है.. ये टोनी ने मेरा नाम क्यों लिया?
सन्नी- अरे पायल.. वो वहाँ हर बार हम लड़की लेके जाते हैं.. मतलब पार्ट्नर बना के.. इस बार कुछ चेंज है तो ये पागल टोनी ने तुम्हारा नाम ले लिया।
पायल- तो इसमें गलत क्या है.. मैं भी तो एक लड़की हूँ.. नहीं भाई आप इसका चैलेन्ज एक्सेप्ट कर लो।
रॉनी- पायल.. नहीं तुम वहाँ नहीं जा सकती.. समझो बात को..

टोनी- अरे क्या रॉनी.. तुम बीच में क्यों बोल रहे हो.. पुनीत को बोलने दो ना.. वैसे तो ये बहुत कहता रहता है। पुनीत खन्ना ने जो एक बार कह दिया.. वो कह दिया..
पायल- हैलो प्लीज़.. आप बुरा मत मानना.. मगर ये सच है मेरा भाई कोई ऐसा-वैसा नहीं है.. आज मैं कहती हूँ हम फार्म पर खेल खेलने जाएँगे। यह पायल खन्ना की ज़ुबान है.. जो मेरे भाई से कम नहीं है।

पायल की इस बात पर सबके चेहरों पर हल्की सी मुस्कान आ गई थी उनका प्लान कामयाब हो गया था। मगर ये आधा प्लान था.. बाकी का आधा अब पुनीत को पूरा करना है। मगर यहाँ नहीं वो बाद में इसे अंजाम देगा।

पुनीत- पायल तुमने जल्दबाज़ी कर दी.. पहले मुझसे तो पूछती..
पायल- नहीं भाई.. यह हमारी इज़्ज़त का सवाल था.. अब जो होगा देखा जाएगा.. आप बस ‘हाँ’ कह दो।
पुनीत- ओके ठीक है.. अबकी बार पायल वहाँ जाएगी.. तुम भी अपनी बहन को ले आना समझे?
टोनी- ठीक है यार.. अब जो होगा देखा जाएगा.. इसी बात पर हो जाए एक राउंड और..

खेल फिर से शुरू हो गया। अब पायल की बेचैनी भी बढ़ती जा रही थी.. सन्नी ने इस बात को नोट कर लिया और टोनी को वहाँ से जाने का इशारा कर दिया। यह उनके दूसरे प्लान का हिस्सा है.. जो सुबह उन्होंने बनाया था।

टोनी ने बाथरूम का बहाना बनाया और वहाँ से निकल गया.. बाकी सब खेलते रहे।
कुछ देर बाद पायल खड़ी हो गई।
पायल वहाँ से उठ कर बाहर खुली हवा में आ गई और मौके का फायदा उठा कर टोनी भी उसके पीछे बाहर आ गया।

रॉनी- अरे क्या हुआ पायल.. बैठो मज़ा आ रहा है।
पायल- नहीं भाई आप लोग खेलो.. मुझे थोड़ी घबराहट हो रही है.. मैं खुली हवा में जाती हूँ।
पुनीत- अरे क्या हुआ.. अगर तबीयत ठीक नहीं है तो घर चलें हम?
पायल- अरे नहीं नहीं.. ऐसा कुछ नहीं.. बस थोड़ी खुली हवा में जाऊँगी तो ठीक हो जाऊँगी.. आप खेलो में अभी वापस आ जाऊँगी।

पायल वहाँ से उठ कर बाहर खुली हवा में आ गई और मौके का फायदा उठा कर टोनी भी उसके पीछे बाहर आ गया।

टोनी- अरे क्या हुआ पायल.. तुम बाहर क्यों आ गई? अन्दर मज़ा आ रहा था.. वैसे आप भी अच्छा खेल लेती हो। लगता है पहले भी खेली हुई हो।
पायल- अरे ऐसे ही थोड़ी घबराहट हो रही थी.. इसलिए आ गई और हाँ हम लोग हॉस्टल में खूब खेलते थे।
टोनी- ओह्ह.. अच्छा ये बात है.. वैसे यहाँ इतना मज़ा नहीं आता.. फार्म पर जो मज़ा आता है।

पायल- अच्छा वैसे फार्म पर पैसों से ही खेलते हैं या कुछ और चीज से?
टोनी- सॉरी यार.. बुरा मत मानना, यह सवाल तुम पुनीत से पूछ लेना.. तो अच्छा रहेगा..
पायल- क्यों कोई खास बात है क्या?
टोनी- हाँ बहुत खास बात है.. अच्छा ये जाने दो.. क्या तुम सनडे को पार्टी में आ रही हो?
पायल- सनडे को कौन सी पार्टी.. मुझे कुछ नहीं पता?

टोनी- वहाँ खूब मज़ा आता है.. सब नाचते-गाते हैं.. मस्ती करते हैं.. कसम से ऐसी पार्टी रोज होनी चाहिए।
पायल- ओह्ह.. रियली.. मैं भी आऊँगी.. मगर भाई ने कुछ बताया नहीं..
टोनी- ओह्ह.. सॉरी यार.. मैंने तुमको बता दिया.. प्लीज़ तुम अपने भाई को मत कहना कि ये सब मैंने बताया..
पायल- अरे इतना डर क्यों रहे हो पार्टी ही तो है..

टोनी- सॉरी यार मगर ये कोई नॉर्मल पार्टी नहीं है।
पायल- तो कैसी पार्टी है.. मुझे बताओ वरना मैं भाई को बता दूँगी कि तुमने मुझे बताया है?

टोनी ने अपना नाटक शुरू किया कि वो अपने भाई को ना बताए और उसने पार्टी के बारे में विस्तार से पायल को सब कुछ बता दिया।
पायल- ओह्ह.. तो ये बात है.. मेरे भाई अकेले-अकेले मज़ा लेना चाहते हैं। वैसे अच्छा किया तुमने मुझे बता दिया कि आज ही एंट्री लेनी होगी.. अब देखती हूँ मेरे भाई कैसे मुझे मना करते हैं।

बातों के दौरान पायल की आँख में नशा छाने लगा था.. उसकी वासना बढ़ने लगी थी। कपड़े तो जैसे उसको ऐसे लग रहे थे जैसे फुल गर्मी में किसी ने उसको स्वेटर पहना दिया हो।

दोस्तो, आप बस जल्दी से मुझे अपनी प्यारी-प्यारी ईमेल लिखो और मुझे बताओ कि आपको मेरी कहानी कैसी लग रही है।
कहानी जारी है।
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